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रविवार, 18 दिसंबर 2022

अपनी डाइट में शामिल करें बादाम, जानिए 

अपनी डाइट में शामिल करें बादाम, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय

प्राचीन समय से ही बादाम शारीरिक ऊर्जा का एक बेहतरीन स्रोत रहे है। बादाम खाने के कई फायदे है। इस बात को शायद ही लोग जानते होंगे। इससे जागरुख लोगों ने बादाम को अपनी डाइट में शामिल कर लिया है। बादाम में प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसमें फाइबर और ओमेगा 3 जैसे कई सारे पोषक तत्व होते है। इसको लेकर लोगों में उलझन रहती है कि भीगे हुए बादम ज्यादा फायदेमंद होते हैं या फिर सूखे हुए बादाम? तो आइए जानते है कि है बादाम का सेवन करने के 5 सहीं तरिके।

पानी में भीगों के खाए

सर्दियों में भीगे हुए बादाम का सेवन करने के कई सारे फायदे है। भीगे हुए बादाम से शरीर में पोषण जल्दी अवशोषित कर पाता है। भीगे हुए बादाम पचाने में आसान होते हैं। कई सारी स्वास्थ्य संबधी परेशानियों जैसे डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल को काबू रखने में भी कारगर है। साथ ही इससे हृदय का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।

भूनकर खाए बादाम 

अगर आप किसी दिन बादाम को भिगोना भूल गए तो आप इन्हें भूनकर भी खा सकते हैं। भुने हुए बादामों में पोषक तत्व अधिक मात्रा में होती है। आप भूने हुए बादाम का सेवन सुबह या शाम कभी भी कर सकते है।

दूध में मिला कर करे बादाम का सेवन

आप चाहें तो दूध के साथ बादाम  खा सकते हैं या इसे दूध में मिला कर भी इस का सेवन कर सकते है।  इस का सबसे अच्छा तरीका होगा आप बादाम का पाउडर बनाकर इसे दूध में मिला ले फिर सेवन करें।  इस बादाम के दूध को रात को सोने से पहले पीना चाहिए। इससे आपको ठंड में अंदर से गर्माहट मिलेगी। साथ ही ये आपको पूरे दिन चुस्ती फुर्ती भी देगा ।

बादाम का हलवे के साथ करे सेवन 

बादाम को हलवे के साथ खाने के कई फायदे है। बादाम का हलवा ना केवल आपके पाचन क्रिया को अच्छा करेगा बल्कि आपकी ब्रेन हेल्थ का भी ख्याल रखता है।साथ ही यह वजन कम करने में भी कारगर है। 

आटे, गुड़, तिल के लड्डू में  मिलाकर करे सेवन

सर्दियों के मौसम में अक्सर हम सभी के घरों में कई तरह के आटे, गुड़, तिल को मिलाकर लड्डू बनाए जाते हैं। लड्डूओं में  ठंड के मौसम में शरीर को अंदर से गर्म रखने के तत्व होते है। और इस से शरीर को ताकत भी मिलती है। लेकिन, अगर आप इनमें बादाम का पाउडर मिला देते हैं ते इस के फायदे दोगुने होजाते है। साथ ही इससे लड्डुओं के पोषक तत्व और बढ़ जाते है। इससे आपको भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर मिलेगा, जिससे आपका शरीर पूरे साल चुस्त-दुरुस्त रहेगा।

सर्दियों में 'हल्दी' का सेवन करना ''बेहद फायदेमंद''

सर्दियों में 'हल्दी' का सेवन करना ''बेहद फायदेमंद''

सरस्वती उपाध्याय 

सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है। बढ़ती ठंड और बदलती जलवायु के बीच यह जरूरी है कि आप खुद को गर्म रखें और बीमारियों से बचे रहे। इसके लिए कई तरह की चीज़ों का सेवन ज़रूरी है। आज हम बात करेंगे गुणों की खान कहीं जाने वाली हल्दी की और सर्दियों में इससे होने वाले फायदों के बारे में। जिससे सेहत के साथ-साथ इम्यूनिटी भी अच्छी रहती है और इसमें एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण भी होते  है। तो चलिए जानते है हल्दी के सेवन से होने वाले चमत्कारी फायदे और इसके सेवन का सही तरीका।

हल्दी का पानी है कारगर...

हल्दी का पानी पीने से पाचन तंत्र अच्छा रहता है। खासतौर पर सुबह हल्दी उठकर हल्दी का पानी पीने से  फ्लू और सर्दी-जुकाम में फायदा मिलता है।  हल्दी का पानी पीने से घाव जल्‍दी भरते है। साथ जोड़ों में दर्द और आर्थराइटिस जैसी समस्‍याओं से भी कारगर है हल्‍दी।

हल्दी का दूध है रामबाण...

हम सभी के घरों में अक्सर बड़े-बुजुर्ग हल्दी वाला दूध पीने की सलाह देते हैं। कहा जाता है हल्दी का दूध पीने से घाव जल्दी भरते है। आयुर्वेद में भी हल्दी को सबसे बेहतरीन नेचुरल एंटीबायोटिक माना गया है। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल प्रॉपर्टीस होती हैं। सर्दियों में अक्सर होने वाले फ्लू से बचाती है। साथ ये कमजोरी और बदन दर्द को दूर करने में भी मददगार है। अगर आप हल्दी वाला दूध पीते हैं तो  शरीर में के कई रोगों से लड़ने की ताकत आ जाती है। हल्दी में मौजूद कई औषधीय गुण और एंटीऑक्सिडेंट्स त्वचा को जवान बनाए रखने में मदद करते हैं। इसलिए इसे कई सारें ब्यूटी प्रोडक्टस में इस्तेमाल किया जाता है।  

हल्दी की चाय रखती है तंदुरुस्त...

हल्दी की चाय मेटाबॉलिज्म तेज करती है क्योंकि इसमें विटामिन बी, सी, ओमेगा-3 फैटी एसिड अल्फा-लिनोलिक एसिड, फाइबर, पोटैशियम और आयरन जैसे कई सारे पोषन तत्व पाए जाते है। ये सूजन को दूर करने में भी कारगर है। ये कैंसर, मधुमेह और दिल के रोगों के जोखिमों को भी दूर करती है। अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो आपको रोजाना हल्दी वाली चाय का सेवन जरूर करना चाहिए।

बालों की डैंड्रफ की समस्या को करता है दूर...

सर्दियों में लोगों को अक्सर डैंड्रफ की समस्या होती है। अगर आप किसी भी तेल में चुटकी भर हल्दी मिलाकर अपने बालों में लगाएंगे तो आपको डैंड्रफ से छुटकारा मिल जाएगा। इसके अलावा इस तेल से सिर की त्वचा में होने वाले संक्रमण को दूर करने में भी मदद मिलती है। हल्दी का तेल फटी एड़ियों से छुटकारा पाने में भी मददगार है। हल्दी को चेहरे पर किसी फेस पैक, दूध या नारियल तेल में मिलाकर भी लगाया जा सकता है। इससे चेहरे का रंग साफ होता है और चमक बढ़ती है।

बुधवार, 7 दिसंबर 2022

सर्दियों में होने वाली समस्याओं से छुटकारा, जानिए 

सर्दियों में होने वाली समस्याओं से छुटकारा, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 

ठंड का मौसम अपने साथ कई तरह की चुनौतियां लेकर आता है। इस मौसम गले में दर्द ,खराश, सर्दी और जुकाम होना काफी आम है। लेकिन अगर आपको ये बार-बार हो और आप इसका सही तरह से इलाज ना करें तो कई बार इसकी वजह से आपको ज्यादा परेशानी भी हो सकती है। हालांकि कुछ घरेलू उपायों से आप सर्दियों में होने वाली इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। सर्दियों में लहसुन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। इसमें एलिसिन नामक तत्व होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है। ये आपके गले में खराश पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारते हैं। इसके अलावा लहसुन आपको सर्दी से निजात दिलाने में भी मदद कर सकता है।

सर्दियों के मौसम में गर्मागर्म चाय पीने का मजा ही अलग होता है। लेकिन अगर आपके गले में दर्द हो रहा है, तो चाय आपको इससे राहत दिला सकती है। इसके लिए चाय बनाते वक्त उसमें अदरक और काली मिर्च जरूर मिलाएं। इससे आपके गले का दर्द और खराश दोनों दूर हो जाएंगी। साथ ही इससे आपके शरीर को गर्माहट भी मिलेगी। चाय में तुलसी के पत्ते डालकर पीना भी काफी फायदेमंद होता है।

गले में दर्द और खराश के लिए मुलेठी भी काफी अच्छी होती है। इसके लिए एक मुलेठी के टुकड़े को दांतों के बीच में रखें और धीरे-धीरे इसे चबाते हुए इसका जूस पीएं। मुलेठी का जूस धीरे-धीरे आपके गले की खराश को दूर करता है और इससे खांसी कम होती है। ये आपको काफी हैरान कर सकता है। लेकिन सर्दियों के मौसम में ठंडी स्मूदी पीने से आपको गले में खराश और दर्द की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। स्मूदी में जरूरी मिनरल्स और विटामिन मौजूद होते हैं। स्मूदी में आप फ्रेश फ्रूट्स, ओटमील, अदरक, एक चुटकी हल्दी, पानी और प्लांट बेस्ड मिल्क और आइस क्यूब्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ओटमील में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स, जिंक और मैग्नीशियम पाया जाता है। साथ ही ओटमील सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है। इसमें आप मैश किए हुए केले को भी शामिल कर सकते हैं। ओटमील में शहद, दालचीनी पाउडर और थोड़ा सा अदरक मिलाकर खाने से शरीर को एक-साथ कई फायदे मिलते हैं।

आयुर्वेद में शहद का इस्तेमाल दवाई के तौर पर किया जाता है। शहद में एंटी- इंफ्लेमेटरी और एंटी- बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। शहद का इस्तेमाल आप चाय या स्मूदी में कर सकते हैं। शहद गले में दर्द को दूर करने में बहुत फायदेमंद है।

बुधवार, 23 नवंबर 2022

कई तत्वों से भरपूर है खजूर, जानिए फायदे

कई तत्वों से भरपूर है खजूर, जानिए फायदे

सरस्वती उपाध्याय 

खजूर को बेहद स्वास्थ्यवर्धक सूखे मेवों में से एक माना जाता है। प्राकृतिक रूप से मिठास युक्त खजूर, पोषक तत्वों का समृद्ध स्रोत है जिससे सेहत को कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं। थकान और कमजोरी जैसी समस्याओं को दूर करने, शरीर को ऊर्जा देने के साथ इसका सेवन शरीर में रक्त की मात्रा को बढ़ाने में भी मददगार हो सकता है। इसे फाइबर, पोटैशियम और कॉपर जैसे तत्वों से भरपूर माना जाता है, जिसकी हमारे शरीर को बेहतर ढंग से काम करते रहने के लिए रोजाना जरूरत होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को रोजाना आहार में इस ड्राई फ्रूट को जरूर शामिल करने की सलाह देते हैं।

खजूर में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट के अलावा कई विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर मात्रा में होते हैं, हालांकि इनमें कैलोरी की भी अधिकता होती है। नियमित रूप से खजूर के सेवन करने की आदत शारीरिक कमजोरी के दूर करने और पाचन तथा संक्रमण की समस्याओं को कम करने में आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। खजूर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (43) भी कम होता है, ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर डायबिटीज में भी इसका सेवन किया जा सकता है। आइए खजूर में मौजूद उन पोषकताओं के बारे में जानते हैं जो इसे कई मामलों में खास बनाते हैं।

खजूर खाने के फायदे...

स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को आहार में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा बढ़ाने की सलाह देते हैं, ऐसे में खजूर का सेवन करना आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। एंटीऑक्सीडेंट्स, आपकी कोशिकाओं को मुक्त कणों से बचाते हैं, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम होता है। अंजीर और सूखे प्लम जैसे अन्य सूखे मेवों की तुलना में खजूर में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट सामग्री होती है। खजूर में फ्लेवोनाइड जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक हैं, इससे मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।

आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त फाइबर मात्रा में खजूर का सेवन करना लाभकारी होता है। शोध के मुताबिक 100 ग्राम की मात्रा में खजूर के सेवन से 7 ग्राम फाइबर प्राप्त होता है। फाइबर कब्ज को कम करने के साथ आपके पाचन स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है। यह नियमित मल त्याग को बढ़ावा देता है, जिससे पाचन से संबंधित कई प्रकार की बीमारियों का जोखिम कम होता है। फाइबर वाली अन्य चीजों को भी आहार में जरूर शामिल करें।

खजूर में फास्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम सहित कई खनिज होते हैं, जिन्हें ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों से संबंधित बीमारियों के जोखिम से बचाने वाला पाया गया है। अध्ययनों में पाया गया है कि खजूर खाने से हड्डियों के घनत्व से संबंधित समस्याओं का जोखिम कम होता है। इसके नियमित सेवन करने वाले लोगों में आर्थराइटिस जैसे विकारों के विकसित होने का जोखिम कम होता है।

खजूर प्राकृतिक रूप से मीठे होते हैं, पर इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, ऐसे में अध्ययनों में इसे डायबिटीज की समस्याओं के जोखिम को कम करने वाला सूखा मेवा माना जाता है। खूजर चूंकि फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है ऐसे में इसके सेवन से मधुमेह की जटिलताओं को कम करने में मदद मिल सकती है। मधुमेह में इसके सेवन से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

जवान-खूबसूरत बनाएं रखने में मदद, जानिए 

जवान-खूबसूरत बनाएं रखने में मदद, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 

बढ़ती उम्र के साथ-साथ बदलते मौसम के चलते भी त्वचा पर झुर्रियां नजर आने लगती हैं। चेहरे की झुर्रियों से खुद को बचाने के लिए लोग बहुत से ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी करते हैं। ऐसे में त्वचा को हेल्दी बनाए रखने के लिए आप अपनी डाइट में एंटी एजिंग गुणों से भरपूर फलों और सब्जियों को शामिल कर सकते हैं। ये फल और सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। ये आपकी त्वचा को जवान और खूबसूरत बनाएं रखने में मदद कर सकते हैं।

एंटी एजिंग फूड्स

पत्ता गोभी

पत्ता गोभी एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं। ये त्वचा को यूवी किरणों के नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। आप इसे हल्का पका कर खा सकते हैं। ये आपकी त्वचा को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है।

गाजर
गाजर में बीटा कैरोटीन होता है। ये कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। ये इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। ये आपको कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से बचाने में मदद करता है। आप नियमित रूर से गाजर के जूस का सेवन कर सकते हैं।

अंगूर खाने के फायदे
अंगूर में विटामिन सी होता है। इसमें एंटी एजिंग गुण होते हैं। ये आपकी त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद करते हैं। आप अपनी डाइट में पर्पल ग्रेप्स का जूस शामिल कर सकते है। ये जूस आपको कई अन्य स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने में भी मदद करता है।

संतरे को करें शामिल
आप अपनी डाइट में संतरे शामिल कर सकते हैं। ये एंटी ऑक्सीडेंट गुण से भरपूर होते हैं। ये कैंसर को रोकने में मदद करते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। ये ब्लड प्रेशर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करते हैं।

प्याज का सेवन
प्याज का सेवन आप सलाद के रूप में कर सकते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। ये गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करती है। ये त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है।

शनिवार, 19 नवंबर 2022

दांत की समस्या से छुटकारा, अपनाएं घरेलू उपाय 

दांत की समस्या से छुटकारा, अपनाएं घरेलू उपाय 

सरस्वती उपाध्याय 

आज दांत के दर्द की समस्या आम हो गई है, लेकिन कभी-कभी इसका दर्द असहनीय हो जाता है। दांत के दर्द होने से कान और सिर में भी दर्द होने लगता है। जिसकी वजह से कई बार लोगों को बुखार तक आ जाता है। वैसे तो दांतों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं जैसे कैल्शियम की कमी, बैक्टीरियल इंफेक्शन या फिर दांतों की सफाई ना रखना हो सकता है। यदि आप भी दांत की समस्या से गुज़र रहे हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो दवाओं के अलावा आप कुछ आसान घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं। आइए जानते हैं।

  • दांत दर्द में लौंग बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। अगर आपका दांत दर्द हो रहा है, तो आप लौंग लेकर उसे उस दांत के नीचे दबा लें, जिसमे दर्द हो रहा हो। ऐसा करने से दांत दर्द कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाएगा।

  • गर्म पानी की सिकाई से भी दांत दर्द में आराम मिलता है। एक गिलास पानी गर्म करें और उसमें आधा चम्मच नमक मिला लें। अब इस पानी के छोटे-छोटे घूंट लें और इस पानी को मुंह में ही रोककर उस दांत की सिकाई करें, जिसमें दर्द हो रहा हो। इस तरह आप 10 से 15 मिनट तक सिकाई कर सकते हैं।

  • प्याज ऐंटिबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है। दांत में दर्द होने पर आप प्याज को छीलकर काट लें और उसका एक छोटा-सा टुकड़ा दांत के बीच रख लें। आप प्याज को कद्दूकस कर, उसे रुई के साथ लपेटकर, उस फोहे को दांत पर रख लें। ऐसा करने से आपको काफी आराम मिलेगा।

  • अमरूद के पत्तों में एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं। ऐसे में उन्हें चबाने से दांत दर्द में राहत मिलती है।

  • दांत के दर्द को दूर भगाने में हींग भी बहुत असरदार माना गया है। इसके लिए आधा चम्मच हींग में नींबू का रस मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। उसके बाद इस पेस्ट को बहुत हल्का गर्म करें और फिर उस दांत पर लगाएं, जिसमें दर्द हो रहा हो। इससे आपको तुरंत आराम मिलेगा।

गुरुवार, 17 नवंबर 2022

पोषक तत्वों से भरपूर दालचीनी, जानिए फायदे

पोषक तत्वों से भरपूर दालचीनी, जानिए फायदे

सरस्वती उपाध्याय
दालचीनी एंटीऑक्सिडेंट जैसे कई यौगिकों में भरपूर होती है। इसमें जिंक, विटामिंस, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आयरन और फास्फोरस जैसे कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो आपकी बॉडी को मजबूती देने में काफी हद तक मददगार होते हैं। वहीं दालचीनी महिलाओं के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं होती है। क्योंकि, उनकी कई परेशानियों में दालचीनी राहत देने का काम करती है। कुछ शोध बताते हैं कि यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है और हृदय रोग में फायदेमंद होता है, साथ ही यह मसल्स सूजन को भी कम कर सकता है। 

मौजूद पोषक तत्वों की मौजूदगी मुहांसों की समस्या और अनियमित पीरियड्स की प्रॉबलम्स को दूर रख सकते हैं। शरीर पर आ रहे अधिक बालों के लिए भी दालचीनी कारगर मानी जाती है। मेनोपोज के दिनों में असहनीय दर्द, मूड स्विंग, ब्लोटिंग, चिड़चिड़ापन जैसी दिक्कतों को दूर करने के लिए आजमाएं दालचीनी और शहद। दालचीनी में यूजेनॉल मौजूद होता है, जो पीरियड्स के दौरान हो रही समस्याओं को बढ़ाने वाले हार्मोन का संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकती है।

पीरियड्स क्रैम्प्स के लिए दालचीनी पानी
इन दिनों में आमतौर पर पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होना, उल्टी आना, चक्कर, लूज मोशन, जी मचलाना और कमजोरी जैसी कई परेशानियों महसूस होती हैं। ऐसे में आपके लिए दालचीनी पानी बेहतर उपाय हो सकता है। 

दूध और दालचीनी
इस तरह की समस्याओं के लिए दालचीनी नेचुरल तरीके से आपकी सहायता कर सकती है। इसे उपयोग में लाने का सबसे कारगर उपाय दालचीनी पाउडर को गुनगुने दूध में डालकर पीना है। आप चाहें तो इसकी चाय भी बनाकर पी सकती हैं। इससे आपको कई फायदें मिल सकते हैं

दर्द से राहत 
पीरियड्स का दर्द कभी-कभी असहनीय बन जाता है। ऐसे हालात में आप दालचीनी की हर्बल चाय बनाकर पी सकती हैं या दालचीनी ऑयल से पेट की मालिश करने से भी सूजन और तेज दर्द में राहत मिलती है। 

हैवी ब्लीडिंग की समस्या 
कई लड़कियों को पीरियड के समय बहुत ब्लीडिंग होने लगती है, जो अहसज स्थिति बन सकती है और इसकी वजह से  दर्द कमजोरी, चिड़चिड़ापन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें दालचीनी  के सेवन से ब्लड फ्लो का डायरेक्शन बदल जाता है और यही कारण है कि ब्लीडिंग कम होने लगती है। 

अधिक दालचीनी के सेवन का दुष्प्रभाव
शोध में पाया गया है कि बहुत अधिक दालचीनी का सेवन आपके लीवर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अधिक मात्रा में लेने की वजह से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

बुधवार, 16 नवंबर 2022

स्वास्थ्य: बीमारियों में अरहर की दाल का सेवन न करें 

स्वास्थ्य: बीमारियों में अरहर की दाल का सेवन न करें 

अरहर की दाल खाना हमारे लिए बहुत फायदेमंद है। दाल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। इसके अलावा इसमें फोलिक एसिड, आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे न्यूट्रियंट्स भी पाए जाते हैं। आपको ये भी बता दें कि अरहर का दाल खाने से वजन कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। ये दाल खाने में चाहे बहुत फायदेमंद हो पर कुछ लोगों के लिए इसका सेवन बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकता है, तो आइए जानते हैं कि किन बीमारियों में अरहर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए

जिन लोगों को यूरिक एसिड की समस्या है। उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। यूरिक एसिड में अरहर की दाल खाने से समस्या बढ़ जाती है। अरहर की दाल में प्रोटीन होता है। जिसके कारण शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है। रात में अरहर दाल खाने से कुछ लोगों का पाचन खराब हो जाता है। आपको भी अगर अरहर की दाल खाने के बाद एलर्जी महसूस हो रही है, तो इसका सेवन करने से बचें। हमेशा कोशिश करें कि अरहर की दाल दिन में ही खाएं

जो लोग किडनी की बीमारी से पीड़त हैं। उन्हें अरहर की दाल खाने से बचना चाहिए। इस दाल में बहुत अच्छी मात्रा में पोटैशियम मौजूद होता है जो किडनी की परेशानी को बढ़ाता है। इसलिए इस दाल को खाने से किडनी में स्टोन का आकार बढ़ सकता है। इसके अलावा बहुत अधिक मात्रा में अरहर के दाल का सेवन करने से किडनी शरीर को सही से डिटॉक्सीफाई नहीं कर पाती है।

श्रीराम 'निर्भयपुत्र'

कई वायरल और रेस्पेरिटेरी इंफेक्शन में वृद्धि, जानिए 

कई वायरल और रेस्पेरिटेरी इंफेक्शन में वृद्धि, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 

सर्दी लगभग आ चुकी है और मौसम में बदलाव के कारण कई वायरल और रेस्पेरिटेरी इंफेक्शन में वृद्धि हुई है। बिगड़ते प्रदूषण के स्तर और नए ओमिक्रॉन सबवेरिएंट भी बुखार, गले में खराश, खांसी और सर्दी जैसे लक्षण पैदा कर सकते हैं। जब आप इन उपर्युक्त लक्षणों को विकसित करते हैं तो ऐसे में आप बिल्कुल भी लापरवाही न करें, आपको अपनी हेल्थ पर ध्यान देने की सख्त जरूरत है। इस मौसम में जरा सी लापरवाही आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है।

शुंथि सिद्ध जाला पिएं
1 लीटर पानी लें, इसमें आधा छोटा चम्मच सोंठ पाउडर या ताजा अदरक का छोटा डंठल डालकर मध्यम आंच पर 10 मिनट तक उबालें। फिर छान लें और इसे कमरे के तापमान पर आने दें और फिर इसे स्टील की बोतल में भरकर रख लें।

हल्दी के पानी से गार्गल करें
एक ग्लास पानी में 1 चम्मच हल्दी डाल दें और फिर उसके बाद उसे 3 से 5 मिनट तक बॉयल करें।

दिन में 2 से 3 बार इस पानी से गरारे करें।
पानी के दो ग्लास लें और इसमें तुसली के पत्ते डालें, 5-7 पुदिना के पत्ते डालें, आधा चम्मच हल्दी के साथ उसे 7 से 10 मिनट तक मध्यम आंच पर गर्म करें फिर पिएं. इन नुस्खों से आपको जल्द ही असर पड़ेगा।

डाई हर्बल मिक्चर
आधा चम्मच हल्दी लें।
आधा चम्मच जिंजर पाउडर को हर्बल मिक्चर के साथ मिलाएं।
एक ब्लैक पैपर लें और एक चम्मच शहद, इन सब को एक साथ मिलाएं।

गुरुवार, 10 नवंबर 2022

झनझनाहट: विटामिन-बी और विटामिन-ई की कमी 

झनझनाहट: विटामिन-बी और विटामिन-ई की कमी 

सरस्वती उपाध्याय 

हाथ और पैरों में झनझनाहट के कई कारण हो सकते हैं, जैसे विटामिन की कमी, डायबिटीज और शरीर में कॉलेस्ट्रोल का बढ़ना‌ लेकिन, आमतौर पर इस झनझनाहट का मुख्य कारण शरीर में विटामिन-बी और विटामिन-ई की कमी हो सकती है। इस कमी के कारण ही ऐसा महसूस होता है जैसे शरीर पर खासकर हाथ-पैरों पर चीटियां चढ़ रही हैं‌। इस स्थिति में ना हाथ हिलाए जाते हैं और ना ही पैर, साथ ही दर्द उठता है सो अलग।यहां जानिए इस दिक्कत को किस तरह दूर किया जा सकता है।

इस झनझनाहट को दूर करने के लिए डाइट में कुछ बदलाव करने के साथ ही जरूरी एहतियात बरते जा सकते हैं। निम्न वे टिप्स हैं जो हाथ-पैरों की सनसेशन को दूर करने में मददगार हैं।

मीट जैसे लीवर विटामिन बी का अच्छा स्त्रोत है

शाकाहारी लोगों के लिए स्प्राउट्स और वेजीटेबल ऑयल अच्छे ऑप्शन हैं।

सूरजमुखी का तेल और राजमा भी विटामिन बी की कमी पूरे करने के लिए खाए जा सकते हैं।

विटामिन ई की कमी पूरे करने के लिए खानपान में एवोकाडो को शामिल किया जा सकता है।

सूखे मेवों में भी अच्छी मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है। खासकर बादाम विटामिन ई से भरपूर होता है।

इस झनझनाहट को दूर करने के लिए हाथ या पैरों से किसी भी तरह का प्रेशर हटाएं

हाथ-पैर मोड़कर बैठने पर झनझनाहट हो तो उन्हें सीधा करें

यहां-वहां चलने की कोशिश करें

हाथों में जब चींटी चढ़ने जैसा लगे तो मुट्ठी बंद करें और फिर खोलें। ऐसा कुछ देर करके देखें, आराम महसूस होगा।

पैरों की झनझनाहट में पंजों को आगे-पीछे करें। अगर ऑक्सीजन की कमी से झनझनाहट हो रही होगी तो इस मूवमेंट से ठीक हो जाएगी।

सिर को दाएं-बाएं घुमाने पर हाथों में हो रही झनझनाहट से राहत मिल सकती है‌।

झनझनाहट होने के कुछ देर भीतर ही नहाना हो तो गर्म पानी की बजाय ठंडे पानी से नहाएं गर्माहट दर्द बढ़ाने वाली साबित हो सकती है।

जूतों को चेक करें कि कहीं जूते टाइट होने की वजह से रक्त प्रवाह अवरुद्ध होकर झनझनाहट तो नहीं हो रही।

'पाइल्स' को दूर करने में बेहद कारगर हैं घरेलू नुस्खे 

'पाइल्स' को दूर करने में बेहद कारगर हैं घरेलू नुस्खे 

सरस्वती उपाध्याय 

पाइल्स की बीमारी बहुत खतरनाक है। पाइल्स के इलाज तो कई हैं, लेकिन आराम मिल पाना मुश्किल होता है‌। अगर दिक्कत ज्यादा बढ़ जाए तो सर्जरी करवाना ही एक मात्र उपाय बचता है‌। सर्जरी के बाद भी बीमारी ठीक होने की कोई गारंटी नहीं है। ज्यादातर मामलो में सर्जरी के कुछ समय बाद पाइल्स की परेशानी दोबारा होने लगती है। कुछ घरेलू नुस्खे पाइल्स को दूर करने में बेहद कारगर हैं। सूरन (जिमीकंद) की सब्जी बवासीर की परेशानी को दूर करने में कारगर है‌।

पाइल्स की परेशानी कई वजहों से हो सकती है। पाइल्स का कारण ठीक से मल का त्याग न हो पाना या फिर कब्ज की दिक्कत हो सकता है। इसकी वजह से गुदा में मस्से हो जाते हैं और भयंकर दर्द की परेशानी होती है।

पाइल्स को दूर करने के वैसे तो कई घरेलू नुस्खे हैं लेकिन सूरन की सब्जी को खाने से ही इस गंभीर परेशानी से छुटकारा मिल जाता है। सूरन को जिमीकंद भी कहा जाता है। जिमीकंद खाने में बड़ा टेस्टी लगता है। ये एक जड़ वाली सब्जी है जो जमीन के भीतर ऊगती है। इस सब्जी को ऊगने में लगभग एक साल का वक्त लगता है। मिट्टी के भीतर लगी इस सब्जी में कई औषधीय गुण समाए हुए होते हैं। ये सब्जी पाइल्स की बीमारी को दूर कर सकती है।

जिमीकंद की सब्जी को खाने से बवासीर में आराम मिलता है‌। सूरन की सब्जी को लगातार 2 हफ्तों तक खाने से पाइल्स की दिक्कत में आराम मिलेगा। इसकी तासीर गर्म मानी जाती है इसलिए जिमीकंद खाने के बाद छाछ पीना फायदेमंद होगा।

जिमीकंद बड़ा कठोर होता है।इसको काटने के पहले हाथों पर सरसों का तेल लगाएं और फिर हाथों को नमक के पानी में धो लें। फिर सब्जी को काट लें। जिमीकंद के टुकड़ों को आग में सेककर या फिर उबालकर बनाया जाता है। नरम हो जाने के बाद आम सब्जियों की तरह ही फ्राई कर सूरन की सब्जी बनाई जाती है।हालांकि इसको पकने में बहुत समय लगता है। अगर पाइल्स के लिए सूरन की सब्जी बना रहे हैं तो उसमें तेल और मसाला बहुत कम डालना चाहिए।

मंगलवार, 8 नवंबर 2022

हेल्दी मॉकटेल को अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करें

हेल्दी मॉकटेल को अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करें

सरस्वती उपाध्याय 

लोगों में स्ट्रेस और नींद न आने की समस्या बढ़ गई है। ऐसे में शराब की लत छोड़कर आप हेल्दी मॉकटेल भी अपनी लाइफस्टाइल में शामिल कर सकते हैं। ये बहुत इजी है और आप इस तरीके से बनाएंगे तो घर पर ही आपको बिल्कुल रेस्टोरेंट जैसा टेस्ट मिलेगा।

सामग्री 1 गिलास मॉकटेल बनाने के लिए
सोडा- आधा कप
कुटी हुई बर्फ- आधा कप
अनार का रस- आधा कप
नींबू का रस- 1 चम्मच
चीनी- डेढ़ चम्मच

सजावट के लिए सामग्री
स्ट्रॉ
पेपर की छतरी
अनार के दाने
नींबू या संतरे की स्लाइस

रेसिपी
गिलास में सबसे पहले कुटी हुई बर्फ डालिए, इसमें अब चीनी डालिए उसके बाद आधा कप सोडा डालिए, इसमें अब अनार का रस और नींबू का रस मिलाइए। अब इसमें ऊपर से कुछ अनार दाने डालिए, गिलास में ऊपर नींबू या संतरे की स्लाइस लगाइए, स्ट्रॉ डालिए और पेपर की छतरी से सजाकर सर्व करिए।

शनिवार, 29 अक्तूबर 2022

स्वास्थ्य: रेसिपीज में कैसे करें 'ड्राय ब्रेड' का इस्तेमाल 

स्वास्थ्य: रेसिपीज में कैसे करें 'ड्राय ब्रेड' का इस्तेमाल 

सरस्वती उपाध्याय 

ब्रेड से बनी टेस्टी चीजें तो आप सभी ने बहुत खाई होगी। लेकिन एक बार ब्रेड का पैकेट खुलने के बाद इसे फ्रेश रखना बहुत ही कठीन होता है। हम ब्रेड को कितना भी अच्छी तरह क्यों न रखें, लेकिन यह सूखने लगती हैं। ऐसे में आप सूखी हुई ब्रेड को फेंकने की बजाय कई तरीकों से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, तो आज हम जानेंगे कैसे करें ड्राय ब्रेड का रेसिपीज में इस्तेमाल।

क्रिस्पी पकौड़े या टिक्की
आपको अगर क्रिस्पी पकौड़े या टिक्की बनाने हैं, तो आप इसमें ब्रेड क्रम्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्रेड को मिक्सी में डालकर चूरा बना लें। फिर इसे आप पकौड़े या टिक्की के घोल में डाल दें। पकौड़े ज्यादा क्रिस्पी और स्वादिष्ट बनेंगे।

ब्रेड रोल्स
आप ब्रेड रोल्स भी बना सकते हैं। आप सोच रहे होंगे कि आखिर सूखी हुई ब्रेड से ब्रेड रोल्स कैसे बनाए जा सकते हैं। इसके लिए आपको ब्रेड को गीला करना होगा। इसके बाद जिस तरह से ब्रेड रोल्स बनते हैं, बना लें।

सूप में डालें क्रूटोन्स
सर्दियों में सूप तो सभी को अच्छा लगता है। आप अगर स्वादिष्ट सूप बनाना चाहते हैं, तो आप सूखी ब्रेड का इस्तेमाल क्रूटोन्स बनाने में भी कर सकते हैं। इसके लिए ब्रेड को टोस्टर में डालकर सेंक लेंं।

ब्रेड पिज्जा
सूखी हुई ब्रेड का इस्तेमाल आप पिज्जा बना सकते हैं। इसके लिए आप अपनी फेवरेट सब्जियों का इस्तेमाल करके पिज्जा बना सकते हैं। इससे ब्रेड पिज्जा का स्वाद बहुत अच्छा लगता है।

बुधवार, 26 अक्तूबर 2022

बैंगन के पकोड़े बनाने की रेसिपी, जानिए

बैंगन के पकोड़े बनाने की रेसिपी, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 

बैंगन के पकोड़े बनाने की रेसिपी: हमारे यहां के देसी स्नैक्स की बात होती है तो पकोड़ो का नाम सबसे पहले आता है। पकोड़े कई तरह से बनाए जाते हैं. आलू के पकोड़े हो या फिर प्याज के पकोड़े, गिल्की के पकोड़ों से लेकर गोभी के पकोड़ों तक इनकी लंबी रेंज है। आज हम आपको बैंगन के पकोड़े बनाने की रेसिपी बताने जा रहे हैं। आपने बैंगन की सब्जी तो कई बार खायी होगी लेकिन क्या कभी बैंगन के पकोड़ों का स्वाद चखा है? अगर नहीं तो हमारी बताई रेसिपी की मदद से आप बेहद आसानी से बैंगन के पकोड़े तैयार कर सकते हैं।

बैंगन के पकोड़े स्वाद में लाजवाब होते हैं। नरम बैंगन पर बेसन की चढ़ी कुरकुरी परत इसका स्वाद काफी बढ़ा देती है। बैंगन के पकोड़े सुबह नाश्ते में या फिर दिन में स्नैक्स के तौर पर खाए जा सकते है। आइए जानते हैं बैंगन के पकोड़े बनाने की बेहद आसान रेसिपी।

बैंगन के पकोड़े बनाने के लिए सामग्री

बैंगन – 3-4

बेसन – 1 कप

अदरक कद्दूकस – 1 टी स्पून

हरी मिर्च – 2

हरा धनिया – 2 टेबलस्पून

लाल मिर्च पाउडर – 1/4 टी स्पून

अजवाइन – 1/4 टी स्पून

तेल – तलने के लिए

नमक – स्वादानुसार

बैंगन के पकोड़े बनाने की विधि

स्वाद से भरपूर बैंगन के पकोड़े बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में बेसन डालें और उसमें थोड़ा-थोड़ा कर पानी डालते हुए बेसन का गाढ़ा घोल तैयार कर लें। घोल बनाने में लगभग पौन कप पानी लग जाएगा। बेसन के घोल को तब तक फेंटे जब तक कि उसकी सारी गांठें खत्म हो न हो जाएं। इसके बाद बेसन के घोल में लाल मिर्च पाउडर, हरा धनिया, अजवाइन, कद्दूकस अदरक और स्वादानुसार नमक डालकर सभी सामग्रियों को अच्छे से मिला दें।

इसके बाद बैंगन को लेकर उसके पतले-पतले गोल टुकड़े काट लें। इन्हें एक बाउल में काटकर अलग रख दें। अब एक कड़ाही में तेल डालकर उसे मीडियम आंच पर गर्म करने के लिए रख दें। जब तेल गर्म हो जाए तो अब एक बैंगन का टुकड़ा उठाएं और उसे बेसन के घोल में अच्छी तरह से डुबोकर गरम तेल में डाल दें। इसी तरह एक-एक कर कड़ाही की क्षमता के हिसाब से बैंगन के टुकड़े बेसन में डुबोकर डीप फ्राई करें।

बैंगन के पकोड़ों को दोनों ओर से पलट पलटकर तब तक फ्राई करें जब तक कि इनका रंग गोल्डन ब्राउन न हो जाए। ऐसा होनें में 2-3 मिनट तक का वक्त लग सकता है। जब बैंगन के पकोड़े कुरकुरे हो जाएं तो उन्हें कड़ाही में से निकालकर एक प्लेट में रख दें। इसी तरह सारे बैंगन के टुकड़ों के पकोड़े तैयार कर लें। अब स्वादिष्ट बैंगन के पकोड़ों को हरी धनिया की चटनी या टमाटर सॉस के साथ सर्व करें।

रविवार, 23 अक्तूबर 2022

पेट की चर्बी कम करने में बहुत फायदेमंद है 'पपीता'

पेट की चर्बी कम करने में बहुत फायदेमंद है 'पपीता'

सरस्वती उपाध्याय 

वजन घटाने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं। जैसे- वर्कआउट, रनिंग, व्यायाम, डाइट आदि करते हैं। ऐसे में हम पेट की चर्बी कम करने के लिए व्यायाम, योग व आहार के बारे में बताएंगे, जो पेट की चर्बी को कम करने में मदद कर सकते हैं। कई दिनों से अगर आपको एसिडिटी है या फिर डाइजेशन से जुड़ीं कोई भी परेशानी है, तो आप पपीता खाना शुरू कर दें। इससे न सिर्फ आपका पेट साफ रहेगा बल्कि आपके शरीर में कई पोषक तत्वों की पूर्ति भी होगी। यह फाइबर से भरपूर होता है, जिससे आपका खाना आसानी से पच जाता है। फायदों की बात करें, तो वेट लॉस के अलावा पेट की चर्बी कम करने में भी पपीता बहुत फायदेमंद है।

फ्रूट यॉगर्ट

आप ब्रेकफास्ट में दही में पपीता काटकर खा सकते हैं। इसमें आप कुछ और फल भी एड कर सकते हैं। इसमें भिगाए हुए ड्रॉय फ्रूट्स भी डाल सकते हैं। इसे खाने से आपका पेट काफी टाइम तक भरा रहेगा।

दूध और पपीता

आपको अगर हैवी ब्रेकफास्ट खाना है, तो इसके लिए आपको कई डिशेज खाने की जरूरत नहीं है बल्कि एक गिलास मलाई वाला दूध और पपीता खाएं। इससे आपको प्रोटीन की मात्रा भी मिल जाएगी और काफी घंंटों तक आपका पेट भरा रहेगा।

पपीते का जूस

आपको अगर ज्यादा पपीता नहीं खाया जाता, तो आप पपीते का जूस निकालकर पी सकते हैं। इसमें एक-दो पत्ते पुदीने के डाल दें। इससे स्वाद भी बढ़ जाएगा और इसके गुण भी।

पपीता शेक

आपको अगर बच्चों को पपीता खिलाना है, तो आप ड्राय फ्रूट्स डालकर पपीता शेक भी बना सकते हैं। साथ ही वनीला फ्लेवर डालना न भूलें। इससे बच्चे तुंरत ही इस शेक को पीना शुरू कर देंगे। आप वेट लॉस के लिए पी रहे हैं, तो सिर्फ जूस ही पिएं।

पपीता चाट

आपको अगर सादा पपीता खाना पसंद नहीं है, तो आप पपीता चाट बनाकर भी खा सकते हैं। इसके लिए पपीते को स्लाइस में काटकर इस पर काला नमक, काली मिर्च का पाउडर छिड़क दें। आप चाहें, तो इसके ऊपर अदरक को बारीक घिसकर भी डाल सकते हैं।

शनिवार, 15 अक्तूबर 2022

केले के छिलके की चटनी, लाजवाब स्वाद

केले के छिलके की चटनी, लाजवाब स्वाद

सरस्वती  उपाध्याय 

ज्यादातर लोग कच्चे केले की सब्जी बनाने के बाद केले के छिलके को कूड़ेदान या फिर गाय को खाने के लिए फेंक देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि केले के छिलके में केले से ज्यादा आयरन, प्रोटीन और पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ऐसे में इस केले के छिलके का आपको भरपूर फायदा उठाना चाहिए और जब भी आप बाजार से कच्चा केला खरीद कर लाए तो इसके छिलके को फेंकने के बजाय आप टेस्टी चटनी बना सकती है। जी हां चटनी आपने शायद ठीक सुना है और आपने खाया भी नहीं होगा। अगर आप केले की चटनी  खाती है तो धनिया पुदीना और अन्य चटनी का स्वाद भूल जाएंगी और हर बार केले की चटनी बनाएंगी।

केले की चटनी बनाने के लिए जरूरी सामान

केले का छिलके – 6 से 7

कसा हुआ नारियल

खसखस का पेस्ट

हरी मिर्च

कलौंजी

सरसों का तेल और नमक स्वाद अनुसार

कच्चे केले की छिलके की चटनी कैसे बनाएं

इस चटनी को बनाने के लिए आप सबसे पहले केले के छिलके को छीलकर अच्छे से साफ धो लें फिर इसमें नमक डालकर तब तक उबालें जब यह थोड़ा नरम ना हो जाए। जब नर्म हो जाए तो अलग निकाल लें। इसको उबालते वक्त यह ध्यान रखना है कि इसको ज्यादा पकाना नहीं है। नहीं तो इसका स्वाद अच्छा नहीं होगा।

उबलते समय पानी में तेल की कुछ बूंदे डाल दें जिससे  इससे बर्तन में दाग नहीं लगते हैं। अब इन उबले हुए छिलकों को ठंडा करके कटी हुई हरी मिर्च कसा हुआ नारियल और खसखस के पेस्ट और एक चम्मच स्वाद अनुसार नमक डालकर मिक्सी में पीस लें। अब इस पेस्ट को कटोरी में डालकर हाथों से मसल लें। एक पैन में चटनी का तड़का तैयार करें और गर्म होने पर तेल डालकर चटनी को तड़का लगा दे और अच्छे से मिक्स करें। अगर आपको तड़का नहीं लगाना है तो ऊपर से सरसों का तेल डाल कर अच्छे से मिक्स कर लें। अब केले के छिलके से बनी चटनी तैयार है किसी भी रोटी या फिर पराठे के साथ खा सकते हैं।

गुरुवार, 13 अक्तूबर 2022

ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी: स्वास्थ्य 

ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी: स्वास्थ्य 

सरस्वती उपाध्याय 

डायबिटीज आजकल एक आम बीमारी बनती जा रही है। इस बीमारी की चपेट में आजकल ज्यादातर आ रहे हैं। वहीं, डायबिटीज कई बड़ी बीमरियों का कारण भी बन सकता है। जी हां, यह शरीर के अंगों को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। इसलिए ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। ऐसे में हम यहां आपको बताएंगे, ब्लड शुगर बढ़ने पर शरीर के किन अंगो पर असर पड़ता है।

जिन लोगों कको लंबे समय से डायबिटीज है, उन्हें किडनी से जुड़ी समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है।ऐसा इसलिए क्योंकि लागातार हाई ब्लड शुगर से किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। इस दौरान शरीर में सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसे डायबिटीज किडनी डिजीज भी कहा जाता है। लंबे समय से हाई ब्लड शुगर का असर आंखों पर भी पड़ सकता है। इसकी वजह से आंखों से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इतना ही नहीं डायबिटीज की वजह से रेटिना में तरल पदार्थ की समस्या हो जाती है इसका असर हमारी आंखों की रोशनी पर भी पड़ता है।

डायबिटीज पैरों की नसों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। शरीर में शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ने पर पैरों की नसें डैमेड होने लगती हैं, नसें कमजोर पड़ने लगती हैं। इसकी वजह से डायबिटीज के रोगियों में पैरों के सुन्न होने की समस्या हो सकती है। लंबे समय से लगातार हाई ब्लड शुगर लेवल दिल को भी प्रभावित कर सकता है। यानी अगर आपको लंबे समय से डायबिटीज है, तो आपको हृदय रोग का खतरा अधिक बना रहता है।

सोमवार, 10 अक्तूबर 2022

शरीर और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है 'पोमेलो' फल 

शरीर और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है 'पोमेलो' फल 

सरस्वती उपाध्याय 

पोमेलो फल में बहुत सारे गुण पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। पोमेलो में विटामिन सी पाया जाता है। जिसके कारण यह स्वाद में खट्टा होता है‌। यह हमारे शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह दिखने में संतरे के जैसा दिखता है। इस फल में बहुत सारे विटामिन और मिनरल होते हैं, इस वजह से इसका प्रयोग प्राचीन रूप से बुखार, पाचन समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता था।

यह फल हमारे हार्ट के लिए फायदेमंद है। इसका खटापन हमारी हार्ट की सेल्स को मज़बूत करने का काम करता है। पोमेलो फल में काफ़ी सारे विटामिन और प्रोटीन पाए जाते हैं,जैसे विटामिन सी आदि। जो हमारे हार्ट को स्वस्थ रखने का काम करते हैं। आइए जानते हैं, इसके कुछ स्वास्थ्य लाभों के बारे में...

पोमेलो खाने के स्वास्थ्य लाभ...

स्टाइलक्रेज के मुताबिक पोमेलो के फायदे अनगिनत हैं। ये खट्टे फल विटामिन सी से भरे हुए हैं। वे प्रतिरक्षा को बढ़ा सकते हैं और हड्डियों और बालों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। इसमें विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है, जो हमारे शरीर को रोगों से लडने में मदद करती है। इसमें एंटीऑक्सडेंट गुण भी पाया जाता है। जो हमारी मसल्स को मज़बूत बनाने का काम करता है।

इसके छिलके और बीजों का सेवन करके उल्टी और हिचकी बंद हो सकती है। इस फल का उपयोग शराब का नशा उतराने के लिए भी किया जा सकता है। यह हमारे शरीर में ब्लड फ्लो को नियंत्रित करने का काम करता है, जिससे हमारा हार्ट स्वस्थ रहता है। इस फल का मौसम के अनुसार सेवन किया जाता है। इसलिए जब भी इसका मौसम आए हर रोज इस फल का सेवन करना चाहिए। ताकि हम अपना स्वास्थ बढ़ा सके।

इसके छिलके और बीजों का सेवन करके उल्टी और हिचकी बंद हो सकती है। इस फल का उपयोग शराब का नशा उतराने के लिए भी किया जा सकता है।

रविवार, 9 अक्तूबर 2022

औषधीय गुणों से भरपूर शिलाजीत, जानिए फायदे

औषधीय गुणों से भरपूर शिलाजीत, जानिए फायदे

सरस्वती उपाध्याय 

माना जाता है कि शिलाजीत औषधीय गुणों से भरपूर होता है। यह हिमालयी क्षेत्र में पाया जाने वाला एक खास खनिज पदार्थ है और कई शारीरिक समस्याओं से बचाव व उनके असर को कम करने में मदद कर सकता है। माना जाता है कि शिलाजीत के सेवन से मर्दानगी में सुधार हो सकता है। शिलाजीत के सेवन से पुरुषों को कई लाभ हो सकते हैं। यह पुरुषों के हार्मोस को बढ़ावा देता है। इसके अलावा आपको ध्यान रखना होगा कि किसी भी बीमारी का इलाज डॉक्टरी सलाह पर ही संभव है। शिलाजीत सिर्फ स्वस्थ रख सकता है या फिर समस्या में थोड़ी राहत दे सकता है।

शिलाजीत के फायदे...

पुरुषों की समस्याओं को करें दूर...

शिलाजीत एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल पुरुषों की कई तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। यह पुरुषों में इनफर्टिलिटी की परेशानी को दूर कर सकता है। शिलाजीत के सेवन से पुरुषों के स्पर्म काउंट को बढ़ाया जा सकता है। पुरुषों में इनफर्टिलिटी की परेशानी को दूर करने के लिए शिलाजीत का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

पुरुष हार्मोन को बढ़ाने में कारगर...

शिलाजीत के सेवन से पुरुष हार्मोन यानी टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। नियमित रूप से शिलाजीत के सेवन से पुरुषों की मांसपेशियों को बेहतर तरीके से विकसित की जा सकती है। शारीरिक क्षमता को बेहतर करने के लिए पुरुषों को शिलाजीत का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

डायबिटीज में दिलाए राहत...

शिलाजीत का प्रयोग डायबिटीज से बचने के लिए भी किया जा सकता है। शिलाजीत में एंटी-डायबिटिक (ब्लड शुगर को कम करने वाला) गुण पाया जाता है। यह गुण हाई ब्लड शुगर के स्तर को कुछ हद तक नियंत्रित करने का काम कर सकता है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि डायबिटीज की समस्या को नियंत्रित करने के लिए बेनिफिट ऑफ शिलाजीत कारगर हो सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, दूध और शिलाजीत का सेवन करना चाहिए। इससे काफी लाभ होता है। इससे इनफर्टिलिटी की परेशानी दूर हो सकती है।

शनिवार, 10 सितंबर 2022

स्वास्थ्य: शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हैं 'सिंघाड़ा'

स्वास्थ्य: शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हैं 'सिंघाड़ा'

सरस्वती उपाध्याय 

सिंघाड़े फाइबर, पोटेशियम, मैंगनीज और कई अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते है, जो आपके शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। ये एक सीजनल फल हैं, जिसका मौसम अब काफी नजदीर हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो कच्चा सिंघाड़ा खाने से पाइल्स के कारण हो रही ब्लीडिंग और दर्द को कम करने में मदद मिल सकती हैं। इसके अलावा ये प्रेग्नेंसी में मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं।

सिंघाड़े के फायदे...

1) हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद...
हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट हेल्थ का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन सिंघाड़ा ब्लड प्रेशर को कम करने में बहुत मदद करता है। सिंघाड़ा पोटेशियम से भरपूर होता है, इसलिए यह सोडियम के इफेक्ट को कम करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है। ये खराब कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी कम करता है। ऐसे में ये हार्ट के लिए एक अच्छा फल है।

2) स्ट्रेस कम...
ये विटामिन बी6 से भरपूर होता है, जो स्ट्रेस को कम करने और आपके मूड को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा ये आपकी नींद की क्वालिटी में सुधार करता है।

3) कम करता है कैंसर का खतरा...
इसमें काफी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो आपके शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा जर्नल ऑफ फूड साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन से यह भी पता चलता है कि सिंघाड़ों में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम कर सकते हैं, जिससे कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

4) वजन घटाने में मददगार...
इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है और फाइबर की मात्रा ज्यादा ऐसे में ये वजन घटाने के लिए अच्छा हो सकता है। फाइबर को पचने में थोड़ा समय लगता है, इसलिए यह आपको लंबे समय तक भरा हुआ रखता है। यह भी पढ़ें:Weight loss: फटाफट वजन घटाने के लिए छोड़ दिया है तेल? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

5) न्यूट्रिएंट की होती है भरपूर मात्रा...
अगर आप स्ट्रिक्ट लो कैलोरी डायट पर हैं तो आप सिंघाड़ों को डायट में शामिल कर सकते हैं। 100 ग्राम सिंघाड़े में केवल 97 कैलोरी होती है और फैट भी काफी कम होता है। इसके अलावा यह फाइबर, पोटेशियम, मैंगनीज और कई अन्य पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है जो आपके शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।

न्यूट्रिशियनिस्ट ने भी बताए इसके लाजवाब फायदे...
हेल्थ के लिए सिंघाड़े काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं। इसनें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती हैं। न्यूट्रिशियनिस्ट लवनीत ने अपने हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट में सिंघाड़ों के फायदों के बारे में बताया है। 

हार्ट हेल्थ- पोटेशियम से भरपूर सिंघाड़े हाई ब्लडप्रेशर और स्ट्रोक जैसे हार्ट की परेशानी के जोखिम वाले कारकों को कम करता हैं। इसके अलावा इसमें पोटेशियम की मात्रा होती है जो ब्लडप्रेशर को कम करने में मदद कर सकते हैं ऐसे में ये दिल की बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं।

ट्यूमर ग्रोथ को स्लो करता है – इसमें फेरुलिक एसिड नामक एक एंटीऑक्सिडेंट होता है। कुछ रिपोर्ट्स कहती हैं कि फेरुलिक एसिड कैंसर कोशिकाओं के विकास को कम करने या स्लो करने में मदद कर सकती है।

सूजन – सिंघाड़ों में फाईसेटिन, डायोस्मेटिन, ल्यूटोलिन और टेक्टोरिजिनिन सहित एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो डेड सेल्स की मरम्मत और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।

बालों के लिए बेहतरीन- सिंघाड़े बालों के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं क्योंकि इनमें जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो बालों के लिए फायदेमंद होते हैं। 

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...