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रविवार, 17 जुलाई 2022

खास डाइट टिप्स फॉलो कर फिट एंड फाइन रहेंगे

खास डाइट टिप्स फॉलो कर फिट एंड फाइन रहेंगे

सरस्वती उपाध्याय 
सावन के पवित्र मास का आगाज हो चुका है। सावन का महीना जहां चारों तरफ झमाझम बारिश के लिए जाना जाता है। वहीं, पूजा-पाठ और व्रत के कारण सावन को आस्था का पर्व भी कहा जाता है। हालांकि, सावन में कई दिनों तक चलने वाला उपवास का सिलसिला लोगों की सेहत को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में सावन के दौरान व्रत में कुछ खास डाइट टिप्स फॉलो कर आप पूरी तरह से फिट एंड फाइन रह सकते हैं।
सावन में ज्यादातर लोग सोमवार का व्रत रखने का संकल्प लेते हैं। इसके अलावा कई लोग सावन में तीज, रक्षा बंधन, कृष्ण जन्माष्टमी और नाग पंचमी जैसे त्योहारों पर भी व्रत रखते हैं। ऐसे में लगातार व्रत रखने से शरीर में कमजोरी आना आम बात है।हालांकि, अगर आप चाहें तो डाइट में कुछ चीजों को शामिल कर न सिर्फ सेहत के साथ समझौता करने से बच सकते हैं बल्कि व्रत में भी हेल्दी रह सकते हैं। सावन के महीने में डाइट में शामिल करें ये चीजें...

पानी पीते रहें...
पानी शरीर को डिटॉक्स कर हाइड्रेट रखने का काम करता है।साथ ही भरपूर पानी पीने से पेट में कब्ज और एसिडिटी की समस्या भी नहीं होती है। इसलिए व्रत के दौरान खूब पानी पीएं।इसके अलावा आप दूध और छाछ का सेवन भी कर सकते हैं।

फलों का सेवन शरीर को एनर्जेटिक बनाने के साथ-साथ हेल्दी रखने में भी मददगार होता है। ऐसे में व्रत के समय मार्केट में मिलने वाले मौसमी फलों का सेवन करते रहें। इससे आपको बिल्कुल कमजोरी महसूस नहीं होगी और आप पूरी तरह से फिट रहेंग।

व्रत में एनर्जेटिक फील करने के लिए आप डाइट में सलाद भी एड कर सकते हैं। वहीं व्रत के दौरान खीरे का सेवन भी सलाद के रूप में किया जा सकता हैं। इससे आपके शरीर में पानी की कमी भी पूरी हो जाएगी और पेट भरने से आपको भूख भी अधिक नहीं लगेगी।

व्रत में हेल्दी रहने के लिए आप स्नैक्स के रूप में ड्राई फ्रूट्स भी खा सकते हैं। बादाम, अखरोट और मखाना जैसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से आपकी एनर्जी और हेल्थ दोनों मेंटेन रहेगी।

व्रत के दौरान तली हुई चीजों का सेवन करने से बचें। दरअसल, व्रत में नमक वाली चीजें ज्यादा खायी जाती हैं। ऐसे में ऑयली फूड खाने से आपको पेट में एसिडिटी हो सकती है। साथ ही व्रत में अनहेल्दी फैट खाने से तबीयत भी खराब होने की संभावना रहती है।

स्वास्थ्य: नींबू का अधिक सेवन, बेहद नुकसानदायक

स्वास्थ्य: नींबू का अधिक सेवन, बेहद नुकसानदायक 

सरस्वती उपाध्याय 
वैसे तो शरीर के लिए नींबू बहुत फायदेमंद होता है। नींबू के अंदर विटामिन-सी का खजाना होता है। लेकिन, कई बार नींबू का अधिक सेवन आपके स्वास्थ्य को नुकसान पंहुचा सकता है। गर्मियों में नींबू पानी पीना और सलाद में खाना काफी फायदेमंद माना जाता है, लेकिन इसके अधिक उपयोग से दांतो में सड़न की समस्या हो सकती है। दरअसल, नींबू में अन्य फल के तुलना में अधिक एसिड होता है, जो हमारे दांतो के लिए अच्छा नहीं है‌।
–रिपोर्ट के अनुसार, नींबू के अंदर टाइरामाइन की मात्रा अधिक होती है। जिसकी वजह से इसका अधिक सेवन करने पर अक्सर लोगों को माइग्रेन और सिरदर्द की समस्या हो सकती है। क्योंकि नींबू स्वाद में खट्टा होता है और खट्टे फल माइग्रेन को बढ़ाने का काम कर सकते हैं।
– नींबू के अंदर सिट्रस एसिड के अलावा ऑक्सलेट भी पाया जाता है, जिसके कारण इसका ज़्यादा सेवन किडनी स्टोन का रूप ले लेता है।
– नींबू में एसिड की मात्रा अधिक होती है। अगर आपको एसिडिटी की समस्या है, तो आपको नींबू का सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि नींबू के लगातार प्रयोग से आपकी एसिडिटी की समस्या बढ़ सकती है‌।
– नींबू पानी के ज़्यादा सेवन से आपको बार-बार पेशाब आने की समस्या हो जाती है, जिस कारण डिहाइड्रेशन होने का खतरा बना रहता है। आप नींबू पानी का ज़्यादा सेवन कर रहे हैं, तो दिन में ढेर सारा पानी पिएं।
– बहुत अधिक नींबू के प्रयोग से उल्टी और पेट दर्द जैसे दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है‌।
– ज्यादा नींबू पानी पीने से छोटे-छोटे घावों में दर्द और जलन बढ़ सकती है। वैसे मामूली घाव एक या दो सप्ताह के भीतर अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन बहुत अधिक नींबू पानी पीने से नासूर घाव बढ़ सकते हैं और उन्हें ठीक होने में देरी लगती है।
– हमारी बॉडी में आयरन का पर्याप्त मात्रा में होना बहुत ज़रूरी होता है, क्योंकि नींबू के अंदर आयरन होता है। इसके अधिक सेवन से हमारे शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे शरीर के किसी भी पार्ट के डैमेज होने की संभावना बनी रहती है।

शनिवार, 16 जुलाई 2022

लाइफस्टाइल और गलाकाट प्रतिस्पर्धा, डिप्रेशन

लाइफस्टाइल और गलाकाट प्रतिस्पर्धा, डिप्रेशन
सरस्वती उपाध्याय 
बदलती लाइफस्टाइल डिप्रेशन की बड़ी वजह बन रही है। जेनेटिक टेस्टिंग के शुरुआती नतीजे उत्साह बढ़ाने वाले हैं। तेजी से बदल रही लाइफस्टाइल और गलाकाट प्रतिस्पर्धा ने लोगों को तेजी से डिप्रेशन का मरीज बनाया है। बीते कुछ दशकों में ही डिप्रेशन के शिकार पेशेंट्स काफी बढ़ गए हैं। लोगों को डिप्रेशन से उबारने के लिए लगातार स्टडीज़ की जा रही हैं। 
हाल ही में यूएस डिपार्टमेंट ऑफ वेटरन्स अफे़यर्स की स्टडी में कहा गया है कि फार्माकोजेनोमिक टेस्टिंग से एंटी-डिप्रेशन मेडिकेशन को अवॉइड किया जा सकता है। बता दें कि एंडी-डिप्रेशन मेडिकेशन से मरीजों में कई बार अनचाहे नतीजे भी देखने को मिल जाते हैं।
जानें क्या है फार्माकोजेनोमिक्स
फार्माकोजेनोमिक्स  दवाइयों के प्रति हमारे जींस  किस तरह प्रतिक्रिया दे रहे हैं इसकी स्टडी है। इस नई स्टडी के नतीजे हाल ही में जरनल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में भी प्रकाशित किए गए हैं। स्टडी के दौरान रिसर्चर्स ने ये भी पाया कि जिन मरीजों पर जेनेटिक टेस्टिंग  की गई है उनके परिणाम, सामान्य केयर वाले मरीजों की तुलना में बेहतर मिले हैं। स्टडी के दौरान 24 हफ्तों तक मरीजों का इलाज किया गया, जेनेटिक टेस्टिंग वाले ग्रुप में 12 हफ्तों के बाद डिप्रेशन के लक्षणों में कमी नजर आई।

टमाटर का सेवन नर्वस सिस्टम ठीक करता है

टमाटर का सेवन नर्वस सिस्टम ठीक करता है
सरस्वती उपाध्याय 
हम जो खाते हैं उसका सीधा संबंध हमारी मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। एक पुरानी कहावत है कि अच्छा खाओ और अच्छा सोचो। वैसे तो सभी फूड सेहत के लिए अच्छे माने जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसे फूड भी हैं जिनसे हमारे दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। माना जाता है कि टमाटर याद्दाश्त बढ़ाने में मदद करता है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में कॉपर और पोटेशियम पाया जाता है जो नर्वस सिस्टम को ठीक रखता है।
साथ ही इसमें विटामिन सी और ए पर्याप्त मात्रा में होता है जो ब्रेन टिशूज के विकास में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे ही कई पौष्टिक फूड हैं जो मेमोरी को इंप्रूव करने में मददगार साबित होते हैं जानते हैं इनके बारे में।
जब भी हम ब्रेन फूड की बात करते हैं तो सबसे पहला नाम आता है फैटी फिश का। हेल्थलाइन के अनुसार हमारा ब्रेन लगभग 60 प्रतिशत फैट से बना है जिसमें कि आधा हिस्सा ओमेगा-3 फैटी एसिड से बना होता है। फिश में ओमेगा—3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसलिए मेमोरी को इम्प्रूव करने के लिए इसे खाने की सलाह दी जाती है‌।

गुरुवार, 14 जुलाई 2022

स्वास्थ्य: सेहत के लिए फायदेमंद है, अनार का जूस

स्वास्थ्य: सेहत के लिए फायदेमंद है, अनार का जूस 

सरस्वती उपाध्याय 
आपने बचपन से सुना होगा कि अनार सेहत के लिए कितना फायदेमंद होता है। लेकिन न सिर्फ यह फल, बल्कि इसका जूस भी कई तरह से हमारी सेहत को फायदा पहुंचाता है। इसके रस में ऐसे पदार्थ होते हैं, जो धमनियों को लचीला बनाए रखने के लिए एक स्वस्थ प्रोस्टेट और एंटीऑक्सिडेंट का समर्थन करते हैं।
जर्नल न्यूट्रीशन रिसर्च में प्रकाशित शोध के अनुसार, अनार के रस का रोज़ाना सेवन अन्य फलों की तुलना में एंटीऑक्सीडेंट फंक्शन को बेहतर बनाने में अधिक गुणकारी है। रोज़ इस जूस को अपनी डाइट में शामिल करने से आपकी शरीर मज़बूत बनेगा। कई रिसर्च में ऐसा देखा गया है कि रोज़ एक गिलास अनार का जूस पीने से पुरुषों में प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (PSA) का स्तर कम होता है। एक व्यक्ति का पीएसए स्तर जितना ज़्यादा होगा, प्रोस्टेट कैंसर से उसकी मृत्यु का ख़तरा उतना ही बढ़ जाएगा।
अनार के जूस में कई एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो डेंटल प्लाक जमने से रोकते हैं। शोध में देखा गया कि अनार का जूस पीने से 12 फीसदी प्रतिभागियों का ब्लड प्रेशर कम हो गया। साथ ही इससे कैरोटिड धमनी में प्लाक को कम किया और हृदय को स्वस्थ रखते हुए खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम किया।
अनार का जूस सेहत को बढ़ावा देने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स से भरा होता है। यहां तक कि जूस में टैनिन होता है। जिसे पुनीकैगिन कहा जाता है। इसके साथ पॉलीफेनोल्स और एंथोसायनिन, जो शक्तिशाली रोग से लड़ने वाले एंटीऑक्सिडेंट के रूप में जाने जाते हैं। जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड केमिस्ट्री में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अनार के रस में रेड वाइन और ग्रीन-टी की तुलना में तीन गुना अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।
अनार के रस में कुछ एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं, जो पेट की सेहत के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। हीलिंग फूड्स नाम की किताब के अनुसार, एंटीऑक्सिडेंट फ्लेवोनोल्स प्रोटीन की गतिविधि को काफी कम कर देते हैं, जो गठिया जैसी सूजन की स्थिति का कारण बनता है।
अनार के रस में कई एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में फ्री-रेडिकल्स की क्रिया को रोकने में मदद करते हैं। इसमें विभिन्न पोषक तत्व होते हैं, जो त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

स्ट्रॉबेरी सैंडविच की रेसिपी, 10 मिनट में तैयार करें

स्ट्रॉबेरी सैंडविच की रेसिपी, 10 मिनट में तैयार करें 

सरस्वती उपाध्याय  
स्ट्रॉबेरी का स्वाद काफी पसंद किया जाता है।स्ट्रॉबेरी से बनने वाला सैंडविच भी काफी टेस्टी होता है। लगभग हर घर में रोज ये सवाल खड़ा होता है कि आखिर ब्रेकफास्ट में ऐसा क्या बनाया जाए तो टेस्टी और हेल्दी हो, साथ ही बेहद कम वक्त में तैयार हो जाए। अगर आप भी इस समस्या का सामना करते हैं तो इस बार ब्रेकफास्ट में स्ट्रॉबेरी सैंडविच ट्राई कर सकते हैं।
आमतौर पर घरों में नाश्ते में सैंडविच बनाना बेहद कॉमन होता है। आप इस रेसिपी में थोड़ा सा ट्विस्ट देते हुए स्ट्रॉबेरी से सैंडविच तैयार कर सकते हैं।
स्ट्रॉबेरी का स्वाद बेहतरीन होने के साथ ही इसमें कई पोषक तत्व भी होते हैं। आप इस रेसिपी को सिर्फ 10 मिनट में तैयार कर सकते हैं। अब तक अगर स्ट्रॉबेरी सैंडविच की रेसिपी को आपने ट्राई नहीं किया है तो हमारी बताई विधि से इसे बेहद आसान तरीके से तैयार किया जा सकता है।

स्ट्रॉबेरी सैंडविच बनाने के लिए सामग्री...
ब्रेड स्लाइस – 4
स्ट्रॉबेरी – 1 कप
मलाई – 1 कप
शहद – 1 टेबलस्पून

वजन कम करने में सहायक माना जाता है, देसी घी

वजन कम करने में सहायक माना जाता है, देसी घी 

सरस्वती उपाध्याय 
देसी घी हमेशा से सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। क्योंकि, इसमें ढेर सारे पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। हर फिटनेस फ्रीक इंसान के लिए देसी घी फायदेमंद है। इससे मसल्स को बढ़ाने में मदद मिलती है। लेकिन, इसमें मौजूद हेल्दी फैट को लेकर कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति है कि क्या देसी घी का सेवन वाकई इतना फायदेमंद है कि ये वजन घटाने में मदद कर सकता है ?
आज हम आपको बताएंगे कैसे घी डाइटिंग के समय वजन घटाने में कारगर होता है ?

घी के फायदे...
नेटमेड्स के अनुसार घी में अंदर लिनोलिक एसिड की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो वजन कम करने में सहायक माना जाता है। देसी घी में पाए जाने वाला सैचुरेटेड फैट शरीर के जिद्दी फैट को कम करने में मदद करता है। साथ ही घी के सेवन से मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है, जिसके कारण आपको वजन घटाने में मदद मिलती है।
घी में ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ए, विटामिन सी पाया जाता है जो आपके शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों को सोखने और एनर्जी देने में मदद करता है। घी में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो शरीर में इन्फ्लेमेशन को रोकते हैं। साथ ही यह हार्मोन संतुलन के लिए बहुत जरूरी माने जाते हैं।
घी डोकोसैक्सिनोइक एसिड का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। डोकोसैक्सिनोइक एसिड के अंदर ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है। यह हमारे शरीर में नहीं बनता है, इसलिए इसे खाने के जरिए लेना आवश्यक होता है। डीएचए कैंसर, हार्ट अटैक, इंसुलिन प्रतिरोध, अर्थराइटिस और अटेंशन डेफिशिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर जैसी समस्याओं के खतरे को कम करने में सहायक है। घी दिमाग को भी शांत कर मेमोरी को बढ़ाने में मदद कर सकता है। कुछ लोगों को हिचकी आने की शिकायत रहती है। जिनको बार-बार और लगातार हिचकी आने से परेशानी होती है, वे हिचकी को दूर करने के लिए एक चम्मच घी खा सकते हैं।

बुधवार, 13 जुलाई 2022

सेहत के लिए 'विटामिन के' का सेवन, बेहद फायदेमंद

सेहत के लिए 'विटामिन के' का सेवन, बेहद फायदेमंद 

सरस्वती उपाध्याय 
सेहत के लिए 'विटामिन के' का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। यहां कुछ ऐसी ही हरी सब्जियों का जिक्र है जिनसे शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन के मिलता है। जब बात विटामिन की आती है तो 'विटामिन के' का नाम कम ही सुनने को मिलता है। लेकिन यह शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। जिन लोगों में विटामिन के की कमी पाई जाती है। उनमें लीवर से जुड़ी बीमारियां और आंतों के रोग आमतौर पर देखे जाते हैं। वहीं, शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन के होने पर यह हड्डियों की सेहत दुरुस्त रखता है, घाव जल्दी भरता है और पेट की दिक्कतों को भी दूर करता है। विटामिन के अत्यधिक हरी सब्जियों में पाया जाता है। इसीलिए चलिए जानते हैं, किन चीजों से पूरी होती है ? विटामिन के की कमी या किनसे मिलता है भरपूर मात्रा में विटामिन के ?

इन फूड्स में पाया जाता है विटामिन के...

चमकदार हरा पालक विटामिन के ही नहीं, बल्कि बीटा कैरोटीन का भी अच्छा स्त्रोत है। जो मजबूत इम्यूनिटी सिस्टम, आंखों की तेज रोशन, हेल्दी स्किन और हड्डियों की सेहत के लिए उत्तरदायी है। इसमें विटामिन ई और सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है।
विटामिन के, विटामिन सी और डाइटरी फाइबर से भरपूर होती है, ब्रोकोली। आप इसे अपनी डेली डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।
विटामिन के  के साथ-साथ पत्ता गोभी विटामिन सी और विटामिन ए और पोलिफेनोल्स से भी भरपूर होती है। इसे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों को कम करने में मदद मिलती है।
फूल गोभी पाचन को दुरुस्त करने में सहायक है। यह मोटापा कम करने में भी असर दिखाती है।विटामिन के ही नहीं, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं। जो सेहत के लिए अच्छे साबित होते हैं।
हरी पत्तेदार केल विटामिन के से भरपूर होती है।दिन में शरीर को जितने विटामिन के की जरूरत होती है उससे 500 फीसदी ज्यादा विटामिन के केल से मिलता है। यह फाइबर, प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की अच्छी स्त्रोत है।विटामिन के से भरपूर होने के चलते यह हड्डियों को मजबूती देने वाली और घाव भरने वाली सब्जी है।

रविवार, 10 जुलाई 2022

कम तापमान, खाने के लिए सुरक्षित व स्वच्छ

कम तापमान, खाने के लिए सुरक्षित व स्वच्छ 

सरस्वती उपाध्याय 
ठंडा तापमान हमारे खाने के सामान के लिए अधिक सुरक्षित और स्वच्छ माना जाता है। क्योंकि, कम तापमान होने के कारण उन सूक्ष्म जीवों और बैक्टीरिया की गति को रोकने में यह तापमान मदद करता है। जो हमारे भोजन को खराब कर सकते हैं। इसलिए ही कच्चे मांस और कुछ सब्जियों और खाद्य पदार्थों के लिए कम तापमान होना चाहिए। कुछ सब्जियां, तो ठंडे तापमान में ठीक रहती है। लेकिन, कुछ को गर्म स्थान पर रखने की आवश्यकता होती है, नहीं तो वह खराब हो जाती है। आइए जानते हैं, कौन-कौन सी हैं वह चीजें ?

-कच्चे टमाटर को कमरे के तापमान पर रखना चाहिए ताकि उनमें अधिक स्वाद और रस का विकास हो सके। क्योंकि ठंडे तापमान में वे अपने स्वाद को खो देते है। पुरी तरह से पकने के बाद प्लास्टिक की थैलियों में पैक कर के इनको फ्रिज में रख सकते हैं। लेकिन इनका उपयोग करने से पहले आप कम से कम आधे घंटे के लिए कमरे के तापमान पर रखना चाहिए।

-बिना छिलके वाले प्याज के लिए हवा की जरूरत होती है। यदि आप इन्हे फ्रिज में रख देते हैं तो नमी के कारण ये नरम हो सकते हैं। लेकिन छिलके वाले प्याज को हमेशा फ्रिज में रखना चाहिए।

-बहुत सारे लोग मेवा को खराब होने से बचाने के लिए फ्रिज में रखते हैं। लेकिन यह वास्तव में अच्छे से ज्यादा नुकसान कर सकते हैं।  ठंडा तापमान उनके  स्वाद को खराब कर सकता है। फ्रिज में छिपी अन्य गंधों को भी अवशोषित कर सकते हैं। अगर आप लहसुन को फ्रिज में रखते हैं तो यह अंकुरित होना शुरू हो सकता है और रबड़ जैसा हो सकता है। इसे सूखी जगह पर रखें। आलू को फ्रिज में रखने की आवश्कता नही है। यदि आप उन्हें ठंडे तापमान में रखते हैं तो फ्रिज स्टार्च को चीनी में बदल देगा। इनको उपयोग करने से पहले ना धोए क्योंकि नमी खराब होने का रिस्क रहता है। शहद को फ्रिज में रखने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह बाहर रखे जाने पर भी चिकना और ताज़ा रह सकता है। इसे फ्रिज में रखने से क्रिस्टलीकरण हो सकता है।

शनिवार, 9 जुलाई 2022

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कंट्रोल करेगा, बालासन

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कंट्रोल करेगा, बालासन

सरस्वती उपाध्याय
हाई ब्लड प्रेशर एक बहुत बड़ा खतरा बन चुका है। लोग तमाम दवाइयां खाते हैं और हाई ब्लड प्रेशर से निजात पाने के लिए काफी कोशिश करते हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी हाई ब्लड प्रेशर से राहत नहीं मिल पाती है। ब्लड प्रेशर अधिक हो या फिर कम उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर के कारण आपको हार्ट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ब्लड प्रेशर की समस्या कई कारणों से हो सकती है, जिसमें तनाव से भरी लाइफस्टाइल, मोटापा, धूम्रपान आदि शामिल हैं। हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए आप नियमित रूप से व्यायाम कर सकते हैं‌। इससे न केवल बीपी की समस्या से आपको निजात मिलेगी, बल्कि यह कई रोगों से बचा सकता है। योग के जरिए इसका समाधान निकाला जा सकता है। भारतीय योग शास्त्र में कुछ ऐसे आसन बताए गए हैं, जिनके जरिए उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण पाया जा सकता है। आइए इसके बारे में जानते हैं...

रिपोर्ट के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। हाई ब्लड प्रेशर के लिए जिम्मेदार आपका खानपान, आपकी दिनचर्या, समेत रोज मर्रा की गलतियां हैं। आप इसके मरीज कब बन जाएंगे, आपको इस बात का पता भी नहीं चलेगा। इसमें अचानक से आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, पसीना, घबराहट, सांस लेने में तकलीफ समेत कई समस्याएं देखने को मिलती हैं। अक्सर लोग हाई ब्लड प्रेशर से घबराकर दवाओं की तरफ बढ़ जाते हैं। दवाई खाते हैं, कुछ देर के लिए आराम होता है और उसके बाद फिर से वही समस्याएं घेरने लगती हैं। दवाओं के तमाम साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं और अगर आप लगातार दवाई खाते रहेंगे तो आप एक तरीके से दवाओं के गुलाम बन जाएंगे और उसकी वजह से अन्य बीमारियां भी धीरे-धीरे आपके शरीर का हिस्सा बन जाएंगी।

योग प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है और यह मानव जीवन के लिए सबसे स्वस्थ पद्धति है। योग का कोई साइड इफेक्ट नहीं है और अगर आप नियमित योग का अभ्यास करते हैं तो लाभ क्षणिक नहीं होता है। बल्कि पूरे जीवन आप स्वस्थ रहेंगे। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसलिए योग का सहारा लेने की सलाह दी जाती है। बालासन इसमें काफी फायदेमंद साबित होता है। इसको चाइल्ड पोज भी कहते हैं। यह काफी आसान होता है और कहीं भी आप इस आसन को कर सकते हैं। इससे हाई ब्लड प्रेशर से राहत मिलती है। और साथ ही यह तनाव को भी कम करता है और पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सही कर देता है। इस आसन से गर्दन और कंधों का तनाव भी कम होता है।

बालासन खुद को आराम देने का एक आसन है। बज्रासन की मुद्रा में पहले जमीन पर बैठ जाएं, इसके बाद सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं, हथेलियां जोड़ें न इसके बाद सांस छोड़ते हुए हाथ लंबा रखते हुए सामने की तरफ झुकना है, जोर कूल्हों पर हो न कि कमर पर। जब आपकी हथेलियां और आपका माथा जमीन को छू जाए तब रुक जाएं। अब आप बालासन में आ गए हैं, लंबी सांस अंदर लें और लंबी सांस बाहर छोड़ें। 30 सेकंड से 5 मिनट तक बालासन कर सकते हैं।

शुक्रवार, 8 जुलाई 2022

स्वास्थ्य: कब्ज की समस्या से राहत दिलाएगा 'ब्रोकली'

स्वास्थ्य: कब्ज की समस्या से राहत दिलाएगा 'ब्रोकली' 

सरस्वती उपाध्याय     
शरीर में डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक तरह से काम न करें, तो हमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उनमें से सबसे बड़ी समस्या कांस्टिपेशन यानि, कब्ज की है। आपने अपने आस-पास देखा होगा कि लोग कब्ज जैसी समस्या पर बहुत गंभीरता से ध्यान नहीं देते। हालांकि, इसकी गंभीरता का अंदाजा केवल उन्हीं लोगों को होता है, जो हर रोज इस कठिनाई का सामना करते हैं। कब्ज में मल त्यागते वक्त कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। कब्ज की समस्या कई कारणों से हो सकती है। जैसे, किसी बीमारी से ग्रस्त होना, एलोपैथिक दवाइयों का अधिक सेवन करना या पानी और लिक्विड्स की कम मात्रा का सेवन करना। अगर आप कब्ज से परेशान हैं, तो उससे निजात पाने के लिए नियमित योग अभ्यास कर सकते हैं। आइए जानते हैं, कब्ज से निजात पाने के लिए किन चीजों का सेवन कर सकते हैं।

कब्ज से राहत दिलाएगा ब्रोकली...

ब्रोकली एंटी बैक्टीरियल, एंटी ऑक्सीडेंट्स और फाइटोकेमिकल के गुणों से भरपूर होती है, जो शरीर को कई तरह के इंफेक्शन और बीमारियों से लड़ने में सहायता करती है।
रिपोर्ट के अनुसार, ब्रोकली में मौजूद सल्फोराफेन शरीर में आंतों के सूक्ष्मजीवों को बढ़ने से रोकता है, जो शरीर में पाचन तंत्र को खराब कर सकते हैं।
ब्रोकली फाइबर से भरपूर होती है, जो शरीर के पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करती है और कब्ज से निजात दिला सकती है।

डाइट में ऐसे शामिल करें ब्रोकली...

ब्रोकली को घर में बनी किसी भी सब्जी, सलाद या सूप में डालकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
ब्रोकली को कद्दूकस कर सैंडविच में मिला सकते हैं।
ब्रोकली को सलाद के तौर पर भी रेगुलर डाइट में शामिल कर सकते हैं।
ब्रोकली खाने से न सिर्फ कब्ज से राहत मिलती है, बल्कि यह सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।

गुरुवार, 7 जुलाई 2022

मुनक्का-शहद खून की कमी को करतें हैं दूर

मुनक्का-शहद खून की कमी को करतें हैं दूर

सरस्वती उपाध्याय 
हमारे शरीर में खून की कमी से कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं। बॉडी में दो तरह की रक्त कोशिकाएं होती हैं। एक रेड ब्लड सेल और दूसरे वाइट ब्लड सेल। जब शरीर में रेड ब्लड सेल की कमी होने लगती है, तो इसे खून की कमी कहा जाता है। इस स्थिति को एनीमिया कहते हैं। यह स्थिति बेहद गंभीर होती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे असंतुलन डाइट, पोषण की कमी आदि। एनीमिया को दूर करने के लिए सप्लीमेंट्स के साथ खाने में ज़रूरी फूड्स का सेवन अहम साबित होता है। कई ऐसी चीज़े हैं जो खून की कमी को पूरा करने में फायदेमंद साबित होती हैं। ऐसी ही एक चीज़ है मुनक्का, जिसे अगर शहद के साथ मिलाकर खाया जाए जो खून की कमी दूर हो सकती है। तो आइए जानें कि मुनक्का और शहद का सेवन खून की कमी दूर करने के अलावा और किन चीज़ों में फायदेमंद होता है।

1. एनिमिया का कारण शरीर में आयरन की कमी होता है, जिसे खून की मात्रा कम होती जाती है। हालांकि, कई ऐसी खाने की चीज़ें हैं जो इस कमी को दूर करती हैं। उदाहरण के तौर पर मुनक्का और शहद का मिश्रण एनीमिया को दूर करता है। मुनक्का और शहद दोनों में आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में फायदेमंद साबित होता है।

चॉकलेट, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद

चॉकलेट, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद

सरस्वती उपाध्याय 
आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आम हो गई है। अगर आपका ब्लड प्रेशर हमेशा ज्यादा बढ़ा रहता है तो हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज, स्ट्रोक और भी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन आप डार्क चॉकलेट की मदद से हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकते हैं। डार्क चॉकलेट में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते है। डार्क चॉकलेट में पाए जाने वाले बायोएक्टिव कंपाउंड चेहरे के लिए बहुत अच्छे होते हैं‌।
डार्क चॉकलेट में पाए जाने वाले फ्लेवनॉल्स, तेज़ धूप से त्वचा की रक्षा करते हैं। इतना ही नहीं त्वचा में रक्त के प्रवाह में सुधार करने और उसे हाइड्रेटेड बनाए रखने में भी डार्क चॉकलेट सहायक मानी जाती है। डार्क चॉकलेट में मौजूद तत्व तनाव, चिंता और डिप्रेशन को कम करता है। इसके अलावा आपको रिलैक्स करने में भी मदद करता है। वर्ल्ड चॉकलेट डे पर जानें डार्क चॉकलेट खाने के फायदे।
डार्क चॉकलेट खाने के फायदे...
लाइफ एनचिरिंग के मुताबिक अगर आप दिन में 30- 60 ग्राम चॉकलेट खाते हैं तो आपका बीपी कंट्रोल रहता है। डार्क चॉकलेट में व्हाइट चॉकलेट के मुकाबले कम दूध और चीनी होती है। इसलिए इसकी कैलोरीज की मात्रा कम होती है जो हमारा शरीर आसानी से पचा पाता है लेकिन बहुत ज्यादा चॉकलेट खाना आपको नुक्सान भी पहुंचा सकता है।
डार्क चॉकलेट में फ्लेवनॉल्स पाया जाता है, जो शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाने के लिए धमनियों की परत को उत्तेजित करता है। नाइट्रिक ऑक्साइड धमनियों को आराम देने और रक्त प्रवाह के प्रतिरोध को कम करने में सहायक होता है, जिसके कारण ब्लड प्रेशर के खतरे को कम किया जा सकता है।
डार्क चॉकलेट में विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो स्किन के लिए काफी फायदेमंद हैं। साथ ही यह उम्र बढ़ने के लक्षणों को भी कम करती है। डार्क चॉकलेट में थियोब्रोमीन होता है जो हमारे दांतों के इनैमेल को मजबूत बनाता है। जिससे कैविटी का खतरा भी कम हो जाता है।

40 के बाद 'मल्टीविटामिन' का सेवन शुरू किया जाएं

40 के बाद 'मल्टीविटामिन' का सेवन शुरू किया जाएं

सरस्वती उपाध्याय
वास्तविकता तो यह है कि बढ़ती उम्र में शरीर का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। अक्सर 40 की उम्र के बाद कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं घेर लेती हैं। हड्डियों में दर्द, बाल झड़ना, चेहरे पर ​झुर्रियां, खून की कमी और न जानें क्या-क्या ?
साथ ही हमारे शरीर का एनर्जी लेवल भी कम हो जाता है। इन समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि 40 की उम्र के बाद मल्टीविटामिन का सेवन शुरू किया जाए। महिलाएं हो या पुरुष वर्तमान में सभी अपनी हेल्थ और फिटनेस को लेकर सजग हो गए हैं लेकिन कई बार हजार कोशिशें करने के बावजूद आपको शरीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसका मुख्य कारण है शरीर में विटामिन और मिनिरल्स की कमी। उम्र के साथ शरीर में विटामिन, मिनिरल और कैल्शियम की डिफिशिएंसी होने लगती है जिसे सही खान-पान और मल्टीविटामिन से ही पूरा किया जा सकता है।

विटामिन बी 12 है जरूरी...
प्रिवेंशन के अनुसार जहां आप 40 के हुए, आपके शरीर में विटामिन बी12 कम होना शुरू हो जाता है। विटामिन बी-12 आपके ब्लड और ब्रेन के लिए बहुत जरूरी है। इसकी पूर्ति आप मीट, फिश, चिकन, डेयरी प्रोडक्ट और अंडे से कर सकते हैं। विटामिन बी-12 का सेवन आप नियमित रूप से नाश्ते में करें ताकि पूरा दिन शरीर में एनर्जी बनी रहे।
कैल्शियम की कमी को करे पूरा...
मल्टीविटामिन शरीर की सभी तरह की कमियों की आपूर्ति करते हैं। बढ़ती उम्र में आप जो कैल्शियम फ्रूट और दूध के माध्यम से लेते हैं वह शरीर की जरूरत ​को पूरा नहीं कर पाते। कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आप टोफू, ब्रोकली, बादाम और पालक का प्रयोग कर सकते हैं। इन प्रोडक्ट्स को आप अपनी हर मील में शामिल करें।
40 के बाद अधिकतर लोगों में मैग्नीशियम की कमी हो जाती है।मैग्नीशियम की कमी से ब्लड प्रेशर रेग्यूलेट होता है जिस वजह से हार्ट प्रॉब्लम का खतरा बढ़ जाता है। भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम लेने से हार्ट हेल्थ तो सुधरती ही है साथ ही डायबिटीज भी कंट्रोल में रहती है। शरीर में इसकी पूर्ति करने के लिए आप बीन्स, सोया, नट्स, सीड्स और अवाकार्डो का सेवन कर सकते हैं।
बैटर कॉलेस्ट्रोल के लिए ओमेगा 3एस...
40 के बाद शरीर में कॉलेस्ट्रोल लेवल धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो जाता है। साथ ही हार्ट प्रॉब्लम भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने हार्ट को हेल्दी रखने के लिए ओमेगा 3एस अपने खाने में शामिल करें। इसके लिए आप फिश, वॉलनट्स, फ्लैक्ससीड और पत्तेदार सब्जियों का सेवन बढ़ा दें।

बुधवार, 6 जुलाई 2022

आयुर्वेद: टिंडे को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना

आयुर्वेद: टिंडे को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना 

सरस्वती उपाध्याय 
आयुर्वेद में टिंडे को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। टिंडे में फाइबर, विटामिन सी, आयरन, कैराटेनॉइड, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। टिंडे की सब्जी का सेवन करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में लाभ होता है।
टिंडे का नाम लेते ही अधिकतर लोग मुंह बनाने लगते हैं। ज्यादातर लोगों को यह सब्जी पसंद नहीं आती है। हो सकता है कि आपको भी टिंडे पसंद नहीं हो, लेकिन इसके फायदे सुनने के बाद आप भी इस सब्जी का सेवन करने लगेंगे। आयुर्वेद में टिंडे को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। टिंडे में फाइबर, विटामिन सी, आयरन, कैराटेनॉइड, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। टिंडे की सब्जी का सेवन करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में लाभ होता है। आज के इस लेख में हम आपको टिंडे के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में बताएंगे।
वजन कम करने के लिए टिंडे का सेवन बहुत लाभकारी होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। इसके साथ ही टिंडे में पानी की मात्रा भी ज्यादा होती है। वजन कम करने के लिए आप टिंडे की सब्जी का सेवन कर सकते हैं।
टिंडे का सेवन हमारे पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद होता है। इसमें फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है जिससे पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। टिंडे के सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
दिल की सेहत के लिए लाभकारी...
टिंडे का सेवन हमारे दिल के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। टिंडे में मौजूद पोषक तत्व दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। टिंडे के सेवन से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है।

मंगलवार, 5 जुलाई 2022

अमरूद को सुपर फ्रूट कहें जाने के विशेष कारण

अमरूद को सुपर फ्रूट कहें जाने के विशेष कारण 

सरस्वती उपाध्याय 
कभी अमरूद को गरीबों का फल माना जाता था। लेकिन, अब इसके गुणों का लोहा पूरी दुनिया मानती है। यह एक पौष्टिक फल है, जो आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इसकी विशेषता यह भी है कि यह स्वास्थ्य को ठीक रखता है। इस विदेशी फल से भारत ने बहुत ही अपनापन दिखाया है।अब तो लगता है कि यह जैसे भारत का ही फल है। पूरी दुनिया में अमरूद की सबसे अधिक उपज वाले देशों में भारत का नाम शुमार है। विशेष बात यह है कि भारत उन देशों को भी अमरूद निर्यात करता है, जहां इसकी उत्पत्ति हुई है।
अमरूद को सुपर फ्रूट कहें जाने के विशेष कारण यह हैं कि इसमें संतरे की तुलना में चार गुणा अधिक विटामिन-सी और तीन गुणा अधिक प्रोटीन होता है। इसके अलावा अनानास से चार गुणा अधिक फाइबर, टमाटर से दो गुणा अधिक लाइकोपीन और केले की तुलना में थोड़ा अधिक पोटेशियम होता है। इसके अलावा इसमें अनेक औषधीय गुण भी हैं। अमरूद का पत्ता तक लाभकारी है। अगर दांतों में कीड़ा लगा है या दांत या मसूड़ों में कोई रोग या दर्द है तो इसके पत्तों को चबाने से आराम मिलता है। भारत में अमरूद को पुर्तगाली सौदागर लेकर आए।
अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी की वनस्पति विज्ञानी सुषमा नैथानी ने अमरूद के उत्पत्ति केंद्र (भू-भाग) की जानकारी दी है। उनका कहना है कि मैक्सिको व मिजो अमेरिकी सेंटर जैसे दक्षिणी मैक्सिको, ग्वाटेमाला, होंडुरास व कोस्टारिका अमरूद के मूल स्थल हैं। उनका यह भी कहना है कि दक्षिण अमेरिका के पेरू, इक्वाडोर व बोलिविया इसके उपकेंद्र है। अगर इसके काल की बात करें तो कहते हैं कि 1520 के आसपास यूरोपीय लोगों ने कैरिबियन में अमरूद की फसलों की खोज की। इसके कुछ साल बाद यह वेस्टइंडीज, बहामास, बरमूडा और दक्षिण फ्लोरिडा तक आ गया। कहा यह भी गया है। कि 2500 ईसा पूर्व में कैरिबियन क्षेत्र में अमरूद दिखने लगा था, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है। भारत में 17वीं शताब्दी में अमरूद को पुर्तगाली सौदागर लेकर आए। उन्होंने पूर्वी एशिया तक भी अमरूद को फैलाया। भारत की जलवायु और मिट्टी अमरूद को पसंद आई, तब से इसकी आज तक सफलतापूर्वक खेती की जा रही है। वैसे एक पक्ष यह भी कहता है कि भारत में अमरूद पहली बार 11वीं शताब्दी में उगाया गया।

भारत में होती है अमरूद की सबसे अधिक खेती...
अमरूद अब गरीबों का फल नहीं रहा। अब यह पूरे भारत वर्ष में पाया जाता है। पहले सामान्य अमरूद हुआ करते थे, अब विशाल अमरूद के अलावा अंदर से लाल व गुलाबी अमरूद भी मिलने लगे हैं। यह विदेशी फल है लेकिन भारत की मिट्टी में यह ऐसे रचा-बसा कि आज दुनिया में अमरूद की सबसे अधिक खेती भारत में होती है। इसके बाद चीन, थाइलैंड, पाकिस्तान आदि देशों में यह उगाया जाता है।भारत में सबसे अधिक इसकी खेती बिहार, आंध्रप्रदेश व उत्तर प्रदेश में होती है।
पूरे विश्व में प्रयागराज का अमरूद मशहूर है।
वैसे हर दो-चार साल में यह नंबर बदलते रहते हैं। प्रयागराज का अमरूद तो पूरे विश्व में मशहूर है।भारत ने अमरूद की क्वॉलिटी को इतना अधिक सुधारा है कि अब यह अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड सहित कई देशों को निर्यात किया जाता है।

गुणों का खजाना है अमरूद...
यह बात कन्फर्म है कि अमरूद भारत का फल नहीं है, क्योंकि देश की किसी भी प्राचीन धार्मिक ग्रंथ या पुरानी आयुर्वेद की किताबों में इसका कोई वर्णन नहीं है। इसके बावजूद यकीन करना मुश्किल है कि यह भारतीय फल नहीं है। जाने-माने आयुर्वेदाचार्य व योगगुरु आचार्य बालकृष्ण तभी दावा करते हैं कि अमरूद का पेड़ भारतवर्ष के कई स्थानों पर जंगलों में होता है। परंतु सच यह है कि जंगली आम, केला आदि के समान इसकी उपज अत्यन्त प्राचीन काल से हमारे यहां होती रही है। वह दावा करते हैं कि अमरूद यहां का ही मूल फल है। उनका यह भी कहना है कि इस फल में गुणों का खजाना है और इसमें सिर दर्द, खांसी-जुकाम, दांत का दर्द, मुंह के रोग रोकने के अलावा दिल के रोगों का भी बचाव करता है। यह हिमोग्लोबीन की कमी को दूर करता है और कब्ज से भी निजात दिलाता है।

दिल की सेहत को रखता है, दुरुस्त...
आहार विशेषज्ञों का कहना है कि अमरूद को इसलिए भी सुपर फ्रूट कहा जाता है। क्योंकि इसमें विटामिन ए और बी के अलावा लोहा, चूना और फास्फोरस भी पाया जाता है। इसीलिए यह शरीर की हड्डियों को भी पोषण देता है। यह रक्त में शुगर की मात्रा कम करता है। इसमें पाया जाने वाला लाइकोपीन तत्व त्वचा में निखार लाता है। विटामिन ए के कारण यह आंखों के लिए लाभकारी है।इसका नियमित और संतुलित सेवन शरीर का वजन कम करता है साथ ही शरीर का एक्स्ट्रा फैट घटाता है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जिससे दिल सबंधी बीमारियां दूर रहती हैं।

कई समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर है, कंटोला

कई समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर है, कंटोला

सरस्वती उपाध्याय
सब्जियां सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती हैं। इसलिए, हरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करना ज़रूरी है‌। इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ बने रहने में मदद करते हैं। हरी सब्जियों में शामिल कंटोला एक ऐसी सब्जी है, जिसका सेवन करने से ना सिर्फ पोषक तत्वों की ज़रूरतें पूरी होती हैं, बल्कि यह आपके शरीर को कई गंभीर बीमारियों से भी निजात दिलाने में कारगर साबित होता है।
कंटोला एक ऐसी सब्जी है, जिसे आयुर्वेद में औषधि माना गया है। कंटोला शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने के साथ पाचन क्रिया भी दुरुस्त करता है। कंटोला का सेवन करने से गैस या कब्ज आदि की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। कंटोला का सेवन अलग-अलग प्रकार से कर सकते हैं। आमतौर पर लोग इसकी सब्जी, अचार या भुजिया बनाकर इसे अपनी डाइट का हिस्सा बनाते हैं।

वजन घटाने में लाभकारी कंटोला...
रिपोर्ट के मुताबिक, कंटोला एक ऐसी सब्जी है, जिसका सेवन करने से मोटापे को कम या नियंत्रित किया जा सकता है। कंटोला में मौजूद औषधीय गुण ना केवल बढ़ते वजन को कम करने में मदद करते हैं, बल्कि शरीर को अन्य कई बीमारियों से भी बचाते हैं। डॉक्टर भी सेहतमंद रहने के लिए कंटोला को डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं। फाइटोकेमिकल्स सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। कंटोला पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें कैलोरी ना के बराबर होती है, इसीलिए वजन घटाते के लिए कंटोला एक बेहतर विकल्प होता है। कंटोला खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ प्रोटीन से भरपूर होता है। हर रोज इसका सेवन करने से शरीर को ताकत मिलती है और आप डाइटिंग के दौरान भी एनर्जेटिक बने रहते हैं।

कब्ज में लाभकारी कंटोला...
कंटोला की तासीर ठंडी होती है, जो शरीर को ठंडक प्रदान करती है। ऐसे में गर्मी और मानसून के दौरान इसे खाना सेहत के लिए और भी फायदेमंद होता है। यह सब्जी सुपाच्य होती है, इसलिए जिन्हें पेट से जुड़ी समस्याएं हैं, उन्हें भी इसे पचाने में आसानी होती है। कंटोला का गूदा और बीज घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं। कंटोला में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पेट को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं।कंटोला का सेवन करने से गैस एटिकल सर बवासीर और कब से जैसी समस्याओं में काफी फायदेमंद साबित होती है।

सोमवार, 4 जुलाई 2022

स्वास्थ्य: स्ट्रॉबेरी का सेवन करना, फायदेमंद

स्वास्थ्य: स्ट्रॉबेरी का सेवन करना, फायदेमंद 

सरस्वती उपाध्याय         
स्ट्रॉबेरी भी अन्य बेरीज के जैसे विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है। ये पौष्टिक तत्वों से भरपूर होने के कारण बहुत से स्वास्थ्य लाभ दे सकती है। अगर इसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों की बात करें, तो एक कप स्ट्रॉबेरी में लगभग 53 कैलोरीज, 1 ग्राम प्रोटीन, 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 3 ग्राम डाइटरी फाइबर, 27 मिलीग्राम कैल्शियम और 1 ग्राम से कुछ कम आयरन, साथ ही मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, विटामिन-सी और विटामिन-ई जैसे तत्व पाए जाते हैं। यही नहीं, स्ट्रॉबेरी में नाइट्रेट नामक तत्व होता है, जो हार्ट की सेहत को दुरुस्त रख सकता है। अगर दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं, तो एक हफ्ते में स्ट्रॉबेरी खाने से ही काफी अच्छे नतीजे देखने को मिल सकते हैं।

दिल की सेहत के लिए फायदेमंद...
स्ट्रॉबेरी में दिल को लाभ देने वाले काफी सारे पौष्टिक तत्व होते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स केवल दिल के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर के लिए ही फायदेमंद होते हैं।
 मेडिकल न्यूज़ टुडे के मुताबिक, स्ट्रॉबेरी में मौजूद एंथोसाइनीन और क्वेरकेटीन  कंटेंट के कारण यह दिल की बीमारियों से बचाने में काफी लाभदायक है। इनका सेवन करने से हार्ट अटैक का खतरा भी बहुत कम हो सकता है।
इसमें डाइट्री फ्लेवेनॉइड मौजूद होता है, जिसके कारण स्ट्रोक आने से बचा जा सकता है।
स्ट्रॉबेरी में एंटी कैंसर गुण होते हैं और बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले सेल डेमेज से सुरक्षा प्रदान करवाते हैं और इस कारण यह कैंसर से बचाने में हमें मदद करती है।
इसका सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी लाभ मिल सकता है।
स्ट्रॉबेरी के कारण शरीर में सोडियम के नेगेटिव प्रभावों को कम किया जा सकता है।
कब्ज जैसी समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है, क्योंकि स्ट्रॉबेरी में डाइटरी फाइबर पाया जाता है और यह स्टूल को सॉफ्ट करने में मदद करता है, जिससे कब्ज में लाभ मिल सकता है।

एलोवेरा का अधिक सेवन, नुकसानदायक

एलोवेरा का अधिक सेवन, नुकसानदायक 

सरस्वती उपाध्याय
आपने ज्यादातर मौकों पर एलोवेरा या फिर इसके जूस के अच्छे गुणों के बारे में सुना होगा। इस वजह से लोग इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पीछे नहीं हटते हैं। औषधीय गुणों की पुष्टि के बाद एलोवेरा का इस्तेमाल लोगों के बीच तेज़ी से बढ़ रहा है। क्या आप जानते हैं, एलोवेरा का सेवन कुछ स्थितियों में नुकसानदायक भी हो सकता है ?

किसी भी चीज को इस्तेमाल करने से पहले उसके फायदे या नुकसान दोनों की जानकारी होना ज़रूरी है, जिससे उस चीज का इस्तेमाल सीमित मात्रा में हो सके। दरअसल एलोवेरा में लेटेक्स पाया जाता है और अगर इसे जूस या किसी भी फॉर्म में खा लिया गया, तो इसकी वजह से पेट में इरीटेशन, दर्द और एलर्जी होने जैसी समस्याएं देखी जा सकती हैं।

आइए जानते हैं, एलोवेरा कब हो सकता है नुकसानदायक...
एलोवेरा से होने वाले नुकसान...
मायोक्लिनिक के मुताबिक, एलोवेरा का अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है‌। अगर कुछ दिनों तक 1 ग्राम से ज़्यादा इसका इस्तेमाल किया गया, तो किडनी फेल हो सकती हैं।
एलो वेरा लेटेक्स का ज़्यादा-मात्रा में सेवन कैंसर का कारण भी बन सकता है। इसके अलावा डायरिया, पेट में दर्द जैसी समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं। जिन्हें एलोवेरा से एलर्जी है, उन्हें भी इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
बहुत से लोगों को इससे स्किन एलर्जी, आंखें लाल होना और स्किन पर रैशज़ या इरिटेशन और जलन होने जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।
इसका ज़्यादा सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है। अगर ब्लड शुगर लेवल ज़रूरत से ज़्यादा हो गया, तो यह सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
इसमें मौजूद लेक्साटिव प्रभावों के कारण कुछ लोगों को एलर्जी का सामना भी करना पड़ सकता है।
अगर इसका सेवन ज़्यादा मात्रा में किया जाए, तो शरीर में डिहाइड्रेशन भी हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, नहीं तो समय से पहले कॉन्ट्रैकशन शुरू हो सकते हैं। इससे बच्चे को जन्म देने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

रविवार, 3 जुलाई 2022

सब्जियों को आहार का हिस्सा बनाना चाहिए

सब्जियों को आहार का हिस्सा बनाना चाहिए

सरस्वती उपाध्याय
आहार विशेषज्ञ, सब्जियों और फलों के नियमित सेवन को काफी स्वास्थ्यवर्धक बताते हैं। विशेषकर यदि आप नियमित रूप से सब्जियों के जूस के सेवन की आदत बनाते हैं, तो यह काफी फायदेमंद हो सकता है। सब्जियों के जूस आपके सिस्टम को पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट्स की आवश्यक मात्रा प्रदान करते हैं। यह न केवल स्वाद में आपके लिए काफी अच्छे माने जाते हैं। साथ ही सब्जियों की पोषकता आपको कई प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित रखने में भी सहायक है। वेजिटेबल जूस के लिए आप कई प्रकार की मौसमी सब्जियों और साग को शामिल करके स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कच्ची-ताजी सब्जियों को सभी लोगों को अपने दैनिक आहार का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए।
जूस के रूप में इसका सेवन करना आपके लिए काफी बेहतर विकल्प हो सकता है। हालांकि इस बात का हमेशा ध्यान रहे कि ताजी सब्जियों के जूस के ही लाभ हैं, फ्रोजन या डिब्बाबंद जूस को ज्यादा फायदेमंद नहीं माना जाता है। इसलिए रोजाना हरी-ताजी सब्जियों के जूस के सेवन की आदत बनाएं। आइए जानते हैं कि आहार में किन सब्जियों के मिक्स जूस के शामिल करके बेहतर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। गाजर के जूस को सेहत के लिए कई प्रकार से लाभकारी माना जाता है। गाजर अपने थोड़े मीठे स्वाद और प्रभावशाली पोषक तत्व के कारण हमेशा से पसंद किया जाता रहा है। इसमें कैलोरी कम होने के साथ विटामिन ए, बायोटिन और पोटेशियम की अधिकता होती है जो शरीर को स्वस्थ और फिट बनाए रखने के लिए अति आवश्यक है।
गाजर आंखों और हृदय की सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते रहे हैं। शरीर की शक्ति को बढ़ावा देने के लिए चुकंदर के जूस को हमेशा से सर्वोत्तम विकल्प के रूप में जाना जाता है। पोषण के मामले में, चुकंदर मैंगनीज, पोटेशियम और फोलेट से भरपूर होते हैं। इसके अलावा इनमें नाइट्रेट्स की भी उच्च मात्रा पाई जाती है।अध्ययनों से पता चलता है कि नाइट्रेट से भरपूर चुकंदर का रस रक्तचाप को कंट्रोल रखने के साथ शरीर में खून की कमी को दूर करने और एथलेटिक तथा मानसिक प्रदर्शन में सुधार करने में सहायक होता है। ब्रोकोली को सेहत के लिए सबसे फायदेमंद सब्जियों में से एक माना जाता रहा है। इसमें पोटेशियम और विटामिन ए, बी 6, तथा सी जैसे प्रमुख सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के संपूर्ण कार्यों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। ब्रोकली में केम्पफेरोल भी पाया जाता है जो एक शक्तिशाली यौगिक है और रोग पैदा करने वाले मुक्त कणों को बेअसर करके, सूजन को कम करने में मदद करता है। टेस्ट-ट्यूब अध्ययन में इसे कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को कम करने के लिए भी काफी लाभकारी पाया गया है।
पालक को इसके अद्भुत स्वास्थ्य लाभ के लिए सबसे फायदेमंद साग में से एक माना जाता है। पालक विटामिन-ए और सी से भरपूर होने के साथ क्वेरसेटिन, केम्पफेरोल, और ल्यूटिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स का स्रोत माना जाता है। पालक भी नाइट्रेट से भरपूर होता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। 27 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 7 दिनों तक पालक का सेवन करने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप को कंट्रोल करने में काफी मदद मिल सकती है।

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...