गुरुवार, 9 जून 2022
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बुधवार, 8 जून 2022
महत्व: 9 जून को मनाया जाएगा, गंगा दशहरा
बुधवार, 1 जून 2022
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सोमवार, 30 मई 2022
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शुक्रवार, 27 मई 2022
महत्व: 30 मई को रखा जाएगा 'वट सावित्री व्रत'
महत्व: 30 मई को रखा जाएगा 'वट सावित्री व्रत'
सरस्वती उपाध्याय
किसी भी सुहागिन महिला के लिए वट सावित्री का व्रत बहुत अधिक महत्व रखता है। इसका फल भी करवा चौथ के व्रत के समान है। इस व्रत को करने से महिलाओं को सदा सुहागन होने का वरदान प्राप्त होता है और इनके पति को लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य का भी वरदान प्राप्त होता है। इस साल 2022 में 30 मई को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा। इस दिन सोमवार पड़ने की वजह से सोमवती अमावस्या का फल भी व्रत रखने वाली महिलाओं को प्राप्त होगा। इसे बड़ा अमावस भी कहा जाता है। कहीं-कहीं पर बरगदाही के नाम से भी वट सावित्री व्रत को जाना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इसी दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी। इसीलिए सुहागिन महिलाओं के लिए यह व्रत बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। वट सावित्री का व्रत करने वाली महिलाएं सोलह सिंगार करके बरगद के पेड़ के पास जाकर कच्चा सूत बांधकर बरगद की परिक्रमा करती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। बरगद के पेड़ पर जल चढ़ाकर हल्दी कुमकुम या रोली का टीका लगाकर विधिवत पूजा अर्चना करती हैं।
वट सावित्री का व्रत करने वाली सुहागिन महिलाएं अपने सास को बायना भी देती हैं। इस बायना में सुहाग का पूरा सामान रखा जाता है। एक बांस की टोकरी में साड़ी, चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, काजल, फल, भीगा चना, पूड़ी रखकर अपनी सास को भेंट करती है। ऐसी मान्यता है कि सास को सुहाग का सामान भेंट करने से सदा सुहागन होने का वरदान प्राप्त होता है और घर में सुख शांति समृद्धि बढ़ती है।
शनिवार, 7 मई 2022
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गुरुवार, 28 अप्रैल 2022
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सोमवार, 25 अप्रैल 2022
रमजान का महीना, सहरी में 5 ड्रिंक्स का करें सेवन
रमजान का महीना, सहरी में 5 ड्रिंक्स का करें सेवन
सरस्वती उपाध्याय
रमजान का पवित्र महीना (Month of Ramzan) चल रहा है। इस पूरे महीने मुसलमान दिन भर रोजा रखते हैं और खुदा की इबादत करते हैं। माना जाता है कि रमजान के महीने में खुदा की इबादत करने और रोजा रखने से बाकी महीनों से ज्यादा नेकियां मिलती हैं और जन्नत का दरवाजा खुल जाता है। इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग 15 घंटे बिना कुछ खाए और पिएं रहते हैं। हालांकि, गर्मी के मौसम में दिन भर भूखा रहना बर्दाश्त किया जा सकता है। लेकिन प्यास को बर्दाश्त करना मुश्किल होता है। ऐसे में अगर कुछ जरूरी चीजों का सेवन किया जाए तो दिन भर शरीर हाइड्रेट रहता है और एनर्जी भी बनी रहती है, तो आइए जानते हैं कि आप सहरी में किन चीजों का इस्तेमाल करें, जिससे पूरे दिन आप एनर्जी के साथ बिना प्यास महसूस किए गुजार सकें।
खजूर शेक...
रमजान के दिनों में इफ्तार की शुरुआत खजूर से ही की जाती है। ऐसे में अगर आप खजूर शेक बनाकर सहरी में पिएं तो आपको पूरे दिन प्यास नहीं लगेगी। खजूर में कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो शरीर की कमजोरी को दूर करने का काम करते हैं।
किशमिश मिल्क...
किशमिश के सेवन से थकावट दूर होती है और शरीर की इम्यूनिटी अच्छी होती है। ऐसे में आप रमजान के दिनों में आधा लीटर दूध में 15 ग्राम किशमिश को डालकर उबाल लें और फ्रिज में रख दें। इसे आप सहरी में पियें। यह आपको पूरे दिन कमजोरी और प्यास से बचाएगी।
दही...
अगर आप सहरी में दही का सेवन करें तो इससे आपको दिन भर प्यास नहीं लगेगी और एनर्जी से भरपूर रहेंगेे। दरअसल दही में विटामिन, प्रोटीन, लैक्टोज, फास्फोरस और अधिक मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है जो हड्डियों के की सेहत से लेकर पाचन तंत्र को भी ठीक रखता है। इसके सेवन से पूरे दिन प्यास भी नहीं लगती हैै।
संतरे का जूस...
संतरे का फल अगर आप सहरी में पियें तो ये आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और आप दिन भर प्यास महसूस नहीं करते। संतरे में विटामिन सी, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन ए जैसे कई पोषक तत्व होते हैं जो कई बीमारियों को भी दूर रखने का काम करता हैै।
पानी पिएं...
दिन भर अगर आप प्यासे रहते हैं तो सहरी के समय ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की कोशिश करें। रमजान के दिनों में सहरी में कम-से कम तीन गिलास नॉर्मल पानी जरूर पीना चाहिए। ऐसा करने से शरीर में बने रहे टॉक्सिन को फ्लश करने में आसानी होती है।
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शनिवार, 23 अप्रैल 2022
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शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022
22 अप्रैल को मनाया जाता हैं 'विश्व पृथ्वी दिवस'
22 अप्रैल को मनाया जाता हैं 'विश्व पृथ्वी दिवस'
सरस्वती उपाध्याय
'वर्ल्ड अर्थ डे' यानी, विश्व पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है। ये दिन एक मौका होता है, जब करोड़ों लोग मिलकर पृथ्वी से जुड़ी पर्यावरण की चुनौतियों जैसे कि, क्लाइमेट चेंज। ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और जैवविविधता संरक्षण के लिए प्रयास करने में और जागरुक हों और इसमें तेजी लाएं। इस दिन को इंटरनेशनल मदर अर्थ डे के रूप में भी जाना जाता है।इसे मनाने का मकसद यही है कि लोग पृथ्वी के महत्व को समझें और पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के प्रति जागरूक हों। यही वजह है कि इस दिन पर्यावरण संरक्षण और पृथ्वी को बचाने का संकल्प लिया जाता है।
विश्व पृथ्वी दिवस के दिन पेड़ लगाकर, सड़क के किनारे कचरा उठाकर, लोगों को टिकाऊ जीवन जीने के तरीके अपनाने के लिए प्रेरित करने जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके सेलिब्रेट किया जाता है। इसके अलावा बच्चों में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन स्कूलों और विभिन्न समाजिक संस्थाओं द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
यह है 'वर्ल्ड अर्थ डे' का इतिहास...
विश्व पृथ्वी दिवस पहली बार साल 1970 में मनाया गया था। तब से लेकर आज तक इसे हर साल 22 अप्रैल को 192 देशों में सेलिब्रेट किया जाता है। दरअसल, साल 1960 दशक में विकास कार्यों के चलते पेड़ों की बड़ी मात्रा में कटाई की गई थी, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान हुआ। इसी को देखते हुए अमेरिकी सेनिटर ने साल 1969 में लोगों को जागरुक करने के लिए वॉशिंगटन में एक सम्मेलन की घोषणा की। जिसमें स्कूल के कई बच्चे शामिल हुए। इस दौरान बच्चों समेत वहां के लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक किया गया। इसके बाद से ही इस दिन को विश्वभर में 'वर्ल्ड अर्थ डे' के रूप में मनाया जाने लगा।
गुरुवार, 21 अप्रैल 2022
हड्डियों की सेहत को बनाए रखने के उपाय, जानिए
हड्डियों की सेहत कैसे होती है खराब ?
रिपोर्ट के अनुसार, कई तरह के कारक हड्डियों की सेहत को प्रभावित करते हैं। आपकी डाइट में कैल्शियम की मात्रा कितनी है, आप कितना फिजिकल एक्टिविटी करते हैं। धूम्रपान और शराब का सेवन कितना करता है।शरीर में हार्मोन लेवल कितना है। यदि बहुत ज्यादा थायरॉएड हार्मोन होगा, तो बोन लॉस होने की संभावना महिलाओं में अधिक होती है। फूड इनटेक कम करना, ईटिंग डिसऑर्डर और हद से ज्यादा वजन कम होने से भी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। कुछ खास तरह की दवाओं के सेवन से भी हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं।
कैल्शियम जरूर करें डाइट में शामिल....
कैल्शियम के सेवन से भी हड्डियां मजबूत रहती हैं। 19 से 50 वर्ष की आयु के वयस्कों और 51 से 70 वर्ष की आयु के पुरुषों को प्रतिदिन 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। वहीं, 51 वर्ष की उम्र की महिलाओं और 71 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पुरुषों के लिए 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है।कैल्शियम का मुख्य स्रोत डेयरी प्रोडक्ट्स, बादाम, ब्रोकली, केल, सार्डिन्स, सोया प्रोडक्ट्स जैसे टोफू आदि हैं।
विटामिन- डी की कमी ना होने दें...
कैल्शियम को एब्जॉर्ब करने के लिए शरीर को विटामिन डी की जरूरत होती है। ऐसे में विटामिन डी का सेवन प्रतिदिन बहुत जरूरी है। विटामिन- डी के मुख्य स्रोत हैं ऑयली फिश जैसे टूना, सैल्मन, व्हाइटफिश, मशरूम, अंडा, फोर्टिफाइड फूड्स जैसे दूध, अनाज आदि. इनके अलावा, विटामिन- डी का सबसे जरूरी सोर्स है धूप, इसलिए सुबह में कम से कम 10 से 15 मिनट धूप में जरूर बैठें।
डेली रूटीन में फिजिकल एक्टिविटी हो शामिल...
वजन कम करने वाले एक्सरसाइज जैसे चलना, टहलना और सीढ़ियां चढ़ना-उतरना आपको मजबूत हड्डियां बनाने और बोन लॉस को धीमा करने में में मदद कर सकते हैं।
स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन करें कम...
हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान न करें।महिलाओं को प्रतिदिन एक से अधिक गिलास शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं, पुरुषों को एक दिन में दो से अधिक पेग शराब पीने से बचना चाहिए।
सब्जियां खाएं हड्डियों को मजबूत बनाएं...
चाहते हैं लंबी उम्र तक आपको घुटनों में दर्द ना हो, आराम से चल-फिर सकें, दौड़ सकें, तो आज से ही डाइट में हर तरह की सब्जियों को शामिल करना शुरू कर दें। सब्जियां हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होती हैंं। इनमें विटामिन सी होता है, जो हड्डियों को फॉर्म करने वाली कोशिकाओं के निर्माण को बढ़ाता है। विटामिन सी का एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव हड्डियों की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाते हैंं। साथ ही सब्जियां हड्डियों की घनत्वता को भी बढ़ाती हैं।
नमक का सेवन सीमित करें...
नमक का सेवन बहुत अधिक ना करें। आजकल लोग जंक फूड्स, चिप्स, पिज्जा, बर्गर, चीज, प्रॉसेस्ड फूड्स आदि चीजों का सेवन अधिक करते हैंं। इनमें नमक अधिक होता है। कुछ लोग भोजन में ऊपर से भी नमक डाल लेते हैं, ऐसा करने से हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है। सीमित मात्रा में नमक का सेवन करेंगे तो ब्लड प्रेशर भी हाई नहीं होगा। साथ ही सोडा ड्रिंक्स और कैफीन भी अधिक लेना बोन हेल्थ के लिए हानिकारक होता है। इनमें फॉस्फोरस होता है, जो हड्डियों के लिए सही नहीं होता है।
विटामिन-डी का सबसे अच्छा स्रोत हैं सूर्य की रोशनी
सोमवार, 18 अप्रैल 2022
द लोनी फाइल्स, अत्याचार आज भी बरकरार
हस्तरेखा शास्त्र, रेखाओं व पर्वतों को ज्यादा महत्व
हस्तरेखा शास्त्र, रेखाओं व पर्वतों को ज्यादा महत्व
सरस्वती उपाध्याय
हस्तरेखा शास्त्र में कुछ रेखाओं और पर्वतों को ज्यादा महत्व दिया गया है। क्योंकि ये जीवन के अहम पहलुओं को प्रभावित करते हैं। चंद्र क्षेत्र भी इनमें से एक है। चंद्रमा का संबंध मन से है और यदि यह अशुभ स्थिति में हो तो न केवल मन को, बल्कि पूरे शरीर और आर्थिक स्थिति पर भी बुरा असर डालता है। ऐसे लोगों का बीमारियों पर अच्छा-खासा पैसा खर्च होता है। वहीं शुभ चंद्रमा जिंदगी बना देता है।
हथेली में चंद्र की स्थिति और उसका प्रभाव
मस्तिष्क रेखा के नीचे का भाग चंद्र पर्वत होता है। यह मणिबंध तक जाता है।
यदि चंद्र पर्वत गोल हो और उस पर कोई तिल या धब्बा न हो तो यह शुभ होता है। वहीं, इसके उलट दबा हुआ चंद्र पर्वत व्यक्ति के जीवन में संघर्ष का कारण बनता है।
यदि चंद्र पर्वत से निकलकर कोई रेखा बुध पर्वत तक जाए तो उसे देव रेखा कहते है। ऐसे लोग भगवान की कृपा से खूब सफलता पाते हैं।
वहीं, देव रेखा होने के साथ-साथ भाग्य रेखा सूर्य और शनि पर्वत के बीच से जाती हो तो व्यक्ति अपने कर्मों के कारण असफलता पाता है। ऐसे लोग गलत संगति में पड़ कर अपना सबकुछ गंवा देते हैं।
चंद्र क्षेत्र से किसी रेखा का मंगल पर्वत तक जाना अपार धन-पद-प्रतिष्ठा दिलाता है। हालांकि, इन लोगों को जलाशयों से बचकर रहना चाहिए।
यदि चंद्र पर्वत से कोई रेखा निकलकर सूर्य पर्वत तक जाए तो ऐसे लोग पर मां सरस्वती और मां लक्ष्मी दोनों की कृपा होती है। वे अपने ज्ञान से खूब नाम कमाते हैं और धनवान भी बनते हैं। इन लोगों में मदद की भावना होती है।
शुक्र पर्वत से किसी रेखा का निकलना और उसका जीवन रेखा को काटते हुए चंद्र पर्वत पर पहुंचना अच्छा नहीं होता है। ऐसे लोगों को न केवल जीवन में खूब संघर्ष करना पड़ता है, बल्कि वे धोखा भी खाते हैं।
शनिवार, 16 अप्रैल 2022
किस्मत: पूरब या उत्तर दिशा में लगाना चाहिए शीशा
शुक्रवार, 15 अप्रैल 2022
16 अप्रैल को मनाईं जाएगी 'हनुमान जयंती'
गुरुवार, 14 अप्रैल 2022
मच्छरों से छुटकारा, अपनाएं घरेलू उपाय
मच्छरों से छुटकारा, अपनाएं घरेलू उपाय
सरस्वती उपाध्याय
गर्मियों में जितना गर्मी परेशान नहीं करती हैं, उससे कही ज्यादा तंग मच्छर कर देते हैं। जैसे ही मच्छर मारने की कोइल खत्म होती है। वैसे ही ये मच्छर हमला करने लगते हैं। जहां हल्का हाथ लगाओ वहीं मच्छर बैठा मिल जाता है। हर समय इन्हें भगाने में ही ध्यान रहता है और चाहे, जितनी कोशिश कर लो, किसी ना किसी कोने में मच्छर छुपकर बस मौके की तलाश में रहते हैं कि कब रेपलेंट (Mosquito Repellent) खत्म हो और कब आकर काट सकें। इन मच्छरों से सभी एक बराबर परेशान रहते हैं। कभी-कभी तो लगता है कि गर्मी बर्दाश्त हो सकती है, लेकिन ये मच्छर नहीं। आपकी भी मच्छरों ने इतनी ही बुरी हालत कर दी है तो ये कुछ घरेलू उपाय आपके काम आ सकते हैं।
1. लहसुन: लहसुन का रस मच्छरों को फूटी आंख नहीं सुहाता. कुछ लहसुन की कलियों को मसलकर पानी में उबाल लें। अब इसे स्प्रे बोतल में भरकर पूरे कमरें में छिड़क लें। कमरे में मौजूद सभी मच्छर भाग जाएंगे
जहां भी आसपास आपको लगता है कि मच्छर अंडे दे सकते हैं या पनप सकते हैं वहां कॉफी पाउडर या कॉफी ग्राउंड्स डाल दें। सब मच्छर और उनके अंडे मर जाएंगेे।
2. पुदीना: मच्छरों को पुदीने की खुशबू से चिड़ होती है। पुदीने के तेल को घर में जगह-जगह छिड़क दें। मच्छर आपके घर से दूर रहेंगे।
3. नीम का तेल: शरीर पर मच्छर ना काटें और आपसे दूर रहें, इसके लिए नीम के तेल (Neem Oil) को पानी में मिलाकर या अपने बॉडी लोशन में मिलाकर शरीर पर लगा लें। मच्छर आपके आसपास भी नहीं भटकेंगे।
4. सोयाबीन का तेल: सोयाबीन का तेल भी मच्छरों को आपसे दूर रखता है। रात में इसे शरीर पर लगाकर सोने पर मच्छर आपको नहीं काट पाएंगे।
चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया
चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया इकबाल अंसारी चेन्नई। देश में इन दिनों आईपीएल की धूम मची हुई है। गत चैम्पियन चेन्नई सुपर...
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यूपी में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा: परिषद संदीप मिश्र/बृजेश केसरवानी लखनऊ/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की ओ...
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...
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महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...