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गुरुवार, 22 जुलाई 2021

मुस्लिम आबादी को बढ़ाने का संगठित प्रयास किया

गुवाहाटी। असम दौरे पर पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, प्रभुत्व स्थापित करने और इस देश को पाकिस्तान बनाने के उद्देश्य से 1930 से मुस्लिम आबादी को बढ़ाने का एक संगठित प्रयास किया गया है। इसकी योजना पंजाब, सिंध, असम और बंगाल के लिए बनाई गई थी और यह कुछ हद तक सफल भी हुई। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गुवाहाटी  मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा की मौजूदगी में एनआरसी और सीएए पर लिखी एक बुक लॉन्च की। इसी दौरान उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून सीएए और एनआरसी पर मुसलमानों की आशंकाओं को दूर करने की भी कोशिश की। भागवत ने कहा, सीएए और एनआरसी का हिंदू-मुसलमान विभाजन से कोई लेना-देना नहीं है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग अपने राजनीतिक हित साधने के लिए इसे साम्प्रदायिक रंग दे रहे हैं।

रविवार, 27 जून 2021

गुवाहाटी के तालाब में सैकड़ों मछलियां मृत पाईं गई

गुवाहाटी। गुवाहाटी के दिगलीपुखुरी तालाब में सैकड़ों मछलियां मृत पायी गई और ऐसी आशंका है कि तालाब में ऑक्सीजन का स्तर कम होने के कारण इनकी मौत हुई है। मत्स्य विभाग के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। मत्स्य विभाग के एक प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि मृत मछलियां शनिवार को तालाब में बहती नजर आयी और उन्हें निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में जहर देने की आशंका से इनकार कर दिया गया है और पर्यावरणीय परिस्थितियां इसकी वजह हो सकती है। उन्होंने कहा, ”ऑर्गेनिक की मात्रा अत्यधिक होने के कारण पानी में ऑक्सीजन का स्तर कम होना इतनी बड़ी संख्या में मछलियों की मौत के पीछे की वजह लगती है। लेकिन हम जांच पूरी करने के बाद ही पुख्ता तौर पर कुछ कह सकेंगे।”

दिगलीपुखुरी तालाब करीब 500 मीटर लंबा है और यह राज्य के सबसे बड़े शहर के अंबारी इलाके में स्थित है। इस तालाब का निर्माण अहोम वंश के शासकों ने ब्रह्मपुत्र नदी की नहर के तौर पर करवाया था। बाद में ब्रिटिश शासन के दौरान यह नहर भर गयी। दिगलीपुखुरी शहर में एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है।


रविवार, 9 मई 2021

हिमंत बिस्वा को सीएम बनाने के लिए आमंत्रित किया

गुवाहाटी। नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (एनईडीए) के संयोजक हिमंत बिस्वा सरमा रविवार को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल के नेता निर्वाचित हुए और उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर सरकार बनाने के लिए जल्द ही आमंत्रित किया जाएगा। केंद्रीय पर्यवेक्षक और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने रविवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सरमा के नाम का प्रस्ताव रखा और भाजपा के प्रदेश पार्टी अध्यक्ष रंजीत कुमार दास और हाफलांग से नव निर्वाचित विधायक नंदिता गार्लोसा ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। चूंकि और किसी के नाम का प्रस्ताव नहीं रखा गया तो ‘‘सरमा को भाजपा विधायक दल का नेता सर्वसम्मति से चुन लिया गया है।

शुक्रवार, 7 मई 2021

दिल्ली से दो पर्यवेक्षकों को असम भेजनें का ऐलान

गुवाहाटी। असम विधानसभा चुनाव में गठबंधन दलों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यमंत्री के चयन को लेकर आपसी खींचतान में फंसी हुई है। मतगणना के 6 दिन बाद भी भाजपा अपने मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं कर पा रही है। समय बीतने के साथ भाजपा दो गुटों में बंटी नजर आ रही है। पार्टी ने  मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए दिल्ली से दो पर्यवेक्षकों को असम भेजने का ऐलान किया है। लेकिन अभी तक पर्यवेक्षक असम नहीं पहुंचे हैं।
विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानीय स्तर पर भाजपा ने मुख्य रूप से अपने वर्तमान मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के चेहरे के साथ ही तेजतर्रार और कद्दावर नेता डॉ हिमंत विश्वशर्मा को सामने रखकर प्रचार किया। चुनाव के आरंभ से ही स्थिति साफ होने लगी थी कि भाजपा एक बार फिर विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बिना ही चुनाव मैदान में उतरेगी। मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पार्टी सवालों को पूरे चुनाव टालती रही। मतगणना के बाद भी पार्टी की स्थिति कमोबेश यही कायम है।
ऐसे में कयासों का बाजार गर्म होने लगा है कि भाजपा इस बार असम में अपने मुख्यमंत्री का चेहरा बदल सकती है। पार्टी में साफ तौर पर सोनोवाल और डॉ विश्वशर्मा के दो धड़े दिखाई दे रहे हैं। हालांकि भाजपा का कोई शीर्ष नेता हो या अन्य नेता, कोई भी इस बात को कहने के लिए तैयार नहीं है कि राज्य की कमान किसके हाथों में सौंपी जाएगी। सभी नेता सिर्फ एक ही बात कहते नजर आ रहे हैं पार्टी की केंद्रीय कमेटी जो निर्णय लेगी, उसको सभी स्वीकार करेंगे।
अंदरूनी तौर पर देखा जाए तो चुने हुए विधायक कहीं न कहीं दो खेमों में बंटे नजर आ रहे हैं। भाजपा से जुड़े कुछ संगठनों के वरिष्ठ नेताओं ने इशारों-इशारों में इस बात का संकेत किया है कि संभवतः राज्य की कमान इस बार डॉ. हिमंत विश्वशर्मा को सौंपी जा सकती है। इसके लिए पार्टी के अंदर एकराय बनती नजर आ रही है। जबकि सर्वानंद सोनोवाल को फिर से केंद्रीय कैबिनेट में स्थान दिया जा सकता है। हालांकि खुले तौर पर इस बात को कोई कहने के लिए तैयार नहीं है। वैसे दूसरी ओर सर्वानंद सोनवाल ने भी मुख्यमंत्री की गद्दी की लड़ाई को अभी तक छोड़ा नहीं है। चुनाव नतीजे आने के बाद भी अभी तक पुरानी सरकार भंग नहीं हुई है। अमूमन चुनाव परिणाम आने के दिन या दूसरे दिन पुरानी सरकारी इस्तीफा दे दिया करती है। 
न सिर्फ राज्य की जनता में बल्कि, भाजपा के कार्यकर्ताओं में भी नए मुख्यमंत्री की घोषणा को लेकर काफी उत्सुकता दिखाई दे रही है। इधर, गैर-भाजपा दलों में भी इस बात की उत्सुकता बनी हुई है कि सोनोवाल और डॉ विश्वशर्मा के बीच आखिर मुख्यमंत्री का उम्मीदवार पार्टी द्वारा कौन बनाया जाता है।
कांग्रेस, एआईयूडीएफ, बीपीएफ आदि दलों में भी तोड़फोड़ को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। विपक्षी दलों के बीच ऐसी आशंकाएं देखी जा रही है कि कहीं मुख्यमंत्री बनने के लिए विधायकों की संख्या दिखाने के लिए उनकी पार्टियों में तोड़फोड़ हो सकती है।
अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि चुनाव से पूर्व विपक्षी दलों के कई विधायकों को चुनाव में टिकट प्राप्त करने और फिर चुनाव खर्च के लिए भाजपा नेताओं द्वारा सहायता दी गई थी। वहीं, नई बनने वाली सरकार में अच्छे पद का लोभ देकर विपक्षी विधायकों को तोड़े जाने की संभावना से कोई भी इनकार नहीं कर रहा है।

इस संदर्भ में उल्लेखनीय है कि असम की राजनीति में ऊपरी असम और निचले असम को लेकर हमेशा ही प्रतिस्पर्धा बनी रहती है। राज्य के  प्राख्यात कांग्रेस नेता डॉ भूमिधर बर्मन तथा सैयदा अनवरा तैमूर के अलावे आज तक निचले असम का कोई भी नेता मुख्यमंत्री नहीं बन सका। ऊपरी असम की एक लॉबी है जो फिर से सर्वानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री बनाने पर तुली हुई हैं। जबकि, पार्टी के अंदर और विधायकों के बीच डॉ. विश्वशर्मा अधिक लोकप्रिय हैं। राज्य की जनता के बीच भी सोनोवाल हिमंत की तुलना में अधिक लोकप्रिय नहीं हैं। यही वजह है कि उनके मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भी भाजपा द्वारा बगैर मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनाव लड़ा गया। 
चुनाव के लिए आर्थिक प्रबंधन से लेकर टिकटों के बंटवारे तथा अन्य दलों के साथ गठबधन के मुद्दे पर सोनोवाल के मुकाबले भाजपा द्वारा हिमंत को अधिक तरजीह दी गयी। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री के मुद्दे पर डॉ. विश्वशर्मा की राहों में सोनोवाल खेमा द्वारा यह कहकर रोड़ा अटकाया जा रहा है कि पार्टी के प्रति हिमंत की वफादारी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। जिस कांग्रेस पार्टी ने हिमंत को अपना सर्वेसर्वा बना रखा था, वहीं हिमंत कांग्रेस को दगा दे गए। हिमंत के इस चरित्र से भाजपा को सावधान रहना चाहिए। वहीं, दूसरी ओर हिमंत के पक्ष में पार्टी के लोगों का यह कहना है कि हिमंत ने कांग्रेस को अपना सब कुछ दिया था, बावजूद इसके जब कांग्रेस ने उन्हें अपमानित करना शुरू कर दिया तब उन्होंने कांग्रेस को सबक सिखाए। अन्यथा दोबारा और फिर तीसरी बार कांग्रेस को सत्ता में लाने का श्रेय हिमंत को ही जाता ।
पार्टी से बगावत सोनोवाल ने भी किया था। असम गण परिषद ने सोनोवाल को जमीन से उठा कर सीधे सांसद बना दिया था। पार्टी में उन्हें अपमानित भी नहीं किया। बावजूद इसके जब पार्टी के लिए कुछ करने का समय आया तो सोनोवाल भाजपा में आ गए।
वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में यदि पार्टी के प्रति वफादारी की कसौटी पर कसा जाए तो असम ही नहीं, पूर्वोत्तर में भाजपा के नेताओं की संख्या नगण्य हो जाएगी। आज की राजनीति में वही शामिल होते हैं, जिनकी कुछ राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं होती हैं। ऐसे में यदि राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए नेता दल-बदल करते हैं तो देश की जनता उन्हें नकारती नहीं है। यह बात देश में अनेक बार साबित हो चुकी है। ऐसे में इस आधार पर हिमंत को भाजपा दरकिनार नहीं कर सकती है। विभिन्न तरीके से पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है। पार्टी के कार्यकर्ता मानते हैं कि शीघ्र ही पार्टी नए मुख्यमंत्री की घोषणा कर देगी।

गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

जांच से बचने के लिए एयरपोर्ट से भागे 300 यात्री

सिलचर। अनिवार्य कोविड-19 जांच से बचने के लिए बुधवार को असम के सिल्चर हवाई अड्डे पर 300 से अधिक यात्रियों ने हंगामा किया और वहां से भाग गए। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी और कहा कि इन लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी। कछार जिले के अतिरिक्त उपायुक्त सुमित सत्तवान ने बताया कि छह विमानों से देश के विभिन्न हिस्सों से कुल 690 यात्री सिल्चर हवाईअड्डे पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 जांच के लिए हवाईअड्डे पर तथा पास में स्थित तिकोल मॉडल अस्पताल में इन यात्रियों के नमूने लिए जाने थे। अधिकारी ने कहा, ”जांच शुल्क के लिए 500 रुपये के भुगतान को लेकर लगभग 300 यात्रियों ने इन दोनों स्थानों पर हंगामा किया।”

शनिवार, 10 अप्रैल 2021

गड़बड़: 4 केंद्रो पर दोबारा मतदान का आदेश दिया

गुवाहाटी। निर्वाचन आयोग ने असम के चार मतदान केन्द्रों पर 20 अप्रैल को दोबारा मतदान कराने का शनिवार को आदेश दिया है। आयोग ने असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजे पत्र में कहा कि 20 अप्रैल को रताबाड़ी, सोनाई और हाफलोंग क्षेत्रों के चार मतदान केंद्रों पर दोबारा मत डाले जाएंगे। पत्र में कहा गया है कि आयोग ने एक अप्रैल को इन मतदान केन्द्रों पर डाले गए मतों को अमान्य घोषित कर दिया है। 

असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में एक अप्रैल को मतदान हुआ था। आयोग के आदेश में कहा गया है कि भाजपा उम्मीदवार की पत्नी से संबंधित कार में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मिलने के बाद रताबाड़ी (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र में स्थित इंदिरा एमवी स्कूल में मतदान केन्द्र संख्या 149 पर दोबारा चुनाव कराए जाएं।

बुधवार, 7 अप्रैल 2021

48 वर्षीय लेखिका के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज

दिसपुर। असम में 48 साल की एक महिला लेखिका के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है। लेखिका शिखा शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को लेकर फेसबुक पर कथित रूप से आपत्तिजनक पोस्ट किया है। इस पोस्ट के बाद पुलिस ने उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार किया। गत शनिवार को बीजपुर में नक्सलियों के घात लगाकर किए गए हमले में सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो के 22 जवान शहीद हो गए। 
रिपोर्टों के मुताबिक, आरोपी शिखा गुवाहाटी में रहकर लेखन कार्य करती हैं। गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने कहा, ‘शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए (देशद्रोह) सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज हुआ है। शर्मा को कल कोर्ट में पेश किया जाएगा।‘ लेखिका सोशल मीडिया पर काफी मुखर हैं। उन्होंने सोमवार को फेसबुक पर कथित रूप से लिखा था, ‘कर्तव्य का पालन करते हुए जान गंवाने वाले वेतनभोगी पेशेवरों को शहीद नहीं कहा जा सकता। इस तर्क के आधार पर विद्युत विभाग में काम करने वाले कर्मचारी की बिजली के संपर्क में आने से यदि मौत हो जाती है  तो उसे भी शहीद का दर्जा देना चाहिए। मीडिया को लोगों की भावनाओं से नहीं खेलना चाहिए।

सोमवार, 5 अप्रैल 2021

मतदाता सूची में 90 नाम शामिल, 171 वोट पड़ें

हाफलौंग। असम के दीमा हसाओ जिले में एक मतदान केंद्र पर बड़ी अनियमितता का खुलासा हुआ है। यहां सिर्फ 90 मतदाता पंजीकृत हैं। लेकिन, कुल 171 वोट पड़े हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि यह मतदान केंद्र हाफलोंग विधानसभा क्षेत्र में है। इस जगह दूसरे चरण में एक अप्रैल को मतदान हुआ था। हाफलोंग में 74 प्रतिशत मतदान हुआ था। उन्होंने बताया, कि इस घटना के प्रकाश में आने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतदान केंद्र के पांच चुनाव अधिकारियों को निलंबित करके यहां दोबारा मतदान कराने का प्रस्ताव रखा है। यह मतदान केंद्र खोटलिर एलपी स्कूल के 107 (ए) में था। हालांकि, इस मतदान केंद्र पर दोबारा चुनाव कराने के लिए अभी आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है।

रविवार, 4 अप्रैल 2021

कांग्रेस के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं: शाह

सरभोग। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कांग्रेस के पास असम के विकास के लिए कोई स्पष्ट एजेंडा नहीं होने का आरोप लगाया और कहा, कि राजग की ‘डबल इंजन की सरकार’ राज्य का विकास सुनिश्चित करेगी।

असम में चुनाव के तीसरे और आखिरी चरण के लिए प्रचार के अंतिम दिन बारपेटा जिले में शाह ने यहां एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर लोगों पर शासन करने के लिए उन्हें बांटने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा तो ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मंत्र का पालन करती है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, ” कांग्रेस किसी भी समस्या का हल नहीं कर सकती है और उसके नेता राहुल गांधी राज्य में पर्यटक की तरह आते हैं। कांग्रेस के पास विकास के लिये कोई दृष्टि नहीं है।” उन्होंने कहा, ” मैं पांच साल पहले आपके पास आया था और आपसे प्रधानमंत्री के प्रति विश्वास जताने की अपील की थी एवं वादा किया था कि हम हिंसा एवं प्रदर्शन पर पूर्ण विराम लगा देंगे। राज्य में भाजपा की सरकार और मोदीजी ने पिछले पांच सालों में यह सुनिश्चित किया और अब राज्य प्रगति एवं विकास के पथ पर चल रहा है।”

शनिवार, 3 अप्रैल 2021

चांदमारी में भाजपा गठबंधन की जीत का दावा किया

गुवाहाटी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को असम के पटाचारकुची, बोको और गुवाहाटी के चांदमारी में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करते हुए भाजपा गठबंधन की जीत का दावा किया। नड्डा ने कहा, असम में दो चरणों के हुए मतदान के फीडबैक के आधार पर यह स्पष्ट है कि भाजपा-नीत गठबंधन भारी बहुमत से जीतेगा और फिर सरकार बनाएगा।

नड्डा ने कहा, असम में एक ओर विकास एवं असम की संस्कृति के संरक्षण के प्रति समर्पित भाजपा, एजीपी और यूपीपीएल का गठबंधन है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस-एआईयूडीएफ की जोड़ी है जिसका इरादा असम की जनता की सेवा और विकास नहीं, बस किसी भी तरह सत्ता हथियाना है। 

ऐसे में मानसिक दिवालिएपन की शिकार कांग्रेस देश में अवसरवादी राजनीति की पर्याय बन चुकी है। केरल में कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टियों के खिलाफ चुनाव लड़ रही है तो असम और पश्चिम बंगाल में वह कम्युनिस्टों के गले लग रही है। कांग्रेस अब साम्प्रदायिक पार्टी बन गई है। केरल में कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के साथ समझौता किया तो बंगाल में उसने फुरफुरा शरीफ के मौलाना के साथ गठबंधन किया है। 

असम में कांग्रेस यहां की पहचान ‘गामोछा’ का अपमान करने वाले बदरुद्दीन अजमल के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। वर्ष 2006 में कांग्रेस नेता तरुण गोगोई ने कहा था- हू इज बदरुद्दीन अजमल और 2021 में उन्हीं तरुण गोगोई का बेटा; बदरुद्दीन अजमल को गले लगाते हुए कहता है - ही इज बदरुद्दीन अजमल। आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है? राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, कुछ नेता पॉलिटिकल टूरिस्ट होते हैं जो चुनाव के समय ही दिखते हैं- ये कभी मंदिर जाते हैं तो कभी चंडी पाठ करते हैं, कभी जनेऊ धारण करते हैं तो कभी अपना गोत्र बताने लगते हैं।

आखिर ऐसे नेताओं को चुनाव के समय ही ऐसी बातें क्यों याद आती है? उन्होंने कहा, जो असम के गमोछा का अपमान करे, जो धर्म के आधार पर राजनीति करे, जो अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे, ऐसे बदरुद्दीन अजमल असम की पहचान कभी नहीं हो सकते। लेकिन, राहुल गांधी-प्रियंका वाड्रा अजमल को असम की पहचान बताते हैं, यह असम की जनता का अपमान है। कांग्रेस नेता असम आते हैं और चाय बागान के बैकग्राउंड के साथ सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट करते हैं लेकिन चाय बागान की फोटो कभी ताइवान का निकलता है तो कभी श्रीलंका का। नड्डा ने कहा, सच्चाई यह है कि राहुल-प्रियंका सहित कांग्रेस के तमाम नेताओं को असम के विकास से कोई लेना-देना नहीं है, वे तो बस असम की जनता का वोट हड़पना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, अभी हाल ही में कांग्रेस की एक नेत्री आईं और चाय बागान में जाकर मार्च के महीने में पत्ती तोड़ने की एक्टिंग कर फोटो खिंचाने लगीं जबकि, पत्तियां तोड़ने का समय तो अप्रैल में आता है। अब अप्रैल आ गया है, पत्तियां भी टूटेंगी और जनता भाजपा के पक्ष में मतदान भी करेगी। उन्होंने कहा, यह भाजपा है जिसने कभी भी किसी को विकास के लिए धर्म, जाति या क्षेत्र के नाम पर बंटने नहीं दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमने सबको साथ लेते हुए सबका विकास किया है और सबका विश्वास भी अर्जित किया है। भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कहा, हम असम को विकसित प्रदेश बनाने के लिए 10 संकल्प लेकर आये हैं। अगले पांच वर्षों में हम असम को बाढ़-मुक्त प्रदेश बनायेंगे। 

आठवीं कक्षा से ऊपर की छात्राओं को मुफ्त साइकिल दी जायेगी। अरुणोदय योजना के तहत असम की 30 लाख बहनों को तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। हमने असम की अस्मिता को भी बचाया और बोडो क्षेत्र की आकांक्षाओं को भी पूरा करने का प्रयास किया है। भूमिहीन लोगों को जमीन का पट्टा देने का हमने संकल्प लिया है। 
हमारी सरकार दो लाख सरकारी नौकरियों और प्राइवेट सेटर में 08 लाख रोजगार का सृजन करेगी। एक लाख सरकारी नौकरियां तो अप्रैल 2022 से पहले ही उपलब्ध करा दी जायेंगी। बोडो शांति समझौते के तहत यहां 1500 करोड़ रुपये का पैकेज दिए गए। पिछले पांच वर्षों में लगभग 2000 उग्रवादियों ने हथियार डाले हैं और 4000 से अधिक असॉल्ट राइफल सरेंडर हुए हैं। हथियार छोड़ कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो रहे लोगों के पुनर्वास के लिए भी कई कार्यक्रम चलाये गए हैं। नड्डा ने कहा, डॉ. मनमोहन सिंह 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे और वे असम का ही प्रतिनिधित्व करते थे, लेकिन वे असम को गैस की रॉयल्टी भी नहीं दिला सके। जबकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गैस रॉयल्टी के रूप में 8000 करोड़ रुपये देकर असम को उसका अधिकार दिया।

शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

वोटिंग मशीन ही शक के दायरे में, बचा क्या: प्रियंका

हरिओम उपाध्याय   

दिसपुर। असम में दूसरे चरण के मतदान के खत्म होते ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया। जिसमें पथरकंडी से बीजेपी उम्मीदवार की कार में कथित रूप से ईवीएम मशीनें देखी जा रही हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाकर वीडियो की जांच कराने की मांग की है। यह वीडियो असम के स्थानीय पत्रकार अतानु भूयन ने अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा पथरकंडी से बीजेपी उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की कार से ईवीएम मिलने के बाद स्थिति तनावपूर्ण है। देखते ही देखते कई कांग्रेस नेताओं ने इसे शेयर करके बीजेपी पर निशाना साधा। हालांकि अभी बीजेपी या चुनाव आयोग की तरफ से कई पर कोई बयान नहीं आया है।वायरल वीडियो में क्या दिख रहा है?

वीडियो में दिख रहा है कि सफेद रंग की जीप (जिसका नंबर AS 10B 0022 है) के अंगर ईवीएम देखी जा रही है। वीडियो में लोग यह कहते सुने जा रहे हैं कि जीप कृष्णेंदु पॉल की है। इसके बाद कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरोदलई से लेकर गौरव गोगोई ने इस पर ट्वीट किया और बीजेपी ने ईवीएम लूटने का आरोप लगाया।

हर बार सामने आते हैं ऐसे वीडियो: प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'हर बार ऐसे वीडियो सामने आते हैं जिनमें प्राइवेट गाड़ियों में ईवीएम ले जाते हुए पकड़े जाते हैं। अप्रत्याशित रूप से उनमें कुछ चीजें कॉमन होती है- गाड़ियां बीजेपी उम्मीदवार या उनके साथियों से जुड़ी होती हैं। वीडियो एक घटना के रूप में सामने आते हैं और फिर झूठ बताकर खारिज कर दिया जाता है।'

वीडियो एक्सपोज करने वालों को ही आरोपी बना देती है बीजेपी'

प्रियंका ने आगे लिखा, 'बीजेपी अपनी मीडिया मशीनरी का इस्तेमाल करके उन्हें ही आरोपी ठहरा देती है जिन्होंने वीडियो एक्सपोज किए। फैक्ट यह है कि ऐसे कई सारी घटनाएं रिपोर्ट की जा रही हैं लेकिन इन पर कुछ नहीं किया जा रहा है। चुनाव आयोग को इन शिकायतों पर निर्णायक रूप से कार्रवाई शुरू करने की आवश्यकता है और सभी राष्ट्रीय दलों को ईवीएम के इस्तेमाल की जरूरतों पर एक गंभीर पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।'

ईवीएम पर ही शक हो जाए तो बचा क्या?'

शशि थरूर ने ट्वीट किया, 'यह काफी चौंकाने वाला है। भारत की लोकतांत्रिक संस्कृति में आलोचकों का भी मानना है कि कम से कम चुनाव मुक्त और निष्पक्ष हों लेकिन हम चुनावी निरंकुश बन चुके हैं। अगर ईवीएम ही संदिग्ध हो जाए तो बचा क्या? चुनाव आयोग को इस पर तुरंत सार्वजनिक जांच करानी चाहिए।'

सिर्फ ईवीएम लूटकर ही जीत सकती है बीजेपी'

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने ट्वीट किया, 'सिर्फ इसी रास्ते से बीजेपी असम जीत सकती है- ईवीएम लूटकर। ईवीएम कैप्चरिंग, जैसे बूथ कैप्चरिंग हुआ करती थी। यह सब चुनाव आयोग की नाक के नीचे हो रहा है। लोकतंत्र के लिए दुखद दिन।'

असम आपको कभी माफ नहीं करेगा'

असम से कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदलोई ने ट्वीट किया, 'बीजेपी अनुशासित रूप से यह स्वीकार क्यों नहीं कर पा रही है कि वे असम चुनाव हार रहे हैं। ईवीएम चोरी करना और रिजल्ट में हेराफेरी आपके लिए अच्छा नहीं है। अगर चुनाव आयोग ने आपको माफ कर भी दिया तो भी असम कभी इसके लिए क्षमा नहीं करेगा।

गुरुवार, 1 अप्रैल 2021

एनडीए ने असम को शांति और सम्मान की सौगात दीं

कोकराझार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा, कि उसने अपने लंबे शासन के दौरान असम को बम, बंदूक और ब्लॉकेड में झोंक दिया था। जबकि, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने इस राज्य को शांति और सम्मान की सौगात दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय जनता पार्टी की ओर से आयोजित चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए कहा, “ मुझे संतोष है कि 2016 में बीटीआर में शांति और विकास का जो वादा हमने किया था, उसे लेकर हमने बहुत ईमानदार प्रयास किया है। कांग्रेस के लंबे शासन ने असम को बम, बंदूक और ब्लॉकेड में झोंक दिया था। एनडीए ने असम को शांति और सम्मान की सौगात दी है।

रविवार, 28 मार्च 2021

कांग्रेस असम की रक्षा नहीं कर सकती: गृहमंत्री

गुवाहाटी। केंद्रीय गृह मंत्री व भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को असम में चुनावी जनसभा में श्रीमंत शंकरदेव व मां कामाख्या को याद किया। उन्होंने असमिया संस्कृति की रक्षा करने का उल्लेख करते हुए कहा कि असम की रक्षा कांग्रेस पार्टी बदरुद्दीन अजमल के साथ हाथ मिलकर कभी नहीं कर सकती। उन्होंने आहोम सेनानी लाचित बरफूकन को याद करते हुए असम की रक्षा का जिक्र किया। कामरूप (ग्रामीण) जिला के कमलपुर में पहली चुनावी जनसभा को संबोधित करने के बाद मोरीगांव जिला के जागीरोड विधानसभा क्षेत्र में दूसरी जनसभा को संबोधित किया। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनसभा में इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित जनता ने यह साबित कर दिया है कि असम में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। असम में पहले चरण में 27 मार्च को होने वाले मतदान के लिए 47 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार समाप्त हो गया है। 01 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान होगा। अमित शाह, असम में कुल चार चुनावी जनसभाओं को संबोधित करने के लिए पहुंचे हैं। जिसमें कमलपुर, जागीरोड, पथारकांदी और सिलचर की जनसभाएं शामिल हैं। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने मातृ भूमि की रक्षा के लिए बरफूकन के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, राहुल गांधी कहते हैं कि बरदरुद्दीन अजमल असम की पहचान हैं। उन्होंने कहा कि असम की पहचान श्रीमंत शंकरदेव, लाचित बरफूकन पहचान हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई बरदरुद्दीन अजमल को कभी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जितना भी जोर लगा लगे हम बदरुद्दीन अजमल को असम की पहचान नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा कि असम में घुसपैठियों को रोकने के लिए हम दृढ़ संकल्पित हैं। असम में अगर बदरुद्दीन अजमल की सरकार बनी तो घुसपैठियों को रोकना मुश्किल होगा। अमित शाह ने कमलपुर में केंद्र सरकार की ओर से बिजली, शौचालय, घर, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, नागरिक प्रशासन, एम्स समेत अन्य विकास कार्यों का जिक्र करते हुए असम सरकार के कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने केंद्र के घोषणा पत्र और भाजपा के संकल्प पत्र का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि असम सरकार ने कोरोना महामारी से असम को बचाने के लिए काफी बेहतर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में ढेर सारे काम किया है। यह विकास का सिलसिला आगे भी जारी रहने वाला है। उन्होंने कहा कि आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्राओं को साइकिल देंगे। 12वीं पास करने वाली छात्राओं को स्कूटी देंगे। दो लाख सरकारी व पांच लाख निजी क्षेत्र में नौकरियां देंगे। ब्लाक स्पतालों के बेड को दोगुना करेंगे। इसके अलावा अन्य कई चुनावी घोषणाएं की। प्रधानमंत्री मंत्री किसान सम्मान निधी में दो हजार रुपये और असम सरकार जोड़कर आठ हजार दी जाएगी। चाय जनजातियों के विकास के साथ ही लव जिहाद और लैंड जिहाद के विरूद्ध कड़ा कानून बनाने का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि राज्य के सभी नामघरों के विकास के लिए ढ़ाई-ढ़ाई लाख रुपये दिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि असम को आतंकवाद मुक्त बनाया है। असम को अब बेरोजगारी मुक्त बनाएंगे। उन्होंने भाजपा उम्मीदवारों को जिताने का आह्वान किया। अमित शाह ने इलाके के दो भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने असम को बढ़ा मुक्त, घुसपैठ मुक्त, बेरोजगारी मुक्त बनाने का आश्वासन दिया।

72 प्रतिशत लोगों ने मतदान अधिकार का किया प्रयोग

गुवाहाटी। असम में शनिवार को विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुल 72.14 फीसदी वोटिंग हई। 12 जिलों की इन सीटों पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे के बीच वोटिंग हुई। इन विधानसभा सीटों पर सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस-एआइयूडीएफ के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है। इनमें से 42 सीट राज्य के ऊपरी और उत्तरी क्षेत्र के हैं और बाकी 5 सीटें मध्य असम के नागांव जिले के हैं। पहले चरण की वोटिंग में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, विधानसभा अध्यक्ष हीरेन्द्रनाथ गोस्वामी और असम की प्रदेश कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा की किस्मत दांव पर है। 2016 चुनाव में इनमें से 35 सीटों पर बीजेपी और उसकी सहयोगी एजीपी ने जीत हासिल की थी। जिसमें बीजेपी अकेले 27 सीटें जीती थी। कांग्रेस को इनमें से 9 सीटें हासिल हुईं थी। राज्य में तीन चरणों में मतदान होगा।आज के पहले चरण के बाद दूसरे चरण में 1 अप्रैल (39 विधानसभा) और तीसरे चरण में 6 अप्रैल (40 विधानसभा) को वोट डाले जाएंगे।

सोमवार, 22 मार्च 2021

माफिया की तरह काम कर रही भाजपा: प्रियंका

सरुपथार। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने असम में सत्तारूढ़ भाजपा पर सोमवार को आरोप लगाया, कि वह माफिया की तरह काम कर रही और सिंडिकेट चला रही है। कांग्रेस महासचिव ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ”राज्य में भगवा पार्टी के दो गुट हैं। दोनों ने ही लोगों के साथ विश्वासघात किया है। कांग्रेस नेता ने असम के भाजपा नेतृत्व की तुलना महाकाव्य महाभारत के पात्र ”धृतराष्ट्र” और ”शकुनी” से की। हालांकि, उन्होंने भगवा पार्टी के उस नेता का नाम नहीं लिया। धृतराष्ट्र को एक दृष्टिहीन शासक के रूप में, जबकि शकुनी को राजनीतिक प्रपंच करने वाले के रूप में जाना जाता है। कांग्रेस नेता ने कहा, ”…असम सरकार में, एक शकुनी मामा जैसे नेता हैं और एक धृतराष्ट्र हैं। दोनों ने ही और भाजपा ने असम के लोगों के साथ छल किया है। प्रियंका ने आरोप लगाया, ”कभी जातीय नायक (जनता के नेता) कहलाने वाले ‘धृतराष्ट्र’ ने छह जातीय समुदायों के साथ छल किया, जिन्हें उन्होंने अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय में शामिल कराने का वादा किया था। ” उन्होंने आरोप लगाया कि एक अन्य नेता ‘शकुनी मामा’ हैं। जो एक भ्रष्ट सरकार चला रहे हैं और जिसने सिर्फ लोगों को ठगा ही है। प्रियंका ने राज्य एवं केंद्र में सत्तारूढ़ दल पर अपना हमला जारी रखते हुए दावा किया, ”भाजपा यह फैसला नहीं कर पा रही है कि मुख्यमंत्री पद के लिए उसकी ओर से उम्मीदवार कौन होगा। वह अपने ही (भाजपा के ही) मुख्यमंत्री का सम्मान नहीं कर पा रही है और नाम नहीं बता रही है। यदि पार्टी (भाजपा) में कोई स्थिरता या एकजुटता नहीं है, तो फिर वह असम में स्थिरता कैसे ला पाएगी और लोगों को स्थिर सरकार वह कैसे दे सकती है?”

1 दिन दिहाड़ी नहीं मिली, आदमी सोता है भूखा

गुवाहटी। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने असम की सबसे अहम जरूरत को सबके सामने रखा। उन्होंने कहा कि यदि चाय जनजाति की महिलाओं को एक दिन की दिहाड़ी नहीं मिले, तो परिवार के एक सदस्य को उस दिन भूखा सोना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आई, तो सभी महिलाओं को प्रतिमाह 2000 रुपये दिये जायेंगे। जिससे कि वे सशक्त हो सके। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने आज असम के चुनाव प्रचार की शुरूआत जोरहट से की। जोरहट में पहुंचने पर प्रियंका गांधी का भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने पिछली बार जो भी वायदे किये थे, उन्हें एक-एक करके तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री कभी चाय के बागानों में गये। वहां जो बहनें चाय की पत्तियां तोड़ती हैं, उनकी अंगुलियों पर जो छाले पड़े हैं, उन्हें देखा? जो उन महिलाओं की चमड़ी सख्त हो चुकी है, क्या उन पर कभी भाजपा सरकार का ध्यान गया। कहा गया था कि चाय बगान श्रमिकों की दिहाड़ी 350 रुपये होगी, क्या वो की गई। कुछ नहीं किया गया, सभी वायदों को चकनाचूर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि महिलाएं जो घर भी चलाती हैं और मेहनत मजदूरी कर परिवार का सहारा बनती है, मैं उनकी बात करती हूं। उन महिलाओं से मिली हूं। एक महिला ने बातचीत के दौरान मुझे बताया था कि दीदी यदि एक दिन दिहाड़ी नहीं मिलती, तो परिवार के एक सदस्य को भूखा सोना पड़ता है, लेकिन सरकार को उनकी कुछ भी नहीं पड़ी है। भाजपा सरकार ने कहा था कि 25 लाख रोजगार मिलेंगे, क्या किसी को रोजगार मिला? भाजपा सरकार ने कहा था कि खंड छह, जिससे असम की संस्कृति सुरक्षित रहती है, लागू करेंगे, नहीं किया गया। सीएए को लागू नहीं करने की बात की गई थी, लेकिन सत्ता में आते ही सीएए को लागू करने की बात की गई। उन्होंने कहा कि चाय के बगानों में न चिकित्सा की सुविधा है, न टाॅयलेट की। भाजपा की सरकार रिमोट की सरकार है, असम गण परिषद् को दिल्ली परिषद् बना दिया गया है। दिल्ली से असम की सरकार को चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विगत दिवस प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपको दो-दो इंजन की सरकार मिलेगी, इस पर प्रियंका ने तंज कसा कि क्या पता कौन सा इंजन कौन से ईंधन से चलेगा और क्या-क्या करेगा। भाजपा का मकसद सिर्फ राजनीति है। उन्होंने कहा कि पीएम ने कहा कि कांग्रेस ने पूर्व में असम की संस्कृति का विनाश किया। इससे पहले जो तरूण गोगोई कांग्रेस के नेता थे, जिनकी रगों में असमिया संस्कृति बसी हुई थी, उनके गुजर जाने के बाद, पीएम ऐसी बातें कर रहे हैं, जो कि उन्हें शोभा नहीं देता है। उन्होंने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी तंज कहा। प्रियंका ने कहा कि यूपी के सीएम यहां आये और श्रीमन् शंकरदेव के बारे में गलत तरीके से जिक्र किया, इतना भी आदर नहीं किया कि वे उनके बारे में जानें। प्रियंका ने कहा कि भाजपा की नीतियां सिर्फ उद्योगपति मित्रों को मजबूत बनाने के लिए है। गोपीनाथ के नाम पर सरकारी पैसे से बनाया गया एयरपोर्ट उद्योगपति मित्र को दिया जा रहा है। एआईसीबी को प्राईवेट करने की योजना है। उन्होंने कहा कि असम के लोगों की जमीन हड़पने की कोशिश की गई। जब असम के लोगों ने इसका विरोध किया, तो महिलाओं पर लाठियां बरसाई गईं। किसानों को जेल में डाल दिया गया। भाजपा जमीन, एयरपोर्ट, रिफाईनर, यहां तक कि असम के चिड़ियाघरों के ब्लैक पैंथर भी अपने उद्योपगति मित्रों को दे रही है। सीएए से असम की संस्कृति को बर्बाद करना चाहती है। उन्होंने कहा कि असम में 40 लाख बेरोजगार हैं। हर छठा बीए पास व 10वां एमए पास व्यक्ति बेरोजगार है। असम के युवाओं को दिल्ली, मुम्बई, बंगलूरू जाना पड़ता है। वहां भी उन्हें सम्मान नहीं मिलता। प्रियंका ने कहा कि आप सभी को जो भी आपके पास आये, उससे नौकरी, रोजगार, भविष्य मांगना चाहिए। यह आपके आत्मसम्मान की बात है। चाय बगान के श्रमिकों को आज तक ट्राईब्स का दर्जा नहीं दिया गया है। हर ओर से भाजपा ने धोखा किया है। आप उन पर कैसे विश्वास कर सकते हैं। पांच साल तक आपने भाजपा को झेला है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कांग्रेस की सरकार थी, हो सकता है, कांग्रेस सरकार से भी गलती हुई हैं, लेकिन असम का विकास तो हुआ, सीएए तो नहीं थोपा गया। उन्होंने कहा कि जो आपके साथ हुआ, आपको पता है। आपसे बेहतर कोई नहीं जानता। अब आपको बहुत सोच समझकर निर्णय करना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आपके लिए पांच गारंटी लेकर आई है। अगर कांग्रेस की सरकार बनी, तो यह गारंटी हर हाल में पूरी होगी।

कांग्रेस का शासन, 'आतंकवाद' का नंगा नाच

जोनाई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को एक चुनावी रैली में कहा, कि भाजपा ने बीते पांच वर्षों के दौरान असम में शांति और विकास सुनिश्चित किया है। असम में आज सोमवार को अपनी तीन चुनावी रैलियों में से पहली रैली को संबोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि पांच साल पहले जब कांग्रेस राज्य की सत्ता में थी, तब आंदोलन, हिंसा, बम विस्फोट, लोगों की मौत होना और कर्फ्यू लगना आम बात थी। शाह ने कहा, ”आतंकवाद का नंगा नाच चारों ओर चल रहा था।” उन्होंने कहा, ”(कांग्रेस नेता) राहुल गांधी असम की ‘अस्मिता’ की रक्षा की बात करते हैं। लेकिन आज मैं उनसे सार्वजनिक रूप से पूछना चाहता हूं, कि क्या कांग्रेस एआईयूडीएफ प्रमुख बदरूद्दीन अजमल को अपनी गोदी में बैठाकर यह कर पाएगी?” शाह ने कहा कि यदि अजमल सत्ता में आ गए, तो क्या ”असम घुसपैठियों से सुरक्षित रह पाएगा? क्या लोग चाहते हैं कि राज्य में और घुसपैठिए आ जाएं?”

रविवार, 21 मार्च 2021

जब लोग डूब रहे थे, असम क्यों नहीं आए पीएम ?

जोरहाट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को आरोप लगाया, कि वह 22 वर्षीय महिला के एक ट्वीट से दुखी हैं। लेकिन, असम में आयी बाढ़ से तबाह हुए लोगों के लिए नहीं। मोदी के असम के चाबुआ में एक चुनावी रैली में टूलकिट और कांग्रेस की कथित साजिश का मुद्दा उठाने के एक दिन बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि मोदी बाढ़ के दौरान लोगों की परेशानियों को लेकर चुप थे। कोरोना वायरस महामारी के दौरान ब्रह्मपुत्र में आई पिछले साल की बाढ़ से करीब 28 लाख लोग प्रभावित हुए थे। प्रियंका ने कहा, कि मैं कल प्रधानमंत्री का भाषण सुन रही थी। उन्होंने बहुत गंभीरता से कहा कि वह एक घटना से बहुत दुखी हैं। मुझे लगा वह असम के विकास के बारे में या असम में भाजपा ने कैसा काम किया। इस बारे में बोलेंगे। लेकिन मैं यह सुनकर हैरान रह गई, कि प्रधानमंत्री 22 वर्षीय महिला (दिशा रवि) के एक ट्वीट के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, कि कांग्रेस ने असम के चाय उद्योग को खत्म करने की साजिश रची। वह कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया पर दो गलत तस्वीरें गलती से डालने को लेकर भी दुखी थे। उन्होंने मोदी से सवाल किया कि वह बाढ़ से प्रभावित लोगों और सीएए विरोधी आंदोलन के लिए दुखी क्यों नहीं हैं। जिसमें पांच युवक मारे गए। कांग्रेस नेता ने मोदी से सवाल किया, कि आप तब असम क्यों नहीं आए जब लोग डूब रहे थे? आप तब दुखी क्यों नहीं थे। जब भाजपा द्वारा किए सभी बड़े वादे पूरे नहीं किए ? क्या आप चाय बागान गए और कामगारों से उनकी दिक्कतों के बारे में बात की ? असम में डबल इंजन की सरकार वाले प्रधानमंत्री के चर्चित बयान के बारे में प्रियंका ने मजाक उड़ाते हुए कहा, कि शकि राज्य में अभी दो मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने शक्तिशाली मंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के बीच सत्ता को लेकर चल रही खींचतान का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके पास डबल इंजन की सरकार है। लेकिन असम के पास दो मुख्यमंत्री हैं। मुझे नहीं पता कि कौन से ईंधन से कौन-सा इंजन चलेगा। असम में असम सरकार नहीं चल रही है। भगवान आपको बचाए। कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने युवाओं, किसानों और चाय बागान श्रमिकों समेत समाज के सभी वर्गों के साथ धोखा किया है। क्योंकि, उसने पांच साल पहले किया अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया।

मंगलवार, 16 मार्च 2021

408 उम्मीदवारों में से 28 के नामांकन खारिज किए

गुवाहाटी। असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिये नामांकन दाखिल करने वाले कुल 408 उम्मीदवारों में से 28 के नामांकन पत्र जांच के दौरान खारिज कर दिये गए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि एक अप्रैल को होने वाले चुनाव के दूसरे चरण के लिये 39 सीटों पर 408 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किये थे। जिनमें से सोमवार को जांच के दौरान 28 उम्मीदवारों का नामांकन खारिज कर दिया गया। दूसरे चरण के लिये नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 17 मार्च है। इस बीच, छह अप्रैल को होने वाले तीसरे और अंतिम चरण के चुनाव के लिये अब तक सात उम्मीदवार अपने नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। कोकराझार से लोकसभा सांसद नव कुमार सरानिया ने बारमा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया। असम गण परिषद से तीन बार विधायक रहे भूपेन रॉय ने अभयपुरी उत्तर से नामांकन भरा है। तीसरे चरण के लिये नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 19 मार्च है। 20 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 22 मार्च तक नाम वापस लिये जा सकते हैं।

रविवार, 14 मार्च 2021

असम में आतंकवाद-उग्रवाद कम हुआ: राजनाथ

दिसपुर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि असम में आतंकवाद एवं उग्रवाद कम हुआ है। जिससे सरकार की विकास गतिविधियों को गति मिली है। यहां एक चुनाव रैली को संबोधित कर रहे राजनाथ सिंह ने कहा कि असम में शांति लौटी है और राज्य में गत पांच साल के भाजपा शासन के दौरान दर्जनों उग्रवादी संगठनों ने हथियार डाले हैं। उन्होंने कहा, कि जब मुझसे विश्वनाथ आने को कहा गया तो वर्ष 2014 में हुई आदिवासियों के नरसंहार की घटना मेरे दिमाग में आई लेकिन अब हालात सुधर गए हैं। इलाके में शांति बहाल होने से बेहतर और कोई खबर नहीं हो सकती। आदिवासियों की हत्या की घटना के समय गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में जब कार्यभार संभाला तो केंद्र ने आतंकवाद और उग्रवाद को खत्म करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने कहा कि असम के हालात में बहुत सुधार आया है। राज्य प्रगति के पथ पर है।

मैच: केकेआर ने आरसीबी को 1 रन से हराया

मैच: केकेआर ने आरसीबी को 1 रन से हराया  मिनाक्षी लोढी कोलकाता। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 के मैच नंबर-36 में कोलकाता नाइट राइडर्स (के...