मंगलवार, 11 मार्च 2025

स्ट्रोक: वैक्सीन विकसित करने का दावा किया

स्ट्रोक: वैक्सीन विकसित करने का दावा किया 

सुनील श्रीवास्तव 
बीजिंग। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए चीन के वैज्ञानिकों ने स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी घातक बीमारियों की रोकथाम के लिए एक संभावित वैक्सीन विकसित करने का दावा किया है। यह वैक्सीन एथेरोस्क्लेरोसिस यानी धमनियों में फैटी प्लाक के निर्माण को रोकने में कारगर हो सकती है, जो रक्त के थक्के बनने, स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी स्थितियों के लिए जिम्मेदार मानी जाती है। 

क्या है एथेरोस्क्लेरोसिस ? 

एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर की धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के जमाव के कारण प्लाक बनता है। यह प्लाक धीरे-धीरे धमनियों को संकीर्ण कर देता है, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित होता है। इसके कारण व्यक्ति को स्ट्रोक, एन्यूरिज्म और दिल के दौरे जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, यह एक सूजन संबंधी बीमारी है, जिसे शरीर की जन्मजात और अनुकूली प्रतिरक्षा प्रणाली नियंत्रित करने का प्रयास करती है। अब तक इस स्थिति का निदान स्कैनिंग के जरिए किया जाता था और इलाज के लिए एंजियोप्लास्टी जैसी जटिल सर्जिकल प्रक्रियाएं अपनाई जाती थीं, जिसमें स्टेंट के माध्यम से अवरुद्ध धमनियों को फिर से खोला जाता है। लेकिन चीन की नई वैक्सीन इस गंभीर बीमारी को रोकने के लिए एक गैर-आक्रामक विकल्प के रूप में सामने आई है। 

वैश्विक स्तर पर हृदय रोगों की भयावह स्थिति 

हृदय रोग आज के समय में दुनिया भर में मृत्यु के सबसे बड़े कारणों में से एक बन चुका है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, हर 34 सेकंड में एक व्यक्ति हृदय रोग के कारण जान गंवा देता है। ऐसे में यदि दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थितियों को रोकने के लिए कोई प्रभावी वैक्सीन विकसित हो जाती है, तो यह चिकित्सा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम होगा और लाखों जानें बचाई जा सकेंगी। 

कैसे काम करती है वैक्सीन ? 

चीन की नानजिंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह वैक्सीन नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन का हिस्सा है। इसमें बताया गया है कि यह वैक्सीन चूहों में एथेरोस्क्लेरोसिस के विकास को कम करने में सक्षम रही है। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह वैक्सीन विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए नैनोकणों का उपयोग करती है। इनमें 'p210' नामक एक एंटीजन को छोटे आयरन ऑक्साइड नैनोपार्टिकल्स पर चिपकाया जाता है। यह p210 प्रोटीन पहले के अध्ययनों में एथेरोस्क्लेरोसिस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सक्रिय करने में सहायक पाया गया है। इसके साथ ही, वैक्सीन में एक सहायक पदार्थ भी जोड़ा गया है, जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को और प्रभावी बनाने में मदद करता है। यह दो-आयामी (2D) नैनो वैक्सीन डिज़ाइन चूहों की प्रतिरक्षा प्रणाली की 'डेंड्राइटिक कोशिकाओं' को सक्रिय करता है, जो कि प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की पहली पंक्ति होती हैं। इस प्रक्रिया से अंततः p210 के खिलाफ एंटीबॉडीज का उत्पादन शुरू होता है, जो धमनियों में प्लाक बनने से रोकते हैं। 

परिणाम और भविष्य की योजना 

अध्ययन के अनुसार, यह वैक्सीन चूहों को उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले आहार पर रखने के बावजूद धमनियों में प्लाक के जमाव को काफी हद तक रोकने में सफल रही। वैज्ञानिकों ने इस तकनीक को "रोगनिरोधी उपचार के लिए एक संभावित उम्मीदवार" बताया है। हालाँकि यह वैक्सीन अभी सिर्फ चूहों पर सफल रही है, लेकिन इससे उम्मीद की जा रही है कि आगे चलकर यह इंसानों पर भी असरदार सिद्ध हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगला कदम यह होगा कि वे यह अध्ययन करें कि यह वैक्सीन चूहों को कितने समय तक एथेरोस्क्लेरोसिस से सुरक्षित रखती है और इसके दीर्घकालिक प्रभाव क्या हो सकते हैं। 

अभी आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं 

इस वैक्सीन को फिलहाल आम लोगों तक पहुंचने में समय लगेगा क्योंकि इसके लिए बड़े पैमाने पर ह्यूमन ट्रायल और अन्य परीक्षणों की आवश्यकता है। इसके सुरक्षा मानकों को प्रमाणित किए बिना इसे बाजार में उतारना संभव नहीं होगा। लेकिन इस दिशा में किया गया यह प्रयास आने वाले वर्षों में हृदय रोगों के इलाज और रोकथाम के तौर-तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। 
चीन द्वारा विकसित यह संभावित वैक्सीन न केवल चिकित्सा विज्ञान में एक नई दिशा खोलती है, बल्कि दुनिया भर में लाखों लोगों को दिल की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने की उम्मीद भी देती है। स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी स्थितियां जिनके इलाज में अब तक महंगे और जटिल सर्जिकल विकल्प ही थे, अब एक टीके से रोकी जा सकेंगी। यह अपने आप में चिकित्सा क्षेत्र की एक ऐतिहासिक उपलब्धि हो सकती है। अगर आने वाले वर्षों में यह वैक्सीन इंसानों पर भी उतनी ही प्रभावी सिद्ध होती है, जितनी यह प्री-क्लिनिकल ट्रायल्स में रही है, तो यह दुनिया भर में हृदय स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ी खोजों में से एक मानी जाएगी। 

'होली' पर्व: डीजीपी ने सख्त निर्देश जारी किए

'होली' पर्व: डीजीपी ने सख्त निर्देश जारी किए 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। यूपी में होली को लेकर डीजीपी प्रशांत कुमार ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि होली में कोई नई परंपरा शुरू न हो। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि होलिका के जिन स्थानों पर पूर्व में विवाद हो चुका है। 
वहां वरिष्ठ अधिकारी स्वयं भ्रमण करें। होलिका दहन के समय अग्निशमन वाहनों के साथ पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएं। डीजीपी मंगलवार को होली समेत आगामी त्योहारों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मातहतों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि होली शुक्रवार (जुमे) के दिन होने की वजह से अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएं। अराजक तत्वों को चिन्हित कर निरोधात्मक कार्रवाई करें। बीते वर्षों में होली से संबंधित विवादों एवं मुकदमों की समीक्षा करके प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई करा ली जाएं। मिश्रित आबादी के क्षेत्रों, जुलूस के मार्गों विशेषकर जंक्शन प्वाइंट्स एवं कम्युनल हॉट स्पॉट्स पर पर्याप्त जनशक्ति की तैनाती करें। सीसीटीवी व ड्रोन कैमरा से चेकिंग भी कराएं। त्योहार पर कोई नई परंपरा शुरू करने की अनुमति न दी जाएं। 
क्विक रिस्पांस टीमें बनाकर दंगा नियंत्रण उपकरणों सहित तैयारी हालत में रखा जाएं। सभी राजपत्रित अधिकारियों, थाना, चौकी तथा बीट स्तर के कर्मियों को भी सचेत व सक्रिय रखा जाएं। हर छोटी से छोटी सूचना को भी गंभीरता से लेकर तत्परता से विधिक कार्रवाई करें। 
अवैध जहरीली शराब से होने वाली किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए आबकारी विभाग एवं स्थानीय मजिस्ट्रेट से समन्वय स्थापित कर सचल दस्ते के रूप में छापेमारी व आकस्मिक चेकिंग की जाए। अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखें और आकस्मिक चिकित्सा सेवाएं दिन-रात सुचारू रहें। 

सभी लोग हर्षोल्लास के साथ मनाएं 'होली' का पर्व

सभी लोग हर्षोल्लास के साथ मनाएं 'होली' का पर्व 

अजीत कुशवाहा 
कौशाम्बी। होली त्यौहार के पूर्व सड़क पर पैदल भ्रमण में पुलिस फोर्स के साथ निकले कोखराज कोतवाल चंद्रभूषण मौर्य ने कहा कि होली के त्यौहार को सभी लोग हंसी-खुशी, हर्षोल्लास के साथ मनाएं। उन्होंने कहा कि होली के त्यौहार में खलल डालने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। पैदल भ्रमण के दौरान उन्होंने आम जनमानस से वार्ता करते हुए गांव में होलिका दहन के स्थान की जानकारी ली और लोगों से कहा कि वह शांति तरीके से होलिका का दहन करें और दूसरे दिन रंग के त्यौहार को हर्ष उल्लास के साथ मनाएं। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति होली के त्यौहार में माहौल खराब करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई कर जेल भेज दिया जाएगा। 
उन्होंने कहा कि आपसी भाईचारे के साथ होली के त्यौहार मनाए कोखराज कोतवाल ने क्षेत्र के लोगों से अपील किया है कि होली के त्यौहार में किसी प्रकार की अशांति की स्थिति की आशंका होती है तो वह पुलिस के फोन नंबर पर जरूर बताएं भ्रमण के दौरान पुलिस ने बाइक वाहनों के अभिलेख की जांच की ओर गलत पाएं जाने पर कई वाहनों का चालान किया संदिग्ध लोगों की जांच पड़ताल कर उन्हें कठोर चेतावनी देते हुए रात में बेवजह सड़क पर भ्रमण ना करने की सलाह दी हैं। इस दौरान चंद्रबली सरोज शकील अहमद अशोक दुबे मोहित सहित समस्त पुलिस स्टाफ पैदल गस्त के दौरान मौजूद रहें। 

भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया

भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। पाकिस्तान की मेजबानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब अपने नाम किया। टूर्नामेंट को हाइब्रिड मोड में खेला गया था। फाइनल सहित टीम इंडिया के सभी मुकाबले में दुबई में खेले गए। 
भारतीय टीम अगर नॉकआउट में नहीं पहुंचती तो फिर सेमीफाइनल और फाइनल मैच पाकिस्तान में ही होता, लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा। मेजबान पाकिस्तान खुद ही बिना कोई मैच जीते लीग स्टेज से बाहर हो गई। वहीं टीम इंडिया फाइनल में पहुंची तो मुकाबला पाकिस्तान से बाहर हुआ। ऐसे में मेजबान पाकिस्तान अपनी ही बुलाई दावत में मेहमान बनकर रह गया। मेजबान होते हुए भी पाकिस्तान फाइनल मैच अपने देश में नहीं करा सका। फाइनल मैच में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट हराया। मेजबानी में हुई इस फजीहत के गम से पाकिस्तानी टीम अभी बाहर निकल भी नहीं पाई थी कि आईसीसी ने उसे एक और झटका दे दिया। दरअसल आईसीसी ने चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के बाद एक खास टीम का ऐलान किया, जिसमें पाकिस्तान के खिलाड़ी नदारद रहें। 
चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल के बाद आईसीसी ने टूर्नामेंट ऑफ द टीम का ऐलान किया गया। इसमें मेजबान पाकिस्तान के एक भी खिलाड़ी को शामिल नहीं किया गया। सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश के खिलाड़ी भी इस टीम में जगह नहीं पा सके। टूर्नामेंट ऑफ द टीम में सिर्फ भारत, न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान के खिलाड़ियों को शामिल किया गया। 
इस टीम में सबसे ज्यादा भारत के 6 खिलाड़ियों को जगह मिली। वहीं न्यूजीलैंड की तरफ से 4 खिलाड़ियों को शामिल किया गया, जबकि अफगानिस्तान के 2 खिलाड़ी हैं। टीम की कप्तानी कीवी खिलाड़ी मिचेल सैंटनर को मिली, जबकि केएल राहुल टीम के विकेटकीपर नियुक्त किए गए। इस तरह आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 खत्म होने के बाद भी भारतीय टीम का झंडा बुलंद रहा। 
आईसीसी टूर्नामेंट ऑफ द टीम- इब्राहिम जादरान, रचिन रविंद्र, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), ग्लेन फिलिप्स, अजमतुल्लाह ओमारजई, मिचेल सैंटनर (कप्तान), मोहम्मद शमी, मैट हेनरी, वरुण चक्रवर्ती और अक्षर पटेल। 

हथियारों का दूसरा बड़ा आयातक बना 'भारत'

हथियारों का दूसरा बड़ा आयातक बना 'भारत' 

अखिलेश पांडेय 
नई दिल्ली/पेरिस। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत दुनिया में हथियारों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक बन गया है। पहले स्थान पर यूक्रेन है, जिसने रूस युद्ध के कारण सबसे अधिक हथियार खरीदे हैं। 
फ्रांस 2020 से 2024 के बीच वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बनकर सामने आया है। इस अवधि के दौरान, उसने कुल 65 देशों को हथियारों की आपूर्ति की। 
भारत फ्रांसीसी हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार बना, जिसने फ्रांस के कुल हथियार निर्यात में 28% की हिस्सेदारी हासिल की। इसके बाद कतर 9.7% के साथ दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक रहा। राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस द्वारा निर्यात किए जाने वाले प्रमुख हथियारों में शामिल है। 

भारत की रूस से हथियारों की निर्भरता घटी 

पिछले पांच वर्षों में रूस के हथियार निर्यात में 64% की भारी गिरावट दर्ज की गई है। इसके बावजूद, भारत रूस से हथियार खरीदने वाला सबसे बड़ा देश बना हुआ है, जो उसके कुल निर्यात का 38% हिस्सा प्राप्त करता है। पिछले पांच वर्षों में भारत की रूस पर हथियारों की निर्भरता 64 फीसदी घट गई है। इस दौरान, भारत ने अपने रक्षा आपूर्ति को बनाए रखने के लिए फ्रांस, इज़राइल और अमेरिका जैसे देशों से सहयोग लिया है। इसके परिणामस्वरूप इन देशों से हथियारों की आपूर्ति में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 

शीर्ष तीन देशों में भारत नहीं था शामिल 

बता दें कि भारत रूस से हथियार खरीदने वाला सबसे बड़ा देश था, जबकि चीन इस सूची में दूसरे स्थान पर था, जिसने अपने कुल वैश्विक हथियार आयात का 17 प्रतिशत रूस से प्राप्त किया। इसके अलावा, भारत फ्रांस और इजरायल से भी बड़े पैमाने पर हथियार खरीदता रहा, जहां फ्रांस से 28 प्रतिशत और इजरायल से 34 प्रतिशत हथियारों का आयात किया गया। हालांकि, अमेरिका से हथियार खरीदने वाले शीर्ष तीन देशों में भारत शामिल नहीं था। 

रिपोर्ट में ये भी कहा गया 

SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक बन गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत की रूस पर निर्भरता घट रही है, जबकि फ्रांस और अन्य पश्चिमी देशों के साथ उसके रक्षा संबंध तेजी से मजबूत हो रहे हैं। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-71, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बुधवार, मार्च 12, 2024

3. शक-1945, माघ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-त्रयोदशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 22 डी.सै., अधिकतम- 17 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

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