शुक्रवार, 7 मार्च 2025

चीन ने जापान पर 'एटम' हमले की धमकी दी

चीन ने जापान पर 'एटम' हमले की धमकी दी 

अखिलेश पांडेय 
बीजिंग/टोक्यो। ताइवान से बढ़ते तनाव के बीच चीन ने जापान को बड़ी धमकी दी है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने जापान पर एटम हमले की धमकी दी है। चीन ने कहा है कि जापान को हिरोशिमा और नागासाकी के बारे को नहीं भूलना चाहिए। हम उससे भी ज्यादा दर्द दे सकते हैं। ब्लूमवर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी टैरिफ पर बात करते हुए चीन के विदेश मंत्री ने जापान पर भी निशाना साधा. वांग यी ने कहा कि जापान हिरोशिमा पर हुए एटम हमले का 80 वर्ष पूरे करने जा रहा है। हम उसे संवेदना जाहिर कर रहे हैं, लेकिन अगर जापान नहीं सुधरता है, तो हम उससे ज्यादा दर्द दे सकते हैं। 

टोक्यो के शह पर उड़ रहा ताइवान 

चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि ताइवान हमारा हिस्सा है। टोक्यो के शह पर उसके लोग उड़ रहे हैं। जापान जानबूझकर चीन में अस्थिरता पैदा करना चाह रहा है। वांग यी ने कहा कि एशिया के किसी भी देश में कोई प्रतिद्वंदिता नहीं है, सब ठीक है। वांग यी ने आगे कहा कि चीन की कोशिश पूरी दुनिया में शांति बहाल करने की है. हम शांति के पक्षधर हैं। चीन चाहता है कि रूस और यूक्रेन में तुरंत शांति समझौता हो जाएं। हालांकि, यूक्रेन में शांति सेना भेजने को लेकर वांग यी ने कोई बयान नहीं दिया। 

2 बार डराने की भी कोशिश की 

पिछले दिनों चीन ने जापान को डराने के लिए उसके सीमा में फाइटर जेट और जंगी जहाज भेज दिया, जिसके बाद जापान के अधिकारी हरकत में आ गए। जापान ने चीन पर उकसावे का आरोप लगाया। चीन और ताइवान के जल सेना में कुछ दिनों पहले झड़प हो गई थी। चीन ने प्रशांत महासागर में मजबूत मोर्चेबंदी कर दी है। वहीं, अमेरिका भी उसे लगातार शह दे रहा है। ताइवान ने अमेरिका से हथियार खरीदने का फैसला किया है। वहीं, चीन का कहना है कि ताइवान जापान के जरिए मजबूत होने की कोशिशों में जुटा है। 

'जीआईएस' बेस्ड महायोजना का खाका तैयार किया

'जीआईएस' बेस्ड महायोजना का खाका तैयार किया 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। जीआईएस बेस्ड महायोजना के तहत शहरों के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलने के साथ ही शहरीकरण की दिशा में रफ्तार मिलेगी। इस योजना में शहरों की सड़कों, जल निकासी प्रणाली, ग्रीन स्पेस, ट्रैफिक मैनेजमेंट और सार्वजनिक सुविधाओं पर फोकस रहेगा। 
योगी सरकार ने जीआईएस (ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम) बेस्ड महायोजना का खाका तैयार किया है। इसके तहत प्रदेश के 59 शहरों का उन्नत तकनीक और हाईटेक सुविधाओं से विकास किया जाएगा। इस फैसले से प्रदेश के विभिन्न शहरों को शहरीकरण की सही दिशा मिलेगी और शहरों के बुनियादी ढांचे को और अधिक मजबूत किया जाएगा। सीएम योगी ने महायोजना के तहत 35 शहरों को आधुनिकीकरण के लिए मंजूरी दे दी है। वहीं शेष को जल्द ही हरी झंडी दे दी जाएगी। इन शहरों में अयोध्या, अलीगढ़, सहारनपुर, देवरिया, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, मथुरा, आजमगढ़, प्रयागराज, बरेली, गाजीपुर, रामनगर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर और मुजफ्फरनगर सहित अन्य शहर शामिल हैं। इन शहरों में उन्नत तकनीकी विकास और आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। 
योगी सरकार जीआईएस तकनीक का उपयोग करके शहरों को वैज्ञानिक और डेटा-आधारित बनाएगी। इसके जरिये शहरों की सड़कों, जल निकासी प्रणाली, ग्रीन स्पेस, ट्रैफिक मैनेजमेंट, सार्वजनिक सुविधाओं और पर्यावरणीय मामलों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार की जाएंगी। इस तकनीक से शहरी क्षेत्रों में अव्यवस्थित विकास को रोकने और योजनाबद्ध तरीके से बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी। महायोजना के तहत शहरों को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा सके। इन शहरों में ट्रैफिक जाम और अनियंत्रित वाहनों की समस्या को दूर करने के लिए आधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा। बारिश के पानी की निकासी और जलभराव से बचाव के लिए प्रभावी जल निकासी प्रणालियों का निर्माण किया जाएगा। 
वहीं बसों, मेट्रो और अन्य सार्वजनिक परिवहन को अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाया जाएगा। इसके साथ ही शहरों में ग्रीन बेल्ट विकसित किए जाएंगे और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए नए पौधे लगाए जाएंगे। 
योगी सरकार की महायोजना से न केवल शहरों के बुनियादी ढांचे का विकास होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। विभिन्न निर्माण कार्यों, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट सिस्टम और टेक्नोलॉजी आधारित सेवाओं से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। जीआईएस आधारित योजना से शहरी विकास में पारदर्शिता आएगी। इससे अधिकारियों को योजनाओं की सही निगरानी करने और किसी भी क्षेत्र में आवश्यक बदलाव करने में आसानी होगी। साथ ही, सरकार को शहरों के विकास से संबंधित सटीक डेटा मिलेगा, जिससे योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। 

लखनऊ: होल्डर्स समिट-2025 आयोजित हुआ

लखनऊ: होल्डर्स समिट-2025 आयोजित हुआ 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। इंविजिबल स्कार्स फाउंडेशन एवं वनांगना संस्था के संयुक्त तत्वावधान में उत्तर प्रदेश डोमेस्टिक वायलेंस स्टेक होल्डर्स समिट-2025 आयोजित हुआ। दो अलग-अलग पैनल में घरेलू हिंसा की षिकार महिलाओं के लिए सेफ शेल्टर और कानून प्रणाली पर चर्चा हुई। पैनलिस्ट ने अपने विचार व अनुभव साझा किए। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) में शनिवार को आयोजित सम्मिट के पहले पैनल में मॉडरेटर माधवी कुकरेजा (ट्रस्टी वनांगना) ने घरेलू हिंसा पीड़ितों के लिए सुरक्षित आश्रय गृह से संबंधित सवाल पैनलिस्ट के सामने रखे। पैनलिस्ट हिना देसाई (आजमगढ़) ने कहा कि हर महिला के लिए छत, दीवार, खिड़की इत्यादि बहुत जरूरी है। प्रीती (वन स्टाप, लखनऊ)- महिला अपने मायके में भी आहत होती है, लेकिन वह किसी बोल नहीं पाती। अधिकार होने के बाद भी न बोलना गलत बात है। 
महिलाएं हिंसा के खिलाफ आवाज उठाएं।
एकता वीवेक वर्मा (फाउंडर/डायरेक्टर, इंविजिबल स्कार्स फाउंडेशन) ने कहा कि 700 से ज्यादा वन स्टॉप सेंटर है। लेकिन उसके मुकाबले पीड़ित महिलाएं ज्यादा है। इसलिए अब हमें शेल्टर के मुद्दे पर नई सोच बनानी पड़ेगी और शेल्टर को रिमेजिन करना पड़ेगा। हमें कई प्रकार के स्टेकहोल्डर को अपने साथ जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि बड़े अपार्टमेंट परिसर में बिल्डर एक फ्लैट शेल्टर के लिए दे सकते हैं जिससे कि संघर्षशील महिलाओं की बहुत मदद हो जाएगी। शिनजनी सिंह (दसरा) ने कहा कि भारत में दसरा गैर सरकारी संगठनों को 27 लाख करोड़ फंडिंग दे रहा है। खासतौर पर दसरा महिला आजीविका पर काम कर रहा है। लेकिन महिलाओं के लिए काम कर रहीं संस्थाओं को फंड का महज 2 फीसदी ही मिल रहा है। 
इसी तरह दूसरे पैनल में 1090 से आईं व्रिंदा शुक्ला (आईपीएस) ने बताया कि 1090 महिला एवं बाल संरक्षण के लिए चल रहा है। उन्होंने बताया कि वर्श 2022 तक भारत में घरेलू हिंसा के एक लाख 44 हजार केस दर्ज हैं। यूपी में 20,971 केस रहे। कहा कि पर किसी महिला के साथ हिंसा होती है तो वह इमरजेंसी नंबर 112 व 1090 में कॉल करें। 7 से 8 मिनट में पुलिस आपके पास पहुंचेगी। महिला अगर कहती है कि पति ने उसके साथ हिंसा की है तो पुलिस उस पुरुश को थाने लेकर जाएगी। महिला को तत्काल मेडिकल परीक्षण को भेजा जाएगी है। 
रेनू (आली) ने छत्तीसगढ़ के एक केस का हवाला देते हुए बताया कि पति द्वारा महिला के साथ अनैतिक तरीके सेक्स किया गया। जिससे अस्पताल में महिला की मौत हो गई। मृत्यु से पहले महिला ने प्रशासनिक अधिकारी को बयान भी दिया। इसके बाद भी पति को अदालत ने दोशी न मानते हुए छोड़ दिया। यह विडंबना है। इसमें बदलाव की जरूरत है। 
अवधेश गुप्ता (वनांगना) ने बताया कि 2005 में घरेलू हिंसा कानून बना। नारीवादी नजरिए पर काम करने वाली संस्थाओं को इसमें शामिल किया गया। यह पुरुष विरोधी नहीं, हिंसा विरोधी कानून है। वनांगना महिला को केंद्र में रखकर काम कर रही है। रिचा रस्तोगी (हमसफर) ने घरेलू हिंसा कानून में बदलावा के अलावा पुरषों के नजरिए पर भी काम करने की जरूरत है। अगले सत्र में प्रतिभागी संस्थाओं के कार्यकर्ताओं से उनके अनुभव व विचार साझा किए गए। संचालन वीवेक वर्मा ने किया। 
कार्यक्रम में यूपी फील्ड एग्जीक्यूटिव इमरान अली समेत महिला हिंसा पर काम कर रहीं संस्थाओं के मंजू सोनी, रानी, फरहा, हिना कौसर, शिनजनी, प्रवेश, तुलिका व हमीदा (लखनऊ), शादाब (मुजफ्फरनगर), अजहर अली (फिरोजाबाद), राजदेव (आजमगढ़), पुष्पा देवी (हरदोई), ललिता (प्रयागराज), महेंद्र कुमार (बांदा), मोमीना परवीन (बरेली), हबीबुर्रहमान (मुरादाबाद), नीती (बनारस), संध्या सिंह (अंबेडकर नगर), दीपक आर्या (सिद्धार्थ नगर), षुभा मिश्रा (रायबरेली), कुसुम (ललितपुर), नीतू सिंह (चंदौली), ऊषा (जौनपुर), मुन्नी बेगम (जौनपुर) समेत प्रदेश के 40 जनपदों के सामाजिक कार्यकर्ता शामिल की रहें। 

शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हैं 'पनीर का फूल'

शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हैं 'पनीर का फूल' 

सरस्वती उपाध्याय 
आज हम पनीर के फूल नाम के एक खास पौधे की बात कर रहे हैं, जो अपनी औषधीय खूबियों के लिए मशहूर है। इसका साइंटिफिक नाम 'विथानिया कौयगुलांस' है और यह सोलानेसी परिवार से जुड़ा हुआ है। इसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है, जैसे इंडियन चीज मेकर, इंडियन रेनेट, पनीर डोडी, पनीर डोडा और पनीर बेड. संस्कृत में इसे ऋष्यगंधा, उर्दू में पनीर दोडी, हिंदी में पनीर का फूल या पनीर बंद और बंगाली में पनीर फूल कहते हैं। 

पनीर के फूल का इस्तेमाल 

पनीर के फूल का इस्तेमाल न केवल पनीर बनाने के लिए किया जाता है, बल्कि इसके औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में इसे कई बीमारियों से बचाव और उनके इलाज के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। पनीर का फूल आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है। यह टेस्ट में मीठा होता है और इसमें शामक और मूत्रवर्धक गुण पाए जाते हैं। यह नींद न आना, घबराहट, अस्थमा और डायबिटीज जैसी समस्याओं से लड़ने में भी मददगार है। 

डायबिटीज के लिए फायदेमंद 

मौजूदा समय में डायबिटीज एक आम बीमारी बन गई है। यह मेटाबॉलिज्म से जुड़ी कई विकारों का समूह है, जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देता है। यह समस्या तब होती है, जब पैंक्रियाज सही मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता। हम जो खाना खाते हैं, वह शुगर में टूटकर खून में मिल जाता है। जब ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है, तो पैंक्रियाज को इंसुलिन छोड़ने का इशारा मिलता है। हालांकि, डायबिटीज का कोई परमानेंट इलाज नहीं है, लेकिन हेल्दी डाइट, अच्छी लाइफस्टाइल और समय पर दवाइयां लेने से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। 

डायबिटीज में 'पनीर का फूल' 

डायबिटीज के मरीजों को अपने खान-पान पर खास ध्यान देना पड़ता है। आयुर्वेद में कई नेचुरल एलिमेंट्स का इस्तेमाल होता है, जो डायबिटीज के लिए वरदान साबित हो सकते हैं। ऐसा ही एक उपाय है 'पनीर का फूल'। इसे इंडियन रेनेट, विथानिया कोगुलांस या पनीर डोडा के नाम से भी जाना जाता है। यह फूल भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पाया जाता है और अपने औषधीय गुणों के लिए मशहूर है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह काफी फायदेमंद होता है, क्योंकि इसे खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है। हालांकि, औषधीय रूप में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। 

'यंग इंडिया क्लाइमेट कम्युनिटी' का गठन किया

'यंग इंडिया क्लाइमेट कम्युनिटी' का गठन किया 

गोपीचंद 
बागपत। जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्रिय भूमिका निभाने वाले युवा कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने के लिए यूनिसेफ युवा और ब्रिंग बैक ग्रीन फाउंडेशन द्वारा यंग इंडिया क्लाइमेट कम्युनिटी का गठन किया गया है। इस कम्युनिटी में बागपत जिले के ट्यौढी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अमन कुमार को भी सदस्यता दी गई है। यंग इंडिया क्लाइमेट कम्युनिटी, नेशनल यूथ क्लाइमेट कंसोर्टियम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में कार्यरत प्रभावशाली युवा कार्यकर्ताओं को एक मंच पर लाना और उन्हें नीति निर्माण एवं सामुदायिक कार्यों से जोड़ना है। इस चयन के बाद, अमन कुमार को देशभर में जलवायु परिवर्तन से जुड़े अभियानों, नीति निर्माण, शोध और कार्यान्वयन में योगदान देने का अवसर मिलेगा। 
अमन कुमार को इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर-कमलों से राज्य का सर्वोच्च युवा पुरस्कार, स्वामी विवेकानंद यूथ अवार्ड प्रदान किया जा चुका है। वे ग्रामीण युवाओं के विकास और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कई अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। 
वर्तमान में अमन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से समाज कार्य में अध्ययनरत है और माय भारत, हंड्रेड, यूनेस्को, यूनिसेफ आदि संस्थानों से जुड़े है। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-67, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. शनिवार, मार्च 08, 2024

3. शक-1945, माघ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-नवमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम- 19 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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'राष्ट्रपति' ने विकास के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट किया

'राष्ट्रपति' ने विकास के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट किया  अखिलेश पांडेय  औगाडौगू। वर्तमान में वैश्विक वातावरण अस्थिर हो रहा है। कई देशों...