कई देशों पर ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ लागू करेंगे ट्रंप
सुनील श्रीवास्तव
वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वह 2 अप्रैल से कई देशों पर ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ (जवाबी टैरिफ) लागू करेंगे। इसमें भारत, ब्राजील और चीन जैसे देश शामिल हैं। ट्रंप ने मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि ये कदम अनुचित व्यापार प्रथाओं के जवाब में उठाया जा रहा है। हालांकि, भारत को उम्मीद है कि वह चल रही व्यापार वार्ताओं के जरिए इन टैरिफ से बच सकता है। ट्रंप ने व्यापार संतुलन बनाने के लिए जवाबी टैरिफ लगाने की मंशा जाहिर की, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की चिंताएं बढ़ गई हैं। ट्रंप की इस घोषणा के समय भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका में व्यापार वार्ता के लिए लगभग एक सप्ताह की यात्रा पर हैं।
व्यापार वार्ता से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच सकारात्मक वार्ता जारी है और दोनों पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं। इनमें शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को हल करने पर चर्चा हो रही है।
एक सूत्र ने कहा, “वाणिज्य मंत्री गोयल के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में महत्वपूर्ण बैठकें कर रहा है। हमने 2025 के अंत तक एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) का पहला चरण पूरा करने पर सहमति बनाई है।”
एक अन्य सूत्र ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल 13 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई बैठक में तय किए गए संयुक्त बयान के अनुसार व्यापार मामलों पर विचार करेगा। ट्रंप प्रशासन के इस कदम से उभरते बाजारों में चिंता जरूर बढ़ी है, लेकिन अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने बुधवार को संकेत दिया कि अमेरिका मैक्सिको और कनाडा पर लगाए गए कुछ शुल्क वापस लेने पर विचार कर सकता है। इस बयान के बाद भारतीय शेयर बाजार सहित एशियाई शेयर बाजारों में तेजी देखी गई। इस बीच पीयूष गोयल 3 से 8 मार्च तक अमेरिका में हैं। इस दौरान वह अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर और वाणिज्य सचिव लुटनिक से मिलेंगे।
एक अन्य सूत्र के अनुसार, “इस बैठक में द्विपक्षीय व्यापार समझौते का रोडमैप तैयार करने पर बातचीत होगी।”
सूत्रों के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ (EU) और ब्रिटेन के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए पहले ही ऑटोमोबाइल पर शुल्क कम करने जैसे मुद्दों पर विचार कर रहा है। अमेरिकी प्रशासन लंबे समय से अमेरिकी ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए भारत में शुल्क कटौती की मांग कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग प्रतिस्पर्धात्मक है और अमेरिकी कंपनियों का मुकाबला करने में सक्षम है, बशर्ते अमेरिका भी भारतीय कंपनियों को उचित व्यापार अवसर प्रदान करें।
अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में अपने लंबे भाषण में ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत, चीन, कनाडा, मैक्सिको और यूरोपीय संघ अमेरिका पर अनुचित व्यापार शुल्क लगाते हैं। उन्होंने कहा, “अगर आप अमेरिका में अपना उत्पाद नहीं बनाते… तो आपको शुल्क देना होगा, और कुछ मामलों में यह काफी अधिक होगा। अन्य देश दशकों से हम पर शुल्क लगा रहे हैं, अब हमारी बारी है।” उन्होंने भारत का नाम लेकर कहा, “भारत हमारे ऑटोमोबाइल पर 100% से ज्यादा शुल्क लगाता है, चीन हमारे उत्पादों पर दोगुना शुल्क लगाता है, और दक्षिण कोरिया हमसे चार गुना अधिक शुल्क लेता है। यह अन्यायपूर्ण व्यवस्था अब खत्म होगी।” ट्रंप ने स्पष्ट किया कि 2 अप्रैल से शुरू होने वाले इन टैरिफ का मकसद व्यापार असंतुलन को ठीक करना है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि की वेबसाइट के अनुसार, 2024 में भारत और अमेरिका के बीच कुल व्यापार $129.2 अरब था, जिसमें भारत से अमेरिका को निर्यात $87.4 अरब और अमेरिका से भारत को निर्यात $41.8 अरब था।
13 फरवरी को वॉशिंगटन में मोदी-ट्रंप की बैठक में 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $500 अरब से अधिक करने का लक्ष्य तय किया गया था। इसके लिए दोनों देशों ने 2025 के अंत तक एक बहुपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) का पहला चरण पूरा करने की योजना बनाई है।
संयुक्त बयान के अनुसार, “भारत और अमेरिका व्यापार क्षेत्र में नए, निष्पक्ष समझौतों के लिए काम करेंगे।” इसमें बाजार पहुंच बढ़ाने, शुल्क और गैर-शुल्क बाधाएं कम करने, और आपूर्ति श्रृंखला को गहरा करने जैसे मुद्दों पर सहमति बनी है। हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप ने 2 अप्रैल से ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ लागू करने की घोषणा की है, लेकिन भारत-अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता से किसी संभावित समाधान की उम्मीद बनी हुई है। आगामी दिनों में दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर नई घोषणाएं संभव हैं।