रविवार, 2 मार्च 2025

कौशाम्बी: 'पीस कमेटी' की मीटिंग बुलाई गई

कौशाम्बी: 'पीस कमेटी' की मीटिंग बुलाई गई 

अजीत कुशवाहा 
कौशाम्बी। आगामी होली व रमजान के त्यौहारों के साथ साथ होने के सम्बंध में कोखराज थाना प्रभारी निरीक्षक चन्द्र भूषण मौर्य के तत्वावधान में रविवार को पीस कमेटी की मीटिंग बुलाई गई। एसओ कोखराज ने कहा कि होलिका दहन के लिए उपयुक्त जगह पर ही रखे इस पर विशेष ध्यान रखना होगा कि होलिका दहन के ऊपर कोई विजली का तार न हो न ही, कोई मकान नजदीक हो, जिससे किसी का नुकसान हो। हिन्दू मुस्लिम दोनों समुदायों को आपस में मिलजुलकर शांतिपूर्ण तरीके से त्योहारों को मनाने के लिए कहा जिससे आपसी भाईचारा बना रहे सभी के विचारों को ध्यानपूर्वक सुनते हुए प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि यदि किसी को किसी प्रकार की कोई समस्या आती हैं, तो तत्काल सीयूजी नम्बर पर सूचना दे यदि कोई भी ब्यक्ति त्योहार में माहौल खराब करता है तो उसके साथ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। 
पीस कमेटी की बैठक में ग्राम प्रधान शिवलाल पूर्व प्रधान देश राज,कोटेदार भोला,व नगरपालिका भरवारी सभासद सूरज यादव,ने नगर पालिका परिषद में लगातार बंद चल रहे सीसीटीवी कैमरा की बात बताया कि पूरे नगर पालिका में एक भी सीसीटीवी कैमरा नही चलता है जो एक गम्भीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी घटना घटित होती है तो उसकी सच्चाई उजागर होने में भी दिक्कतें होगी इस पर कोखराज एसओ ने गम्भीरता से लिया और इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से लिखित देने को कहा सभासद ने बताया कि सभी चौराहा में जैसे परसरा चौराहा, रोही चौराहा, कोखराज  थाना हाइवे चौराहा अन्य कई जगहों में सीसीटीवी लगवाया गया था लेकिन एक भी नही चल रहा है, जो एक गम्भीर प्रकरण हैं। 
आएं हुए तमाम गणमान्य नागरिकों के साथ बैठक कर तमाम समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बातचीत की गयी इस मौके पर चौकी प्रभारी भरवारी धीरेन्द्र सिंह,चौकी प्रभारी शहजाद पुर मनीष कुमार पाल,उप निरीक्षक सन्तोष कुमार, एसआई हरीश तिवारी,अशोक दुबे,आशीष कुमार मौर्य, दीपक,आदि कर्मचारियों व गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में मीटिंग संपन्न हुई। 

देशों को पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया

देशों को पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया 

सुनील श्रीवास्तव 
वाशिंगटन डीसी। डॉनाल्ड ट्रंप की नीतियों ने अमेरिका और उसके सहयोगियों के बीच अविश्वास की स्थिति पैदा कर दी है। ट्रंप ने जिस तरह से 'फिरौती के बदले सुरक्षा' की बात की, उसने यूरोपीय देशों को अपने रक्षा उपायों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। खासकर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर को वाइट हाउस में उनके साथ किए गए व्यवहार ने उनकी असहजता को उजागर किया है। अगर इन नेताओं ने ठंडे दिमाग से काम न लिया होता, तो उन्हें उसी तरह की चुनौती का सामना करना पड़ सकता था, जैसा यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को हुआ था। ट्रंप के फैसलों ने वैश्विक राजनीति में उथल-पुथल मचाई है, जिससे अब यूरोपीय देशों को अपनी सुरक्षा के प्रति गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं। 

फ्रांस ने यूरोपीय देशों की रक्षा के लिए कदम बढ़ाए 

अब, ट्रंप की नीतियों से दूरी बनाते हुए, फ्रांस ने यूरोपीय देशों की रक्षा के लिए कदम बढ़ाए हैं। इमैनुएल मैक्रों ने इस बात की संभावना जताई है कि फ्रांस यूरोपीय देशों में परमाणु सुरक्षा की तैनाती पर गंभीर चर्चा करने के लिए तैयार है। इसका मतलब यह हो सकता है कि रूस से बचाव के लिए यूरोप में फ्रांस अपने परमाणु हथियार तैनात कर सकता है। पहले ऐसी खबरें भी आई थीं कि फ्रांस और जर्मनी परमाणु हथियारों के ट्रांसफर पर विचार कर रहे हैं, जिसके तहत फ्रांस अपने परमाणु हथियार जर्मनी में तैनात करेगा। 
मैक्रों ने फ्रांसीसी अखबार ले मोंडे से बात करते हुए कहा कि जर्मनी के भविष्य के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ के अनुरोध पर, वे इस मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार हैं। मर्ज़, जो जर्मनी में परमाणु हथियारों की तैनाती के पक्षधर हैं, इस मुद्दे को लेकर काफी सक्रिय हैं। यह बयान उस समय आया है, जब यह रिपोर्ट्स सामने आई थीं कि फ्रांस यूरोप की सुरक्षा के लिए अपनी परमाणु शक्ति का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है। यूरोप के नेताओं को चिंता है कि रूस का अगला निशाना उनकी सीमाएं हो सकती हैं, जैसा कि यूक्रेन के मामले में हुआ। 

अमेरिका के पास लगभग 100 परमाणु मिसाइलें 

इसी बीच, जर्मनी के भविष्य के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने फ्रांस और ब्रिटेन के साथ परमाणु हथियारों के ट्रांसफर पर विचार करने की बात की है। गौरतलब है कि अमेरिका के पास लगभग 100 परमाणु मिसाइलें हैं, जिनमें से कुछ जर्मनी के रामस्टीन सैन्य अड्डे पर तैनात हैं, लेकिन ट्रंप की बयानबाजी के कारण यूरोप को इस सुरक्षा गारंटी पर अब संदेह हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने रमजान की शुभकामनाएं दीं, कहा- "यह हमारे समाज में शांति और सद्भाव लाता है"। 
डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों ने अमेरिका और उसके सहयोगियों के बीच अविश्वास की स्थिति पैदा कर दी है। ट्रंप ने जिस तरह से 'फिरौती के बदले सुरक्षा' की बात की, उसने यूरोपीय देशों को अपने रक्षा उपायों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। खासकर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर को वाइट हाउस में उनके साथ किए गए व्यवहार ने उनकी असहजता को उजागर किया है। अगर इन नेताओं ने ठंडे दिमाग से काम न लिया होता, तो उन्हें उसी तरह की चुनौती का सामना करना पड़ सकता था, जैसा यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को हुआ था। ट्रंप के फैसलों ने वैश्विक राजनीति में उथल-पुथल मचाई है, जिससे अब यूरोपीय देशों को अपनी सुरक्षा के प्रति गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं। 

हिमस्खलन: 4 श्रमिकों के शव बरामद किए गए

हिमस्खलन: 4 श्रमिकों के शव बरामद किए गए 

पंकज कपूर 
देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा में तीन दिन पहले हुए भीषण हिमस्खलन में लापता चार श्रमिकों के शव रविवार को बरामद कर लिए गए हैं, जिसके साथ ही रेस्क्यू अभियान भी समाप्त हो गया है। इस दुखद घटना में कुल आठ श्रमिकों की जान चली गई। जबकि, 46 श्रमिकों को सुरक्षित बचा लिया गया। 

रविवार को बरामद किए गए मृतकों की सूची में शामिल हैं... 

अनिल कुमार (21), पुत्र ईश्वरी दत्त, ठाकुर नगर, रुद्रपुर, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड। 
अशोक (28), पुत्र रामपाल, गंगहोल, बेनाऊ, फतेपुर, उत्तर प्रदेश। 
हरमेश (30), पुत्र ज्ञानचंद्र, कुठार, ऊना, हिमाचल प्रदेश। अरविंद (43), पुत्र देवेंद्र कुमार, गोकुल धाम, भगत निवास, न्यू कॉलोनी, क्लेमन टाउन, देहरादून। 

ट्रंप और जेलेंस्की के बीच तीखी झड़प हुई

ट्रंप और जेलेंस्की के बीच तीखी झड़प हुई 

अखिलेश पांडेय 
वाशिंगटन डीसी। पिछले दिनों व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप और व्लोदिमिर जेलेंस्की के बीच तीखी झड़प हुई। इस घटना पर जेलेंस्की को यूरोप के कई देशों का समर्थन मिला। वहीं, रूस ने खुशी जताते हुए कहा कि यूक्रेनी नेता को वही मिला, जिसके वह हकदार थे। लेकिन आइए जानते हैं कि इस वाकये पर अमेरिका के नागरिकों का क्या खयाल है ? 
अमेरिका के ज्यादातर रिपब्लिकन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ ओवल दफ्तर में विवाद के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का समर्थन किया है। 

'जेलेंस्की को इस्तीफा...' 

रिपोर्ट के मुताबिक, सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने सुझाव दिया कि ज़ेलेंस्की को इस्तीफा दे देना चाहिए। इसके साथ ही कहा कि शुक्रवार के विवाद ने कीव के लिए भविष्य के अमेरिकी सैन्य समर्थन को खतरे में डाल दिया है, लेकिन एक अन्य रिपब्लिकन सीनेटर ने ट्रंप पर 'पुतिन को गले लगाने' का आरोप लगाया। ज़ेलेंस्की को अमेरिका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना व्हाइट हाउस छोड़ने के लिए कहा गया था। शनिवार को किंग चार्ल्स के साथ मीटिंग से एक दिन पहले, डाउनिंग स्ट्रीट में ब्रिटेन के प्रधान मंत्री कीर स्टारमर ने ज़ेलेंस्की का गर्मजोशी से स्वागत किया‌। 

'रिश्ते को आगे बढ़ाने के बजाय...' 

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने शनिवार को News को बताया कि ज़ेलेंस्की तथ्यों की जांच करने पर बहुत ज्यादा जोर दे रहे थे। यह एक पूर्व प्रेमिका की तरह है, जो रिश्ते को आगे बढ़ाने के बजाय, 9 साल पहले आपके द्वारा कही गई हर बात पर बहस करना चाहती है। डेमोक्रेट्स ने कहा कि वे एक अमेरिकी सहयोगी के साथ टकराव से डरे हुए थे, जबकि वॉशिंगटन में ज्यादातर रिपब्लिकन ने ट्रंप का समर्थन किया। 

'जो मैंने देखा अपमानजनक था...' 

यूक्रेन सहायता के लिए लंबे वक्त से वकालत करने वाले और विदेश नीति के पक्षधर सीनेटर ग्राहम ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस से बाहर निकलते वक्त कहा, "ओवल ऑफिस में मैंने जो देखा वह अपमानजनक था और मुझे नहीं पता कि हम कभी भी ज़ेलेंस्की के साथ व्यापार कर पाएंगे या नहीं। मेरे लिए सवाल यह है कि 'क्या अमेरिकियों की नजर में वह सुधारे जाने योग्य है?' आज जो कुछ भी उन्होंने देखा, उसे देखने वाले ज्यादातर अमेरिकी नहीं चाहेंगे कि ज़ेलेंस्की उनके व्यापारिक साझेदार बनें, जिनमें मैं भी शामिल हूं और मैं युद्ध शुरू होने के बाद से नौ बार यूक्रेन जा चुका हूं।" 

'उस यूक्रेनी छछूंदर को...' 

अलबामा के सीनेटर टॉमी ट्यूबरविले ने शनिवार को सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने अब तक जो सबसे अच्छा काम किया है। वह उस यूक्रेनी छछूंदर को व्हाइट हाउस से बाहर निकालना है।" टेनेसी के सीनेटर बिल हेगर्टी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका को अब हल्के में नहीं लिया जाएगा।" लेकिन कांग्रेस के अन्य रिपब्लिकन सदस्य इतने उत्साहित नहीं नज़र आए। 

'मुझे बहुत बुरा लगा...' 

अलास्का की सीनेटर लिसा मुर्कोव्स्की, जो एक उदारवादी रिपब्लिकन हैं और ट्रंप के लिए राजनीतिक रूप से कांटा साबित हो सकती हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "मुझे बहुत बुरा लग रहा है। क्योंकि ऐसा लगता है कि प्रशासन हमारे सहयोगियों से दूर जा रहा है और पुतिन को गले लगा रहा है।" न्यूयॉर्क के रिपब्लिकन प्रतिनिधि माइक लॉलर ने इस मीटिंग को अमेरिका और यूक्रेन दोनों के लिए एक खोया हुआ मौका कहा। 'US विदेश नीति के लिए बुरा दिन...'। नेब्रास्का के फेले प्रतिनिधि डॉन बेकन ने कहा कि यह अमेरिका की विदेश नीति के लिए एक बुरा दिन था। किसी भी रिपब्लिकन ने सीधे तौर पर ट्रंप या वेंस की आलोचना नहीं की। इस बीच, डेमोक्रेट्स ने व्हाइट हाउस की आलोचना की। 
सीनेट माइनॉरिटी लीडर चक शूमर ने कहा, "ट्रंप और वेंस, पुतिन का गंदा काम कर रहे हैं।" सीनेटर क्रिस कूंस ने कहा कि ज़ेलेंस्की इससे बेहतर के हकदार थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "हम लोकतंत्र की पहली लाइन में लड़ रहे राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए उनका आभार मानते हैं, न कि व्हाइट हाउस में उन्हें मिली सार्वजनिक फटकार के लिए।" व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप के साथ तीखी नोकझोंक के दौरान अपनाए गए आक्रामक लहजे के विपरीत, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने शनिवार को कहा कि रूस के साथ युद्ध में अमेरिकी समर्थन महत्वपूर्ण है। 
उन्होंने यह भी कहा कि वह यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी के बदले अमेरिका के साथ खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार थे। 

विधायक ने आतिशी को शूर्पणखा करार दिया

विधायक ने आतिशी को शूर्पणखा करार दिया 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के विधायक ने नेता प्रतिपक्ष को लेकर दिए विवादित बयान में पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना को रावण की बहन शूर्पणखा करार दिया है। राजधानी दिल्ली की महरौली विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए गजेंद्र यादव ने दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी मार्लेना को लेकर दिए विवादित बयान में पूर्व मुख्यमंत्री की तुलना उन्होंने रावण की बहन शूर्पणखा की है। 
एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोल रहे भाजपा विधायक गजेंद्र यादव ने कहा है कि रामायण में रावण और कुंभकरण मारे गए थे लेकिन शूर्पणखा बच गई थी। इसी तरह दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया का राजनीतिक जीवन खत्म हो गया है। लेकिन, आतिशी मार्लेना जीत गई है और वह शूर्पणखा जैसी है। 
भारतीय जनता पार्टी के विधायक गजेंद्र यादव ने आम आदमी पार्टी के विधायकों की तुलना रुदाली से करते हुए कहा है कि आम आदमी पार्टी के विधायकों को केवल रोने एवं विरोध करने के लिए चुना गया है। उन्होंने कहा है कि जब भी हम सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करते हैं। आम आदमी पार्टी के विधायक रुदाली शुरू कर देते हैं। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-62, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. सोमवार, मार्च 03, 2024

3. शक-1945, माघ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 23 डी.सै., अधिकतम- 17 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित) 

'राष्ट्रपति' ने विकास के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट किया

'राष्ट्रपति' ने विकास के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट किया  अखिलेश पांडेय  औगाडौगू। वर्तमान में वैश्विक वातावरण अस्थिर हो रहा है। कई देशों...