शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2025

स्वास्थ्य: औषधीय तत्वों से भरपूर हैं लौंग, जानिए

स्वास्थ्य: औषधीय तत्वों से भरपूर हैं लौंग, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
आयुर्वेद में लौंग को औषधीय तत्वों से भरपूर पाया जाता है। इसका इस्तेमाल काफी हजारों सालों से कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। लौंग में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुए पाए जाते हैं, जो बेहद लाभदायी होते हैं। अगर आप रोजाना एक लौंग को चबाकर उसका सेवन करते हैं, तो यह आपकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं 1 महीने तक रोजाना लौंग का सेवन करने के फायदे। 

रोजाना एक लौंग चबाने के फायदे 

पाचन 

रोजाना एक लौंग का सेवन आपके पाचन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। इसमें पाए जाने वाले तत्व गैस, अपच और एसिडिटी की समस्या को दूर करने के साथ ही पेट की जलन और सूजन को दूर करने में मदद करते हैं। 

इम्यूनिटी बूस्ट करें 

लौंग में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गुण शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। इसके साथ ही ये मौसमी बीमारियों और सर्दी-खांसी से राहत दिलाने में भी मदद कर सकता है। 

मसूड़ों और दांतों के लिए 

लौंग में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो मुंह के बैक्टीरिया को खत्म कर के हड्डियों को स्ट्रांग करने में भी मदद करता है। 

ब्लड शुगर लेवल 

लौंग ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाकर डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। 

सिरदर्द और माइग्रेन में राहत 

लौंग में पाए जाने वाले औषधीय गुण सिरदर्द को कम करने में मददगार हो सकते हैं। इसका तेल या फिर इसको चबाने से दर्द में राहत मिल सकती है। 

वेट लॉस 

लौंग शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है, जिससे एक्स्ट्रा चर्बी जल्दी बर्न होती है। यह पेट की चर्बी कम करने और वेट लॉस करने में कारगर होती है। 

कूटनीतिक: यूक्रेन में कोई सेना नहीं भेजेगा 'भारत'

कूटनीतिक: यूक्रेन में कोई सेना नहीं भेजेगा 'भारत' 

सुनील श्रीवास्तव 
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। भारत और यूरोपीय संघ के बीच कूटनीतिक संबंधों में एक बड़ा मोड़ आ सकता है। क्योंकि, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह यूक्रेन में कोई सेना नहीं भेजेगा और न ही रूस के खिलाफ किसी तरह के प्रतिबंधों का समर्थन करेगा। 

PM मोदी की यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से अहम मुलाकात 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय संघ (EU) की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसमें यूक्रेन-रूस युद्ध, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार, भारत ने यूरोपीय संघ की सेना भेजने की योजना का समर्थन नहीं किया और साफ कर दिया कि भारत यूक्रेन में कोई भी शांति सेना नहीं भेजेगा। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी इस बात को दोहराएंगे कि भारत इस युद्ध में किसी भी पक्ष का हिस्सा नहीं बनेगा। 

रूस पर प्रतिबंध को लेकर भी भारत का सख्त रुख 

यूक्रेन युद्ध के चलते यूरोपीय संघ ने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं और चाहता है कि भारत भी इस कड़े रुख को अपनाए। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, भारत रूस के खिलाफ किसी भी आर्थिक प्रतिबंध में शामिल नहीं होगा। 

यूरोपीय संघ के इतिहास में पहली बार भारत दौरा 

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन अपने दो दिवसीय भारत दौरे (27-28 फरवरी) पर हैं। उनके साथ EU के 22 उच्च स्तरीय कमिश्नर भी भारत आए हैं। यह पहली बार है कि पूरा EU कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स भारत की यात्रा कर रहा है, जो भारत-यूरोप संबंधों में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। 

रणनीतिक साझेदारी को मिलेगा नया आयाम 

भारत और यूरोपीय संघ के बीच बीते दो दशकों से रणनीतिक साझेदारी बनी हुई है। यह दौरा भारत और EU के बीच व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (TTC) की दूसरी मंत्री स्तरीय बैठक के लिए भी अहम है। 

दिल्ली पहुंचने के बाद उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने सोशल मीडिया पर लिखा, “दिल्ली में अपने कमिश्नर्स के साथ आई हूं। यह संघर्षों और प्रतिस्पर्धा का दौर है, और ऐसे समय में भरोसेमंद मित्रों की जरूरत होती है। यूरोप के लिए, भारत सिर्फ एक मित्र नहीं, बल्कि एक रणनीतिक सहयोगी है।” 
वहीं, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उर्सुला वॉन डेर लेयेन से मुलाकात के बाद कहा, “यूरोप के साथ भारत की भागीदारी को पुनर्जीवित करने पर उनकी सोच सराहनीय है। हम भारत-EU संबंधों को और गहरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” 

भारत-EU के संबंधों में क्या होगा अगला कदम ? 

भारत ने साफ किया कि वह रूस पर प्रतिबंध नहीं लगाएगा और यूक्रेन में सेना नहीं भेजेगा। भारत और EU के बीच व्यापार व प्रौद्योगिकी को लेकर नई योजनाओं पर चर्चा हो रही है। रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए दोनों देशों के नेता अहम फैसले ले सकते हैं। 

निष्कर्ष 

यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत का रुख निरपेक्ष और स्वतंत्र बना हुआ है। भारत ने यूरोपीय संघ को साफ संदेश दिया कि वह किसी भी सैन्य हस्तक्षेप का समर्थन नहीं करेगा और रूस पर किसी प्रकार के प्रतिबंध लगाने के लिए बाध्य नहीं होगा। अब देखना होगा कि इस दौरे के बाद भारत और यूरोप के रिश्ते किस दिशा में आगे बढ़ते हैं ? 

अटल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अर्धशतक लगाया

अटल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अर्धशतक लगाया 

अखिलेश पांडेय 
इस्लामाबाद। सेदिकुल्लाह अटल ने चैंपियंस ट्रॉफी के मुकाबले में कमाल ही कर दिया। अफगानिस्तान के इस बल्लेबाज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार अर्धशतक लगाया। ये खिलाड़ी शतक तक पहुंच सकता था। लेकिन, 85 रन के निजी स्कोर पर अटल आउट हो गए। 
अटल को स्पेन्सर जॉनसन ने आउट किया और वो 15 रन पहले शतक से चूक गए। अटल ने अपनी पारी में 3 छक्के और 6 चौके लगाए और इस खिलाड़ी ने इब्राहिम जादरान और कप्तान हश्मतुल्लाह शाहिदी के साथ अर्धशतकीय साझेदारी की। आइए अब आपको बताते हैं कि कौन हैं सेदिकुल्लाह अटल, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चमक गए ? 

सेदिकुल्लाह अटल की कहानी 

सेदिकुल्लाह अटल 12 अगस्त, 2001 को अफगानिस्तान के खोस्त में जन्मे। ये खिलाड़ी 2023 में पहली बार इंटरनेशनल क्रिकेट में नजर आया। 27 मार्च, 2023 को वो पाकिस्तान के खिलाफ टी20 मैच खेले थे। वहीं, उनका वनडे डेब्यू पिछले साल बांग्लादेश के खिलाफ हुआ। 
सेदिकुल्लाह अटल सबसे पहले 29 जुलाई, 2023 के दिन सुर्खियों में आएं, जब इस खिलाड़ी ने काबुल प्रीमियर लीग में ऐसा कमाल कर दिखाया था, जो सच में हैरतअंगेज था। 

सेदिकुल्लाह ने एक ओवर में ठोके थे 48 रन 

सेदिकुल्लाह अटल ने शाहीन हंटर्स की ओर से खेलते हुए अबासिन डिफेंडर्स के स्पिन गेंदबाज आमिर जजई के खिलाफ एक ओवर में 7 छक्के लगाए थे। इस ओवर में कुल 48 रन बने जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। सेदिकुल्लाह अटल ने एक ओवर में 7 छक्के लगाकर ऋतुराज गायकवाड़ के रिकॉर्ड की बराबरी की थी। सेदिकुल्लाह अटल की यही आक्रामकता उन्हें महज 22 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट तक ले आई। सेदिकुल्लाह ने यही आक्रामकता ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिखाई। 
सेदिकुल्लाह ने अफगानिस्तान को ना सिर्फ संभाला। बल्कि, उसे अच्छी पोजिशन तक भी पहुंचाया। अफगानिस्तान ने गुरबाज के तौर पर पहला विकेट पहले ही ओवर में गंवा दिया था। लेकिन, इसके बाद सेदिकुल्लाह अटल ने टीम को संभाला। वो 64 गेंदों में अर्धशतक तक पहुंचे और इसके बाद उन्होंने बड़े हिट्स खेलकर अपने स्कोर को 80 पार पहुंचाया। उनका स्ट्राइक रेट 90 तक पहुंच गया। 

'बेलन' का इस्तेमाल किए बिना रोटी बनाई, वायरल

'बेलन' का इस्तेमाल किए बिना रोटी बनाई, वायरल 

सरस्वती उपाध्याय 
सोशल मीडिया पर आएं दिन जुगाड़ के कई वीडियोज वायरल होते रहते हैं। इंटरनेट पर लोग तरह-तरह के लगाए गए जुगाड़ के वीडियोज को देखकर दंग रह जाते हैं। इन दिनों ऐसा ही एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक आंटी ने रोटी बेलने के लिए अनोखा जुगाड़ लगाया है। उनका यह क्रिएटिव तरीका लोगों को चौंका रहा है। यह वीडियो इंटरनेट पर खूब पसंद किया जा रहा है, और लोग इस पर मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। 
वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला किचन में अनोखा जुगाड़ अपनाते हुए रोटी बेलती है। वीडियो में वह सबसे पहले एक पन्नी बिछाकर उस पर आटे का गोला रखती है। फिर एक और पन्नी और एक और गोला, ऐसे करते हुए वह 6-7 गोले रख देती है। इसके बाद सबसे ऊपर आखिरी पन्नी रखकर चकला रखती है और उसे दबाती है। फिर पन्नी हटाने पर तैयार रोटी के गोले निकल आते हैं, बिना बेलन का इस्तेमाल किए। महिला का यह अनोखा तरीका सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। 

1 मिलियन से ज्यादा लोग देख वायरल वीडियो 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर @theonly_nitish नाम के यूजर ने शेयर किया है। अब तक इसे 1 मिलियन से ज्यादा लोग देख चुके हैं और इस पर ढेरों कमेंट्स आ चुके हैं। एक यूजर ने लिखा, "तगड़ा जुगाड़ लगाया है इन्होंने!" वहीं, दूसरे ने मजाक में कहा, "हैकर बोलती पब्लिक!" तीसरे यूजर ने लिखा, "काफी टैलेंटेड हैं!" चौथे ने इसे "निंजा टेक्निक" बताया। एक अन्य यूजर ने मजेदार अंदाज में लिखा, "होली आने वाली है, पापड़ भी ऐसे ही बनाऊंगी!" इस तरह के कई वीडियोज आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होत रहते हैं, जिन्हें देखकर यूजर्स खूब मौज काटते हैं। 

66.30 करोड़ से अधिक लोगों ने डुबकी लगाई

66.30 करोड़ से अधिक लोगों ने डुबकी लगाई 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 का सफल आयोजन संपन्न हो चुका है। 66.30 करोड़ से ज्यादा लोगों ने इन 45 दिनों में संगम में आस्था की डुबकी लगाई। किसी एक आयोजन में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने का विश्व कीर्तिमान महाकुंभ में ही बना है। महाकुंभ के समापन पर सीएम योगी ने इसके सांस्कृति और धार्मिक महत्व के बार में बताते हुए इस दौरान हुई आर्थिक गतिविधियों के बारे में बताया। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वास्तव में महाकुंभ एक वैश्विक आयोजन बना है। 2024 में 65 करोड़ पर्यटक और श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के विभिन्न तीर्थ स्थलों पर आए थे। 45 दिनों में प्रयागराज में 66 करोड़ 30 लाख श्रद्धालु आ चुके हैं। नए-नए रिकॉर्ड बनते हुए दिखाई दे रहे हैं। जो सांस्कृतिक संपन्नता के साथ आर्थिक संपन्नता को भी दर्शा रहा है। 

पुरातन परंपरा का निर्वहन करते हुए इस धन का कल्याणकारी सदुपयोग करें - अखिलेश 

महाकुंभ में 45 दिनों में हुई आर्थिक गतिविधियों पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर तंज कसा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, "उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि महाकुंभ से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कई लाख करोड़ की कमाई हुई है। इस बात को सच मानते हुए मुख्यमंत्री जी से ये निवेदन है कि वो पुरातन परंपरा का निर्वहन करते हुए इस धन का कल्याणकारी सदुपयोग करें क्योंकि परंपरा कुंभ से धन कमाने की नहीं बल्कि अर्जित धन को दान करने की रही है। इसी पुरातन परंपरा का निर्वहन करते हुए माननीय से आग्रह है कि इस अर्जित धन में से ही मृतकों के परिजनों को क्षतिपूर्ति और घायलों के उत्तम उपचार के लिए धन का प्रबंध किया जाएं। इसमें से कुछ पैसा जो हज़ारों लोग लापता हैं। उनको खोजने और घर पहुँचा⁠ने के लिए बचाकर रख लेना चाहिए। 
इस अकूत कमाई में से ही उन दुकानदारों के घाटे की पूर्ति की जाए, जिन्होंने उप्र सरकार की बदइंतज़ामी की वजह से मेले में दुकान लगाकर घाटा उठाया है।
इसमें से कुछ रक़म समस्त मेलाकर्मियों को होली के बोनस के रूप में देने की घोषणा करनी चाहिए।
⁠माननीय को महादानी सम्राट हर्षवर्धन से प्रेरणा लेते हुए अधिकांश धन प्रयागराज के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दान कर देना चाहिए। 
⁠लाखों-करोड़ों की इस राशि में से कुछ पैसा 'सत्य बोलने की प्रेरणा' देनेवाले और 'नैतिकता' सिखानेवाले किसी 'आत्म सुधार' के सत्यनिष्ठ संस्थान के निर्माण के लिए देना चाहिए। अखिलेश यादव ने आगे लिखा कि और इन सबके बाद भी अगर कुछ धन बच जाएं, तो उन मीडियाकर्मियों और कैमरामैनों को दे दिया जाएं, जिन्होंने आपके कहने पर कैमरा वहाँ नहीं लगाया जहाँ महाकुंभ के गोरखधंधे के सच का भंडाफोड़ करती हुई सच्ची तस्वीरें थीं। 

कोर्ट ने प्रशासन के फैसले पर नाराजगी जाहिर की

कोर्ट ने प्रशासन के फैसले पर नाराजगी जाहिर की 

सुनील श्रीवास्तव 
वाशिंगटन डीसी। राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप कई ऐसे फैसले ले रहे हैं, जिसकी खूब आलोचनाएं भी हो रही है। ट्रंप प्रशासन द्वारा लिए गए कई फैसलों को अदालतों में चुनौती भी दी जा चुकी है। ट्रंप प्रशासन के एक और फैसले पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। 
दरअसल, हाल ही में ट्रंप ने सरकारी विभागों से बड़ी तादाद में कर्मचारियों को निकालने के आदेश दिए थे। जानकारी के मुताबिक, एलन मस्क के डिपार्टमेंट (DOGE) ने इस कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का सुझाव दिया था। कर्मचारियों को नौकरी से निकालने वाले आदेश पर कोर्ट ने चिंता जाहिर की। 

ट्रंप प्रशासन के फैसले पर कोर्ट ने लगाई रोक 

सैन फ्रांसिस्को के एक संघीय न्यायाधीश ने गुरुवार को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के जरिए हजारों नए भर्ती किए गए कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी के आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया है। डिस्ट्रिक्ट जज लिवियम एल्सप ने कहा कि इन कर्मचारियों की छंटनी गैरकानूनी है। 
अमेरिका के ऑफिस पर्सनेल मैनेजमेंट (OPM) के पास संघीय एजेंसियों के कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का अधिकार नहीं है। बता दें कि मजदूर यूनियन और गैर-लाभकारी संगठनों ने ट्रंप प्रशासन के फैसले को चुनौती दी थी। 

ट्रंप प्रशासन ने क्या दी दलील ? 

सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि ऑफिस ऑफ पर्सनेल मैनेजमेंट (OPM) ने सीधे तौर पर किसी भी एजेंसी के कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का आदेश नहीं दिया है। एजेंसियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे कर्मचारियों की समीक्षा करें और तय करें कि कौन से कर्मचारी अपनी नौकरी पर बने रहने के काबिल हैं। नौकरी पर सिर्फ उन्हें ही रखा जाना चाहिए, जिनके प्रदर्शन बेहतर हैं। 

क्या है OPM ? 

ऑफिस ऑफ पर्सनेल मैनेजमेंट (OPM), पर इस छंटनी अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह विभाग सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति और उनके व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा का काम देखता है। हाल ही में OPM ने अपने 40 सदस्यों की पूरी प्रोक्योरमेंट टीम को निकाल दिया है। इसके अलावा जिले भर के पोल्ट्री फार्म और गोट फार्म की जांच की जा रही है। जिसमें मोहखेड़ क्षेत्र के एक पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों के पांच सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने इस पोल्ट्री फार्म के आसपास 10 किलोमीटर का क्षेत्र संक्रमित घोषित किया है। 

कौशाम्बी: कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया

कौशाम्बी: कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया 

सुशील केसरवानी 
कौशाम्बी। 24 फरवरी को यूपी बोर्ड परीक्षा में इंटर के पेपर बदले जाने के विरोध में और पुनः परीक्षा कराए जाने के पक्ष मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट का घेराव किया। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता जिला पंचायत गेट से आक्रोश मार्च निकालते हुए जिला अधिकारी कार्यालय तक पहुंचाने का प्रयास किया। पुलिस प्रशासन द्वारा जिला अधिकारी गेट को बंद कर दिया गया, जिससे आक्रोशित कार्यकर्ता गेट पर ही बैठ गए कार्यकर्ताओं का कहना था कि जिलाधिकारी आए और ज्ञापन लेकर कार्यवाही करें। ताकि, पुनः परीक्षा कराई जा सकें। जिला अधिकारी ने कार्यकर्ताओं से मिलने से मना कर दिया उसके बाद कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया। तत्पश्चात जिला अधिकारी स्वयं चल करके गेट के पास आए और ज्ञापन लिए जिसमें प्रमुख मांग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रतिनिधि मंडल ने अपने पत्रांक 02/08 में दिनांक 19 फरवरी 2024 को आशंका जताते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक को सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपा था। जिसमें संवेदनशील एवं अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा न करने की मांग की थी। 
यह भी कहा गया था की नकल विहीन एवं शुचिता पूर्वक तरीके से परीक्षा कराई जाए बीते 24 फरवरी को द्वितीय पाली में इंटर के विद्यार्थियों का हिंदी की परीक्षा थी देवशरण स्मारक इंटर कॉलेज देउरा मंझनपुर के 53 छात्रा और 61 छात्र परीक्षा में शामिल हुए। छात्रों का परीक्षा केंद्र राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज बरैसा में गया था और छात्राओं का सेल्फ सेंटर देवशरण स्मारक इंटर कॉलेज में ही था। शासन और कॉलेज की लापरवाही से उनके प्रवेश पत्र में गड़बड़ी पाई गई माध्यमिक शिक्षा परिषद के अनुसार कला वर्ग के परीक्षार्थियों के लिए लिए साहित्यिक हिंदी और विज्ञान वर्ग के परीक्षार्थियों के लिए सामान्य हिंदी का प्रश्न पत्र होता है। जब विज्ञान वर्ग के छात्र परीक्षा में बैठे तो उनको साहित्यिक हिंदी का प्रश्न पत्र मिला तो छात्र परेशान हो गए। क्योंकि, सामान हिंदी के तुलना में साहित्यिक हिंदी भिन्न होती है। 
परीक्षार्थियों का कहना है कि उनकी मांग पर घंटे बाद उनका दूसरा प्रश्न पत्र दिया गया, जिससे परीक्षार्थी मानसिक चिंतन एवं समय के अभाव में प्रश्न पत्र को हल नहीं कर पाएं। जिससे कई प्रश्न पत्र छूट गए उसे कारण से छात्रों के भविष्य पर आंच आ रही है। जिलाधिकारी इंटर कॉलेज और प्रशासन पर कार्रवाई करने के बजाय छात्रों को ही दोषी ठहरा  रहे हैं और उन्होंने बयान दिया है कि प्रश्न पत्र नहीं बदल गया था। बल्कि, प्रश्न पत्र कम पड़ गए थे जो कि उनकी बातें सरासर झूठ है। पेपर जब आते हैं, तो उनके लिफाफे गिनकर स्ट्रांग रूम में रखे जाते हैं। जिलाधिकारी अलग-अलग समाचार पत्रों में एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अलग-अलग प्रकार से बयान दे रहे हैं, जिससे बोर्ड परीक्षा में संदेश की स्थिति पैदा हो रही हैं। पीड़ित परीक्षार्थियों का कहना है कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है, जिस तारीख को प्रयागराज में परीक्षा होगी। उसी तारीख को वह अपनी परीक्षा कराने की मांग किए हैं। 
अभाविप नें अपने ज्ञापन के क्रमांक 2 में लिखा था कि सचल दल में सिर्फ राजकीय एवं पूर्ण सरकारी अधिकारी रहें। ताकि, नकल विहीन और शुचिता पूर्वक परीक्षा कराई जा सके और नकल करवाने और कापी लिखवाने वाले लोगों को पकड़ा जा सकें। 
इस बात को नजर अंदाज करते हुए सचल दल में दो गैर राजकीय शिक्षकों को सदस्य के रूप में लगा दिया गया। जिससे पूरे परीक्षा की गोपनीयता भंग होने की संभावना बढ़ रही है। तत्काल इन दो सदस्यों को हटाकर पूर्ण सरकारी शिक्षकों को रखा जाए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यह मांग करती है कि पूरे प्रकरण को गंभीरता से लिया जाए और जिनके प्रश्न पत्र खराब हुए हैं। उन सभी की परीक्षा पुनः कराई जाए यह छात्रों के भविष्य का सवाल है और पूरे प्रकरण की गंभीरता से उच्चस्तरीय जांच करवाते हुए परीक्षा केंद्र में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच करवाई जाएं। जिला संयोजक एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शिवबाबू चौधरी ने कहा कि यह छात्रों के साथ सरासर अन्याय है। विभाग संयोजक ऋषभ द्विवेदी ने कहा कि विद्यार्थी परिषद छात्रों के न्याय के लिए संकल्पित है। 
जिलाधिकारी कार्यालय घेराव के दौरान प्रदेश कार्य समिति सदस्य शिवांशु शुक्ला, तहसील संयोजक सुशील सोनकर, महामाया महाविद्यालय इकाई अध्यक्ष गौरव मिश्रा, चायल तहसील सहसंयोजक शिवम कुशवाहा, सिराथू तहसील संयोजक अर्जुन, तहसील सहसंयोजक आनंद पटेल, दारानगर मंत्री पवन भट्ट ,भरवारी नगर मंत्री अंतरा केसरवानी, महामाया महाविद्यालय की इकाई सह मंत्री कामिनी मिश्रा, सरसवां  नगर मंत्री वंश केशरवानी  सहित भारी संख्या में एबीवीपी के कार्यकर्ता उपस्थित रहें। 

नेपाल: 5.5 तीव्रता का भूकंप, झटके महसूस किए

नेपाल: 5.5 तीव्रता का भूकंप, झटके महसूस किए 

अखिलेश पांडेय 
काठमांडू। मध्य नेपाल में शुक्रवार सुबह 5.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। यह जानकारी एक स्थानीय अधिकारी ने सिन्हुआ को दी। 
सहायक मुख्य जिला अधिकारी गणेश नेपाली ने कहा कि भूकंप स्थानीय समयानुसार 2:51 बजे आया, जिसका केंद्र बागमती प्रांत के सिंधुपालचोक जिला में था। वहीं, इसका झटका नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी महसूस किया गया। नेपाली ने सिन्हुआ से कहा कि भूकंप में एक पुलिस कार्यालय भी क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे जिले के भोटेकोशी ग्रामीण नगर पालिका में भूस्खलन हुआ। 
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने शुरुआत में भूकंप का केंद्र, 10.0 किमी की गहराई में 27.83 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 85.97 डिग्री पूर्वी देशांतर पर निर्धारित किया। नेपाली ने कहा, "बड़े भूकंप के बावजूद अभी तक बड़े नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है। हम अभी भी रिपोर्ट एकत्रित कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि घबराए हुए लोग अपना घर छोड़कर खुले स्थानों पर एकत्रित हो गए। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-60, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. शनिवार, मार्च 01, 2024

3. शक-1945, माघ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-पूर्णिमा, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 24 डी.सै., अधिकतम- 17 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

(सर्वाधिकार सुरक्षित) 

'राष्ट्रपति' ने विकास के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट किया

'राष्ट्रपति' ने विकास के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट किया  अखिलेश पांडेय  औगाडौगू। वर्तमान में वैश्विक वातावरण अस्थिर हो रहा है। कई देशों...