शनिवार, 22 फ़रवरी 2025

शक्तिकांत को 'पीएम' का सचिव-2 नियुक्त किया

शक्तिकांत को 'पीएम' का सचिव-2 नियुक्त किया 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उनके सेवानिवृति के करीब दो महीने बाद उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया गया है। ये नियुक्ति अगले आदेश तक रहेगी। इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया गया है। 
आदेश के अनुसार यह नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक या अगले आदेश तक जारी रहेगी। आदेश में कहा गया है कि नियुक्ति प्रधानमंत्री के साथ उनके कार्यकाल जितनी रहेगी। वहीं, ये नियुक्ति उस समय तक प्रभावी रहेगी जब तक कोई नया आदेश ना आ जाएं। उनके चयन को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मंजूरी दे दी। कार्मिक प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की अधिसूचना के मुताबिक दास की नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, समाप्त होगी। 
बता दें कि शक्तिकांत दास का बतौर आरबीआई गवर्नर कार्यकाल पिछले साल ही समाप्त हुआ था। 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी शक्तिकांत दास ने दिसंबर 2018 में आरबीआई गवर्नर का पद संभाला था और पिछले साल सेवानिवृत्त हुए थे। शक्तिकांत दास ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में मास्टर डिग्री ली थी। वहीं, बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्टग्रेजुएट हुए हैं। 
शक्तिकांत दास के पास चार दशकों में शासन के अलग-अलग क्षेत्रों का व्यापक अनुभव है। उन्होंने फाइनेंस, टैक्सेशन, इंडस्ट्री, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। कोविड​​​​ महामारी के दौरान आरबीआई गवर्नर के रूप में शक्तिकांत दास ने भारत की वित्तीय स्थिरता को मजबूत करने के लिए कई जरूरी कदम उठाए थे। उन्होंने ग्लोबली चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को कम किया। इसके साथ ही थिंक टैंक, नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम का कार्यकाल भी 24 फरवरी, 2025 से एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। बता दें कि बीवीआर सुब्रमण्यम को फरवरी 2023 में दो साल के लिए नीति आयोग का सीईओ नियुक्त किया गया था। 

डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हैं 'पपीता'

डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हैं 'पपीता' 

सरस्वती उपाध्याय 
डायबिटीज के मरीजों के लिए फलों का चुनाव बेहद जरूरी होता है। क्योंकि, कुछ फल शुगर लेवल बढ़ा सकते हैं। ऐसे में सवाल उठता है - क्या डायबिटीज में पपीता खाना सही है या नहीं? अच्छी खबर यह है कि पपीता एक लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वाला फल है, जो ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाता और डायबिटीज रोगियों के लिए सुरक्षित हो सकता है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज में पपीता खाने के फायदे, सही समय और सही तरीका क्या है ? 

डायबिटीज में पपीता खाना चाहिए या नहीं ? 

पपीता डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इसमें नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर होते हैं, जो ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद विटामिन C, विटामिन A और पोटैशियम इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं और हार्ट को हेल्दी रखते हैं। लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI – 60) होने की वजह से यह शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है और इंसुलिन सेंसेटिविटी में सुधार करता है। 

डायबिटीज में पपीता खाने के फायदे 

1. ब्लड शुगर कंट्रोल करता है 
पपीता में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता। यह इंसुलिन की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है, जिससे डायबिटीज कंट्रोल में मदद मिलती है। 

2. हार्ट को रखता है हेल्दी 
पपीता एंटीऑक्सीडेंट्स और पोटैशियम से भरपूर होता है, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
यह कोलेस्ट्रॉल को बैलेंस करके दिल की बीमारियों से बचाने में मदद करता है। 

3. इम्यूनिटी बढ़ाता है 
इसमें मौजूद विटामिन C और विटामिन A शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को मजबूत बनाते हैं।
यह संक्रमण और वायरल बीमारियों से बचाव करता है। 

4. वजन कम करने में मददगार 
पपीता में फाइबर अधिक और कैलोरी कम होती है, जिससे यह वजन घटाने में मदद करता है। डायबिटीज रोगियों के लिए वजन कंट्रोल करना बेहद जरूरी होता है, और पपीता इसमें सहायक है।
5. पाचन तंत्र को सुधारता है 
पपीता में पेप्सिन नामक एंजाइम होता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है। यह कब्ज और पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

डायबिटीज में पपीता खाने का सही समय और तरीका 

1. सुबह नाश्ते में 
सुबह खाली पेट पपीता खाने से बचें, इसे नाश्ते के बाद खाएं। ताकि डाइजेशन सही रहे और शुगर लेवल बैलेंस रहें। 

2. दोपहर के समय 
दोपहर के खाने के बाद पपीता खाने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है और पाचन तंत्र मजबूत बनता है। 

3. रात में खाने से बचें 
रात में पपीता खाने से पाचन में दिक्कत हो सकती है, इसलिए इसे सुबह या दोपहर में ही खाएं। 

4. स्मूदी या सलाद में मिलाकर खाएं 
पपीता को दही के साथ मिलाकर स्मूदी बना सकते हैं। फलों की सलाद में पपीता मिलाकर खाएं, इससे पोषण अधिक मिलेगा। 
इन चीजों के साथ न खाएं: पपीता के साथ बहुत ज्यादा मीठे फल (जैसे केला या अंगूर) न मिलाएं, इससे शुगर बढ़ सकता है। डायबिटीज रोगी शक्कर या शहद मिलाकर पपीता खाने से बचें। 

किसे पपीता नहीं खाना चाहिए ? 
लो ब्लड शुगर (Hypoglycemia) वाले लोगों को पपीता कम खाना चाहिए, क्योंकि यह शुगर लेवल को और कम कर सकता है। गर्भवती महिलाओं को कच्चा पपीता नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इसमें लेटेक्स नामक तत्व होता है, जो गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है। किसी को पपीते से एलर्जी हो तो इसका सेवन तुरंत बंद कर दें। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और सोच रहे हैं कि पपीता खाना सही होगा या नहीं, तो जवाब है - हां! सही मात्रा में और सही समय पर पपीता खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है, दिल स्वस्थ रहता है और पाचन तंत्र मजबूत होता है। बस इसे सीमित मात्रा में और सही तरीके से खाएं, ताकि इसके फायदे पूरी तरह मिल सकें। 

कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के रूप में शामिल होंगे पीएम

कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के रूप में शामिल होंगे पीएम 

सुनील श्रीवास्तव 
नई दिल्ली/पोर्ट लुईस। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने शुक्रवार को संसद में एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च को होने वाले मॉरीशस के नेशनल डे के कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के रूप में शामिल होंगे। यह भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को अहम माना जा रहा है। 
पीएम रामगुलाम ने इसे अपने देश के लिए एक विशिष्ट सम्मान बताया और कहा कि पीएम मोदी का यह दौरा दोनों देशों के लिए काफी अहम होगा। प्रधानमंत्री रामगुलाम ने संसद में घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। उन्होंने संसद में कहा कि पीएम मोदी इतनी व्यस्तता के बावजूद मॉरीशस आने का फैसला लिया, जबकि हाल ही में उन्होंने फ्रांस और अमेरिका की यात्रा भी की थी। 

भारत-मॉरीशस के ऐतिहासिक संबंध 

भारत और मॉरीशस के संबंध ऐतिहासिक रूप से गहरे रहे हैं. मॉरीशस में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी संख्या है और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी लंबे समय से चली आ रही है. भारत मॉरीशस के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता आया है, जिसमें बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग शामिल है. माना जा रहा है कि पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करेगी.

भारत और मॉरीशस के बीच बढ़ता सहयोग

भारत और मॉरीशस समुद्री सुरक्षा, आईटी, ऊर्जा और शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं। हाल के सालों में भारत ने मॉरीशस को कई परियोजनाओं में मदद की है, जिसमें स्मार्ट सिटी परियोजना और मेट्रो एक्सप्रेस सेवा शामिल हैं। माना जा रहा है, इसके अलावा, भारत द्वारा मॉरीशस को दी जाने वाली आर्थिक सहायता और कई परियोजनाओं में निवेश पर भी बातचीत हो सकती है। 

ट्रंप का ऐलान, भारत पर टैरिफ लगाएगा 'अमेरिका'

ट्रंप का ऐलान, भारत पर टैरिफ लगाएगा 'अमेरिका' 

अखिलेश पांडेय 
वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐलान करते हुए कहा कि वह जल्द अन्य देशों की तरह भारत पर भी टैरिफ लगाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका भी वही शुल्क लगाएगा जो ये देश अमेरिकी वस्तुओं पर लगाते हैं। 
ट्रम्प ने कहा, "हम जल्द ही पारस्परिक शुल्क लगाएंगे - वे हमसे शुल्क लेते हैं, हम उनसे शुल्क लेते हैं। कोई भी कंपनी या देश, जैसे कि भारत या चीन, जो भी कर लगाते हैं, हम निष्पक्ष होना चाहते हैं; इसलिए, टैरिफ कर लगा रहे।" 
उन्होंने कहा, "हमने ऐसा कभी नहीं किया। हम ऐसा करने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन कोविड आ गया।" पिछले हफ्ते, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक से पहले, ट्रम्प ने भारत के टैरिफ ढांचे पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि "उनके पास सबसे अधिक टैरिफ हैं और यह व्यापार करने के लिए एक कठिन जगह है।" 
ट्रम्प ने यह टिप्पणी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की, जिसमें उनसे टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क की पीएम मोदी से मुलाकात के बारे में पूछा गया था। ट्रंप ने कहा, "वे मिले। मुझे लगता है कि वह भारत में व्यापार करना चाहते हैं। लेकिन टैरिफ के कारण भारत में व्यापार करना बहुत मुश्किल है। उनके यहां टैरिफ सबसे ज़्यादा हैं... व्यापार करना मुश्किल है। मुझे लगता है कि उन्होंने शायद इसलिए मुलाकात की क्योंकि वह एक कंपनी चला रहे हैं, वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं। क्योंकि, वह लंबे समय से इसके बारे में दृढ़ता से महसूस कर रहे हैं।" टैरिफ के मुद्दे पर बोलते हुए, ट्रंप ने भारत की पिछली व्यापार नीतियों पर प्रकाश डाला, हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिलों के मामले का हवाला देते हुए कहा कि कैसे अमेरिकी कंपनियों को अत्यधिक आयात शुल्क से बचने के लिए विदेशों में विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित करने के लिए मजबूर किया गया है। 
उन्होंने कहा कि परंपरागत रूप से, भारत इस मामले में सबसे ऊपर है। कुछ छोटे देश हैं, जो वास्तव में अधिक हैं। लेकिन, भारत बहुत ज़्यादा टैरिफ लगाता है। मुझे याद है, जब हार्ले डेविडसन भारत में अपनी मोटरसाइकिलें नहीं बेच पा रही थी। क्योंकि, भारत में कर बहुत ज्यादा था, टैरिफ बहुत ज्यादा था और हार्ले को निर्माण करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। 

एक्सप्रेस-वे को हरिद्वार तक विस्तार दिया, स्वीकृति

एक्सप्रेस-वे को हरिद्वार तक विस्तार दिया, स्वीकृति 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश सरकार ने गंगा एक्सप्रेस वे को मुजफ्फरनगर होते हुए हरिद्वार तक विस्तार देने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में लिया गया, जिसमें प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और विधायक कपिल देव अग्रवाल ने इस विस्तार की मांग रखी थी। इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश के बजट 2025-26 में 50 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि आवंटित की गई है, जिससे सर्वेक्षण और प्रारंभिक कार्यों को गति मिलेगी। 
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गत माह प्रयागराज महाकुंभ संकुल में आयोजित कैबिनेट बैठक के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष यह मांग रखी थी कि गंगा एक्सप्रेसवे को मुजफ्फरनगर होते हुए हरिद्वार तक विस्तारित किया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल सर्वेक्षण के निर्देश दिए थे, जिसके बाद अब इसे बजट में स्वीकृति मिल गई है। 
गंगा एक्सप्रेसवे का यह विस्तार उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच बेहतर सड़क संपर्क स्थापित करेगा, जिससे यातायात सुगम होगा और औद्योगिक तथा व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। हरिद्वार धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर होने के साथ-साथ पर्यटन और व्यापार का केंद्र भी है। ऐसे में इस परियोजना से उत्तराखंड के व्यापारिक केंद्रों को यूपी के औद्योगिक क्षेत्रों से जोडऩे में मदद मिलेगी। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अल्प समय में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे न केवल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच यात्रा सुविधाजनक होगी, बल्कि व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा। 
मुख्यमंत्री इस निर्णय के लिए बधाई के पात्र हैं। इस निर्णय के बाद मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने क्षेत्रवासियों की ओर से मुख्यमंत्री से भेंट कर धन्यवाद व्यक्त किया और शाल ओढ़ाकर उनका अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रदेश के विकास में सहायक होगी। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-54, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. रविवार, फरवरी 23, 2024

3. शक-1945, माघ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 23 डी.सै., अधिकतम- 15 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित) 

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