मंगलवार, 18 फ़रवरी 2025

'ग्लोबल' लेवल पर भूमिका निभाएं सेना व नेवी

'ग्लोबल' लेवल पर भूमिका निभाएं सेना व नेवी 

अखिलेश पांडेय 
वाशिंगटन डीसी। नाटो देश ने भारत की ताकत को स्वीकार कर लिया है। ग्रीस ने भारत से अपील की है कि भारतीय सेना और नेवी अब ग्लोबल लेवल पर ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाएं। ऐसे में ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या भारत अब सुपर पावर बनने की ओर बढ़ रहा है ? दरअसल, दुनिया में सत्ता संतुलन लगातार बदल रहा है। अमेरिका, रूस और चीन जैसी महाशक्तियों के बीच अब भारत नए दावेदारी के साथ उभर रहा है। हाल ही में ग्रीस के रक्षा मंत्री निकोश डियास भारत आए और उन्होंने एक ऐसा बयान दिया, जिसने सभी का ध्यान खींच लिया। उन्होंने कहा कि भारत अब एक बड़ी ताकत बन चुका है। उसे ग्लोबल सिक्योरिटी में शामिल किया जाना चाहिए। बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। खास तौर पर मेडिटरेनियन सी और रेड सी के क्षेत्र में जहां दुनिया का 60 से 70% व्यापार होता है। 
मेडिटरेनियन और रेड सी दुनिया के सबसे अहम व्यापारिक समुद्री रास्तों में से एक है। 60 से 70 % इंटरनेशनल ट्रेड इसी रूट से होकर गुजरता है। अमेरिका, रूस और चीन पहले ही यहां अपनी नेवल फोर्स तैनात कर चुके हैं। मिलिट्री बेस स्थापित कर यह देश अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं। अमेरिका, रूस और चीन की मौजूदगी यहां पहले से ही है। अमेरिका और ब्रिटेन का यहां नाटो के तहत कई मिलिट्री बेस मौजूद है। रूस सीरिया में अपनी मजबूत स्थिति बन चुका है। चीन जिबूती में अपनी नेवल बेस बना चुका है और इस क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। 
चर्चा होने लगी है कि ट्रंप अपने फैसलों से नाटो गठबंधन को खत्म कर रहे हैं। इसके साथ ही बुधवार को दुबई में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात से यूक्रेन को बाहर रखने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। माना जा रहा है कि ट्रंप रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों को मान्यता देकर यूक्रेन को खाली हाथ रख सकते हैं। यही वजह है कि यूक्रेन बेहद डरा हुआ है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका और बाइडन प्रशासन ने कभी भी उनके देश को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के एक सदस्य के तौर पर नहीं देखा। जेलेंस्की ने शुक्रवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में यह बात कही। वह बाद में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस से मुलाकात कर सकते हैं। 
विभिन्न पर्यवेक्षकों विशेष रूप से यूरोपीय पर्यवेक्षकों को उम्मीद है कि वेंस इस सप्ताह ट्रंप और रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद बातचीत के माध्यम से युद्ध के समाधान के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विचारों पर कुछ प्रकाश डालेंगे। 

₹2 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने की घोषणा

₹2 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने की घोषणा 

पंकज कपूर 
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए ₹2.00 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने की घोषणा की है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकास कार्यों के लिए भी धनराशियों की स्वीकृति प्रदान की है। 
मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अंतर्गत जनपद देहरादून के विधानसभा क्षेत्र मसूरी के वार्ड संख्या 05 धोरणखास के विभिन्न मार्गों के डी.बी.एम.बी.सी द्वारा सतह लेपन एवं साइनज कार्य हेतु ₹243.91 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। 
साथ ही, मुख्यमंत्री ने गढ़वाल में कुछ महत्वपूर्ण सड़कों के नामकरण के प्रस्ताव पर भी अनुमोदन किया है। इनमें चलकुड़िया-मसमोली-सकनोली-नौखोली मोटर मार्ग का नाम “शहीद मंदीप सिंह नेगी मोटर मार्ग”, सिसल्डी-मंझोला मोटर मार्ग का नाम “स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मोटर मार्ग” और बाड़ियूँकैंण्डूल तल्ला-कैण्डूल मल्ला उतिण्डा मोटर मार्ग का नाम “स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तुला सिंह रावत मोटर मार्ग” रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र लालकुआं के वनभूलपुरा रेलवे कसिंग से गौलापुल तक गौला नदी के अत्यधिक पानी के बहाव से क्षतिग्रस्त मार्ग के पुनर्निर्माण हेतु ₹ 148.48 लाख, जनपद अल्मोड़ा के सोमेश्वर क्षेत्र के गोलूछीना-गल्ली-वस्यूरा-गोविन्दपुर मोटर मार्ग के लिए ₹ 121.83 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। 
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए भी धनराशियों की स्वीकृति दी है। इनमें केन्द्रीय कारागार/सम्पूर्णानन्द शिविर, सितारगंज के द्वितीय चरण में 30 आवासों के निर्माण हेतु ₹ 929.12 लाख, जिला कारागार अल्मोड़ा में 32 आवासीय भवनों के निर्माण हेतु ₹ 997.41 लाख, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत हरिद्वार के अन्नेकीपुर-हेत्तमपुर में निर्माणाधीन आवासीय परियोजना हेतु ₹ 336.60 लाख की स्वीकृति शामिल है। 
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने टनकपुर बस टर्मिनल निर्माण परियोजना हेतु ₹ 23774.45 लाख, ‘स्वान उत्तराखण्ड क्षेत्रीय विस्तार नेटवर्क’ के संचालन हेतु ₹ 5238.15 लाख और नई परियोजनाओं के वित्तपोषण हेतु ₹ 1982.795 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री ने चमोली जिले के कर्णप्रयाग में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक के निर्माण हेतु ₹ 453.63 लाख की स्वीकृति भी दी है। 
इसके साथ ही उत्तरकाशी जिले के विकासखंड मोरी में कासला स्थल पर हैलीपैड निर्माण के लिए भी अनुमोदन किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा इन योजनाओं के लिए स्वीकृत की गई धनराशियों से प्रदेश में व्यापक विकास कार्यों को गति मिलेंगी। 

पूर्व प्रधानमंत्री हसीना को 'भारत' छोड़ देना चाहिए

पूर्व प्रधानमंत्री हसीना को 'भारत' छोड़ देना चाहिए 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। हाल ही में किए गए एक सर्वे से पता चला है कि 50.2 फीसदी भारतीयों का मानना है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत छोड़ देना चाहिए। यह सर्वे इंडिया टुडे एनई की तरफ से आयोजित मूड ऑफ द नेशन शीर्षक के तहत किया गया। 
इस सर्वे में हसीना को भारत की ओर से आश्रय प्रदान करने के मुद्दे पर जनता की राय मांगी गई थी। हसीना ने जुलाई में बांग्लादेश में हुए विद्रोह के बाद भारत में शरण ली थी। 
सर्वे में 21.1 फीसदी लोगों का मानना है कि भारत को हसीना को बांग्लादेश में प्रत्यर्पित करना चाहिए। ताकि, ढाका में वर्तमान सरकार के साथ संबंधों में सुधार हो सकें। वहीं, 29.1 फीसदी लोगों का मानना है कि हसीना को भारत में रहने के बजाय किसी अन्य देश में ट्रांसफर कर दिया जाना चाहिए। 

पूर्वोत्तर राज्यों का सर्वे में योगदान 

बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाले पूर्वोत्तर राज्यों में हसीना के प्रत्यर्पण के लिए समर्थन सबसे मजबूत है। इस क्षेत्र के 55 फीसदी लोगों ने कहा कि हसीना को बांग्लादेश वापस भेजा जाना चाहिए। साथ ही, 16 फीसदी लोगों का मानना है कि उन्हें कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए किसी तीसरे देश में भेजा जाना चाहिए। जबकि, 23 फीसदी का मानना है कि भारत के साथ उनके लंबे गठबंधन को देखते हुए उन्हें भारत में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। 

हसीना के भारत में रहने का समर्थन 

राष्ट्रीय स्तर पर, 37.6 फीसदी लोगों का कहना है कि शेख हसीना भारत की एक दृढ़ सहयोगी रही हैं और वफादारी के प्रतीक के रूप में उन्हें भारत में शरण दी जानी चाहिए। यह समर्थन हसीना की तरफ से भारत के साथ दीर्घकालिक संबंधों और सहयोग की मान्यता के रूप में देखा जा रहा है। 

हसीना का भारत में आश्रय और बांग्लादेश की प्रतिक्रिया 

5 अगस्त को, छात्रों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शनों के बीच हसीना अपनी बहन शेख रेहाना के साथ भारत भाग आईं। वह बांग्लादेश में 100 से अधिक कानूनी मामलों का सामना कर रही हैं, जिनमें हत्या, सामूहिक हत्याओं और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप शामिल हैं। 23 दिसंबर को, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार से औपचारिक रूप से हसीना की वापसी के लिए अनुरोध किया। लेकिन, अभी तक भारत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। 

पूर्वोत्तर राज्यों की विशेष प्रतिक्रिया 

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि पूर्वोत्तर भारत के लोग हसीना के प्रत्यर्पण के प्रति अधिक झुकाव रखते हैं। इस क्षेत्र में उनके प्रत्यर्पण के लिए व्यापक समर्थन है, जो भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की संवेदनशीलता को उजागर करता है। 

हसीना के बारे में भारत की राय 

यह सर्वेक्षण इस बात को उजागर करता है कि हसीना के भारत में रहने को लेकर जनता की राय बंटी हुई है। कुछ लोग उन्हें भारत में शरण देने का समर्थन करते हैं। जबकि, अन्य उन्हें वापस बांग्लादेश भेजने या किसी तीसरे देश में भेजने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है, जबकि जनता का दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से विभाजित है। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-50, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बुधवार, फरवरी 19, 2024

3. शक-1945, माघ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 19 डी.सै., अधिकतम- 15 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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