सोमवार, 17 फ़रवरी 2025

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में सोमवार (17 फरवरी) की सुबह-सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। झटके इतने तेज थे कि लोगों की नींद भी खुल गई और दहशत में लोग घरों से बाहर निकल गए। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र दिल्ली में ही था और इसकी तीव्रता 4 मापी गई। भले ही तीव्रता 4 थी, लेकिन भूकंप का केंद्र दिल्ली में होने के चलते आसपास के इलाकों में तेज  झटके महसूस किए गए। 
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, आज सुबह 5:36:55 बजे पर रिक्टर स्केल पर 4.0 तीव्रता वाला भूकंप नई दिल्ली में आया। झटके इतने तेज थे कि इमारतें हिलने लगी और लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। पेड़ों पर बैठे पक्षी भी तेज आवाज के साथ इधर-उधर उड़ने लगे। राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 थी। इसका केंद्र नई दिल्ली में जमीन से पांच किलोमीटर की गहराई पर था। यह 28.59 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 77.16 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था। गहराई कम होने और केंद्र दिल्ली में होने के कारण दिल्ली-एनसीआर में इसे ज्यादा महसूस किया गया। 

भूकंप आने की वजह क्या है ? 

पृथ्वी की सतह के नीचे या कहे कि धरती के अंदर हमेशा उथल-पुथल मची रहती है। धरती के अंदर मौजूद प्लेटें लगातार आपस में टकराती या दूर खिसक रही होती हैं। इसी के चलते हर साल भूकंप आते रहते हैं। भूकंप को समझने से पहले हमें धरती के नीचे मौजूद प्लेटों की संरचना को समझना चाहिए। एक जानकार ने बताया कि धरती में 12 टैक्टोनिक प्लेटें होती हैं। इन प्लेटों के आपस में टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है, उसे ही भूकंप कहा जाता है। 

क्या होता है भूकंप का केंद्र ? 

बता दें कि धरती की सतह के नीचे की वह जगह जहां पर चट्टानें आपस में टकराती हैं या टूटती हैं, भूकंप का केंद्र कहलाता है। इसे हाइपोसेंटर भी कहते हैं। इस केंद्र से ही ऊर्जा तरंगों के रूप में बतौर कंपन फैलती है और भूकंप आता है। यह कंपन एकदम उसी तरह होता है, जैसे शांत तालाब में पत्थर फेंकने पर तरंगें फैलती हैं। विज्ञान के मुताबिक, धरती के केंद्र और भूकंप के केंद्र को आपस में जोड़ने वाली रेखा जिस स्थान पर धरती की सतह को काटती है, उस जगह को ही भूकंप का अभिकेंद्र या एपिक सेंटर कहा जाता है। 

कैसे मापी जाती है तीव्रता ? 
भूकंप की तीव्रता और समय पता करने लगाने के लिए जिस मशीन का इस्तेमाल किया जाता है, उसे सिस्मोग्राफ कहते हैं। इस डिवाइस की मदद से धरती के भीतर होने वाली कंपन का ग्राफ बनाया जाता है। इस सिस्मोग्राफ कहते हैं। इसी के आधार पर रिक्टर पैमाना के माध्यम से भूकंप की तरंगों की तीव्रता, भूकंप का केंद्र और ऊर्जा का पता लगाया जाता है। 

किसानों के हितों के लिए प्रस्ताव पारित किया गया

किसानों के हितों के लिए प्रस्ताव पारित किया गया 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। राकेश टिकैत ने किसानों के मुद्दों पर जोर देते हुए कहा कि संयुक्त मोर्चा द्वारा किसानों के हितों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसमें गन्ने का रेट बढ़ाने, बिजली बिलों का भुगतान करने और भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ आवाज उठाने की मांग की गई है। 
टिकैत ने बताया कि अगर सरकार इन मुद्दों को हल करने में विफल रहती है, तो किसान संगठन आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने इसे पूरे देश में लागू करने के लिए एक बैठक में चर्चा की है और इस प्रस्ताव का उद्देश्य सरकार पर दबाव बनाकर किसानों के लिए सकारात्मक बदलाव लाना है। उन्होंने यह भी बताया कि 17 तारीख को एक बड़ी पंचायत का आयोजन किया जाएगा, जो करीब 15 साल बाद हो रही है और इसमें किसानों के सभी प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। राकेश टिकैत ने बताया कि अधिकारियों द्वारा किसानों के मामलों की सुनवाई नहीं की जा रही है, जिससे किसान और अधिक परेशान हो रहे हैं। 
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो किसान संगठन आंदोलन को तेज करेंगे और सरकार को अपनी बात मनवाने के लिए मजबूर करेंगे। 

दूसरे सबसे ऊंचे ट्रेक का शिलान्यास करेंगे 'पीएम'

दूसरे सबसे ऊंचे ट्रेक का शिलान्यास करेंगे 'पीएम' 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 फरवरी को उत्तराखंड के हर्षिल-मुखबा क्षेत्र के दौरे पर आएंगे। जिसे देखते हुए शासन-प्रशासन के स्तर पर तैयारियां पूरी की जा रही हैं। प्रधानमंत्री का यह दौरा उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहित करने का अमूल्य अवसर प्रदान करेगा। वहीं, इस मौके पर पीएम मोदी विश्व के दूसरे सबसे ऊंचे ट्रेक जनकताल का शिलान्यास करेंगे। 
जनकताल ट्रेक का शिलान्यास करेंगे। ऐसे में जिले के पर्यटन को एक नया आयाम मिलने की उम्मीद है। दरअसल, 1962 के युद्ध के बाद नेलांग और जादूंग सहित सोनम घाटी छावनी में तब्दील हो गई थी। वहां पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों की आवाजाही बंद कर दी गई थी। लेकिन अब भौगोलिक परिस्थिति के आधार पर लद्दाख की तर्ज पर विकसित करने की योजना शुरू कर दी गई हैं। 
वहीं, इसे लद्दाख की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखबा, हर्षिल घाटी में प्रस्तावित दौरे में जिले के पर्यटन को एक नया आयाम मिलने की उम्मीद जग गई है। 1962 के युद्ध के बाद नेलांग और जादूंग सहित सोनम घाटी छावनी में तब्दील हो गई थी। 
वहां पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों की आवाजाही बंद कर दी गई थी। लेकिन, अब भौगोलिक परिस्थिति के आधार पर लद्दाख की तर्ज पर विकसित करने की योजना शुरू कर दी गई हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों को लेकर पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने मुखबा और हर्षिल में तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने जिला पर्यटन अधिकारी को निर्देशित किया कि पीएम के दौरे के लिए गंगोत्री मंदिर के साथ ही पूरे गांव को फूलों से सजाया जाएगा। इसके लिए मंदिर समिति और ग्राम पंचायत के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने को कहा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 फरवरी को उत्तराखंड के हर्षिल-मुखबा क्षेत्र के दौरे पर आएंगे। जिसे देखते हुए शासन-प्रशासन के स्तर पर तैयारियां पूरी की जा रही हैं। 
प्रधानमंत्री का यह दौरा उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहित करने का अमूल्य अवसर प्रदान करेगा। वहीं, इस मौके पर पीएम मोदी विश्व के दूसरे सबसे ऊंचे ट्रेक जनकताल का शिलान्यास करेंगे। 
जनकताल ट्रेक का शिलान्यास करेंगे। ऐसे में जिले के पर्यटन को एक नया आयाम मिलने की उम्मीद है। दरअसल, 1962 के युद्ध के बाद नेलांग और जादूंग सहित सोनम घाटी छावनी में तब्दील हो गई थी। वहां पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों की आवाजाही बंद कर दी गई थी। लेकिन, अब भौगोलिक परिस्थिति के आधार पर लद्दाख की तर्ज पर विकसित करने की योजना शुरू कर दी गई हैं। 
वहीं, इसे लद्दाख की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखबा, हर्षिल घाटी में प्रस्तावित दौरे में जिले के पर्यटन को एक नया आयाम मिलने की उम्मीद जग गई है। 1962 के युद्ध के बाद नेलांग और जादूंग सहित सोनम घाटी छावनी में तब्दील हो गई थी। वहां पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों की आवाजाही बंद कर दी गई थी। लेकिन अब भौगोलिक परिस्थिति के आधार पर लद्दाख की तर्ज पर विकसित करने की योजना शुरू कर दी गई हैं। 
पीएम नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों को लेकर पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने मुखबा और हर्षिल में तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने जिला पर्यटन अधिकारी को निर्देशित किया कि पीएम के दौरे के लिए गंगोत्री मंदिर के साथ ही पूरे गांव को फूलों से सजाया जाएगा। इसके लिए मंदिर समिति और ग्राम पंचायत के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने को कहा। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-49, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. मंगलवार, फरवरी 18, 2024

3. शक-1945, माघ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-षष्ठी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम- 17 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित) 

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