मंगलवार, 11 फ़रवरी 2025

स्वास्थ्य: छुहारे खाने के अनेक फायदे, जानिए

स्वास्थ्य: छुहारे खाने के अनेक फायदे, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
छुहारे के बारे में सभी जानते है और यह हमे 12 माह उपलब्ध है। खजूर का सूखा हुआ रूप ही छूहारा होता है। छुहारा में भरपूर मात्रा में पौष्टिकता गर्म तासीर होता है। यह सर्दियों में बुहत लाभदायक है। 
महिलाओं को मासिक धर्म से जुडी हुई समस्या सर्दी में बुहत होती है इसके लिए छुहारा बुहत लाभदायक है। छुहारे का सेवन करने से मासिक धर्म खुलकर आता है, जो लोग कमर दर्द से परेशान हो वो छुहारा का सेवन जरूर करे। कुछ दिनो में ही कमर दर्द की बिमारि दूर हो जाएगी। सर्दी आते ही नजला-गला खराब हो जाता है तो दोस्तो दूध मे 3-4 छूहारा ड़ाले औऱ काली मिर्च, एक दाना इलायची डाल ले आपको सर्दी नजला-जुखाम हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। 
बहुत से लोग में एक रोग होता है, वो बिस्तर पे ही पेशाब कर देते है, तो छूहारा खाने से पेशाब भी दूर होता है। बुढ़ापे मे पेशाब बार-बार आता है, तो आप ऐसे में छुहारा का सेवन करे दिन में दो छुहारे खाने से ये पेशाब का रोग दूर हो जाएगा और यदि बच्चा बिस्तर पर पेशाब करता है तो उसको दूध के साथ छुहारे डालकर पिलाए। क्योकि छुहारा शक्ति पुहंचाता है। अगर आप कब्ज के रोग से परेशान तो छुहारे को दूध में उबालकर पिएं एक सप्ताह में ये रोग खत्म हो जाएगा। छुहारे कब्ज के लिए बुहत लाभदायक होता है। 
जो लोग शरीर से कमजोर होते है। उनको छुहारे का सेवन करना चाहिए। क्योकि, इसमे कैल्शियम, कॉपर, मिनरल्स, मैग्नीज और सेलेनियम होता है, जो हमारी हड्डियों को मजबुत बनाता है। 
यह बुहत लाभदायक होता है। छुहारे का सेवन करने दमा के रोग से भी हमे मुक्ति मिलती है। लकवा औऱ सीने के दर्द की समस्याओ को दूर करने में छुहारा लाभदायक है। आखों के लिए छुहारा बुहत लाभदायक है। क्योंकि, इसे खाने से आखों से आखों की रोशनी लम्बे समय तक स्वस्थ रहती है। 

सीएम ने 'मलखंब प्रतियोगिता' का उद्घाटन किया

सीएम ने 'मलखंब प्रतियोगिता' का उद्घाटन किया 

पंकज कपूर 
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 38वें राष्ट्रीय खेलों के तहत खटीमा के चकरपुर स्थित वन चेतना केन्द्र, स्पोर्ट्स स्टेडियम में मलखंब प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। 
इस मौके पर उन्होंने चकरपुर स्टेडियम में बॉक्सिंग छात्रावास बनाने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आयोजन से न केवल प्रदेश के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा, बल्कि उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेल भूमि के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी। स्टेडियम को 16 करोड़ रुपये से आधुनिक खेल सुविधाओं से लैस किया गया है, जो प्रदेश के युवाओं को खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करेगा। 
इस बार के राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने अब तक 19 स्वर्ण पदक सहित कुल 81 पदक जीते हैं। मुख्यमंत्री ने बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल विजेता कपिल पोखरिया, वेटलिफ्टिंग में कांस्य पदक विजेता विवेक पांडे, फुटबॉल में रजत पदक विजेता अजय बिष्ट, और अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित किया। 
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के पारंपरिक खेलों को वैश्विक पहचान मिलने की बात भी कही और बताया कि 2036 के ओलंपिक के लिए कबड्डी, खो-खो, और योग जैसे खेलों को शामिल करने के प्रयास हो रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि मलखंब शारीरिक और मानसिक दक्षता का बेहतरीन मिश्रण है और यह हमारी प्राचीन विरासत है, जिसे हमें संरक्षित करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने का वादा किया और विश्वास जताया कि आने वाले समय में कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। 

575.99 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की

575.99 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। शासन ने विभिन्न जिलों के 35 मार्गों को चौड़ा करने के लिए 575.99 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। वहीं, चालू वित्तीय वर्ष में इन मार्गों के लिए 112.56 करोड़ रुपये की राशि भी जारी कर दी है। हालांकि, इन मार्गों के चौड़ीकरण का कार्य अब नए वित्तीय वर्ष में ही शुरू हो पाएगा, क्योंकि टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने में ही लोक निर्माण विभाग को कम से कम 45 से 50 दिन लगेंगे। 
लोक निर्माण विभाग द्वारा बहराइच, संतकबीर नगर, कुशीनगर, हरदोई, बागपत, मेरठ, फतेहपुर, बाराबंकी, शाहजहांपुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, बरेली, बुलंदशहर, हापुड़, बिजनौर, प्रयागराज, फतेहगढ़, कन्नौज, गौतमबुद्ध नगर, सीतापुर, पीलीभीत, आगरा व झांसी के 35 मार्गों को चौड़ा करने का प्रस्ताव कार्ययोजना में शामिल किया गया था, जिसे अब स्वीकृति प्रदान की गई है। 
लोक निर्माण विभाग चालू वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना तैयार करने में छह माह लेट हो गया था। इसके चलते जो कार्ययोजना अप्रैल माह में शासन को भेज दी जानी चाहिए थी, उसे अक्टूबर माह में भेजा गया था। इसे लेकर विभागीय मंत्री होने के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी। फिलहाल, कार्ययोजना में देरी का असर चालू वित्तीय वर्ष में होने वाले कार्यों पर पड़ रहा है। जिन कार्यों पर अभी तक काम शुरू हो जाना चाहिए, उनकी स्वीकृति में देरी के चलते अगले वित्तीय वर्ष में कार्य शुुरू होने की उम्मीद है। 

जौनपुर में 23 करोड़ की लागत से सड़क का होगा चौड़ीकरण 

जौनपुर में हाइवे 731 (मिश्रौली) सिंगरामऊ से रतासी-तियरा संपर्क मार्ग के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए शासन स्तर पर पांच करोड़, 62 लाख रुपये स्वीकृत हो गया है। अब शीघ्र ही इस सड़क मार्ग का निर्माण शुरू कराया जाएगा। क्षेत्र की बहु प्रतीक्षित नेशनल हाइवे 731 सिंगरामऊ (मिश्रौली) से निकलकर रतासी चौराहे से तियरा बाजार को जोड़ने वाले सड़क के चौड़ीकरण के लिए विधायक बदलापुर लंबे समय से प्रयासरत थे। इस कार्य पर 23 करोड़, तीन लाख रुपये खर्च होने हैं। अब शासन स्तर पर निर्माण शुरू कराने के लिए पांच करोड़, 62 लाख रुपये की पहली किस्त जारी कर दी गई है। यह सड़क मार्ग लगभग चार दशक से उपेक्षित पड़ा हुआ था, जिससे लोगों को आवागमन करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। 
इस मार्ग से लगभग सैकड़ों वाहनों का प्रतिदिन आवागमन होता है। मार्ग की कुल दूरी लगभग 11 किमी है। 

'एआई' के फायदे के बारे में दुनिया को बताया

'एआई' के फायदे के बारे में दुनिया को बताया 

अखिलेश पांडेय 
पेरिस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों ग्‍लोबल AI समिट में हिस्‍सा लेने के लिए फ्रांस के दौरे पर हैं। उन्‍होंने मंगलवार को पेरिस से एआई के फायदे के बारे में दुनिया को बताया। पीएम मोदी ने कहा कि AI से सबकी नौकरियां जाने की अटकलें हैं। लेकिन, इतिहास गवाह है कि नई टेक्‍नोलॉजी से नए अवसर बनते हैं। इस समिट विभिन्‍न देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष हिस्‍सा ले रहे हैं। AI के बढ़ते प्रभाव और इससे पैदा होने वाले संभवित अवसर और खतरे समिट में चर्चा का मुख्‍य विषय है। दुनियाभर में लोग इस बात को लेकर आशंकित हैं कि AI से बड़ी तादाद में नौकरियां जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्‍लोबल फोरम से पूरी दुनिया को यह समझाने की कोशिश की कि नई तकनी के आने से नौकरियों के नए मौके बनते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस में AI समिट को संबोधित करते हुए नई टेक्‍नोलॉजी को लेकर जारी आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया। उन्‍होंने न्‍यू टेक्‍टनोलॉजी की पुरजोर हिमायत करते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नौकरियों के जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन, इतिहास गवाह है कि नई टेक्‍नोलॉजी से रोजगार और नौकरी के नए अवसर भी बने हैं। पेरिस में ग्रैंड पैलेस में AI एक्शन समिट को संबोध‍ित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मैं एक सरल प्रयोग से शुरुआत करता हूं। यदि आप अपनी मेडिकल रिपोर्ट AI ऐप पर अपलोड करते हैं, तो यह बिना किसी शब्दजाल के सरल भाषा में समझा सकता है कि आपके स्वास्थ्य के लिए इसका क्या मतलब है ? लेकिन, यदि आप उसी ऐप से अपने बाएं हाथ से लिखने वाले किसी व्यक्ति की तस्‍वीर बनाने के लिए कहते हैं, तो ऐसे में पूरी संभावना है कि ऐप किसी दाहिने हाथ से लिखने वाले शख्‍स की तस्‍वीर बना दे।' AI समिट में अपनी बात रखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा एआई टैलेंटपूल है। उन्‍होंने आगे कहा, 'भारत अपने अनुभव और क्षमताओं को शेयर करने के लिए तैयार है, ताकि AI का भविष्‍य सबके लिए बेहतर साबित हो सकें। किसी एक के पास हमारे सामूहिक भविष्‍य और साझा लक्ष्‍य की कुंजी नहीं हो सकती है।' बता दें कि AI के डेवलपमेंट के साथ ही कई तरह की आशंकाएं भी गहराने लगी हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि वर्कफोर्स में इसका दखल बढ़ेगा और बड़ी तादाद में नौकरियां जाएंगी। पीएम मोदी ने इन्‍हीं आशंकाओं को दूर करने का प्रयास‍ किया। 

PM मोदी ने किस बात पर दिया जोर 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि उन्‍होंने AI समिट की सह-अध्‍यक्षता करने के लिए उन्‍हें आमंत्रित किया। पीए मोदी ने कहा कि AI अप्रत्‍याशित तरीके और रफ्तार से डेवलप कर रहा है। इसे तैनात करने की प्रक्रिया में भी तेजी आई है। इसके साथ ही क्रॉस बॉर्डर निर्भरता भी बढ़ी है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि ऐसे में शासन, साझा मूल्‍यों और खतरों से निपटते हुए आपसी विश्‍वास को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक तौर पर सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। 

नीति बनाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई

नीति बनाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ईवीएम के सत्यापन के संबंध में नीति बनाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। याचिका में चुनाव आयोग को ईवीएम की मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चुनाव आयोग (ECI) से जवाब मांगा है और आदेश दिया है कि फिलहाल EVM से कोई डेटा डिलीट न करें और ना ही कोई डेटा रीलोड करें। दरअसल, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा कोर्ट में ईवीएम के सत्यापन को लेकर याचिका दायर की गई थी। इस पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनवाई की। 
कोर्ट ने कहा कि हम नहीं चाहते कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो, हम चाहते हैं कि शायद इंजीनियर यह बता सके कि कोई छेड़छाड़ हुई है या नहीं ? हमारी परेशानी यह है कि हमने इसे सही तरीके से नहीं बताया। इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि जिस तरह से आप चाहते हैं, हम उसे पूरा करेंगे। कोर्ट ने आदेश दिया कि वे (ईसीआई) इसे लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। आप में से कौन सही है, हमें नहीं पता। हम सिर्फ पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर 15 दिनों में जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि हम करण सिंह दलाल और एमए 40/2025 की याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं है। हम विस्तृत प्रक्रिया भी नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि आप आएं और प्रमाणित करें कि देखिए यह किया जा रहा है। डेटा को मिटाएं या फिर से लोड ना करें। आप बस यही करेंगे कि कोई आकर प्रमाणित करेगा। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई हारने वाला उम्मीदवार स्पष्टीकारण चाहता है, तो इस पर इंजीनियर ही स्पष्टीकरण दे सकता है कि ईवीएम से छेड़छाड़ हुई है या नहीं ? हम चाहते हैं कि अगर किसी को कोई संदेह है तो वो दूर हो. यह विरोधात्मक नहीं है। कई बार धारणाएं अलग-अलग होती हैं, जो हम बताना चाहते हैं, वह हम नहीं बता पाते। हम नहीं चाहते हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो, हम चाहते हैं कि शायद इंजीनियरिंग यह बता सके कि कोई छेड़छाड़ हुई है या नहीं ? आप में से कौन सही है, हमें नहीं पता। 
हम सिर्फ पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान एडीआर की ओर से पेश हुए एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा, "हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार चुनाव आयोग को जो प्रक्रिया अपनानी है, वह उनके मानक संचालन प्रोटोकॉल के अनुरूप हो। हम चाहते हैं कि कोई व्यक्ति ईवीएम के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की जांच करे, ताकि यह पता चल सके कि सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में किसी तरह की छेड़छाड़ की गई है या नहीं ? इस पर चीफ जस्टिस खन्ना ने पूछा, "वोटों की गिनती होने के बाद क्या पेपर ट्रेल मौजूद रहेंगे या हटा दिए जाएंगे ?" भूषण ने जवाब दिया, "उन्हें ईवीएम भी बचाकर रखना चाहिए, पेपर ट्रेल वहां मौजूद होना चाहिए।" 
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपने पहले के आदेश को स्पष्ट करते हुए कहा, "हम नहीं चाहते थे कि मतगणना तक कोई गड़बड़ी हो (पहले के आदेश के माध्यम से) साथ ही, हम यह भी देखना चाहते थे कि क्या किसी को कोई संदेह है। हम नहीं चाहते थे कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जाए, हम चाहते थे कि शायद इंजीनियरिंग यह बता सके कि क्या कोई छेड़छाड़ हुई है ?" 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-43, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बुधवार, फरवरी 12, 2024

3. शक-1945, माघ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-पूर्णिमा, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम- 19 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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'राष्ट्रपति' ने विकास के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट किया  अखिलेश पांडेय  औगाडौगू। वर्तमान में वैश्विक वातावरण अस्थिर हो रहा है। कई देशों...