बुधवार, 19 अप्रैल 2023

लोनी एसएचओ की कार्रवाई पर फिर लगा 'प्रश्नचिन्ह'

लोनी एसएचओ की कार्रवाई पर फिर लगा 'प्रश्नचिन्ह'

अश्वनी उपाध्याय 

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रदेश में अपराध नियंत्रण के नए-नए पैंतरे निकालकर जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है ? इसी अथक प्रयास से जनता को प्रदेश में सुरक्षा का आभास भी हो रहा है। लेकिन कहीं-कहीं लालची और अकर्मण्य पुलिस अधिकारी इसका मजाक भी बना रहे हैं।

प्राप्त सूचना के अनुसार सलमान पुत्र मेहरदीन निवासी अशोक विहार लोनी, गाजियाबाद पर 7 अप्रैल की रात करीब 9:00 बजे चाकू और डंडों से 4 व्यक्तियों के द्वारा जान से मारने की नियत से हमला कर दिया गया। हमलावरों ने सलमान की पीठ पर चाकू से 4 हमले किए, जान से मारने की नियत से सिर पर डंडे से वार किया। पब्लिक के आने पर पकड़े जाने के डर से चारों हमलावर वहां से भाग गए। पीड़ित सलमान एवं बचाव में आए लोगों ने पुलिस को सूचना दी। थाना लोनी क्षेत्र अंतर्गत अशोक विहार पुलिस चौकी में कार्यरत इसरार के द्वारा घायल अवस्था में सलमान को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोनी पर ले जाकर चिकित्सा परीक्षण कराया गया। साथ ही लिखित में तहरीर भी ले ली। 

उसके पश्चात 17 अप्रैल को लगभग 10 दिन बाद पुलिसकर्मी इसरार से बात करने पर पता चला कि मामला थाना प्रभारी अजय चौधरी के संज्ञान में और आज शाम को मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। बड़े अफसोस की बात है कि जिनका मजहब पैसा है, ऐसे लोग न्याय को क्या समझेंगे ?  जिनका अस्तित्व इतना खोखला है कि क्षेत्र में खुले तौर पर घूसखोरी के दम पर अवैध व्यापार, अवैध धंधे संचालित कराए जा रहे हैं। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों से क्या अपेक्षा की जा सकती है, ऐसे पुलिस अधिकारियों से जनता कैसे न्याय की अपेक्षा कर सकती है ? जिनका ईमान चंद रूपए है, उसे आप ईमान कहिएगा ? 

आपको बताते चलें कि सलमान पर जानलेवा हमला करने वाले दो मोटरसाइकिल पर सवार चार लोग सलमान के साले हैं। उसकी पत्नी के भाई हैं। आपको यह भी बता दें कि सलमान दिहाडी मजदूर है, जो बेलदारी करके अपना परिवार चलाता है। उसका उसकी पत्नी से विवाद चल रहा है। जो महिला थाना कंकरखेड़ा, जनपद मेरठ में ट्रायल पर चल रहा है। सलमान के सालों ने सलमान को जान से मारने की धमकी दी और जानलेवा हमला भी किया। 

इस संबंध में सहायक पुलिस आयुक्त (ग्रामीण) रजनीश उपाध्याय से जानकारी लेने पर बताया गया कि पुलिस ऐसे प्रकरण में 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज कर लेती है। यदि ऐसा नहीं हो पाया है, यह एक बड़ी चूक है। दूसरी तरफ लोनी कोतवाली प्रभारी अजय चौधरी से जानकारी प्राप्त करने पर पता चला कि उन्हें प्रकरण की पूरी जानकारी नहीं है। इसका अर्थ यह है कि मामले में अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। क्योंकि सलमान एक साधारण मजदूर है और पुलिस की मंशा अनुरूप रुपया देने में सक्षम नहीं है। भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों को रुपए नहीं दोगे तो मुकदमा दर्ज कैसे होगा ?  यह इतना आसान नहीं है। 

किंतु इसके विपरित यदि आप महसूस करें तो सलमान की जान को खतरा बना हुआ है। हमलावर उस पर कभी भी फिर से हमला कर सकते हैं। जिसमें उसकी जान भी जा सकती है।

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