रविवार, 23 अप्रैल 2023

2019 का चुनाव जीतने के लिए हमलों का इस्तेमाल

2019 का चुनाव जीतने के लिए हमलों का इस्तेमाल

इकबाल अंसारी 

अगरतला। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने रविवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2019 के पुलवामा आतंकी हमले और उसके बाद पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले का इस्तेमाल लोकसभा चुनाव जीतने के लिए किया था। माणिक ने यह दावा जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद किया है। मलिक ने आरोप लगाया था कि पुलवामा आतंकी हमला व्यवस्था की विफलता का परिणाम था, जिसमें व्यापक सुरक्षा और खुफिया खामियां शामिल हैं। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को एक आत्मघाती हमलावर द्वारा आतंकी हमला किया गया था, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे।

माणिक सरकार ने यहां पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा, माहौल का इस्तेमाल कर, उसने (भाजपा) 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की और घटना के समय जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक अब इस बारे में बोल रहे हैं। बालाकोट की घटना के ठीक बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने संदेह व्यक्त करते हुए कहा था कि उस साल अप्रैल-मई में हुए आम चुनाव से पहले बेरोजगारी जैसे अन्य ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस घटना के पीछे एक गहरी साजिश थी।

भारत के युद्धक विमानों ने पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी की थी। मलिक के साक्षात्कार पर हैरानी जताते हुए माणिक ने कहा कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अब तक चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर रायचौधरी ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है। माणिक ने कहा, पूर्व राज्यपाल के साक्षात्कार देने के बाद मैं सोच रहा था कि उन्हें सीबीआई द्वारा बुलाया जाएगा और यह सही साबित हुआ, क्योंकि उन्हें कथित बीमा घोटाले से संबंधित एक मामले में संघीय जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मलिक से जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले के सिलसिले में कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं। सात महीने में यह दूसरी बार है जब विभिन्न राज्यों के राज्यपाल रह चुके मलिक से संघीय एजेंसी पूछताछ करेगी। बिहार, जम्मू कश्मीर, गोवा और अंत में मेघालय में राज्यपाल रहे मलिक से पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई अधिकारियों ने पूछताछ की थी।

मलिक द्वारा द वायर को एक साक्षात्कार दिए जाने के बमुश्किल एक हफ्ते बाद सीबीआई ने यह कदम उठाया। साक्षात्कार में मलिक ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी की थी, विशेष रूप से जम्मू कश्मीर के मामले से निपटने के संबंध में, जहां उन्होंने तत्कालीन राज्य के दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजन से पहले अंतिम राज्यपाल के रूप में कार्य किया था।

माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य ने कहा कि देश ने पहली बार ऐसी प्रतिक्रियावादी सरकार को देखा है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर लोग एक साथ आते हैं, तो भाजपा को हराया जा सकता है। माणिक ने कहा, त्रिपुरा में हाल के विधानसभा चुनावों में 60 प्रतिशत मतदाताओं ने उनका (भाजपा) समर्थन नहीं किया। खुले तौर पर भाजपा की आलोचना करने वाली टिपरा मोथा ने भाजपा की चुनाव जीतने में मदद की।

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