गुरुवार, 3 नवंबर 2022

20 रणनीतिक अनुसंधान परियोजनाओं को मंजूरी

20 रणनीतिक अनुसंधान परियोजनाओं को मंजूरी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कपड़ा मंत्रालय ने एग्रो-टेक्सटाइल, स्पेशियलिटी फाइबर, स्मार्ट टेक्सटाइल, एक्टिव-वियर टेक्सटाइल, रणनीतिक एप्लीकेशन क्षेत्र, रक्षात्मक परिधान और खेल परिधान की लगभग 74 करोड़ रुपये की 20 रणनीतिक अनुसंधान परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में एक नवंबर, 2022 को दी गई। ये सभी रणनीतिक अनुसंधान परियोजनायें प्रमुख कार्यक्रम ‘राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन’ के दायरे में आती हैं।

इनमें 20 अनुसंधान परियोजनायें, पांच स्पेशियलिटी फाइबर परियोजनायें, छह एग्री-टेक्सटाइल परियोजनायें, स्मार्ट टेक्सटाइल से दो, रक्षात्मक परिधान से दो, जियो-टेक्सटाइल से दो, एक्टिव-वीयर से एक, रणनीतिक एप्लीकेशन क्षेत्र से एक और खेल परिधान से एक परियोजना शामिल है।  गोयल ने विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में तकनीकी टेक्सटाइल से जुड़ी जानकारी दी। अग्रणी भारतीय संस्थान, जैसे आईआईटी, सरकारी संगठन, अनुसंधान संगठन, जाने-माने उद्योगपति और अन्य लोगों ने सत्र में हिस्सा लिया। इसी सत्र में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिये जरूरी परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई। इस तरह आत्मनिर्भर भारत और खासतौर से जियो-टेक, औद्योगिक और रक्षात्मक, कृषि तथा अवसंरचना विकास की दिशा में पहलकदमी की गई।

जाने-माने वैज्ञानिकों और तकनीक विशेषज्ञों को सम्बोधित करते हुये पीयूष गोयल ने कहा, “भारत में तकनीकी टेक्सटाइल के क्षेत्र में विकास तथा अनुसंधान के लिये उद्योग तथा अकादमिक जगत का जुड़ाव जरूरी है। अकादमीशियनों, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के साथ साझा समझ विकसित करना समय की जरूरत है।”  पीयूष गोयल ने प्रौद्योगिकी के योगदान तथा भारत के तकनीकी टेक्सटाइल के भावी विकास में विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और अकादमीशियनों के महत्त्व को रेखांकित किया।

भारत में स्पेशियलिटी फाइबर के भरपूर इस्तेमाल के बावजूद प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण आज भी प्रमुख चुनौती बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके लिये उद्योग और अकादमिक जगत की सहयोगी पहलकदमी जरूरी है।  गोयल ने जोर देते हुये कहा कि मशीनों और उपकरणों के स्वदेशीकरण की बहुत जरूरत है, ताकि तकनीकी टेक्सटाइल सेक्टर विश्व मंच पर अपने कदम मजबूती से जमा सके। अनुसंधान एवं विकास दिशा-निर्देशों की समीक्षा तथा एनटीटीएम के तहत समर्पित स्वदेशी मशीनरी व उपकरण विकास दिशा-निर्देश तैयार करने पर भी चर्चा की गई।

तकनीकी टेक्सटाइल में नवाचार तथा शोध इको-प्रणाली को बढ़ावा देने के लिये एनटीटीएम ने क्रमशः 50 लाख और 100 लाख रुपये कीमत की परियोजनाओं का खाका बनाने था प्रोटोटाइप तैयार करने को समर्थन देने का निर्णय किया है। इनमें इस बात की समुचित क्षमता है कि ये इन्हें वाणिज्यिक उत्पादों और प्रौद्यगिकियों में बदल सकें।

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