बुधवार, 19 अक्तूबर 2022

'भारत जोड़ो यात्रा' को अपने लिए तपस्या बताया: राहुल

'भारत जोड़ो यात्रा' को अपने लिए तपस्या बताया: राहुल 

विमलेश यादव 

अडोनी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा को अपने लिए तपस्या बताते हुए कहा है कि उनका मकसद लोगों से जुड़कर उनकी समस्याओं को समझना था और इस यात्रा के जरिए उनका यह उद्देश्य पूरा हो रहा है। गांधी ने आंध्र प्रदेश में करनूल जिले के अडोनी में बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने जिस मकसद के लिए भारत जोड़ो यात्रा का आयोजन किया था उस दिशा में पार्टी आगे बढ रही है और उनका मकसद पूरा हो रहा है।

उन्होंने कहा,“ भारत जोड़ो यात्रा का लक्ष्य देश में जो हिंसा फैलाई जा रही है उसके खिलाफ खड़े होने का है और इस दिशा में वह आगे बढ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि यात्रा का उद्देश्य भारत तथा भारत के लोगों को एक साथ लाना है। भारत जोड़ो यात्रा का देश के लोगों को एकजुट करने का जो मकसद था उस दिशा में पार्टी अपने मकसद में कामयाब हो रही है।

गांधी ने कहा “आंध्र प्रदेश के साथ सरकार ने जो वादा किया था मैं और हमारी पार्टी उस वादे के साथ हैं और उसे पूरा किया जाना चाहिए। कांग्रेस देश के हर व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करती है और इस पार्टी को किसी खास जाति, समुदाय या क्षेत्र विशेष के लिए ही नहीं, पूरे देश के लिए काम करती है।” उन्होंने कहा,“ कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), तेलुगु देशम पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति सबमें तानाशाही है।

कांग्रेस में ऐसा नहीं है। हम लोकतांत्रिक तरीके से काम करते हैं क्योंकि कांग्रेस की संस्कृति ही लोकतांत्रिक पार्टी की है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि वह कभी प्रेस कांफ्रेंस नहीं करते हैं लेकिन कांग्रेस प्रेस के सवालों से नहीं डरती है और समय-समय पर प्रेस के सामने आकर मीडिया के सवालों का वह जवाब देते हैं। यह कांग्रेस की संस्कृति कहा हिस्सा है।

भारत जोडो यात्रा के संदर्भ में उन्होंने कहा, “यह यात्रा मेरे लिए एक तपस्या है जिसमें मुझे अपने लोगों से मिलने और उनको समझने का मौका मिल रहा है इसलिए इस यात्रा का मेरे लिए इससे ज्यादा मकसद भी नहीं है।” उन्होंने कहा कि देश में किसानों को पहली बार लोगों को जीएसटी भरना पड़ रहा है। जीएसटी का मतलब एकीकृत कर व्यवस्था थी लेकिन भाजपा सरकार ने देश के लोगों को पर इसे थोपा है।

इसमें पांच तरह की कर व्यवस्था है और दुनिया में ऐसी कर व्यवस्था अन्यत्र नहीं है। जीएसटी का मतदब कर व्यवस्था को सबके लिए सरल बनाना था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। देश में लोगों को रोजगार की जरूरत है और छोटे कारोबारियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है लेकिन सरकार छोटे किसानों, छोटे कारोबारारियों और मध्यम वर्ग के लिए कोई काम नहीं कर रही है, जबकि सरकार अपने चुनिदा मित्रों पर बैंकों को लुटा रही है।

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