मंगलवार, 11 अक्तूबर 2022

फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी, गिरोह का भंडाफोड़ किया 

फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी, गिरोह का भंडाफोड़ किया 

पुलिस ने गिरोह का किया पर्दाफाश, पांच लड़कियां भी शामिल

बृजेश केसरवानी 

प्रयागराज। फर्जी मेट्रीमोनियल वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले गिरोह का साइबर थाने की पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। इस मामले में छत्तीसगढ़ के जाजगीर जिले के नवागढ़ थाना क्षेत्र स्थित कटौंद गांव निवासी गिरोह के सरगना रितिक कुमार कुरई, नगरदा बिलाईगढ़ बलौदाबाद बाजार के देवेंद्र कुमार चेलक और देवरबोड, बलौदा बाजार छत्तीसगढ़ के यानेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ प्रयागराज शहर में रहने वाली पांच लड़कियों को भी पकड़ा गया है। सभी राजापुर मोहल्ले में काल सेंटर चलाते थे, जहां से कंप्यूटर, रजिस्टर, फर्जी आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, मोबाइल, चेकबुक, पासबुक सहित अन्य सामान बरामद किया गया है।

मंगलवार दोपहर रेंज कार्यालय में आइजी डा. राकेश सिंह ने अभियुक्तों को मीडिया के सामने पेश किया। बताया कि दो माह पहले रितिक ने कैंट थाना क्षेत्र के राजापुर मोहल्ले में किराए का मकान लिया। वहीं पर अपने साथियों के साथ रहता था और काल सेंटर चलाता था। शादी के इच्छुक युवकों को जाल में फंसाने के लिए रायल मेरी, पार्टनर प्रोफाइल और पवित्र रिश्ता नाम से फर्जी मेट्रीमोनियल वेबसाइट बनाकर शादी करवाने के नाम पर ठगी करते थे। कुछ दिन पहले इंस्पेक्टर साइबर थाना राजीव तिवारी को इसका पता चला तो दारोगा राघवेंद्र पांडेय, अनुज तिवारी, अमृता सिंह, सिपाही सत्येश, अतुल, प्रीति, मीरा और प्रियांशी की टीम को लगाया गया। छानबीन में अंतरराज्यीय काल सेंटर का पता चला तो कार्रवाई की गई। 

अभियुक्तों ने बताया कि वे मेट्रीमोनियल वेबसाइटों से ऐसे युवकों के मोबाइल नंबर और प्रोफाइल प्राप्त करते थे, जो शादी करना चाहते थे। फिर उन नंबरों पर अपने काल सेंटर की लड़कियों से काल करवाते और जल्द शादी करवाने का प्रलोभन देकर फर्जी मेट्रीमोनियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाते थे। इसके लिए पांच से 10 हजार रुपये तक लेते थे।इसके बाद युवकों के मैच की लड़की की फर्जी प्रोफाइल तैयार कर काल सेंटर की लड़कियों से बात करवाते थे। ग्राहकों का भरोसा जीतने के लिए साफ्टवेयर से कूटरचित आधार व पैन कार्ड तैयार कर उन्हें भेजते थे। जब शादी के नाम पर पर्याप्त धन वसूल लेते थे तब हायर की हुई लड़कियों के माध्यम से शादी करने के लिए मना कर देते थे। युवकों के द्वारा दबाव बनाने पर गाली-गलौज करते हुए नंबर ब्लाक कर देते थे। 

काल सेंटर में काम करने वाली प्रत्येक लड़की को पांच हजार रुपये प्रति माह वेतन के साथ ही ठगी के पैसे से कमीशन भी देते थे। लड़कियों के उपनाम का समूह बनाकर बांटा गया था, ताकि उन्हें युवकों से बातचीत कर फंसाने में कोई परेशानी न हो। पूछताछ में पता चला कि गिरोह का सरगना स्नातक तक पढ़ाई कर चुका है। इंस्पेक्टर राजीव तिवारी ने बताया कि रितिक कुमार आपराधिक प्रवृत्ति का है। वह दो से तीन महीने तक एक शहर में काल सेंटर चलाता था और इस दौरान सौ से अधिक युवकों को जाल में फंसाकर ठगता था। इसके बाद वह शहर बदल देता था। दो साल पहले भी प्रयागराज में काल सेंटर खोला था। इससे पहले मेरठ, बिलासपुर, गोरखपुर सहित कई शहर में सेंटर संचालित कर चुका है।

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