मंगलवार, 4 अक्तूबर 2022

दिसंबर में 3 हजार अग्निवीर वायु सेना में शामिल होंगे

दिसंबर में 3 हजार अग्निवीर वायु सेना में शामिल होंगे 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि तीन हजार अग्निवीर ‘वायु’ आगामी दिसम्बर में वायु सेना में भर्ती हो जायेंगे, जबकि महिला अग्निवीरों की भर्ती अगले वर्ष की जायेगी और शुरू में यह संख्या दस प्रतिशत रहेगी। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने 90 वें वायु सेना दिवस से पहले सालाना संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नई योजना अग्निपथ के तहत वायु सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है और आगामी दिसम्बर में तीन हजार अग्निवीर वायु सेना में शामिल हो जायेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगले वर्ष महिला अग्निवीरों की भर्ती भी की जायेगी और शुरू में यह संख्या दस प्रतिशत रहेगी।

उन्होंने कहा कि वायु सेना में लिंग के आधार पर किसी को वरीयता नहीं दी जाती और सभी के साथ समान व्यवहार करते हुए मेरिट तथा प्रदर्शन को वरीयता दी जाती है। उन्होंने कहा कि वायु सेना के अधिकारियों ने समय समय पर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि वायु सेना देश की वायु सीमाओं की रक्षा और उनके उल्लंघन की हरकतों से निपटने के लिए 24 घंटे तथा साल के 365 दिन तैयार रहती है। हमारी यूनिट चौकस रहती हैं तथा किसी भी स्थिति का जवाब देने के लिए लड़ाकू विमान उडान भरने के लिए तैयार रहते हैं।

उन्होंने कहा कि वायु सेना पूर्वी लद्दाख में चीन की पल-पल की गतिविधि पर नजर रख रही है और उकसावे की कोई भी कार्रवाई किए बिना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। इसके लिए पूर्वी लद्दाख में विमानों की तैनाती, राडारों की संख्या बढाने के साथ , प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी और अन्य संसाधनों को लेकर किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जा रही। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिक पीछे हटे हैं लेकिन अभी गतिरोध पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और स्थिति को सामान्य तभी कहा जा सकता है जब अप्रैल 2020 की यथास्थिति बहाल हो जायेगी। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच विश्वास बहाली के उपाय हैं और वायु सेना का कार्य इस बात पर नजर रखना है कि इन उपायों का उल्लंघन न हो।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई के कारण वायु सेना को मिलने वाले पुर्जों तथा उपकरणों की आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अब बड़ी संख्या में पुर्जे देश में ही बनाये जा रहे हैं और धीरे धीरे विदेशों से इनकी आपूर्ति पर निर्भरता खत्म हो जायेगी। वायु सेना के बेड़े में लड़ाकू विमानों के स्कवैड्रनों की कम होती संख्या पर उन्होंने कहा कि अगले दशक के मध्य तक यह 35 से 36 तक पहुंच जायेगी। उन्होंने बताया कि मिग -21 बाइसन के तीन स्कवैड्रन पहले फेज आउट किये जायेंगे इसके बाद 2025-26 में जगुआर विमानों के स्कवैड्रन बेड़े से बाहर किये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि मिराज 2000 और मिग 29 विमानों के उन्नयन की प्रक्रिया भी चल रही है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि बड़ी संख्या में विमान होने पर ही जीत निश्चित होती है, जीत के लिए बेहतर प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी भी उतनी ही जरूरी है और वायु सेना इस क्षेत्र में पूरा ध्यान दे रही है। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि भविष्य की लड़ाई छोटी और तुरता फुर्ती वाली भी हो सकती हैं और भीषण युद्ध भी हो सकती है यह निरंतर बदलती परिस्थितियों पर निर्भर करता है लेकिन वायु सेना अपने आप को बुरी से बुरी परिस्थिति को ध्यान में रखकर तैयारी करती है।

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