शुक्रवार, 15 जुलाई 2022

पत्नी द्वारा मंगलसूत्र नहीं पहने जाने पर तल्ख टिप्पणी

पत्नी द्वारा मंगलसूत्र नहीं पहने जाने पर तल्ख टिप्पणी 

गीता गोवंडके 
चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने बड़ा बयान दिया है। बता दें, कि मद्रास हाईकोर्ट ने तलाक के एक मामलें की सुनवाई के दौरान अलग रह रही पत्नी द्वारा मंगलसूत्र नहीं पहने जाने पर तल्ख टिप्पणी करते हुए तलाक (Divorce) की अर्जी को मंजूरी दे दी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि पति से अलग रह रही पत्नी का तलाक से पहले मंगलसूत्र हटाना पति के लिए मानसिक क्रूरता (Mental Cruelty) के समान है। कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ ही पति की तलाक की अर्जी को मंजूरी दे दी।
आपको बता दें कि चेन्नई के इरोड (Erode) में स्थित एक मेडिकल कॉलेज में बतौर प्रोफेसर काम करने वाले सी। शिवकुमार ने लोकल फैमली कोर्ट  के उस आदेश को रद्द किए जाने के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में तलाक की अर्जी लगाई थी, जिसमें उन्हें तलाक देने से इनकार कर दिया गया था।
इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस वी.एम वेलुमणि और जस्टिस एस, सौंथर की खंडपीठ ने कहा कि जब महिला से पूछा गया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि पति से अलगाव के समय उसने अपना मंगलसूत्र हटा दिया था। सुनवाई कर रही बेंच ने साफ कहा “यह सामान्य समझ की बात है कि दुनिया के इस हिस्से में होने वाले विवाह समारोह में मंगलसूत्र बांधना एक आवश्यक अनुष्ठान है। महिला ने ये बात भी स्वीकारी है कि उसने मंगलसूत्र को हटा दिया और उसे बैंक लॉकर में रखा था. ये एक ज्ञात तथ्य है कि कोई भी हिंदू विवाहित महिला अपने पति के जीवनकाल में किसी भी हालात में खुद से मंगलसूत्र नहीं हटाएगी।
अदालत ने कहा, किसी भी हिंदू महिला के गले में मंगलसूत्र एक पवित्र चीज है जो विवाहित जीवन की निरंतरता का प्रतीक है और उसे पति की मृत्यु के बाद ही हटाया जाता है। इसलिए पति के जीवित रहते पत्नी का खुद को मंगलसूत्र से अलग करना मानसिक क्रूरता कहलाता है क्योंकि ऐसा करने से पति की भावनाओं को ठेस पहुंचती है।

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