रविवार, 17 जुलाई 2022

मानसून सत्र में गैर सरकारी विधेयक लाने की योजना

मानसून सत्र में गैर सरकारी विधेयक लाने की योजना 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने रविवार को कहा कि उन्होंने संसद के इस मानसून सत्र में एक गैर सरकारी विधेयक लाने की योजना बनाई है। जिसमें यह प्रावधान होगा कि ‘गलत ढंग से गिरफ्तार किए गए’ लोगों के बरी होने पर उन्हें उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए तथा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो। उनका कहना है कि ‘गलत ढंग से की गई गिरफ्तारियों’ के मामले बढ़ने और ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने के कारण उन्हें यह गैर सरकारी विधेयक लाने का विचार आया।
बिहार के किशनगंज से लोकसभा सदस्य जावेद ने  कहा, ‘‘ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं जिनमें पुलिस लोगों को गिरफ्तार करती है और आखिरकार वे सभी आरोपों से बरी हो जाते हैं, लेकिन इससे पहले उन्हें एजेंसियों द्वारा गंभीर प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब लंबे समय से हो रहा है, लेकिन केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद इस तरह के मामलों में तेजी आई है। कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘इसी चीज को ध्यान में रखते हुए मैंने गैर सरकारी विधेयक लाने का फैसला किया है।
इसमें यह प्रावधान होगा कि संबंधित अधिकारियों या एजेंसियों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो तथा बरी हुए व्यक्ति को उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले।’’ जावेद ने कहा कि वह जल्द ही यह गैर सरकारी विधेयक पेश करने की मंजूरी मांगेंगे और यदि लोकसभा सचिवालय से जल्द मंजूरी मिल गई तो वह इसे मानसून सत्र में ही सदन में पेश करेंगे। यह पूछे जाने पर कि मोहम्मद जुबैर के मामले को देखते हुए भी उन्होंने यह विधेयक लाने का फैसला किया तो उन्होंने कहा, ‘‘एक वजह यह भी है।
’’ बहरहाल, उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कई मामले हैं जिनकी वजह से उन्हेंने यह विधेयक लाने की योजना बनाई है। जावेद ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह विधेयक सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए है। यह बात जरूर है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को बड़ी संख्या में निशाना बनाया जाता है। इसके साथ ही, दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमजोर तबके के लोगों को इसी तरह से निशाने पर लिया जाता है। इसलिए यह विधेयक सभी के लिए होगा।
’’ उन्होंने कुछ दिनों पहले अपनी इसी योजना को लेकर ट्वीट किया था जिस पर कांग्रेस सांसदों- शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम ने उनका समर्थन किया था। जावेद ने कहा, ‘‘सिर्फ ये दो सांसद नहीं, बल्कि कई ऐसे सांसद हैं जो इस तरह के विधेयक से इत्तेफाक रखते हैं। सभी लोग खुलकर समर्थन नहीं कर सकते क्योंकि उनकी अपनी मजबूरियां हैं।’’ कांग्रेस सांसद ने कहा कि अगर वह फिर से लोकसभा चुनाव जीतते हैं और उनकी पार्टी सत्ता में आती है तब भी उनका यही रुख होगा तथा ऐसे विधेयक को कानून में तब्दील करने की पैरवी करेंगे।

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