गुरुवार, 2 जून 2022

यौन उत्पीड़न के आरोप में दायर केस को खारिज किया

यौन उत्पीड़न के आरोप में दायर केस को खारिज किया

इकबाल अंसारी  
शिलोंग। मेघालय उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न के आरोप में मोहम्मद सैमुल्लाह नाम के एक शख्स के खिलाफ दायर केस को खारिज कर दिया। अदालत ने इस पर एक बड़ा बयान दिया जिसमें कहा है कि एक नाबालिग लड़की का हाथ पकड़ना और उसे सुंदर कहना तब तक यौन अपराधों की श्रेणी में नहीं आएगा, जब तक हाथ पकड़ने वाले का अपराध करने का इरादा न हो।
दरअसल यह मामला 9 साल की बच्ची से जुड़ा है। जब वह 55 साल के मोहम्मद सैमुल्लाह को पानी देने आई तो उसने बच्ची का हाथ पकड़ लिया और सहलाते हुए कहा था कि उसके हाथ सुंदर हैं। बच्ची तुरंत वहां से निकल गई और मां को इस पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद सैमुल्लाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
स्पेशल पॉक्सो (POCSO) कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (एक महिला का शील भंग) और 354A (यौन उत्पीड़न) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 7 (यौन हमला) और 9 (गंभीर यौन हमला) के तहत आरोप तय किए थे। जस्टिस डिएंगदोह ने कहा कि बंडू विट्ठलराव बोरवार बनाम महाराष्ट्र के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि ऐसे मामलों में आरोपी के इरादों के बारे में जानना जरूरी है।
जस्टिस डिएंगदोह ने कहा कि मौजूदा मामले में हम बॉम्बे हाईकोर्ट की राय से सहमत हैं कि आरोपी का किसी भी तरह से यौन उत्पीड़न का इरादा नहीं था और यह सेक्शुअल असॉल्ट के तहत नहीं आता। सिंगल बेंच जज डब्ल्यू डिएंगदोह ने आगे कहा कि आरोपी ने कथित रूप से कोई अपराध नहीं किया है। इसलिए उसे दोषी नहीं ठहराया जाएगा। जस्टिस डिएंगदोह ने कहा ऐसे में केस जारी रखना केवल समय की बर्बादी होगी। न्याय पूरा नहीं हो पाएगा। इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है।

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