मंगलवार, 3 मई 2022

रिलायंस को पार्टी बनाने पर विचार: 'ऐमजॉन'

रिलायंस को पार्टी बनाने पर विचार: 'ऐमजॉन'

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। दुनिया के टॉप रईसों में शामिल जेफ बेजोस और मुकेश अंबानी के बीच अब सीधी टक्कर हो सकती है। अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने खस्ताहाल हो चुके फ्यूचर ग्रुप के रिटेल बिजनस को खरीदने के लिए की गई डील से किनारा कर लिया है। लेकिन इससे पहले ही वह करीब बिग बाजार 950 स्टोर्स पर कब्जा कर चुकी थी। मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेजोस की कंपनी ऐमजॉन किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप के साथ चल रही कानूनी लड़ाई में अब रिलायंस को भी पार्टी बनाने पर विचार कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक ऐमजॉन का मानना है कि रिलायंस ने फ्यूचर रिटेल को बंद करने के लिए यह कदम उठाया है। साथ ही कंपनी बैंकों को बकाया भी नहीं देना चाहती है।
बिग बाजार स्टोर्स के हाथ से निकल जाने से फ्यूचर रिटेल की वित्तीय स्थिति बुरी तरह गड़बड़ा गई है। उनका कहना है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने भी पिछले हफ्ते ऐमजॉन और फ्यूचर के वकीलों से पूछा था कि इस मामले में रिलायंस को पार्टी क्यों नहीं बनाया जा सकता है। एक सूत्र ने कहा कि इस मामले में रिलायंस को पार्टी बनाया जा सकता है। दिल्ली हाई कोर्ट में अगले हफ्ते मामले की सुनवाई होगी। मुकेश अंबानी ने पटखनी देने वाले से मिलाया हाथ, विदेश में सबसे बड़ी डील की तैयारी।
फ्यूचर रिटेल के लिए बिग बाजार आय का प्रमुख स्रोत है। बिग बाजार के एसेट्स पर पहला अधिकार फ्यूचर ग्रुप को कर्ज देने वाले 28 बैंकों का है। एक सूत्र ने कहा कि रिलायंस के बिग बाजार स्टोर्स पर कब्जा करने के बाद फ्यूचर रिटेल की स्थिति और बदतर हो गई है। कंपनी के पास बैंकों के बकाये का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं। ऐमजॉन का कहना है कि वह अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिग बाजार के सामान को नहीं बेच पा रही है। फ्यूचर रिटेल की वैल्यू इतनी गिर गई है कि उसके लिए खरीदार खोजना मुश्किल है।
ऐमजॉन ने कोर्ट से मांग की है कि फ्यूचर रिटेल के बिग बाजार स्टोर्स का मालिकाना हक बहाल किया जाए ताकि कंपनी अपना कारोबार कर सके, बैंकों का भुगतान कर सके और अपने लिए कोई उपयुक्त खरीदार खोज सके। सूत्र ने कहा कि ऐमजॉन इस मामले में रिलायंस को एक पार्टी बनाना चाहती है। इस बारे में ऐमजॉन, फ्यूचर, रिलायंस और फ्यूचर को लोन देने वाले टॉप बैंकों ने उन्हें भेजे गए ईमेल का कोई जबाव नहीं दिया। बिल गेट्स के बराबर पहुंची गौतम अडानी की नेटवर्थ, एक दिन में कमाए 48,433 करोड़ रुपये
इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग्स
रिलायंस ने अगस्त 2020 में फ्यूचर रिटेल के एसेट्स को खरीदने के लिए 24,713 करोड़ रुपये की डील की थी। इसमें से 12,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि फ्यूचर को कर्ज देने वाले बैंकों को दी जानी थी। लेकिन ऐमजॉन ने इस डील को सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सिंगापुर की अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में इस डील पर रोक लगा दी थी लेकिन अभी इस पर अंतिम फैसला आया है।
एक सूत्र ने कहा कि रिलायंस ने फ्यूचर रिटेल की ऑफर वैल्यू 3.2 अरब डॉलर से घटाकर दो अरब डॉलर कर दिया है। बैंकों को भारी नुकसान उठाने के लिए कहा गया। अब उन्हें 12,500 करोड़ के बजाय 7,000 करोड़ रुपये ऑफर किए जा रहे हैं। यही वजह है कि सिक्योर्ड क्रेडिटर्स ने रिलायंस के ऑफर को ठुकरा दिया। हाल में बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में फ्यूचर रिटेल को कर्ज देने वाले बैंकों ने कंपनी के खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग्स शुरू की है।

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