श्रीकृष्ण जन्मभूमि व ईदगाह केस, तारीख मुकर्रर
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। यूपी के मथुरा जिले में जिला एवं सत्र न्यायलय द्वारा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामलें की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षो ने अपनी-अपनी बात रखी। दोनों तरफ की बातचीत सुनने के बाद जिला जज ने 19 मई की तारीख मुकर्रर करते हुए फैसला सुनाने का निर्णय लिया है। आपको बताते चलें कि आखिर कहा से श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह का मामला शुरु हुआ।
9 नवम्बर 2019 को श्रीराम जन्मभूमि का फैसला आने के बाद सबसे पहले श्रीकृष्ण जन्मभूमि की ओर से अधिवक्ता हरिशंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री सहित कुल 8 लोगों ने मथुरा जिला अदालत में याचिका दायर की थी। जिस पर अभी तक सुनवाई चल रही है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह के मामले के साथ ही कई अन्य मामले मथुरा की जिला अदालत में दायर किये गए थे।
साल 2020 में दायर याचिका
श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व को लेकर 25 सितंबर 2020 को श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से मथुरा की जिला अदालत में याचिका दायर की गई थी। जिस पर जिला अदालत में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और सुन्नी वक्फ बोर्ड के द्वारा अपना-अपना पक्ष रखा गया। आदलत में चली लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए 19 मई 2022 को अपना फैसला सुनाने को कहा।
जमीन के स्वामित्व का मामला...
याचिका में ये कहा गया है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह के बीच हुए साल 1967 में समझौते को खारिज करके 13.37 एकड़ जमीन का स्वामित्व जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपा जाए। इसमें चार पक्षों को अदालत द्वारा नोटिस भी दिया गया था। जिसमें सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ और शाही ईदगाह ट्रस्ट ने अदालत में अपना-अपना पक्ष रखा था।
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