गुरुवार, 7 अप्रैल 2022

रूस के साथ गठबंधन, भारत को कीमत चुकानी पड़ेेगी

रूस के साथ गठबंधन, भारत को कीमत चुकानी पड़ेेगी  

अखिलेश पांडेय        
नई दिल्ली/मास्को/वाशिंगटन डीसी। रूस और यूक्रेन के बीच जारी घमासान युद्ध के बीच भारत की तटस्थता की नीति अमेरिका का रास नहीं आ रही है और वह कई बार इस मुद्दे को लेकर भारत पर दबाव बना चुका है। परोक्ष रूप से दबाव बनाने की नाकाम कोशिश के बाद अब अमेरिका खुली धमकी देने पर उतारू हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के शीर्ष आर्थिक सलाहकार ब्रायन डीज ने कहा है कि रूस के साथ गठबंधन की भारत को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। डीज ने यह भी कहा कि रूस यूक्रेन मुद्दे पर चीन और भारत द्वारा लिए गए फैसलों ने पश्चिमी देशों को निराश किया है। इसी बीच यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद से निलंबित करने के के लिए अमेरिका संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में एक प्रस्ताव लेकर आया है, जिस पर आज मतदान होगा। वहीं इस प्रस्ताव पर रूस ने भी खुली धमकी देते हुए कहा है कि अगर किसी भी देश ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
पत्रकारों से बात करते हुए डिज ने कहा कि यूक्रेन संकट पर भारत और चीन द्वारा दिखाई गई तटस्थता से अमेरिका बहुत निराश है और इसके दीर्घकालिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं। अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और जापान सहित कई देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं तो दूसरी तरफ भारत ने इन प्रतिबंधों को मानने से इनकार कर दिया है और उससे तेल आयात करने की तैयारी कर रहा है। ससे पहले भी अमेरिका भारत पर दबाव बनाने की लगातार कोशिश कर रहा है। कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने अपनी भारत यात्रा के दौरान चेताया था कि अगर चीन एलएसी का उल्लंघन करता है तो भारत को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि रूस भारत को बचाने के लिए आएगा।

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