बुधवार, 13 अप्रैल 2022

14 अप्रैल को मनाईं जाएगी अंबेडकर की जयंती

14 अप्रैल को मनाईं जाएगी अंबेडकर की जयंती  

सरस्वती उपाध्याय                  
हर साल 14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाईं जाती है। भारत के पहले कानून मंत्री डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती को चिह्नित करते हुए, 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को भारत में समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में जाना जाता है। इस दिन ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा में 'अंबेडकर समानता दिवस' भी मनाया जाता है। डॉ. भीमराव आम्बेडकर यानी डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर का जन्म दिन 14 को 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था।
डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर को भारतीय संविधान के पिता के रूप में सम्मानित किया गया, क्योंकि उनकी अध्यक्षता में ही संविधान सभा ने दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान तैयार किया गया था। अम्बेडकर जयंती को जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने में न्यायविद के समर्पण को याद करने के लिए भी मनाया जाता है। उन्होंने जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध किया और इसे समाज से मिटाने का प्रयास किया।
वह हमेशा उत्पीड़ितों के साथ एकजुटता से खड़े रहे और महिलाओं, मजदूरों और अछूतों के जीवन के उत्थान के लिए काम किया। एक प्रखर समाज सुधारक, अर्थशास्त्री और प्रभावशाली वक्ता होने के साथ-साथ, डॉ. अम्बेडकर राजनीति विज्ञान, कानून और अर्थशास्त्र जैसे विभिन्न विषयों के विद्वान भी थे।
उन्होंने एक ऐसे भारत की कल्पना की जहां सभी नागरिकों को कानून के तहत समान माना जाए। उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी के लिए अभियान चलाया।

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