सोमवार, 7 मार्च 2022

युद्ध: रूस ने रिहाइशी इमारतों को निशाना बनाया

युद्ध: रूस ने रिहाइशी इमारतों को निशाना बनाया      

अखिलेश पांडेय     
कीव/मास्को। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का सोमवार को 12वां दिन है। 24 फरवरी को शुरू हुई इस जंग में अब यूक्रेन के आम लोगों की जान भी जा रही है। इसके चलते इन 12 दिनों में सदी का सबसे बड़ा पलायन भी दिखा। इधर, रूस ने यूक्रेन के खार्किव शहर में रिहाइशी इमारतों को निशाना बनाया है। हालांकि, लोगों को पहले ही बंकरों समेत सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी जा चुकी थी, लेकिन अब भी वहां कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। इधर, यूक्रेन ने कई रूसी टैंकों को तबाह करने का दावा किया है। युद्ध की इस त्रासदी को आप इस तस्वीर में देख सकते हैं।

मैं कीव के बाहरी इलाके में इर्पिन नदी के पुल के पास मौजूद थी। यह ब्रिज यूक्रेन ने उड़ा दिया था, ताकि रूसी सेना को आगे बढ़ने से रोका जा सके। रविवार को शहर के कई नागरिक इस टूटे पुल को पार करके सुरक्षित जगहों पर पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। इनमें एक परिवार भी था, जिसमें एक महिला, उसके दो बच्चे और एक पुरुष था। ये लोग अपने बैगेज के साथ आगे बढ़े ही थे, तभी वहां जोरदार धमाका हुआ। कॉन्क्रीट के बड़े ब्लॉक्स हवा में उछल गए। चारों तरफ धूल का गुबार उठा। जब धूल छंटी, तो लोग भागते नजर आए, लेकिन वह परिवार कहीं दिखाई नहीं दिया। मां और बच्चे के शव सड़क पर गिरे हुए थे। पुरुष गंभीर रूप से घायल था। यूक्रेन के सैनिक उसे बचाने की कोशिश कर रहे थे।

रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यूक्रेन की मदद करने वाले देशों को धमकी दी है कि ऐसा करके वे रूस के साथ जंग को दावत दे रहे हैं।रूसी सेनाओं ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर दो तरफ से हमला बोल दिया है। पूर्व की तरफ से रूसी सेनाएं कीव में दाखिल होने के लिए आगे बढ़ रही हैं। वहीं, पश्चिम की तरफ से रूस के सैनिक आम लोगों को निशाना बना रहे हैं।यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने रविवार को कहा कि रूस ने यूक्रेन की डिफेंस इंडस्ट्री से जुड़े संस्थानों पर हमले का ऐलान किया है। इनमें से अधिकतर शहरों के बीच हैं, जहां चारों तरफ आम नागरिक रहते हैं। ऐसे में रूसी हमला सीधे तौर पर नागरिकों का मर्डर है।जेलेंस्की ने रूसी हमले झेल रहे खार्किव, चेर्निहाइव, मारियुपोल, खेरसॉन, होस्टोमेल और वोल्नोवाखा शहरों को सोवियत परंपरा के अनुसार हीरो सिटी की उपाधि दी है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सोवियत संघ के 12 शहरों को यह खिताब दिया गया था।रूस और यूक्रेन के बीच पोलैंड में शांति समझौते पर तीसरे दौर की बातचीत हो सकती है।पुतिन की सेना 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करती है और महज 12 घंटे बाद यूक्रेन में घुसकर चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट पर कब्जा कर लेती है।

आपने सुना ही होगा, देख भी लिया होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि चेर्नोबिल हादसे के बाद उस प्लांट को ढंका कैसे गया था। रूस ने यूक्रेन के पूर्वी शहरों को बमों से पाट दिया है। प्रेसिडेंट जेलेंस्की आम लोगों से बंदूकें उठाने की अपील कर रहे हैं। अमेरिकी एक्सपर्ट कहते हैं कि जेलेंस्की को फिनलैंड जैसे छोटे से देश से सीखना चाहिए था, जिसने 80 साल पहले आम नागरिकों के दम पर तीन महीने तक सोवियत आर्मी से टक्कर ली थी। यूक्रेन की तैयारी की यह खास खबर यहां पढ़े। जंग के बीच पुतिन ने परमाणु हमले की भी धमकी दी है। ऐसे में दो शब्द बेहद चर्चा में हैं। पहला- न्यूक्लियर बम और दूसरा न्यूक्लियर ट्रायड। रूस के लिए इसके क्या मायने हैं। आइए भारत-पाकिस्तान के उदाहरण से समझते हैं कि न्यूक्लियर ट्रायड क्या होता है। यूक्रेन के उत्तर पूर्व में स्थित शहर सुमी से आ रही हैं, जहां करीब 800 इंडियन स्टूडेंट्स फंसे हैं। उनके पास न खाना बचा है और न पानी। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि रूसी हमले की आशंका के बावजूद क्या यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने में देरी की गई। भारत की तैयारी पर इंडेप्थ रिपोर्ट यहां पढ़े। यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने कई पाबंदियां लगा दी हैं।

रूस पर पाबंदी से भारत को T-90 टैंक और चक्र-3 परमाणु पनडुब्बी से लेकर S-400 एयर डिफेंस सिस्टम मिलने में मुश्किल होगी। देखा जाए तो इससे सबसे ज्यादा खुशी चीन और पाकिस्तान को होगी​​​​​​​। वजह जानने के लिए यह खबर पढ़िए। मैप से समझिए यूक्रेन में कहां तक पहुंची रूसी सेना24 फरवरी से जारी इस जंग में रूसी सेना अब तक यूक्रेन की राजधानी कीव पर तो काबिज नहीं हो पाई है, लेकिन उसने यूक्रेन के सीमावर्ती इलाकों पर कब्जा कर लिया है। रूस किन शहरों से होकर कीव को घेर रहा है, इसे नीचे दिए मैप से समझिए। रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग ने आम लोगों की जिंदगी दुश्वार कर दी है। पुरुष, महिलाएं, बुजुर्ग या बच्चे। कोई भी मिसाइलों के हमलों और सेना की गोलीबारी के बीच महफूज नहीं है।

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