गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022

कृषि को स्मार्ट बनाने के लिए 7 रास्ते सुझाए: पीएम

कृषि को स्मार्ट बनाने के लिए 7 रास्ते सुझाए: पीएम    

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ने ब्रहस्पतिवार को कहा कि बजट में कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए मुख्य रूप से सात रास्ते सुझाए गए हैं। जिनमें गंगा के दोनों किनारों पर पांच किलोमीटर के दायरे में नेचुरल फार्मिंग को मिशन मोड पर कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कृषि से संबंधित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि और बागवानी में आधुनिक टेक्नॉलॉजी किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले आज के ही दिन पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई थी। यह योजना आज देश के छोटे किसानों का बहुत बड़ा संबल बनी है। इसके तहत देश के 11 करोड़ किसानों को लगभग पौने दो लाख करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री  ने कहा कि बीते सात सालों में बीज से बाज़ार तक ऐसी ही अनेक नई व्यवस्थाएं तैयार की गयी हैं और पुरानी व्यवस्थाओं में सुधार किया है। सिर्फ छह सालों में कृषि बजट कई गुणा बढ़ा है। किसानों के लिए कृषि लोन में भी सात सालों में ढाई गुणा की बढ़ोतरी की गई है। उनका कहना है की वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। इसमें भी हमारा कॉरपोरेट जगत आगे आए, भारत के मिलेट की ब्रैंडिंग करे, प्रचार करे। हमारे दूसरे देशों में जो बड़े मिशन्स हैं, वह भी अपने देशों में बड़े-बड़े सेमिनार करे, वहां के लोगों को जागरुक करे कि भारत केमिलेट कितने उत्तम हैं।

उन्होंने कहा कि ‘पर ड्रोप मोर क्राप’ पर सरकार का बहुत जोर है और ये समय की मांग भी है। इसमें भी व्यापार जगत के लिए बहुत संभावनाएं हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड में क्या परिवर्तन आएंगे, ये सभी भलीभांति जानते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस 21वीं सदी में खेती और खेती से जुड़े ट्रेड को बिल्कुल बदलने वाली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान ड्रोन का देश की खेती में अधिक से अधिक उपयोग इसी बदलाव का हिस्सा है।

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