शनिवार, 26 फ़रवरी 2022

जलाशय बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के निर्देश दिए

जलाशय बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के निर्देश दिए    

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के हर घर को 24 घंटे नल से साफ पानी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी के तहत उन्होंने अपने आवास एक उच्च स्तरीय बैठक की। जिसमें मानसून के दौरान यमुना में आने वाले अतिरिक्त जल को स्टोर करने और उसे शुद्ध कर लोगों के घर तक पहुंचाने की योजना बनी। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने संबंधित अधिकारियों को पायलट आधार पर वजीराबाद जलाशय के ऊपरी छोर पर 459 एकड़ का कैचमेंट वेटलैंड जलाशय बनाने और 20 एकड़ का ऑफ रिवर मिनी जलाशय बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के निर्देश दिए। 
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार की योजना है कि मानसून के दौरान यमुना में आने वाले अतिरिक्त पानी को जलाशयों में स्टोर किया जाए और उसे शुद्ध कर लोगों के घर तक पहुंचाया जाए। हमारी यह रणनीति सफल होती है, तो ऐसे और जलाशय बनाए जाएंगे, ताकि मानूसन के दौरान यमुना में आने वाले अतिरिक्त पानी को स्टोर कर उसका इस्तेमाल पीने के लिए किया जा सके।
दिल्ली में बनेगा 459 एकड़ का कैचमेंट वेटलैंड जलाशय और 20 एकड़ का ऑफ रिवर मिनी जलाशय
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मानसून के दौरान यमुना में आने वाले अतिरिक्त पानी को स्टोर करने और उसे साफ कर लोगों के घर तक पहुंचाने को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रेजेंटेशन दिया गया। इस दौरान दो प्रस्तावों पर आगे बढ़ने की सहमति बनी है। पहला, यमुना नदी के पश्चिमी तट पर स्थित वजीराबाद जलाशय के ऊपरी छोर पर पायलट आधार पर 459 एकड़ का कैचमेंट वेटलैंड जलाशय बनाने की रणनीति बनी। इस जलाशय में मानसून का करीब 1,735 एमजी पानी को स्टोर किया जा सकेगा, दूसरा, 20 एकड़ का ऑफ रिवर मिनी जलाशय बनाने पर विचार किया गया। जिसकी गहराई 10 मीटर तक होगी और यहां करीब 223 एमजी मानसून का पानी का स्टोर हो सकेगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली सरकार सभी दिल्लीवासियों को 24 घंटे स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। अगर ये पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है, तो दिल्ली सरकार ऐसे ही और कई जलाशय बनाएगी, ताकि यमुना में आए मानूसन के अतिरिक्त पानी का इस्तेमाल पीने के लिए किया जा सके। दरअसल, दिल्ली सरकार की योजना है कि वजीराबाद बैराज के अपस्ट्रीम के बाढ़ क्षेत्र में मानूसन के दौरान आने वाले अतिरिक्त पानी को स्टोर किया जाए और उस पानी को शुद्ध करके दिल्ली के निवासियों को पीने योग्य पानी की आपूर्ति की जाए। इससे दिल्ली में पेयजल की क्षमता में वृद्धि हो सकेगी। इसी को लेकर दिल्ली सरकार पायलट आधार पर जलाशयों का विकास करने को लेकर रणनीति और एक्शन प्लान पर काम कर रही है। इसके तहत सभी स्टोरेज स्ट्रक्चर पल्ला तक फैले वजीराबाद जलाशयों को विकसित किया जाएगा। इससे नदी की पारिस्थितिकी और आसपास के आवासीय एरिया पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा और ऑफ-रिवर मिनी जलाशयों को सीमांत बांध के बाहर विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उच्च स्तरीय बैठक में दो प्रोजेक्ट्स यानि वजीराबाद जलाशय के ऊपरी छोर पर 459 एकड़ का कैचमेंट वेटलैंड जलाशय और 20 एकड़ का ऑफ रिवर मिनी जलाशय बनाने की रणनीति पर आगे बढ़ने के निर्देश दिए। पायलट प्रोजेक्ट के तहत यमुना नदी के पश्चिमी तट पर वजीराबाद जलाशय के उपरी छोर पर 459 एकड़ एरिया में कैचमेंट वेटलैंड जलाशय बनाने से 1,735 एमजी मानसून का पानी जमा किया जा सकेगा। इस जमा पानी को शुद्ध कर पीने योग्य बनाया जाएगा, जो लोगों के घर तक पहुंचाया जाएगा। वहीं, दिल्ली सरकार की योजना है कि यमुना नदी में 20 एकड़ का ऑफ रिवर मिनी जलाशय बनाने से मानसून के पानी की स्टोरेज क्षमता में वृद्धि हो जाएगी। इस मिनी जलाशय की गहराई 10 मीटर होगी और इसमें करीब 223 एमजी पानी का स्टोर किया जा सकेगा।

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