बुधवार, 9 फ़रवरी 2022

विधानसभा चुनाव को लेकर 'प्रतिष्ठा' दांव पर लगीं

विधानसभा चुनाव को लेकर 'प्रतिष्ठा' दांव पर लगीं    

संदीप मिश्र       

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का रोमांच शुरू हो चुका है। 10 फरवरी से चुनावी मतदान का दौर शुरू हो जाएगा। इस बार यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से लेकर कई बड़े चेहरों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ये हस्तियां इस बार चुनाव मैदान में भी उतरी हैं। पिछले दो दशकों में पहली बार है। जब कोई सीएम चुनावी मैदान उतरा है। इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव लड़ा था। इस दिग्गजों की जीत-हार का परिणाम पूरा देश जानना चाहेगा। गोरखपुर सदर विधानसभा सीट : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा गोरखपुर सदर सीट की है। यहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद चुनाव मैदान में हैं। विधानसभा का यह क्षेत्र गोरखपुर की उस संसदीय सीट में आता है जहां से योगी पांच बार लगातार सांसद रह चुके हैं। 

इस सीट पर अब तक हुए 17 चुनावों में 10 बार जनसंघ, हिंदू महासभा और बीजेपी का परचम लहरा चुका है। समाजवादी पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर सदर सीट से पुराने भाजपाई रहे स्वर्गीय उपेंद्र दत्त शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ला को मैदान में उतारा है। करहल विधानसभा सीट: मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट की इन दिनों काफी चर्चा है। यहां से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय राज्यमंत्री और एक जमाने में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के खास रहे प्रो. एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतारा है। बघेल मुलायम सिंह के पीएसओ भी रह चुके हैं। यादव बहुल होने के चलते करहल सीट को सपा का गढ़ माना जाता है। सिराथू विधानसभा सीट: प्रयागराज परिक्षेत्र की महत्‍वपूर्ण सीट मानी जा रही सिराथू विधान सभा सीट को लेकर सभी की निगाह है। यहां से उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य चुनाव लड़ रहे हैं। कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी के रूप में अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पल्लवी पटेल ने नामांकन भरा है। रामपुर विधानसभा सीट: करीब दो साल से सीतापुर जेल में बंद सांसद और कद्दावर नेता आजम खां को समाजवादी पार्टी ने यहां से उम्मीदवार बनाया है। वह इस बार जेल से चुनाव लड़ रहे हैं। आजम खां के खिलाफ 103 मुकदमे दर्ज हैं।

आजम लगातार जमानत के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है। आजम के खिलाफ भाजपा ने आकाश सक्सेना उर्फ हनी को टिकट दिया है। बसपा ने यहां से सदाकत हुसैन और कांग्रेस ने काजिम अली खान को उम्मीदवार बनाया है। कैराना विधानसभा सीट: पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ये सबसे हाट सीट मानी जाती है। इस विधानसभा चुनाव में भी यह सीट सुर्खियों में है। यहां इस बार भी पलायन बनाम भाईचारे की बहस छिड़ी हुई है। भाजपा के चुनावी चाणक्य केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद कैराना पहुंचे थे और घर-घर जाकर वोट मांगे। यहां फिर से दो सियासी घराने मैदान में हैं। यहां से समाजवादी पार्टी ने अपने विधायक नाहिद हसन को टिकट दिया है। कैराना से हिंदुओं के पलायन कराने का आरोप नाहिद पर लगा है। नाहिद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। भाजपा ने यहां से मृगांका सिंह और बसपा ने राजेंद्र सिंह उपाध्याय को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की तरफ से हाजी अखलाक मैदान में हैं।

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