शनिवार, 15 जनवरी 2022

टीम इंडिया के पूर्व कोच ने पीटरसन की तारीफ की

टीम इंडिया के पूर्व कोच ने पीटरसन की तारीफ की   

मोमीन मलिक           नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कीगन पीटरसन की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कहा कि दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज ने उन्हें महान गुंडप्पा विश्वनाथ की याद दिला दी। पीटरसन ने भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में दक्षिण अफ्रीका की 2-1 से जीत में अहम भूमिका निभाई। बल्लेबाज ने केपटाउन में तीसरे टेस्ट की दोनों पारियों में अर्द्धशतक बनाए और उन्हें प्लेयर आफ द मैच के साथ-साथ प्लेयर आफ द सीरीज भी चुना गया। बता दें कि केपटाउन में खेले गए तीसरे टेस्ट में डीन एल्गर की कप्तानी वाली टीम ने विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम को 7 विकेट से हरा दिया। इस मैच में कीगन पीटरसन ने 72 और 82 रनों की पारी खेली। 

कीगन पीटरसन की बल्लेबाजी की तारीफ करते हुए शास्त्री ने कहा कि कीगन पीटरसन के तौर पर एक वर्ल्ड क्लास प्लेयर तैयार हो रहा। उन्हें उनके बचपन के हीरो गुंडप्पा विश्वनाथ की याद आ गई। दाएं हाथ के बल्लेबाज विश्वनाथ को अपने युग के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक के रूप में माना जाता है। उन्होंने भारत के लिए 91 टेस्ट और 25 एकदिवसीय मैच खेले। वह कलाई का शानदार इस्तेमाल करके स्क्वायर कट खेलते। 28 वर्षीय पीटरसन भी वैसे ही कलाई का इस्तेमाल करते हैं। पीटरसन ने तीन मैचों की सीरीज को छह पारियों में 276 रन बनाए। इसमें तीन महत्वपूर्ण अर्धशतक शामिल हैं।

मैच के बाद पीटरसन ने कहा कि शुक्रवार को न्यूलैंड्स में तीन मैचों की सीरीज 2-1 से जीतने के बाद उन्हें बहुत खुशी हुई। उन्होंने अपने प्रदर्शन को लेकर कहा, ‘मैं सकारात्मक होकर खेलने की कोशिश कर रहा था। यह  परिस्थितियां काफी रही हैं और बस मैं अपने मजबूत पक्ष पर टीका हुआ था। लंबा सफर रहा है अभी पूरी कहानी नहीं बता सकता। कहानी कल सुबह तक खत्म नहीं होगी। पिच काफी चुनौतीपूर्ण रही हैं। गेंदबाजी आक्रमण भी काफी चुनौतीपूर्ण रहा है।


कोविड-19 संक्रमण को रोकने में कारगर 'गांजा-भांग'
सरस्वती उपाध्याय           गांजे-भांग का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। शोध और अध्ययन से पता चला है कि गांजे-भांग की कुछ यौगिक, कंपाउंड कोविड-19 संक्रमण को रोकने में कारगर है। लेकिन, कोरोना वायरस वाले गंभीर रोगियों का इलाज मारिजुआना से हो रहा है। वैसे गांजे-भांग का नियमित सेवन करने वाले अपने ही दुनियां में खोए रहते हैं। अक्सर सुनने को मिलता है कि वे उस अनुरूप आहार भी लेते है। जिससे गांजे-भांग का सेवन करने वाले लोगों की सेहत और इम्यूनिटी बनी रहती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि गांजे-भांग का सेवन करने से भूख अधिक लगती है। भूख लगने की वजह से लोग भरपूर आहार लेते हैं। गांजे और भांग का सेवन कोरोना संक्रमण से बचाव में कितना सहयोगी है? इससे और कोरोना महामारी के बारे में बहुत जानकारियां सोशल मीडिया पर भरा पड़ा है। 
दुनिया में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। यौगिक, कंपाउंड कोविड -19 संक्रमण रोकने में गांजा और भांग कारगर हैं। ऐसे में बड़ा दावा किया गया है कि कोरोना वायरस वाले गंभीर रोगियों का इलाज मारिजुआना, यानी गांजे और भांग से किया जा सकता है। 
कनाडा, इसराइल और ब्रिटेन समेत कई देशों में यह पता लगाने के लिए ट्रायल शुरू हो गया है। गांजा कोरोना संक्रमण के इलाज में फायदेमंद हो सकता है। औषधीय गांजे में संक्रमण की अवधि कम करने में मदद मिली है। यह भी हो सकता है कि इसे साइटोकाइन स्टॉर्म के इलाज में भी सहयोग मिले। साइटोकाइन स्टॉर्म कोविड-19 के गंभीर मरीजों में देखने को मिलता है। 
एक अध्ययन में दावा किया गया है कि अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना के शोधकर्ताओं ने चूहों पर गांजा-भांग से संबंधित तीन अध्ययन किए हैं। एक-दूसरे अध्ययन में पाया गया है कि गांजा-भांग के कुछ यौगिक कंपाउंड कोविड -19 संक्रमण को रोक सकते हैं। वैज्ञानिकों की यह रिसर्च भांग में रासायनिक यौगिकों की उपस्थिति से संबंधित है, जो वायरस को स्वस्थ मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोक सकते हैं। कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए वैज्ञानिक लगातार रिसर्च में लगे हुए हैं। हाल ही में एक नई रिसर्च के मुताबिक, गांजे-भांग के कुछ यौगिक, कंपाउंड कोविड -19 संक्रमण को रोक सकते हैं। वैज्ञानिकों की यह रिसर्च भांग में रासायनिक यौगिकों की उपस्थिति के बारे में बात करता है, जो वायरस को स्वस्थ मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोक सकते हैं। ये रिसर्च ओरेगन स्टेट के ग्लोबल हेम्प इनोवेशन सेंटर, कॉलेज ऑफ फार्मेसी और लिनुस पॉलिंग इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुई है। जो जर्नल ऑफ नेचुरल प्रोडक्ट्स में पब्लिश हुई है। इसके मुताबिक, शोधकर्ता किसी भी तरह से यह नहीं कहते कि गांजे-भांग कोविड-19 से बचा सकता है।  
स्पाइक प्रोटीन से जुड़ने में सक्षम: ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के साथ शोध करने वाले रिचर्ड वैन ब्रीमेन ने पाया है कि कैनाबिनोइड एसिड की एक जोड़ी कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन से जुड़ने में सक्षम है। यह उस जैविक प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम को रोक सकता है, जिसका उपयोग वायरस लोगों को संक्रमित करने के लिए करता है। इन यौगिकों को ओरल रूप से लिया जा सकता है और इंसानों में इसके सुरक्षित उपयोग का लंबा इतिहास है।इनके पास कोविड द्वारा संक्रमण को रोकने और इलाज करने की क्षमता है। उन्होंने आगे कहा कि "ये कैनबिनोइड एसिड, भांग और भांग की कई चीजों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। रिसर्च में जिन कंपाउंड के बारे में बताया गया है, वे कैनाबिगेरोलिक एसिड और कैनबिडिऑलिक एसिड दोनों वायरस के स्पाइक प्रोटीन से जुड़ सकते हैं। इन यौगिकों का इस्तेमाल वायरस को टारगेट करने के लिए कोविड-19 वैक्सीन और एंटीबॉडी के इलाज में भी किया जा सकता है।

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