गुरुवार, 27 जनवरी 2022

उत्तर कोरिया ने 2 संदिग्ध मिसाइलें समुद्र में दागीं

उत्तर कोरिया ने 2 संदिग्ध मिसाइलें समुद्र में दागीं     
सुनील श्रीवास्तव      
प्योंगयांग। उत्तर कोरिया ने इस महीने छठी बार अपने हथियारों का परीक्षण करते हुए बृहस्पतिवार को दो संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइलें समुद्र में दागीं। दक्षिण कोरिया की सेना ने यह जानकारी दी। विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षण गतिविधि में उत्तर कोरिया की असामान्य रूप से तेजी उस पर और उसके परमाणु निरस्त्रीकरण कार्यक्रमों के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले प्रतिबंधों को कम करने के उद्देश्य से लंबे समय से रुकी वार्ता को लेकर बाइडन प्रशासन पर दबाव बनाना है।
उत्तर कोरिया पर अमेरिका के नए सिरे से प्रतिबंध लगाने से स्थिति और बिगड़ चुकी है क्योंकि महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को हिला दिया है, जो पहले से ही अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों और अपनी ही सरकार द्वारा दशकों के कुप्रबंधन तथा अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रतिबंधों के कारण बिगड़ी हुई थी। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि ये परमाणु हथियार संभवतः कम दूरी तक मारक क्षमता वाले थे। इन्हें पूर्वी तटीय क्षेत्र से पांच मिनट के अंतराल पर छोड़ा गया और समुद्र में गिरने से पहले मिसाइल ने जमीन से अधिकतक 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर 190 किलोमीटर की उड़ान भरी।जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने उत्तर कोरिया के बार-बार मिसाइल परीक्षण को ‘‘बेहद खेदजनक’’ बताया है।
हालांकि उन्होंने कहा कि अब तक जापान के तटों के आसपास पोत और विमानों को नुकसान की कोई सूचना नहीं है। उत्तर कोरिया ने पिछले हफ्ते भी अमेरिका को जद में लेने वाले परमाणु विस्फोटकों और लंबी दूरी की मिसाइलों के परीक्षण को फिर से शुरू करने की परोक्ष धमकी दी थी। इस परीक्षण को देश के नेता किम जोंग उन ने 2018 में अमेरिका के साथ कूटनीतिक बातचीत की शुरुआत करते हुए निलंबित कर दिया था।
तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ किम की शिखर वार्ता 2019 में पटरी से उतर गई, जब अमेरिका ने उत्तर कोरिया के अपने परमाणु क्षमताओं पर आंशिक रोक के बदले प्रतिबंधों में बड़ी राहत की उसकी मांगों को खारिज कर दिया। बाइडन प्रशासन ने खुली बातचीत की पेशकश की है, लेकिन प्रतिबंधों में तब तक ढील देने की कोई इच्छा नहीं दिखाई, जब तक कि किम परमाणु हथियारों और मिसाइलों को छोड़ने के लिए ठोस कदम नहीं उठाते। 
उत्तर कोरिया ने साल की शुरुआत कथित हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण के साथ की।
किम के अनुसार इस परीक्षण से देश की ‘‘परमाणु युद्ध से बचाव’’ की क्षमता मजबूत होगी। उत्तर कोरिया ने इस महीने दो अलग-अलग प्रकार की कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने इससे पूर्व 11 जनवरी को देश के दूसरे हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण के बाद बाइडन प्रशासन द्वारा नए प्रतिबंध लगाये जाने के मद्देनजर ‘‘कड़ी प्रतिक्रिया’’ देने की चेतावनी दी थी।
अमेरिकी वित्त विभाग ने देश के मिसाइल कार्यक्रमों के लिए उपकरण और प्रौद्योगिकी प्राप्त करने में भूमिकाओं को लेकर उत्तर कोरिया के पांच व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जबकि विदेश विभाग ने उत्तर कोरिया की हथियार गतिविधियों के व्यापक समर्थन के लिए एक अन्य उत्तर कोरियाई व्यक्ति, एक रूसी व्यक्ति और एक रूसी कंपनी के खिलाफ प्रतिबंधों का आदेश दिया।
किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध: चीन
अखिलेश पांंडेय       
नई दिल्ली/ वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग। चीन ने भारत और चीन के बीच बॉर्डर विवाद को लेकर किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध किया है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल वू कियान ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि बॉर्डर का मसला भारत और चीन के बीच का मामला है और दोनों पक्ष किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध करते हैं।

बता दें कि भारत सरकार का भी यही स्टैंड रहा है कि बॉर्डर मसले को दोनों देश आपस में मिलकर सुलझाएंगे।भारत चीन बॉर्डर पर तनाव को लेकर अमेरिका के बयान पर चीन वाइट हाउस पर भड़क गया है। वू ने कहा है कि कुछ अमेरिकी नेता 'जबरदस्ती' शब्द का इस्तेमाल करने के इतने शौकीन हैं कि वे भूल गए हैं कि अमेरिका 'जबरदस्ती की कूटनीति' का आविष्कारक और मास्टर खिलाड़ी है। उन्होंने आगे कहा कि चीन न ही जबरदस्ती करता है और न ही दूसरों को जबरदस्ती करने देता है। चीन अन्य देशों पर 'जबरदस्ती की कूटनीति' के लिए अमेरिका का कड़ा विरोध करता है।

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