रविवार, 5 दिसंबर 2021

विभिन्न पदों पर भर्ती, उम्मीदवारों से आवेदन मांगे

विभिन्न पदों पर भर्ती, उम्मीदवारों से आवेदन मांगे 
अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। भारतीय डाक में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए बिहार सर्कल में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से कुल 60 रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी। जिसमें, पोस्टल असिस्टेंट के 31 पद, सॉर्टिंग असिस्टेंट के 11 पद , पोस्टमैन के 5 पद और मल्टी टास्किंग स्टाफ के 13 पद शामिल हैं।
इसके अलावा डाक विभाग, पश्चिम बंगाल ने पोस्टल असिस्टेंट के 51 पद, सॉर्टिंग असिस्टेंट के 25 पद और पोस्टमैन के 48 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। साथ ही जम्मू और कश्मीर सर्कल में भी स्पोर्ट्स कोटा के तहत पोस्टल असिस्टेंट के कुल 5 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। भारतीय डाक में असिस्टेंट / सॉर्टिंग असिस्टेंट और पोस्टमैन पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवार किसी मान्यता मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 12वीं पास होना चाहिए। जबकि, मल्टी टास्किंग स्टाफ पद के लिए कक्षा 10वीं पास भी आवेदन कर सकते हैं। 
इच्छुक उम्मीदवार के लिए 31 दिसंबर 2021 तक अपना आवेदन नोटिफिकेशन में दिए गए पते पर भेज सकते हैं। हालांकि, आवेदन शुल्क जमा करने की आखिरी तारीख 21 दिसंबर 2021 है। 24 दिसंबर तक या उससे पहले निर्धारित फॉर्मेट में आवेदन कर सकते हैं। जबकि, जम्मू कश्मीर पोस्टल सर्कल के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 20 दिसंबर 2021 है। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट चेक करें।
नोटिफिकेशन के अनुसार, एमटीएस पदों के लिए उम्मीदवार की आयु 18 साल से 25 साल के बीच होनी चाहिए। अन्य पदों के लिए न्यूनतम आयु 18 साल और अधिकतम आयु 27 साल निर्धारित की गई है। 

भारत: संक्रमितों की संख्या-3,46,33,255 हुईं

अकांशु उपाध्याय       नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 8,895 नए मामले सामने आने से जहां कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,46,33,255 हो गई, वहीं बिहार में आंकड़ों का पुनर्मिलान किए जाने के बाद देश में एक दिन में संक्रमण से मृत्यु के 2,796 मामले सामने आने के बाद महामारी से मरने वालों की कुल संख्या 4,73,326 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे अद्यतन आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई। इससे पहले 21 जुलाई को भारत में एक दिन में संक्रमण से मृत्यु के 3,998 मामले सामने आए थे। तब महाराष्ट्र राज्य ने अपने कोविड आंकड़ों का 14वीं बार पुनर्मिलान किया था। मंत्रालय ने बताया कि मृत्यु के 2,796 मामलों में बिहार के 2,426 मामले जोड़े गए हैं जिन्हें रविवार के आंकड़ों में शामिल किया गया। केरल में भी मृत्यु के पिछले 263 मामले शामिल किए गए हैं। इस वजह से देशभर में संक्रमितों की मृत्यु का आंकड़ा बढ़ गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, लगातार 161 दिन से देश में कोरोना वायरस संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या 50,000 से कम बनी हुई है। इस समय देश में महामारी के 99,155 मरीज उपचाराधीन हैं। यह संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.29 प्रतिशत है और पिछले साल मार्च के बाद सबसे कम है। संक्रमण से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.35 प्रतिशत है। मंत्रालय ने कहा कि 24 घंटे की अवधि में कोविड-19 के उपचाराधीन रोगियों की संख्या में 819 की कमी आई है। दैनिक संक्रमण दर 0.73 प्रतिशत रही जो पिछले 62 दिन से दो प्रतिशत से कम बनी हुई है। साप्ताहिक संक्रमण दर 0.80 फीसद रही। मंत्रालय के अनुसार, यह पिछले 21 दिन से एक प्रतिशत से कम बनी हुई है। कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 3,40,60,774 रोगी उबर चुके हैं, वहीं संक्रमण से मृत्यु दर बढ़कर 1.37 प्रतिशत हो गई है। देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीकों की 127.61 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।

नए साल के पहले दिन से बैंकों के नियमों में बदलाव

अकांशु उपाध्याय      नई दिल्ली। नए साल के पहले दिन से ही बैंकों के नियमों में बदलाव आएगा और अब पैसे निकालने के लिए बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करना महंगा पड़ सकता है। पहली जनवरी से बैंक एटीएम से ट्रांजेक्शन के नियमों में बदलाव करने वाले हैं। जिसमें ट्रांजेक्शन की बढ़ी हुई फीस भी शामिल है।

दरअसल रिजर्व बैंक ने  पहली जनवरी से फ्री लिमिट के बाद एटीएम ट्रांजेक्शन पर फीस बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद बैंक एटीएम से फ्री लिमिट के बाद किये जाने वाले ट्रांजेक्शन को पहली जनवरी से महंगा कर देंगे और आपको फीस चुकानी होगी। आरबीआई ने बैंकों को 1 जनवरी, 2022 से फ्री मंथली लिमिट के बाद कैश और नॉन-कैश एटीएम लेनदेन पर लागू शुल्क में बढोतरी करने की मंजूरी दे दी है। आरबीआई के निर्देशों के अनुसार ही, एक्सिस बैंक ने अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजकर यह बताना शुरू कर दिया है कि एक्सिस बैंक या अन्य बैंक के एटीएम से तय फ्री लिमिट के बाद किए जाने वाले लेनदेन पर एक जनवरी, 2022 से 21 रूपए का शुल्क और जीएसटी देना होगा। पहले यह शुल्क 20 रूपए था।

 के रूप में  मूल्यवृद्धि क्यों की जा रही है। इसे ऐसे समझिए-इस साल एक अगस्त, 2021 से आरबीआई ने बैंकों को वित्तीय ट्राजेक्शन के लिए प्रति लेनदेन इंटरचेंज शुल्क को 15 रूपए से बढ़ाकर 17 रूपए और गैर-वित्तीय ट्रांजेक्शन के लिए प्रति लेनदेन शुल्क 5 रूपए से बढाकर 6 रूपए कर दिया है। इसके अलावा महानगरों में रहने वाले बैंक उपभोक्ताओं को अन्य बैंक के एटीीीएममसे माह में तीन फ्री और छोटे नगरों में 5 फ्री लेनदेन करने की सुविधा भी जारी रहेगी।

शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव जारी रहने के आसार 
अकांशु उपाध्याय        नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर अनिश्चितता के बीच इस सप्ताह शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव जारी रहने के आसार हैं। इसके अलावा सप्ताह के दौरान रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक भी है, जो मुख्य रूप से शेयर बाजारों को दिशा देगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।

विश्लेषकों ने कहा कि यह सप्ताह काफी घटनाक्रमों वाला रहेगा। मौद्रिक समीक्षा के अलावा सप्ताह के दौरान कई वृहद आर्थिक आंकड़े भी आने हैं। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘ओमीक्रोन को लेकर अनिश्चितता, रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा तथा वृहद आर्थिक आंकड़ों के बीच बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है। ओमीक्रोन को लेकर काफी खबरें आ रही हैं, जो बाजार में अनिश्चितता पैदा कर रही हैं। वहीं घरेलू मोर्चे पर मौद्रिक समीक्षा बैठक महत्वपूर्ण होगी। केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजे आठ दिसंबर को आएंगे।’’

मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और मुद्रास्फीति के आंकड़े भी आने हैं। हालांकि, ये आंकड़े शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी किए जाएंगे।’’ भारत में ओमीक्रोन का पहला मामला सामने आने के बाद शुक्रवार को शेयर बाजारों में गिरावट आई थी।रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि इस सप्ताह बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहेगा। सप्ताह के दौरान कई महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े आने हैं। बाजार भागीदारों की निगाह रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा पर रहेगी। वृहद आर्थिक मोर्चे पर 10 दिसंबर को आईआईपी तथा मुद्रास्फीति के आंकड़े आने हैं।’’ सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा कि कई आर्थिक आंकड़ों तथा घटनाक्रमों की वजह से बाजार भागीदारों को इस सप्ताह में उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए। बाजार के खिलाड़ी रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा के नतीजों से चीजों को समझने की कोशिश करेंगे।

पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 589.31 अंक या 1.03 प्रतिशत के लाभ में रहा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक इस सप्ताह होने वाली है। आने वाले दिनों में यह बाजार के लिए एक प्रमुख उत्प्रेरक रहेगी। वायरस के नए स्वरूप के बीच निवेशकों को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों का इंतजार रहेगा।’’ उन्होंने बताया कि सप्ताह के दौरान नवंबर के मुद्रास्फीति आंकड़े तथा अक्टूबर के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े आएंगे।

दिल्ली: नए वेरिएंट ओमिक्रोन की एंट्री हुईं, संक्रमण

अकांशु उपाध्याय       नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में भी कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन की एंट्री हो गई है। जानकारी के मुताबिक मरीज को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने रविवार इस बात की जानकारी दी है। ओमिक्रॉन का पता लगाने वाली दक्षिण अफ्रीका की डॉक्टर ने बताया कि फिलहाल मरीजों में हल्के लक्षण ही देखे जा रहे हैं। इस वैरिएंट से संक्रमित लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़े हैं।

डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' (चिंताजनक) की कैटिगरी में डाला है। ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर अभी कुछ भी सही तरीके से स्पष्ट नहीं है। हालांकि, प्रारंभिक साक्ष्य इस बात की संभावना को बढ़ाते हैं कि इस वैरिएंट में ऐसे म्यूटेशन हैं जो इम्यून सिस्टम रिस्पॉन्स से बच सकते हैं और एक से दूसरे व्यक्ति में इसे फैलाने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का असर नई साल में दिखना शुरू हो जाएगा। जनवरी 2022 के अंतिम सप्ताह और फरवरी की शुरुआत में इस वैरिएंट से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या पीक पर होगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर और डिप्टी डायरेक्टर मनिंदर अग्रवाल ने यह दावा किया है।
प्रो. मनिंदर अग्रवाल के मुताबिक, ओमिक्रॉन वैरिएंट के तेजी फैलने के लक्षण तो हैं, लेकिन ज्यादा घातक नहीं दिख रहे। इस वैरिएंट के हर्ड इम्यूनिटी को बाईपास करने की संभावना कम है। हालांकि, इसके फैलने के लक्षण ज्यादा हैं और अभी तक साउथ अफ्रीका से लेकर दुनिया भर में जहां भी यह फैला है, इसके लक्षण गंभीर नहीं बल्कि हल्के देखे गए हैं।
आईआईटी प्रोफेसर की रिसर्च के अनुसार, भारत में इसकी गंभीरता ज्यादा होने की संभावना कम है, क्योंकि 80 फ़ीसदी लोगों में नेचुरल इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है। ऐसे में अगर इसकी लहर आती भी है तो इसका असर दूसरी लहर के डेल्टा वैरिएंट जैसा नहीं होगा। प्रो. अग्रवाल ने पहली और दूसरी लहर में भी अपनी रिसर्च जारी की थी, तब भी उनकी गणना काफी हद तक सही साबित हुई थी।
मालूम हो कि दक्षिण अफ्रीका से निकला यह वैरिएंट दुनिया के तकरीबन 30 देशों तक पहुंच चुका है। भारत के कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र में भी इस वैरिएंट के 4 केस मिल चुके हैं। इन मरीजों में फिलहाल हल्के लक्षण देखे गए हैं जिन्हें उचित तरीके से इलाज दिया जा रहा है।

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