रविवार, 26 दिसंबर 2021

वायु गुणवत्ता सूचकांक की ‘गंभीर’ श्रेणी: दिल्ली

वायु गुणवत्ता सूचकांक की ‘गंभीर’ श्रेणी: दिल्ली

अकांशु उपाध्याय        नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में रविवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक 430 के साथ फिर से ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया। वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने यह जानकारी दी। राजधानी में शनिवार को वायु गुणवत्ता में मामूली से सुधार हुआ था और यह गंभीर श्रेणी से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया था। कल वायु गुणवत्ता सूचकांक 398 दर्ज किया गया। सफर के अनुसार, पीएम 2.5 और पीएम 10 की सघनता क्रमश: 280 और 437 श्रेणी में दर्ज की गई। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास के शहर नोएडा और गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता का स्तर ‘गंभीर’ और ‘बेहद खराब’ रहा। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार वायु गुणवत्ता का स्तर फरीदाबाद में 448, गुरुग्राम में 369, गाजियाबाद में 490 और नोएडा सेक्टर एक में 444 दर्ज किया गया।

उल्लेखनीय है कि वायु गुणवत्ता को शून्य से 50 के बीच अच्छी, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर श्रेणी में माना जाता है। मौसम विभाग के अनुसार इस बीच आज सुबह शहर का न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जो सामान्य से दो डिग्री नीचे रहा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार राजधानी में आज आंशिक तौर पर बादल छाये रहेंगे और हल्की बारिश हो सकती है। दिल्ली में सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 92 फीसदी दर्ज की गयी।

दयाल को निदेशक के रूप में नियुक्त किया: आरबीएल

अकांशु उपाध्याय        नई दिल्ली। आरबीएल बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विश्ववीर आहूजा ने अपना पद छोड़ दिया है और बैंक ने राजीव आहूजा को तत्काल प्रभाव से अंतरिम एमडी एवं सीईओ नियुक्त किया है।

इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने मुख्य महाप्रबंधक योगेश के दयाल को आरबीएल बैंक के बोर्ड में अतिरिक्त निदेशक के रूप में नियुक्त किया है। आरबीएल बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि बैंक के बोर्ड ने ‘विश्ववीर आहूजा के तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने के अनुरोध’ को स्वीकार कर लिया है।द

400 के पार पहुंचें 'ओमिक्रोन' वेरिएंट के मामलें: भारत

अकांशु उपाध्याय      नई दिल्ली। 2 दिसंबर को भारत में पहली बार ओमिक्रॉन के 2 केस कर्नाटक में मिले और अब सिर्फ 24 दिन के बाद ओमिक्रॉन के केस 400 के पार पहुंच गए हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि नए कोरोना वैरिएंट ओमिक्रॉन के केसेज बढ़ने की रफ्तार अगर जनवरी-फरवरी में यही रही तो मार्च में भारत में डेली केसेज का आंकड़ा 1.8 लाख तक जा सकता है। इस पीक पर पहुंचने के बाद देश को करीब 2 लाख कोविड बेड की जरूरत होगी।

विशेषज्ञों ने चेताया है कि अब हमें गंभीरता से हॉस्पिटलाइजेशन की तैयारियां करनी शुरू कर देनी चाहिए। उनका यह भी कहना है कि राजनीतिक रैलियां, धार्मिक उत्सव और भीड़-भाड़ ओमिक्रॉन संक्रमण के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में मिले शुरुआती 183 ओमिक्रॉन डेटा का विश्लेषण जारी किया। इसमें से 96 लोगों के वैक्सीनेशन स्टेटस के बारे में जानकारी उपलब्ध है। इन 96 लोगों में से 87 लोग पूरी तरह वैक्सीनेटेड थे, इसमें से 3 लोगों ने बूस्टर डोज भी लिया हुआ था। दो लोगों ने वैक्सीन का सिर्फ एक डोज ही लिया था, वहीं 7 लोगों ने वैक्सीन नहीं ली थी। इसका मतलब है कि कोविड वैक्सीन ले चुके लोग भी ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैक्सीनेटेड लोगों पर ओमिक्रॉन का घातक असर नहीं होता है।

ओमिक्रॉन की तेजी से संक्रमित करने की दर चिंता का विषय
ओमिक्रॉन वैरिएंट कितनी तेजी से फैलता है, आप इस बात का अंदाजा सिर्फ इसी से लगा सकते हैं कि मार्च 2020 में कोविड संक्रमण ने जब भारत में दस्तक दी थी, तो शुरुआती 25 दिनों में कोविड के सिर्फ 62 केस ही आए थे, लेकिन ओमिक्रॉन के इतने ही वक्त में करीब 450 केस आ चुके हैं। 

कोवैक्सिन के इमरजेंसी यूज की मंजूरी दीं: बायोटेक

अकांशु उपाध्याय            नई दिल्ली। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत बायोटेक की बच्चों के लिए तैयार कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सिन के इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है। डीसीजीआई की मंजूरी मिलने के बाद अब ये वैक्सीन 12 से 18 साल तक के किशोरों को लगाई जा सकेगी। इधर, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी 15 से 18 साल के बच्चों को 3 जनवरी से टीका दिए जाने का ऐलान किया है।

सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने तीसरी लहर की चेतावनी के बाद 12 मई को बच्चों पर कोवैक्सिन के ट्रायल की सिफारिश की थी। इसे मानते हुए डीसीजीआई ने ट्रायल की मंजूरी दी थी। भारत बायोटेक ने बच्चों पर कोवैक्सिन का ट्रायल जून में शुरू किया था। बच्चों के लिए बनाई जा रही जायडस कैडिला की नीडल फ्री वैक्सीन को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। नोडल फ्री वैक्सीन के बाद कोवैक्सिन देश की दूसरी वैक्सीन है, जिसे इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिली है। कोवीशील्ड की निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने पिछले महीने कहा था कि बच्चों के लिए वैक्सीन तैयार करने का काम भी तेजी से चल रहा है। पूनावाला ने स्पष्ट किया कि यह कोवीशील्ड नहीं बल्कि कोवावैक्स होगी। पूनावाला ने कहा कि कोवावैक्स अगले छह महीनों में उपलब्ध होगी। ट्रायल चल रहे हैं।

2-18 साल के 920 कैंडिडेट पर कोवैक्सिन के दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल जारी हैं। कोवैक्सिन के 2-6, 6-12 और 12-18 साल तक के बच्चों पर अलग-अलग ट्रायल चल रहे हैं। बायोलॉजिकल-E की वैक्सीन कोर्बेवैक्स के भी दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल जारी हैं। कंपनी 5-18 साल उम्र के 920 कैंडिडेट पर ट्रायल कर रही है। अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन भी दुनियाभर में बच्चों पर अपनी वैक्सीन का ट्रायल कर रही है। भारत में भी 12-17 साल के लोगों पर ये ट्रायल चल रहा है।

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