शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

सीएसएक्स केंद्र में विस्फोट, कोईं हताहत नहीं

सीएसएक्स केंद्र में विस्फोट, कोईं हताहत नहीं

अखिलेश पांंडेय       वाशिंगटन डीसी। अमेरिका बाल्टीमोर में सीएसएक्स केंद्र में बृहस्पतिवार को विस्फोट हुआ। लेकिन इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। बाल्टीमोर दमकल विभाग की प्रवक्ता ब्लेयर एडम्स ने कहा कि जब विस्फोट हुआ। तब बेनहिल एवेन्यू के पास सुरंगों के जरिए कोयला आगे ले जाया जा रहा था। एडम्स ने कहा कि जिन सुरंगों से कोयला गुजर रहा था। वहां कोई कर्मचारी नहीं था। 

सीएसएक्स की प्रवक्ता सिंडी शिल्ड ने एक ईमेल में पुष्टि की कि सीएसएक्स कर्टिस बे कोल टर्मिनल में विस्फोट हुआ, लेकिन इस बारे में उन्होंने विस्तार से जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि विस्फोट के कारणों की अभी जांच की जा रही है। सभी कर्मचारियों का पता लगाया गया और कोई हताहत नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि विस्फोट के बाद आग नहीं लगी, लेकिन एहतियात के तौर पर दमकलकर्मी घटनास्थल पर मौजूद हैं।

अफगान छोड़ने के फैसले पर स्पष्टीकरण दिया: गनी

अखिलेश पांंडेय         इस्लामाबाद। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान के काबुल की ओर बढ़ते कदमों के बीच उनके देश अफगानिस्तान छोड़ने के फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि उस समय तालिबान सत्ता के आसानी से हस्तांतरण को लेकर किसी समझौते के लिए तैयार नहीं था और ऐसे में उनके पास काबुल छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। गनी में बीबीसी को दिये एक साक्षात्कार में 15 अगस्त 2021 को अचानक से उनके काबुल छोड़ने के फैसले पर अपनी सफाई देतेे हुए कहा कि तालिबान को राजधानी काबुल की ओर तेजी से बढ़ते हुए देख उनके एक सलाहकार ने उन्हें कुछ ही पलों में काबुल छोड़ने की सलाह दी। उन्होंने खुद पर बड़ी मात्रा में पैसा लेकर भागने के आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया।

 गनी ने बीबीसी को बताया कि उस दिन सुबह तक उनका ऐसा कोई इरादा नहीं था कि वह दोपहर बाद देश छोड़कर चले जायेंगे। इससे पहले इसी माह पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने  गनी पर देश को मंझधार में छोड़कर भागने का आरोप लगाते हुए कहा कि  गनी के इस तरह से भाग जाने से उनके सरकार के वार्ताकारों और पीस काउंसिल के चेयरमैन अब्दुल्ला अब्दुल्ला के तालिबान के साथ किसी तरह के समझौते पर पहुंचने का अवसर खत्म हो गया था। इस पर गनी ने कहा कि काबुल को विनाश से बचाने के लिए उन्होंने देश छोड़ने का फैसला किया था।


2 वर्ष पहले लगाया गया रात्रिकर्फ्यू हटाया: अफ्रीका

अखिलेश पांडेय         प्रिटोरिया। दक्षिण अफ्रीका ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सबसे पहली बार दो वर्ष पहले लगाया गया रात का कर्फ्यू हटा दिया है। राष्ट्रपति कार्यालय ने राष्ट्रीय कोरोना वायरस कमांड काउंसिल(एनसीसीसी) और राष्ट्रपति समन्वय परिषद (पीसीसी) की बृहस्पतिवार को बैठकों के बाद इस आश्य की घोषणा की। कार्यालय ने देश में वर्तमान में चल रही संक्रमण की चौथी लहर के प्रबंधन के बारे में जानकारी ली।

देश में चौथी लहर में अधिकतर मामले कोरोना वायरस संक्रमण के नए स्वरूप ओमीक्रोन के सामने आ रहे हैं। ओमीक्रोन का पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में ही सामने आया था। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘कर्फ्यू हटाया जाएगा। लोगों की आवाजाही के समय पर अब कोई पाबंदी नहीं रहेगी।’’ सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।

बयान में कहा गया, ‘‘बंद स्थानों पर एक हजार और खुले स्थानों पर दो हजार से ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जहां समारोह स्थल छोटे हैं और जहां उचित सामाजिक दूरी का पालन करते हुए इतने लोग शामिल नहीं हो सकते, वहां समारोह स्थल की क्षमता से आधे लोग ही आमंत्रित किए जाएंगे। अन्य पाबंदिया पहले की ही तरह जारी रहेंगी।’’ बयान में कहा गया, ‘‘सभी संकेतक इस ओर इशारा करते हैं कि देश राष्ट्रीय स्तर पर चौथी लहर के चरम को पार कर गया है।’’ इसमें यह भी कहा गया कि पिछले हफ्तों में देश के नौ प्रांतों में से दो को छोड़ कर शेष स्थानों पर मामलों की संख्या कम हुई है।’’

पाकिस्तान में हुआ बम विस्फोट, 4 की मौंत

सुनील श्रीवास्तव      इस्लामाबाद पाकिस्तान के क्वेटा प्रांत में बृहस्पतिवार की रात एक बम विस्फोट में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि बम धमाका जिन्ना रोड पर साइंस कॉलेज के पास खड़ी एक कार के पास हुआ। जिन्ना रोड क्वेटा के प्रमुख मार्गों में से एक है और खरीदारी के लिए काफी लोकप्रिय एवं सबसे व्यस्त स्थान है। अधिकारी इस घटना की जांच कर रहे हैं।

अधिकारियों के मुताबिक घायलों को क्वेटा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने कहा कि विस्फोट से आस-पास की इमारतों के शीशे टूट गए। पाकिस्तान के इस इलाके में इस्लामिक स्टेट काफी सक्रिय है।

परमाणु संधि सम्मेलन आयोजित, योजना आगे बढ़ाईं

वाशिंगटन डीसी। कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के कारण संयुक्त राष्ट्र में एक प्रमुख परमाणु संधि सम्मेलन आयोजित करने की योजना आगे नहीं बढ़ पा रही है। सम्मेलन में शामिल होने वाले प्रतिभागियों ने बैठक शुरू होने से कुछ दिन पहले इसे स्थगित करने पर बृहस्पतिवार को सहमति जतायी। महामारी के कारण लगभग दो साल की देरी के बाद, दुनिया भर के प्रतिनिधिमंडलों को परमाणु हथियार नियंत्रण से संबंधित 1970 अप्रसार संधि पर चर्चा के लिए मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बुलाया गया था। लेकिन संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण कार्यालय से बृहस्पतिवार को संधि में शामिल पक्षों को भेजे गए ईमेल के अनुसार आयोजक अब पहले से ही लंबित सम्मेलन को एक अगस्त से शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। सम्मेलन के नेता गुस्तावो ज्लौविनेन को इस संबंध में जांच की जानकारी भेजी गई थी।

यह संधि दुनिया का सबसे व्यापक रूप से समर्थित परमाणु हथियार नियंत्रण समझौता है, जिसमें भाग लेने वाले 191 देश शामिल हैं। इसके अनुसार राष्ट्र इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का इस्तेमाल हथियार में रूपांतरित करने के लिए नहीं हो। संधि पर हस्ताक्षर किए जाने के समय परमाणु हथियार से संपन्न देश अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन, उन्हें खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सहमत हुए। अर्जेंटीना के एक राजनयिक और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के पूर्व अधिकारी ज्लौविनेन ने कहा, ”यह एक खेदजनक निर्णय है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों ने हमारे सामने कोई अन्य विकल्प नहीं छोड़ा है।” बैठक के समय और प्रारूप के बारे में बृहस्पतिवार को और विचार-विमर्श हुआ।

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