गुरुवार, 30 दिसंबर 2021

कांग्रेस के दिग्गजों की साख दांव पर लगी हैं

कांग्रेस के दिग्गजों की साख दांव पर लगी हैं
अश्विनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। जनपद में सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के द्वारा विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारने की पूरी तैयारी कर ली गई है। केवल प्रत्याशी उतारने की तैयारी की गई है, धरातल पर कांग्रेस के द्वारा चुनाव से संबंधित कोई भी कार्य संपूर्ण ढंग से नहीं किया गया। इसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी के कैडर वोट को भुगतना पड़ेगा। कैडर वोट का गिरता प्रतिशत कांग्रेस पार्टी के लिए हानिकारक सिद्ध होगा। इसका सबसे बड़ा कारण है, पार्टी के द्वारा राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेतृत्व के द्वारा जिला स्तर पर गठित की गई कार्यकारिणी का चयन ठीक ढंग से नहीं किया गया है। उसकी सही ढंग से समीक्षा नहीं की गई है। जिसके कारण उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ने की उम्मीद अधिक नहीं है। यदि इसके विपरीत वोट प्रतिशत बड़ भी जाता है, उसको व्यवस्थित करने का कोई आयाम नजर नहीं आ रहा है। 
आपको बताते चलें कि गाजियाबाद जिले में कांग्रेस की स्थिति बहुत खराब है। कुछ नेता हैं, जो कांग्रेस का झंडा उठाकर आगे खड़े रहते हैं और कांग्रेस का नाम जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं। परंतु इसके विपरीत ज्यादातर पदाधिकारी कांग्रेस का नाम और विचारधारा दोनों को प्रचारित और प्रसारित करने में असफल सिद्ध हो रहे हैं। प्रदेश में सभी प्रकोष्ठ के अध्यक्षों की नियमित रूप से समीक्षा नहीं हो पा रही है। बूथ स्तर पर केवल हंगामा है। लेकिन कोई भी कार्य नहीं हो पा रहा है। कार्यनीति और सदस्यता अभियान का अव्यवस्थित ढंग भी पार्टी के लिए नुकसान देय सिद्ध हो रहा है। ब्लॉक एवं विधानसभा स्तर पर प्रचार-प्रसार का जो कार्य होना चाहिए था, वह नहीं हो पा रहा है। बूथ स्तर पर जिला कार्यकारिणी का कार्य संतोषजनक नहीं होने के कारण जनता में कांग्रेस के प्रति सहयोग की भावना का अभाव प्रतीत किया जा रहा है।
यदि आप तथ्य को समझें और उसकी वास्तविकता को नजदीकी से समझने का प्रयास करें तो आपको यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि कांग्रेस के जिला अध्यक्ष को जनपद के कुल मतदान केंद्रों की भी जानकारी नहीं है। लोनी विधानसभा से 5 दावेदारों में से केवल एक को यह जानकारी है कि उसकी विधानसभा में कितने मतदान केंद्र हैं। 
यदि आप इसे दुर्भाग्य नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे? 
बूथ स्तर पर किए गए कार्य की समीक्षा की जानकारी के प्रत्युत्तर में प्रदेश संगठन मंत्री, प्रदेश प्रवक्ता, महानगर अध्यक्ष, नगर अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष एवं दावेदारों में से केवल एक-दो के द्वारा मतदान केंद्र की जानकारी रखना। इस बात की पुष्टि करता है कि वह व्यक्ति सक्रिय राजनीति और रणनीति से वाकिफ है और कार्यरत है। 
हालांकि यह कार्य जिला कार्यकारिणी पर ही निर्भर करता है कि वह मतदान केंद्रों को दुरुस्त करें एवं मतदान केंद्र आधारित रणनीति तैयार करें। मतदान केंद्रों के अनुसार प्रचार-प्रसार करें। इसके बावजूद वह किसी परिणाम की इच्छा अथवा अपेक्षा कर सकेगा। यही एक सबसे बड़ा कारण है कि आज देश-प्रदेश ही नहीं बल्कि सभी स्तर पर विपक्ष पूरी तरह कमजोर हो चुका है। केवल बयानबाजी करने से राजनीतिक समर में स्वयं को स्थापित नहीं किया जाता है। अपेक्षाकृत कार्य की रूपरेखा तैयार की जाती है और उसको धरातल पर अवतरित किया जाता है, जिससे जनता का सीधा लगाव रहता है।

मुंबई: नए साल के जश्न व जमावड़े पर रोक लगाईं
कविता गर्ग 
मुंबई। कोविड-19 के ओमीक्रोन स्वरूप के फैलने के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने होटल और रेस्तरां सहित किसी भी बंद या खुली जगह में नए साल के जश्न और जमावड़े पर रोक लगा दी है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस उपायुक्त (संचालन) एस चैतन्य ने बुधवार को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत इस आशय का आदेश जारी किया।
अधिकारी ने कहा कि यह आदेश बृहस्पतिवार से सात जनवरी, 2022 तक प्रभावी रहेगा। पुलिस के आदेश में होटल, रेस्तरां, बैंक्वेट हॉल, बार, पब, आर्केस्ट्रा, रिसॉर्ट, क्लब और इमारतों की छतों सहित किसी भी बंद या खुली जगह में नए साल के समारोहों, कार्यक्रमों और जमावड़े पर रोक लगा दी गई है।
आदेश में कहा गया है कि ट्रेन, बसें और निजी कारें मौजूदा दिशा-निर्देशों और नियमों के अनुसार चल सकती हैं। आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी और ओमीक्रोन स्वरूप के सामने आने के बाद से मुंबई में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इसमें कहा गया है कि प्रतिबंधात्मक आदेश मानव जीवन के लिए खतरे को रोकने, लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए तथा वायरस के प्रसार को कम करने के लिए जारी किए गए हैं।
आदेश में कहा गया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) के साथ-साथ महामारी कानून और आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधानों के तहत दंड के लिए उत्तरदायी होगा। मुंबई में बुधवार को कोविड-19 के 2,510 मामले आए जो आठ मई के बाद से सर्वाधिक मामले हैं। महाराष्ट्र में बुधवार को ओमीक्रोन के 85 नए मामले आए जिससे राज्य में इस स्वरूप के कुल मामलों की संख्या 252 हो गई है।
राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे ने मुंबई में कोरोना वायरस के मामलों में तेज वृद्धि के मद्देनजर लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया और टीकाकरण करवाने और मास्क के व्यापक उपयोग पर जोर दिया। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को राज्य में कोविड​​-19 के मामलों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे ”खतरनाक” स्थिति करार दिया और कहा कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

नागालैंड की स्थिति को 'खतरनाक' करार दिया: केंद्र
कोहिमा। केंद्र ने नागालैंड की स्थिति को ‘अशांत और खतरनाक’ करार दिया तथा सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (अफस्पा) के तहत 30 दिसंबर से छह और महीने के लिए पूरे राज्य को ”अशांत क्षेत्र” घोषित कर दिया। यह कदम केंद्र सरकार द्वारा नागालैंड से विवादास्पद अफस्पा को वापस लेने की संभावना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन के कुछ दिनों बाद उठाया गया है। अफस्पा नागालैंड में दशकों से लागू है। 
गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है, ”केंद्र सरकार की राय है कि पूरे नागालैंड राज्य का क्षेत्र इतनी अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है।” अधिसूचना के अनुसार, ”इसलिए सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 (1958 की संख्या 28) की धारा तीन द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार 30 दिसंबर, 2021 से छह महीने की अवधि के लिए पूरे नगालैंड राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित करती है।

गिरावट के साथ 57,793.24 पर पहुंचा 'सेंसेक्स'

कविता गर्ग      मुंबई। वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुख और रिलायंस इंडस्ट्रीज, एसबीआई तथा आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों के नुकसान में जाने के साथ बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स में 13.25 अंक की गिरावट आयी। शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला सूचकांक अंक या 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,793.24 पर पहुंच गया।

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 8.45 अंक या 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,205.15 पर कारोबार कर रहा था। सेंसेक्स में बजाज फिनसर्व को सबसे ज्यादा करीब 1.5 प्रतिशत का नुकसान हुआ। इसके बाद एम ऐंड एम, एक्सिस बैंक, सन फार्मा, एल ऐंड टी, रिलायंस, एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर आते हैं। दूसरी ओर, विप्रो, पॉवर ग्रिड, डॉ. रेड्डीज, टेक महिंद्रा और टाइटन लाभ पाने वाले शेयरों में शामिल थे।

पिछले सत्र में, तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 90.99 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,806.49 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 19.65 अंक यानी 0.11 प्रतिशत टूटकर 17,213.60 अंक पर बंद हुआ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली जारी है। बुधवार को उन्होंने 975.23 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.25 प्रतिशत बढ़कर 79.41 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।

कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुईं: रणदीप

अकांशु उपाध्याय      नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने देशवासियों को नए साल का बधाई संदेश दिया है। जिसमें कहा है कि “मैं इस मौके पर देश के सभी लोगों की खुशी, बेहतर हेल्थ और समृद्ध 2022 की कामना करता हूं।” उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, हमारे लिए यह समझना जरूरी है कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। 

हालांकि अच्छी बात ये है कि फिलहाल हम बेहतर स्थिति में हैं।” उन्होंने कहा कि फिलहाल कोरोना से बचने का एकमात्र और कारगर तरीका है, शारीरिक दूरी बनाना कर रखना। कोरोना का यह वेरिएंट सुपर स्प्रेडर है। इसलिए भीड़ भाड़ वाली जगहों से दूर रहें और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।

चुनाव को लेकर आयोग की बैठक, प्रेस कॉन्फ्रेंस की

संदीप मिश्र        लखनऊ। चुनाव आयोग ने यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर तीन दिन की बैठक के बाद गुरुवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फेंस की। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने कहा, ”यूपी में वर्तमान सरकार का कार्यकाल 14 मई को समाप्त हो रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने बताया है कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत चुनाव कराए जाएं। 

चुनाव आयोग घनी आबादी वाले पोलिंग बूथों को खुले में लाएगा, महिलाओं की सुरक्षा और बुजुर्गों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा है कि पेड न्यूज पर भी चर्चा की गई है। साथ ही यह सूचना भी दी कि 5 जनवरी को मतदाता लिस्ट जारी की जाएगी। इस बार के ​चुनाव में टोटल वोटर्स की संख्या 15 करोड़ के लगभग है। जिसमें 52.8 लाख नए मतदाता है। इसमें 28.86 लाख महिला मतदाता हैं। कोविड को देखते हुए चुनाव में वोटिंग का वक़्त पूरे राज्य में एक घंटा बढ़ा दिया गया है। अब 8 से 5 के बजाय मतदान 8 से 6 बजे तक होगा।

कालीचरण की गिरफ्तारी पर आपत्ति उठाईं: नरोत्तम

मनोज सिंह ठाकुर        भोपाल। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक बड़ा बयान जारी किया है। गृह मंत्री ने कालीचरण की गिरफ्तारी पर आपत्ति उठाई है। उन्होंने कहा कि कालीचरण की गिरफ्तारी पर हमें आपत्ति है। मध्य प्रदेश पुलिस को बगैर जानकारी दिए गिरफ्तारी करना गलत है। मैंने मध्यप्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि छत्तीसगढ़ डीजीपी से इसे लेकर बात करें। आगे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह आपत्तिजनक है, हमें तरीके पर आपत्ति है।इंटरस्टेट प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं करना था। मैंने मध्य प्रदेश के डीजीपी को तत्काल छत्तीसगढ़ के डीजीपी से बात करने, विरोध दर्ज करने और स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए हैं। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार का गिरफ्तारी करने का तरीका गलत है, जानकारी देनी चाहिए थी। छत्तीसगढ़ सरकार चाहती तो नोटिस देकर भी बुला सकती थी।वहीं इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि हमने पूरी प्रक्रिया का पालन किया है।

ताम्रध्वज साहू ने कहा कि कालीचरण को सुबह 4 बजे पुलिस ने खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया है। और उसे रायपुर लाया जा रहा। है जिसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा के लोग और प्रधानमंत्री भी महात्मा गांधी के सामने झुकना शुरू कर दिए हैं। राजनीति में भी उनका नाम आगे लेकर चलना शुरू कर दिए हैं। उनके नाम का अनुसरण करके राजनीति करना चालू कर दिए हैं। इस मसले पर माननीय गृह मंत्री को इस प्रकार की बात नहीं कहनी चाहिए। ऐसा मेरा मानना है। किस नजरिए से उन्होंने यह कहा वह नर्रोत्तम मिश्र ही जाने।

चुनाव: सीएम के चेहरे की घोषणा नहीं करेगी 'कांग्रेस'

अमित शर्मा     चंडीगढ़। पंजाब में कांग्रेस विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं करेगी। मौजूदा मुख्यमंत्री चरण जीत सिंह चन्नी के लिए यह बुरी खबर है। पंजाब कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बताया कि पार्टी संयुक्त नेतृत्व के तहत चुनाव लड़ेगी।

बकौल जाखड़, इसका मकसद राज्य में जातिगत समीकरणों को संतुलित करना और पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह को रोकना है। बुधवार को सिद्धू ने कहा था, ‘कांग्रेस आने वाले चुनावों के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करे। दूल्हे के बिना बारात क्या है।

'जीएसटी' बढ़ाने के फैसले पर आरोप लगाया       

मनोज सिंह ठाकुर      भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व कमलनाथ ने आज कपड़ा व्यवसाय पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बढ़ाए जाने के फैसले को लेकर सरकार पर हठधर्मिता करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस कपड़़ा व्यवसायियाें के साथ खड़ी है और सरकार को ये फैसला वापस लेना चाहिए। कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा कि उन्हाेंने पहले भी कहा था कि कपड़े पर एक जनवरी से जीएसटी की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने का निर्णय जनविरोधी है। कपड़ा व्यवसायी इसका विरोध कर रहे है, इससे कपड़ा व्यवसाय तबाह हो जायेगा। 

उन्होंने कहा कि सरकार को इस निर्णय को तत्काल निरस्त करना चाहिये, लेकिन सरकार की हठधर्मिता के कारण व्यापारी विरोध को मजबूर है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से माँग की कि सरकार अपनी हाथधर्मिता छोड़कर इस निर्णय को वापस लेकर कपड़ा व्यापारियों को राहत प्रदान करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कपड़ा व्यापारियों की इस माँग का पूर्ण समर्थन करती है और उनके साथ खड़ी है।

कोरोना महामारी की 'गंभीरता' से समीक्षा: बंगाल

मिनाक्षी लोढी       कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस से संबंधित प्रतिबंध हर जगह नहीं लगाए जा सकते हैं। क्योंकि ये अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं और महामारी शुरू होने के बाद से ऐसा देखा भी गया है। दक्षिण 24 परगना जिले में सागर द्वीप के भ्रमण के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए बनर्जी ने कहा कि कोलकाता में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, क्योंकि यह ट्रेनों व विमानों से यात्रा करने वाले लोगों के लिए पारगमन स्थल है। सागर द्वीप में अगले महीने सालाना गंगा सागर मेला शुरू होना है। उन्होंने कहा, “ओमीक्रोन के ज्यादातर मामले उन लोगों में सामने आ रहे हैं जो ब्रिटेन की उड़ानों से आए हैं। यह तथ्य है कि ओमीक्रोन से संक्रमित लोग अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से आ रहे हैं। केंद्र को उन देशों से उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने के बारे में फैसला करना चाहिए। जहां ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप के मामले अधिक हैं।

बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार महामारी की उभरती स्थिति की “गंभीरता” से समीक्षा कर रही है और उन्होंने संकेत दिया कि अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंध के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमें लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखना है। हम जल्द ही फैसला लेंगे। हम उन जगहों को लक्षित करेंगे जहां मामले बढ़ रहे हैं। हम हर जगह प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है, जैसा पिछले दो वर्षों में हुआ है।” पश्चिम बंगाल में बुधवार को कोविड-19 के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखी गई।


सीएम आवास पर मनोहर से मुलाकात की: विज
राणा ओबराय         चंडीगढ़। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विभागीय बंटवारे से पहले एक बार फिर गृह विभाग को लेकर बड़ा विवाद हो गया। पुख्ता जानकारी के अनुसार, कैबिनेट मंत्री अनिल विज को दो विभाग छोड़ने को कहा गया। इनमें नगर निकाय और गृह विभाग शामिल थे। लेकिन विज गृह विभाग किसी भी सूरत में देने को तैयार नहीं हुए। सूत्रों का कहना है कि विज ने मंगलवार को शपथ ग्रहण से पहले सीएम आवास पर सीएम मनोहर लाल से मुलाकात की।
उस वक्त भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े भी वहां मौजूद थे। जब उनसे दोनों विभाग देने को कहा गया तो उन्होंने मौके पर ही कह दिया कि यदि गृह विभाग लिया गया तो वे सभी विभाग छोड़ देंगे। यह कह कर वह चलने लगे तो सीएम ने उन्हें बैठने को कहा। परंतु विज वहां नहीं रुके और चले गए। उन्होंने सीएमओ की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। वे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने राजभवन भी नहीं पहुंचे। हालांकि, बाद में उनसे गृह विभाग नहीं लिया गया। सूत्रों का कहना है कि यदि विज से गृह विभाग लिया जाता तो वे इस्तीफा दे देते, जो उनकी जेब में ही लिखा हुआ रखा था। यह मामला दिल्ली दरबार में भी पहुंचा। 
बुधवार को विभागों के बंटवारे से पहले ही विज के पास प्रभारी तावड़े ने मैसेज पहुंचा दिया था कि उनसे गृह विभाग नहीं लिया जाएगा। दिल्ली की दखल के बाद यह विवाद अभी तो खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री द्वारा अनिल विज से गृह विभाग मांगने के बाद अब स्थानीय निकाय विभाग ले लेने से भाजपा कार्यकर्ताओं में निराशा उत्पन्न हुई है। भाजपा पार्टी के एक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक ने कहा अनिल विज एक ईमानदार व कुशल प्रशासक है। उनको जान बूझकर कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। एक जिला स्तर के भाजपा नेता ने कहा विज जैसे नेता कमजोर करने से प्रदेश में पार्टी कमजोर ही होगी। 
यूपी: चुनाव को लेकर बसपा ने गतिविधियाँ तेज की
अश्वनी उपाध्याय            गाजियाबाद। अन्य राजनीतिक दलों के बाद अब, बहुजन समाजवादी पार्टी ने भी विधानसभा चुनाव को लेकर पश्चिम यूपी में गतिविधियाँ तेज कर दी है। बहन जी ने इस बार बसपा के राज्यसभा सदस्य मुनकाद अली को कल मेरठ मंडल का सेक्टर प्रभारी बनाया है। बसपा के पैतरे में इस सियासी चाल को लेकर माना जा रहा है कि गाजियाबाद की पांचो विधानसभा सीटो के लिये प्रत्याशी नये वर्ष के पहले सप्ताह में घोषित किए जा सकते है।  
संकेत मिले है कि पार्टी कार्यालय पर बैठक कर रणनीति बनायी जा रही है। इन चुनावों के लिये पहले से ही जंबो टीम लगाई गई है। दरअसल पार्टी के पश्चिम के प्रभारी रहे राज्यसभा सदस्य मुनकाद अली को पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमारी मायावती ने यहाँ से हटाकर उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश में तीन मंडल की जिम्मेदारी दी हुई थी। लेकिन पश्चिम की जिम्मेदारी संभाल रहे शमसुदीन साईन की ओर से विधानसभा 2022 के प्रत्याशी घोषित होने में हो रहे विलंब को देख अब पार्टी ने नया पैतरा बदलकर मेरठ मंडल की कमान भी मुनकाद अली को सौंप दी है।
इस बढ़ती चुनावी सरगर्मियों के बीच बसपा के पैतरें से सियासी दलों में हलचल तेज हो गई है।बसपा पार्टी के रणनीति कारों की माने तो वर्ष 2007 में पश्चिम के प्रभारी रहते हुयें मुनकाद अली के कार्यकाल में मोदीनगर सीट से मास्टर राजपाल सिंह,मुरादनगर से राजपाल त्यागी,गाजियाबाद से सुरेश बंसल,लोनी सीट पर जीत हासिल की। इस फार्मूले के आधार पर ही गाजियाबाद में बसपा के संगठन को मजबूत करने और विधानसभा चुनाव में पार्टी के अधिक से अधिक प्रत्याशियों की जीत के लिए बसपा हाईकमान ने पूर्व राज्यसभा सदस्य बाबू मुनकाद अली को यहाँ फिर मेरठ मंडल की कमान सौंपी है।
आगरा, फैजाबाद, देवीपाटन के साथ-साथ मेरठ मंडल का भी सेक्टर प्रभारी बनने के बाद बाबू मुनकाद अली को जहाँ बधाई देने वालोंका तांता लग रहा है,वही दूसरी पार्टी के दमदार प्रत्याशी भी बसपा से टिकट मांगने के लिये कतार में लग गये है ओर पार्टी के असरदार नेताओं से संपर्क कर मेरठ के किठौर कस्बे में जाकर उनसे मिले भी है। माना जा रहा है कि बसपा से इन पांचो विधानसभा के प्रत्याशी इस नये वर्ष के पहले सप्ताह में घोषित हो सकते है। पार्टी के जिलाध्यक्ष वीरेद्र जाटव एडवोकेट ने पांचो विधानसभा प्रभारियों के साथ इस बावत बैठक भी की है। पार्टी के नेता शमशुद्दीन राइन, राजकुमार, सतपाल पेपला,अनिल गौत्तम, आदि ने भी संगठन में सक्रियता बढ़ा दी है।

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