रविवार, 14 नवंबर 2021

विधानसभा में मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा

विधानसभा में मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा
पंकज कपूर      
देहरादून। कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव ने रविवार को कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा घोषित नहीं करेगी और सामूहिक नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी तथा जीत के बाद सबसे विचार-विमर्श करके मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पांच साल पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं के लिए पार्टी के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं, लेकिन उन्हें शामिल करने का निर्णय राजनीतिक आकलन के आधार पर किया जाएगा। उत्तराखंड में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होना है। यादव ने कहा कि भाजपा के पास एक चेहरा है, लेकिन हमारे पास 10 चेहरे हैं। ये चेहरे आपके सामने हैं। हमारे पास बड़ों का आशीर्वाद है तो युवाओं का साथ भी है। चुनाव के समय हमारे यहां नेतृत्व हमेशा पीसीसी अध्यक्ष का होता है।
चुनाव अभियान समिति के प्रमुख के रूप में हमारे पास हरीश रावत जी भी हैं। हम एक सामूहिक नेतृत्व में ही इस चुनाव में जा रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव जीतने के बाद सबके साथ चर्चा कर मुख्यमंत्री के बारे में फैसला होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या यह तय हो चुका है कि चुनाव से पहले कोई चेहरा घोषित नहीं होगा तो उन्होंने जवाब दिया, ‘नहीं।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यह मांग उठाई थी कि उत्तराखंड में कांग्रेस को चेहरा घोषित करना चाहिए ताकि भाजपा चुनाव को ‘नरेंद्र मोदी बनाम कांग्रेस’ न कर सके और चुनाव प्रदेश के मुद्दों तक ही केंद्रित रहे। रावत ने यह भी स्पष्ट किया था कि पार्टी जिसे भी चेहरा बनाएगी, उसको वह पूरा समर्थन देंगे। हालांकि रावत के समर्थक उन्हें ही मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पेश कर रहे हैं।
हरक सिंह रावत और कई अन्य नेताओं के कांग्रेस में आगे शामिल होने की अटकलों के बारे में देवेंद्र यादव ने कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता हूं। बहुत सारे लोग हैं जो कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं। लेकिन हम बहुत ऐहतियात के साथ कदम उठा रहे है। बहुत सोच समझकर ही लोगों को पार्टी में शामिल करा रहे हैं।
इस सवाल पर कि क्या कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए वरिष्ठ नेताओं के लिए पार्टी के दरवाजे बंद हो गए हैं तो उन्होंने कहा कि दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। लेकिन शामिल कराने का फैसला चुनिंदा ढंग से होगा। राजनीतिक आकलन करने के बाद ही निर्णय लेंगे। यादव ने यह दावा भी किया कि आम आदमी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस चुनाव में कोई असर नहीं होगा तथा कांग्रेस 70 सदस्यीय विधानसभा में 50 से अधिक सीटें हासिल करेगी।

बीजेपी और कांग्रेस पार्टी ने आंदोलन तेज किया
मोहम्मद रियाज     
भुवनेश्वर। ओडिशा में महिला शिक्षिका के अपहरण और हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। विपक्षी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस ने आंदोलन तेज कर दिया है। विपक्षी दल राज्य के मंत्री डीएस मिश्रा को हटाने और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। इन नेताओं को विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के गुस्से का सामना  करना पड़ा, जब वे बरगढ़ जिले के बीजेपुर में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बैठक में भाग लेने के लिए जा रहे थे। सत्तारूढ़ दल बीजेडी के एक मंत्री और विधायक के वाहनों पर अंडे फेंके गए और काले झंडे दिखाए गए।
58 लाख से अधिक किसानों ने पंजीकरण कराया 
सतेन्द्र पंवार     
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार के फसल सर्वेक्षण से जुड़े मोबाइल ऐप पर अब तक 58 लाख से अधिक किसानों ने पंजीकरण कराया है और कुछ जिले के किसानों ने खरीफ में उगाई गई 350 से अधिक फसलों के बारे में जानकारी दी है। राज्य सरकार ने टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर हाल में ‘ई-पीक पहाणी’ नामक ऐप विकसित किया है। इस ऐप पर किसान अपनी फसल का ब्योरा दे सकते हैं। यह ऐप सरकार को यह समझने में मदद करेगा कि कौन सी फसल उगाई जा रही है और राज्य के कितने क्षेत्र में खेती हो रही है।
राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की जानकारी से पता चला है कि कितना अनाज, तिलहन और नकदी फसलें होने वाली है। इसके आधार पर आयात निर्यात नीतियां बनाई जा सकती हैं, अथवा इस संबंध में कोई निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहा,” इस साल 15 अगस्त को यह सुविधा शुरू होने के बाद, पहले दो महीनों में 58,39,804 किसानों ने पंजीकरण कराया और इनमें से 52,84,598 किसानों ने अपनी खरीफ फसल का ब्योरा भी दर्ज कराया है।

जासूसी वाले स्टेटस के स्क्रीनशॉट वायरल हुए
दुष्यंत टीकम         
रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव और आईएएस अफसर डॉ. आलोक शुक्ला के वॉट्सऐप स्टेटस ने खलबली मचा दी है। स्टेटस में आईएएस अफसर ने लिखा कि मेरा फोन टैप हो रहा है, अपने रिस्क पर ही मुझे मैसेज करें। प्रदेश के प्रमुख सचिव स्तर के इस आईएएस अफसर के जासूसी वाले स्टेटस के स्क्रीनशॉट अब तेजी से वायरल हो रहे हैं। आखिर जासूसी वाले इस स्टेटस के पीछे की कहानी क्या है?
वरिष्ठ अफसर आलोक शुक्ला ने बताया कि यह सिर्फ एक मजाक है। उन्होंने मजाकिया लहजे में यह बात लिखी है। दुनिया भर में टेक्नॉलजी और डेटा की सिक्योरिटी पर पहले ही कई तरह के सवाल उठते रहे हैं। इसे लेकर आलोक शुक्ला ने कहा- मेरा क्या वैसे तो पूरी दुनिया के फोन निगरानी में है। मैंने इसे सिर्फ मजाक के तौर पर लिखा है और इसे मजाक के तौर पर ही लिया जाए।
डॉक्टर आलोक शुक्ला जब नागरिक आपूर्ति निगम में अफसर थे, तब प्रदेश में नान घोटाला भी सामने आया था। फर्जी राशन कार्ड से कई टन राशन बांटे जाने जैसे आरोप लगे थे। तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। भाजपा सरकार पर कांग्रेस ने कई आरोप लगाए थे। आलोक शुक्ला को तब पद से हटा दिया गया था। 2018 में प्रदेश की सियासी हालात बदले, कांग्रेस सत्ता में आई और फिर से आलोक शुक्ला को प्रमुख पद दिए गए। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी आलोक शुक्ला के खिलाफ कई तरह के सवाल भी उठाती रही है। फिलहाल आलोक शुक्ला स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव हैं। पढ़ाई तूहंर द्वार, ऑनलाइन क्लासेस के कई यूनीक कॉन्सेप्ट पर काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग में भी अहम जिम्मा संभाल रहे हैं।

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