मंगलवार, 2 नवंबर 2021

खेल: क्रिकेट पिच पर लौटने का ऐलान किया

खेल: क्रिकेट पिच पर लौटने का ऐलान किया

अकांशु उपाध्याय      नई दिल्ली। युवराज सिंह का शुमार भारतीय क्रिकेट के बेहतरीन ऑलराउंडरों में होता है। साल 2007 के टी20 वर्ल्ड कप और 2011 विश्व कप में वह विश्व विजेता भारतीय टीम के अहम अंग रहे थे। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने दोनों ही टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर खिताबी जीत में अहम योगदान दिया था। 39 साल के युवराज ने 10 जून 2019 को इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। लेकिन अब उन्होंने फैंस को चौंकाते क्रिकेट पिच पर लौटने का ऐलान कर दिया है।युवराज ने बताया कि वह अगले साल फरवरी में मैदान पर वापसी करेंगे। साथ ही, इस ऑलराउंडर ने फैंस से मुश्किल वक्त में भी भारतीय टीम का साथ नहीं छोड़ने की अपील की।


'धनतेरस' के दिन स्वास्थ्य का भी बड़ा महत्व
मोहम्मद रियाज     आज के समय में धनतेरस के त्यौहार को सिर्फ सोना-चांदी और बर्तन की खरीदारी तक ही सीमित कर दिया गया है। लेकिन धनतेरस के दिन का स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बड़ा महत्व है। इस दिन आयुर्वेद के जनक माने जाने वाले भगवान धन्वंतरि का भी जन्मदिन मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरि की पूजा कर बेहतर स्वास्थ्य और निरोगी काया का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। अंग्रेजी की भी कहावत है- हेल्थ इज वेल्थ यानी अच्छा स्वास्थ्य ही सच्ची धन-संपदा है।
आयुर्वेद के संबंध में कहा जाता है कि सर्वप्रथम ब्रह्मा ने एक लाख श्लोक वाले आयुर्वेद की रचना की जिसे अश्विनी कुमारों ने सीखा और इंद्र को सिखाया। इंद्र ने इससे धन्वंतरि को कुशल बनाया।
भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति सामुद्र मंथन के समय हुई थी। भगवान धन्वंतरि देवताओं के वैद्य अश्विनी कुमारों का ही अवतार हैं। प्राकट्य के समय धन्वंतरि के चार हाथों में अमृत कलश, जौंक, शंख और चक्र थे। प्रकट होते ही उन्होंने आयुर्वेद का परिचय कराया। ये प्राणियों को आरोग्य प्रदान करते हैं, इसलिए धनतेरस पर सिर्फ धन प्राप्ति की कामना की पूजा करने की बजाए, बेहतर स्वास्थ्य के लिए भगवान धन्वंतरि की भी पूजा करें।आज के समय में धनतेरस के त्यौहार को सिर्फ सोना-चांदी और बर्तन की खरीदारी तक ही सीमित कर दिया गया है। लेकिन धनतेरस के दिन का स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बड़ा महत्व है। इस दिन आयुर्वेद के जनक माने जाने वाले भगवान धन्वंतरि का भी जन्मदिन मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरि की पूजा कर बेहतर स्वास्थ्य और निरोगी काया का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। अंग्रेजी की भी कहावत है- हेल्थ इज वेल्थ यानी अच्छा स्वास्थ्य ही सच्ची धन-संपदा है।
आयुर्वेद के संबंध में कहा जाता है कि सर्वप्रथम ब्रह्मा ने एक लाख श्लोक वाले आयुर्वेद की रचना की जिसे अश्विनी कुमारों ने सीखा और इंद्र को सिखाया। इंद्र ने इससे धन्वंतरि को कुशल बनाया।
भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति सामुद्र मंथन के समय हुई थी। भगवान धन्वंतरि देवताओं के वैद्य अश्विनी कुमारों का ही अवतार हैं। प्राकट्य के समय धन्वंतरि के चार हाथों में अमृत कलश, जौंक, शंख और चक्र थे। प्रकट होते ही उन्होंने आयुर्वेद का परिचय कराया। ये प्राणियों को आरोग्य प्रदान करते हैं, इसलिए धनतेरस पर सिर्फ धन प्राप्ति की कामना की पूजा करने की बजाए, बेहतर स्वास्थ्य के लिए भगवान धन्वंतरि की भी पूजा करें।

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