सोमवार, 29 नवंबर 2021

कौशांबी: डीएम ने संशोधन के सम्बन्ध में बैठक की

कौशांबी: डीएम ने संशोधन के सम्बन्ध में बैठक की
राजकुमार             
कौशाम्बी। जिलाधिकारी सुजीत कुमार द्वारा सम्राट उदयन सभागार में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मतदेय स्थलों के सम्भाजन उपरान्त संशोधन के सम्बन्ध में बैठक की।  
बैठक में बताया गया कि मंझनपुर विधानसभा क्षेत्र के एक मतदेय स्थल तथा चायल विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र के तीन मतदेय स्थलों के भवन में संशोधन के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराए गए हैं। विचार-विमर्श उपरान्त मंझनपुर विधानसभा क्षेत्र के 289-उच्च प्राथमिक विद्यालय मझियारी चक ऐलई रोशन के स्थान पर 289-पंचायत भवन मझियारी चक ऐेलई रोशन किया गया है। 
इसी प्रकार चायल विधानसभा क्षेत्र के 27-प्राथमिक विद्यालय मारूफपुर पूर्वी भाग के स्थान पर 27-पंचायत भवन मारूखपुर कक्ष संख्या-01 एवं 28-प्राथमिक विद्यालय मारूफपुर पश्चिम भाग के स्थान पर 28-पंचायत भवन मारूफपुर कक्ष संख्या-02 तथा 100 पंचायत भवन सैयद सरांवा के स्थान पर 100 प्राथमिक विद्यालय सैयद सरांवा किया गया है।

व्यापक फर्टिलिटी क्लिनिक का उद्घाटन: यूपी
अश्वनी उपाध्याय          गाजियाबाद। सीड्स ऑफ इनोसेंस, उत्तर भारत की आईवीएफ और सरोगेसी सेंटरों की अग्रणी श्रृंखला ने अत्याधुनिक उपचार और क्लीनिकल सुविधाओं के साथ अपनी तरह के पहले व्यापक फर्टिलिटी क्लिनिक का उद्घाटन किया। इस क्लीनिक में न केवल आईवीएफ बल्कि मेडिकल जेनेटिक्स और फेटल मेडिसिन की शाखा भी शामिल है। यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, नेहरू नगर में आरंभ किया गया यह क्लीनिक, दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में अपनी तरह का पहला आईवीएफ केंद्र होगा जिसमें एक एकीकृत आनुवंशिक परीक्षण और भ्रूण चिकित्सा विभाग होगा।

आपको बता दें कि यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, नेहरू नगर, गाजियाबाद में संचालित यह फर्टिलिटी केंद्र, प्रमुख चिकित्सा सुविधा, विश्व स्तरीय इनफ्रास्ट्रक्चर और अनुभवी भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञों सहित चिकित्सकों की एक बेहतर  टीम के साथ संचालित है। यह केंद्र यशोदा अस्पताल उस टीम की दूरदर्शी सोच का परिणाम है।जिसमें डॉ गौरी अग्रवाल के नेतृत्व में कई प्रसिद्ध आईवीएफ विशेषज्ञ शामिल है। जो सीड्स ऑफ इनोसेंस की  सह-संस्थापक भी हैं। सीड्स ऑफ इनोसेंस 8 भारतीय राज्यों में 14 आईवीएफ और सरोगेसी केंद्रों का मालिक है और संचालित करता है। 

2017 में एक इन-हाउस आनुवंशिक परीक्षण प्रयोगशाला रखने वाला देश का पहला आईवीएफ केंद्र भी था, जो एक प्रमुख आईवीएफ विशेषज्ञ और निदेशक और सह-संस्थापक था। सीड्स ऑफ इनोसेंस, गाजियाबाद के नवनिर्मित केंद्र के साथ-साथ भ्रूण चिकित्सा और चिकित्सा आनुवंशिकी में उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री ब्रजेश पाठक, माननीय कानून और न्याय मंत्री,  और ग्रामीण इंजीनियरिंग सेवा, उत्तर प्रदेश और अतिथियों  द्वारा किया गया। माननीय श्री अतुल गर्ग, राज्य मंत्री, चिकित्सा और स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं बाल कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश ने डॉ. दिनेश अरोड़ा, अध्यक्ष, यशोदा ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स दिल्ली एनसीआर, की उपस्थिति में केंद्र का उद्घाटन किया। डॉ. शशि अरोड़ा, ग्रुप डायरेक्टर, यशोदा ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स दिल्ली एनसीआर, डॉ. रजत अरोड़ा, ग्रुप डायरेक्टर, यशोदा ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स दिल्ली एनसीआर, और डॉ. गौरी अग्रवाल, डायरेक्टर और को-फ़ाउंडर, सीड्स ऑफ़ इनोसेंस एंड जेनेस्ट्रीज़ डायग्नोस्टिक सेंटर ने समारोह में आए अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

सीड्स ऑफ इनोसेंस, गाजियाबाद को चिकित्सा बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए विकसित किया गया है, और सहायक प्रजनन तकनीकों, बांझपन के उपचार, उच्च जोखिम वाले गर्भधारण के प्रबंधन और आनुवंशिक निदान में विशेषज्ञता है। आईवीएफ केंद्र उत्तर प्रदेश में पहली और एकमात्र चिकित्सा सुविधा होगी जो भ्रूण चिकित्सा के एक समर्पित विभाग के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय हॉल मार्क चिकित्सा प्रौद्योगिकी जैसे प्रीमियम ई 10 अल्ट्रासाउंड उपकरण से लैस होगी जो प्रस्तुत करते समय बेहतर छवि स्पष्टता और रंग के साथ जटिल मामलों को हल करने में मदद करती है। 

अद्वितीय भ्रूण हृदय उपकरण और विशेष जांच।  केंद्र भ्रूण के लिए उच्च अंत आनुवंशिक निदान परीक्षण प्रदान करता है जैसे कि प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक स्क्रीनिंग (पीजीएस) और प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस (पीजीडी) आनुवंशिक विसंगतियों को खत्म करने के लिए या डाउन सिंड्रोम और भ्रूण में अन्य क्रोमोसोमल विकारों जैसे वंशानुगत आनुवंशिक रोगों को खत्म करने के लिए। सीड्स ऑफ इनोसेंस, बांझपन के क्षेत्र में प्रतिष्ठित और विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान करता है, आईयूआई जैसी कृत्रिम गर्भाधान प्रक्रियाओं से लेकर नवीनतम आईवीएफ तकनीक तक, केंद्र सस्ती कीमतों पर सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

सीड्स ऑफ इनोसेंस की निदेशक और सह-संस्थापक डॉ. गौरी अग्रवाल ने इस संस्थान के बारे में बताते हुए कहा, “पिछले 5 वर्षों में यह एक शानदार यात्रा तय की  है।  हालाँकि, चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चिकित्सा की दुनिया में कई प्रगति हो रही है जिससे हमारे देश को बहुत लाभ हो सकता है।  लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आज हम आईवीएफ को संदेह की दृष्टि से नहीं देख सकते हैं और एक व्यापक बहु-विषयक दृष्टिकोण पर ध्यान देना चाहिए। 

इस प्रकार, हम आनुवंशिक परीक्षण के अलावा दुनिया का सबसे स्थापित उन्नत भ्रूण कल्याण कार्यक्रम लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि यह सुविधा भ्रूण डॉपलर स्कैन और गैर-तनाव परीक्षण, भ्रूण इकोकार्डियोग्राफी जैसी विशिष्ट अल्ट्रासाउंड सेवाएं प्रदान करेगी, और अन्य जो आनुवंशिक असामान्यताओं और भ्रूण में विक्षिप्त रक्त प्रवाह और भ्रूण के प्रतिबंधित विकास जैसी सामान्य समस्याओं के जोखिम को समाप्त करने में मदद करती हैं। सीड्स ऑफ इनोसेंस प्रजनन संबंधी चिंताओं, आईवीएफ और सरोगेसी के लिए एक प्रमुख चिकित्सा सुविधा है और उच्च जोखिम वाले गर्भधारण के विशेषज्ञ से निपटने के लिए जाना जाता है। नया केंद्र गर्भधारण से पहले की योजना, गर्भावस्था प्रबंधन (प्राथमिक या परामर्शी) और प्रसव सहित कई तरह की सेवाएं भी प्रदान करेगा ताकि चिकित्सा शर्तों वाले जोड़ों को पितृत्व की खुशी का अनुभव करने की अनुमति मिल सके। 

सामूहिक विवाह समारोह आयोजित, राहत

संदीप मिश्र           कुशीनगर। उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित कन्या विवाह सहायता योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन जनपद कुशीनगर के बुद्धा पार्क रवींद्र नगर धूस पडरौना में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा वर वधू को आशीर्वाद देते हुये लोगो को संबोधित करते हुये कन्यादान को महादान बताते कहा कि सामूहिक विवाह योजना एक सामाजिक क्रांति, आंदोलन व अभियान है। ऐसे आयोजनों से बाल विवाह और दहेज जैसी कुप्रथाओं पर अंकुश लगता है। 

यही नहीं इससे ष्गांव की बेटी सबकी बेटीष् का भाव भी जुड़ता है। यहां अपना-पराया का भाव समाप्त दिख रहा है। सबका साथ, सबका विकास,सबका विश्वास और सबका प्रयास का भाव नजर आ रहा है। उन्होनें कहा कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान दिया। उसमें सभी के लिए समान अधिकार की बात है। केंद्र और प्रदेश सरकार उसी समान अधिकार के तहत योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिक ही राष्ट्र का निर्माता है। उसके पुरुषार्थ में राष्ट्र की नींव है। नींव जितनी मजबूत होगी, देश उतना ही मजबूत होगा। उन्होंने बताया कि सरकार श्रमिकों दो लाख रुपये सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दे रही है। श्रमिकों को पांच लाख रुपये स्वास्थ्य बीमा का कवर दिया जा रहा है। 

साथ ही उनके बच्चों की शिक्षा के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की जा रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं के बारे मे जानकारी देते हुये कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाए गए हैं। हर घर शौचालय बनाए गए, निशुल्क बिजली व रसोई गैस के कनेक्शन दिए गए हैं। आयुष्मान योजना व मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख रुपये तक इलाज की मुफ्त सुविधा मिल रही है। केंद्र व प्रदेश सरकार सभी कल्याणकारी योजनाओं को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ा रही हैं।

 मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 43 लाख गरीबों के आवास बनाए गए हैं। 2.61 करोड़ के व्यक्तिगत शौचालय बनवाए गए हैं। 1.40 करोड़ गरीबों को निशुल्क बिजली कनेक्शन, 1.56 करोड़ को निशुल्क रसोई गैस कनेक्शन, 90 लाख को निराश्रित महिला,दिव्यांगजन पेंशन योजनाओं का लाभ मिला है। 2.54करोड़ किसान पीएम किसान सम्मान निधि से लाभान्वित हुए हैं।

मुुख्यमंत्री जी ने कहा है कि दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण फिर तेजी से बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश और प्रदेश ने कोरोना पर सफल नियंत्रण पा लिया है। फिर भी दुनिया मे संक्रमण के नए दौर को लेकर हमें सतर्कता पर जरूर ध्यान रखना होगा। दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी के मंत्र का अनुसरण करने के साथ ही जिन लोगों ने अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई है। उन्हें वैक्सीन लगवाने को प्रेरित करें।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि यहां विवाह बंधन में बंधे सभी वर-वधू ने पहले से मास्क लगा रखे हैं। कहा कि कोरोना के चलते कई देशों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में देश और उत्तर प्रदेश में कोरोना के सफल प्रबंधन की मिसाल पूरी दुनिया ने देखी। लॉकडाउन में उत्तर प्रदेश ऐसा पहला राज्य था जिसने गरीबों, श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता दिया। 54 लाख श्रमिकों को इसका लाभ मिला। सरकार ने मुफ्त में खाद्यान्न वितरण भी प्रारम्भ किया जो अनवरत जारी है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह से कोविड वैक्सीन लगवाने के बारे में पूछा। सबके हाथ उठाने पर उन्होंने कहा कि आपके आसपास जो लोग भी बचे हों उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करें।उन्होने बताया कि देश में 125 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है उत्तर प्रदेश में भी 16 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।

इस समारोह में गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर व महराजगंज जनपद के कुल 2503 जोड़े विवाह के पावन बंधन में बंधे। नवयुगलों में 2243, हिन्दू, 138 मुस्लिम व 122 बौद्ध शामिल रहे। मुख्यमंत्री जी ने सभी नव दम्पतियों को आशीर्वाद देते हुए मुख्यमंत्री ने उनके सुखमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने मंच से तीन मुस्लिम नव दम्पतियों समेत 11 युगलों को प्रमाण पत्र और पुष्पगुच्छ भेंट किया। प्रमाण पत्र देने के दौरान मुख्यमंत्री जी ने जोड़ों से आत्मीय संवाद भी किया। समारोह में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्रमिकों के लिए चलाई जा रही हैं 18 योजनाओं का जिक्र किया। 

उन्होनें कहा कि बहुत पारदर्शी तरीके से इनका लाभ श्रमिकों को मिल रहा है। श्री मौर्य ने कहा कि श्रमिक काम के लिए आज यहां तो कल वहां होता है, ऐसेमें उनके बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए हर मंडल मुख्यालय पर अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की जा रही है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सावित्री जायसवाल, विधायकगण रजनीकांत मणि (कुशीनगर), पवन केडिया (हाटा), जटाशंकर त्रिपाठी (खड्डा), गंगा सिंह कुशवाहा (फाजिलनगर), राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष लालबाबू सिंह वाल्मीकि, राज्य गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष जसवंत सिंह श्अतुलश्, बीज विकास निगम के उपाध्यक्ष राजेश्वर सिंह, यूपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रियल कॉर्पोरेशन के उपाध्यक्ष जगदीश मिश्र, देवरिया-कसया सहकारी बैंक के चेयरमैन लल्लन मिश्र, नगर पालिका पडरौना के विनय जायसवाल, हाटा के चेयरमैन मोहन वर्मा, ब्लॉक प्रमुख शशांक दूबे, विंध्यवासिनी श्रीवास्तव, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनधि सुधीर राव, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रेमचंद मिश्र आदि उपस्थित रहे।

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