बुधवार, 10 नवंबर 2021

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं 
अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में तेजी रहने के बीच घरेलू स्तर पर सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने आज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया। जिससे राजधानी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतें छठे दिन भी स्थिर रहीं।
केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये तथा 10 रुपये प्रति लीटर की कमी करने से देश में इसकी कीमतों में कमी आयी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश, कर्नाटक सहित देश के 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इन दोनों उत्पादों पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कमी की है। इससे संबंधित राज्यों में इन दोनों पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों में और कमी आयी है। इसका असर आज भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर बरकरार है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मंगलवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 85 डॉलर प्रति बैरल पर पर पहुंच गया। घरेलू बाजार में बुधवार को लगातार छठे दिन भी पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ। राजधानी दिल्ली में देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के पंप पर आज पेट्रोल की कीमत 103.87 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 86.67 रुपये प्रति लीटर पर टिका रहा। पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की रोजाना समीक्षा होती है और उसके आधार पर हर दिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें लागू की जाती हैं। देश के चार बड़े महानगरों में आज पेट्रोल और डीजल के दाम इस प्रकार रहे।

परीक्षा के टर्म-1 का एडमिट कार्ड जारी हुआ
अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की ओर से कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के टर्म-1 का एडमिट कार्ड जारी हो गया है। सभी उम्मीदवार अपने एडमिट कार्ड ऑफिशियल वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। एडमिट कार्ड में 10वीं और 12वीं की परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों का रोल नंबर सहित परीक्षा से जुड़ी अन्य डिटेल्स दी गईं हैं।
सीबीएसई द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, कक्षा 10वीं और 12वीं की टर्म 1 परीक्षा के लिए रोल नंबर जारी हो गई है। सीबीएसई ने एग्जाम डीटेल गाइडलाइंस भी जारी की है। सीबीएसई 10वीं टर्म-1 बोर्ड माइनर विषयों की परीक्षाएं 17 नवंबर से शुरू होंगी और 12वीं बोर्ड टर्म -1 माइनर परीक्षाएं 16 नवंबर से आयोजित की जाएंगी। वहीं 10वीं मेजर विषयों की परीक्षाएं 30 नवंबर से 11 दिसंबर तक होंगे और 12वीं क्लास के मेजर विषयों के एग्जाम 01 से 22 दिसंबर तक आयोजित किए जाएंगे।
सीबीएसई ने इस बार छात्रों को एग्जाम सिटी और देश बदलने का मोका भी दिया है। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए जो छात्र जिस शहर में है वो वहां से ही अपने बोर्ड एग्जाम दे सकता है। एग्जाम सिटी चेंज करने की रिक्वेसट करने की अंतिम डेट 10 नवंबर है। इसके बाद, स्कूल सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रिक्वेसट अपलोट करेंगे। आपको बता दें कि 10 नवंबर के बाद छात्रों एग्जाम सिटी बदलने के लए रिक्वेसट नहीं डाल पाएंगे।
जूट के इस्तेमाल जैसे फैसलों पर मुहर लगाईं
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक मे एथेनॉल खरीद के लिए तंत्र और पैकेजिंग के लिए जूट के इस्तेमाल जैसे फैसलों पर मुहर लगाई गई। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद इसमें लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट ने एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा एथेनॉल की खरीद के लिए तंत्र को अनुमति दे दी है। इसके साथ ही कैबिनेट ने शर्करा सत्र 2020-21 के लिए अलग-अलग कच्चे माल से बनने वाले एथेनॉल की कीमतों को बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
इसके तहत सी हैवी शीरे से बनने वाले एथेनॉल की कीमत45.69 से बढ़ाकर 46.66 रुपये प्रति लीटर और बी हैवी से बनने वाले एथेनॉल की कीमत 57.61 से बढ़ाकर 59.08 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। वहीं, गन्ने के रस, चीनी/चीनी सिरप से बनने वाले एथेनॉल की कीमत 62.65 रुपये से बढ़ाकर 63.45 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है।
इसके साथ ही केंद्रीय कैबिनेट ने जूट पैकेजिंग मैटेरियल अधिनियम, 1987 के तहत जूट वर्ष 2021-22 के लिए जूट पैकेजिंग सामग्रियों के लिए आरक्षण मानकों को अनुमति भी प्रदान कर दी। केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने बताया कि यह अनुमति मिलने के बाद 100 फीसदी अनाज और 20 फीसदी चीनी की पैकिंग जूट के थैलों में ही की जाएगी।

लीची उत्पादन करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी 
अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। भारत लीची उत्पादन करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है। लॉकडाउन के कारण जो किसान अपनी फसल को बाजार भेजने में असफल रहे और उन्हें अच्छी कमाई नहीं हो पायी। उनके लिए अगले पांच साल तक बेहतर कमाई का मौका मिल सकता है। क्योंकि अनुमान लगाया जा रहा है कि अवधि (2021-2026) के दौरान वैश्विक लीची बाजार में सीएजीआर 3.5% हो सकता है। साल 2020 दुनिया भर के लीची किसानों के लिए बहुत आशाजनक नहीं रहा। दुनिया भर में लंबे समय तक तालाबंदी के कारण किसान अपनी उपज का विपणन नहीं कर पा रहे थे, जिससे किसानों को नुकसान हुआ।
लीची भारत में उगाए जाने वाले प्रमुख फलों में से एक है। बढ़ती मांग के कारण, उत्पादन और खेती के क्षेत्र में 2016 से झुकाव की प्रवृत्ति का सामना करना पड़ रहा है। बागवानी के आंकड़ों के अनुसार, भारत, 2016 में, लीची के तहत खेती का क्षेत्र 90,000 हेक्टेयर था, और यह 2019 तक बढ़कर 96,000 हेक्टेयर हो गया। इसी तरह 2016 में लीची का उत्पादन 559,000.0 मीट्रिक टन था और यह 2019 तक बढ़कर 721,000.0 मीट्रिक टन हो गया।
बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और असम देश के प्रमुख लीची उत्पादक राज्य हैं। 2019 में, बिहार में देश के कुल उत्पादन का लगभग 65% हिस्सा था, इसके बाद क्रमशः झारखंड, छत्तीसगढ़ और असम का स्थान है। शाही लीची भारत के प्रमुख लीची उत्पादक राज्यों में लीची की सबसे अधिक खेती की जाने वाली किस्मों में से एक है।

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