सोमवार, 22 नवंबर 2021

केरल: समान अधिकार को बढ़ावा दिया, फैसला

केरल: समान अधिकार को बढ़ावा दिया, फैसला 
तिरुवंतपुरम। केरल के एक स्कूल ने लैंगिक समानता लाने के लिए शौचालय बनाने, अपराध रोकने जैसे मुद्दों से आगे बढ़ते हुए सभी छात्र-छात्राओं के लिए एक समान वेशभूषा (यूनिफॉर्म) लाकर, इस दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है और राज्य सरकार ने इस पहल का समर्थन करते हुए इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा देने का फैसला किया है।
केरल के एर्नाकुलम जिले के पेरुम्बवूर के पास वलयनचिरंगारा सरकारी लोअर प्राइमरी (एलपी) स्कूल ने लैंगिक समानता सुनिश्चित करने की दिशा में पहला कदम उठाते हुए, सभी छात्र-छात्राओं के लिए नई यूनिफॉर्म (वेश) में 3/4 शॉर्ट्स (घुटनों तक की पैंट) और कमीज तय की है।
स्कूल में 754 छात्र हैं। नए ड्रेस कोड की योजना 2018 में बनाई गई थी और इसे स्कूल के निम्न प्राथमिक वर्ग के लिए शुरू किया गया था। वैश्विक महामारी के बाद स्कूल फिर से खुलने पर इसे सभी छात्रों के लिए लागू कर दिया गया। अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए) के मौजूदा अध्यक्ष विवेक वी ने कहा कि वे बच्चों को एक समान स्वतंत्रता देना चाहते हैं।
विवेक, 2018 में पीटीए की उस कार्यकारी समिति का भी हिस्सा थे, जिसने एक समान वेश लाने से जुड़ा यह फैसला किया था। विवेक ने कहा कि हमें छात्रों और उनके अभिभावकों का समर्थन मिला। हम चाहते थे कि सभी छात्रों की एक समान वेशभूषा हो, ताकि तभी को एक समान स्वतंत्रता मिले। सबसे पहले इसे पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के लिए लागू किया गया था, जिसमें करीब 200 छात्र हैं। इसे वहां भरपूर समर्थन मिलने के बाद बाकी कक्षाओं के लिए भी ही यही वेश तय किया गया।
सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने कहा कि यह एलपी स्कूल का एक सराहनीय कदम है और सरकार इस तरह की लैंगिक समावेशी गतिविधियों को बढ़ावा देगी। शिवनकुट्टी ने ट्वीट कर स्कूल को बधाई दी और कहा कि पाठ्यक्रम सुधार के दौरान लैंगिक न्याय, समानता और जागरूकता के विचारों पर जोर दिया जाएगा। इन पाठों को केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित रखने की जरूरत नहीं है।

मुंबई: आपराधिक मामलों में संरक्षण प्रदान किया
कविता गर्ग            
मुंबई। उच्चतम न्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को उनके खिलाफ महाराष्ट्र में दर्ज आपराधिक मामलों में सोमवार को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया। इसके साथ ही न्यायालय ने सिंह की याचिका पर राज्य सरकार, उसके पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किये।
सिंह ने महाराष्ट्र ने तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने इस याचिका में खुद को आपराधिक मामलों में फंसाने का आरोप लगाया है। परमबीर सिंह ने दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण के अलावा उनसे जुड़े पूरे मामले की सीबीआई जांच का अनुरोध किया है।
न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने सिंह की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार, डीजीपी संजय पांडे और सीबीआई को नोटिस जारी किये। पीठ ने अपने आदेश दिया, ”नोटिस जारी किया जाता है। छह दिसंबर को इसका जवाब देना होगा। इस बीच, याचिकाकर्ता जांच में शामिल होगा और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।

 बयानबाजी को रुकवाने का अनुरोध: बसपा
हरिओम उपाध्याय          लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं द्वारा इन कानूनों को चुनाव बाद फिर से बहाल किये जाने जैसी बयानबाजी को रुकवाने का अनुरोध किया है।
मायावती ने सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी से किसानों की अन्य जायज मांगों को स्वीकार करने की मांग करते हुये कहा, “पीएम श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लगभग एक वर्ष से आन्दोलित किसानों की तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की माँग स्वीकारने के साथ-साथ उनकी कुछ अन्य जायज माँगों का भी सामयिक समाधान जरूरी है। ताकि वे संतुष्ट होकर अपने-अपने घरों में वापस लौट कर अपने कार्यों में पूरी तरह फिर से जुट सकें।” ज्ञात हो कि आंदोलनरत किसान संगठनों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बनाने और आंदोलन के दौरान मारे गये किसानों को शहीद का दर्जा देकर उनके परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कहा,“साथ ही, कृषि कानूनों की वापसी की केन्द्र सरकार की खास घोषणा के प्रति किसानों में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है कि भाजपा के नेताओं की बयानबाजी पर लगाम लगे जो पीएम की घोषणा के बावजूद अपने
भड़काऊ बयानों आदि से लोगों में संदेह पैदा करके माहौल को खराब कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता साक्षी महाराज सहित कुछ अन्य नेताओं ने बयान दिया है कि केन्द्र सरकार, वापस लिये गये कानूनों को पांच उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद फिर से लागू कर देगी।
इधर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर लखनऊ में सोमवार को महापंचायत बुलाई है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत की मौजूदगी में हो रही महापंचायत से प्रधानमंत्री मोदी के नाम छह सूत्रीय मांगपत्र भेजा गया।

उत्तर प्रदेश के इलाकों में किसानों की भारी भीड़
संदीप मिश्र         लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा के बाद भी राजधानी लखनऊ के इको गार्डन में आयोजित की जा रही संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में शामिल होने के लिए राजधानी और उत्तर प्रदेश के अन्य इलाकों में किसानों की भारी भीड़ उमड़ी है। महापंचायत में शामिल होने के लिए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत कई अन्य प्रमुख किसान नेता भी अपने लाव लश्कर के साथ राजधानी पहुंच गए हैं। महापंचायत को लेकर पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। 
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैैं। आसपास के कई जिलों से आने वाले किसान नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। सोमवार को राजधानी लखनऊ के इको गार्डन में संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में आयोजित की जा रही किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए चारों तरफ से किसानों का रेला उमड़ रहा है। हालात कुछ इस तरह के हो चले हैं कि भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत की वजह से कानपुर रोड पर दारोगा खेड़ा, स्कूटर इंडिया चौराहा, सरोजनी नगर, नादरगंज और पुरानी चुंगी तक सवेरे से ही भयंकर जाम लगा हुआ है। जिसके चलते राहगीर बुरी तरह से परेशान हो रहे हैं। उधर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए इको पार्क पहुंच गए हैं। किसान महापंचायत में शामिल हुए ऑल इंडिया किसान सभा के नेता हन्नान मुल्ला ने कहा है कि हमने पहले ही बताया था कि हमारी मांग का एक हिस्सा अभी स्वीकार किया गया है। एमएसपी सरकार की ओर से स्वीकार नहीं की गई है। 
किसानों की अन्य कुछ मांगे और हैं जब तक उन्हें पूरा नहीं किया जाता है उस समय तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। मंच पर किसानों को संबोधित करने के लिए कई किसान नेता पहुंच चुके हैं। लखनऊ के इको गार्डन मैदान के पास बड़ी हलचल के चलते बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

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