शनिवार, 6 नवंबर 2021

सितंबर में 3,12,000 लोगों को नौकरियां मिलीं

सितंबर में 3,12,000 लोगों को नौकरियां मिलीं
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका में नौकरियों की बहार आई हुई है। सितंबर महीने में 3,12,000 नए लोगों को नौकरियां मिलीं। लेकिन अक्तूबर में यह संख्या और बढ़ गई है। पिछले महीने 5,31,000 नए लोगों को नौकरियां मिली हैं। यह जानकारी वहां के श्रम मंत्रालय ने दी है। अमरीका का श्रम मंत्रालय हर महीने नई नौकरियों और बेरोज़गारी का आंकड़ा देता है। वहां पर बेरोज़गारी लगातार घटती जा रही है। सितंबर और अक्तूबर के बीच 4.8 प्रतिशत से घट कर 4.6 प्रतिशत हो गई है। इसी के साथ पगार और मज़दूरी में भी अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है।
भारत में आपको श्रम मंत्रालय इस तरह के आंकड़े नहीं देता है। भारत में आप इस तरह की चीज़ें नहीं जानते हैं। कुछ और जानते हैं। जैसे प्रधानमंत्री किस तरह भगवान शिव की पूजा करने वाले हैं, मुख्यमंत्री किस तरह दीये जला रहे हैं, एक और मुख्यमंत्री कितने तरह के तीर्थों के दर्शक के सरकारी कार्यक्रम लांच कर रहे हैं। इन दिनों आप युवा और आपके माता-पिता राजनेताओं के ज़रिए धर्म की बातें ज़्यादा जान रहे हैं। सुबह-शाम उन्हें किसी न किसी मंदिर के कार्यक्रम में देख रहे हैं। हर नेता इस तरह से कर रहा है जैसे लोगों को पहले पूजा-अर्चना नहीं आती थी, अपने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को देखकर सीख रहे हैं।
जबकि समाज में धार्मिकता पहले से व्याप्त है, उसकी विविधता और प्रचुरता असीमित है लेकिन इन नेताओं को देखकर जल्दी ही लोग यक़ीन करेंगे कि पहले कोई पूजा नहीं करने देता था, अब फलाना मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री के आने के बाद से पूजा होने लगी है। नेताओं को पता चल गया है कि जनता के बीच जाना है तो रोज़गार के सवाल को लेकर जाने की ज़रूरत नहीं है। बेशक नौजवान इसी के बारे में पूछेंगे लेकिन अगर वे किसी मंदिर में पूजा करते हुए उसी नौजवान को टीवी के माध्यम से दिखाए जाएँ तो युवा बेरोज़गारी की बात भूल जाएँगे। यह सही भी है। आज भारत के युवा को नेता से नौकरी नहीं चाहिए, वह चाहता है कि नेता पूजा कर दिखाए, दो चार मंत्र बोल कर दिखाए।
रोज़गार से संबंधित किसी आँकड़े की क्या विश्वसनीयता है, किसी को परवाह नहीं है। केंद्र सरकार तो इस तरह के आँकड़े भी नहीं देती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दावा कर रहे हैं कि उनके कार्यकाल में साढ़े चार लाख से अधिक सरकारी नौकरियाँ दी गई हैं। यह कितना सही है यूपी के युवा ही बता सकते हैं। इस दावे की जाँच कैसे की जाए किसी को पता नहीं है। सबसे अच्छी बात है कि यूपी का युवा जानना भी नहीं चाहता है।
अगर कोई जानने की कोशिश करे तो उसे उसकी जाति के किसी महापुरुष की याद दिलाएँ, बताएँ कि मूर्ति बन रही है या बन जाएगी। फिर उसके बाद धर्म के आधार पर बन रहे स्मारकों की याद दिलाएँ। हिन्दी प्रदेश का युवा चाहे कितना भी बेरोज़गार क्यों न हो, उसका चेहरा स्वाभिमान से खिल उठेगा। यह कितनी अच्छी बात है। अगर इस तरह के युवा मिल जाएँ तो राजनीति कितनी आसान हो जाए। दिन भर सत्ता में रहकर मौज कीजिए और किसी ख़ास समय में आरती या पूजा करते हुए दिख जाइये। विज्ञापन दे दीजिए।
हिन्दी प्रदेश के युवाओं ने यही स्वीकार किया है।राजनीति को इस हालात में पहुँचाने के लिए हिन्दी प्रदेश के युवाओं ने बहुत मेहनत की है।क्या किया जा सकता है। इसलिए पूरे समाज में महंगाई के सपोर्टर खुले आम बोलते घूम रहे हैं कि लोगों की कमाई बढ़ी है, यानी लोगों को नौकरी भी मिली है और महंगाई कहां हैं। वाक़ई महंगाई नहीं है।

फ्रीटाउन में हुआ धमाका, 90 लोगों की मौंत
फ्रीटाउन। अफ्रीकी देश सियरा लियोन की राजधानी फ्रीटाउन में हुए भीषण धमाके में 90 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। इस हादसे में 100 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह धमाका शहर से व्यस्ततम इलाके में खड़े एक तेल टैंकर में दूसरे वाहन के टकराने से हुआ है। स्थानीय मीडिया में प्रसारित फुटेज में धमाके के आसपास के इलाकों में भीषण काला धुआं और लोगों की लाशें दिख रही हैं। राहत और बचाव में पुलिस और स्थानीय प्रशासन की कई टीमों को तैनात किया गया है।
सियरा लियोन के राष्ट्रपति जूलियस माडा बायो ने कहा कि वह इस दुखद आग और जीवन के भारी नुकसान से बहुत परेशान हैं। एक ट्वीट में, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रभावित परिवारों की सहायता करने के लिए सब कुछ करेगी। फ़्रीटाउन के मेयर यवोन अकी-सॉयर ने भी इस हादसे को बेहद दुखद बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक हमें मृतकों या घायलों की निश्चित संख्या की जानकारी नहीं मिल सकी है।
100 से ज्यादा लोगों के मौत की आशंका
उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका जताई है। हालांकि, आधिकारिक रूप से अभी तक इस संख्या की पुष्टि नहीं की जा सकी है। इसके बावजूद स्थानीय न्यूज चैनलों ने घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों के हवाले से 90 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। सरकारी मुर्दाघर के मैनेजर ने बताया कि अभी तक उनके पास 91 लोगों के शव पहुंच चुके हैं।
अस्पतालों में इलाज के लिए सैकड़ों लोग भर्ती
देश के उप स्वास्थ्य मंत्री अमारा जंबाई ने बताया कि राजधान के अस्पतालों और क्लीनिकों में इलाज के लिए 100 से अधिक लोगों को भर्ती कराया गया है। पीड़ितों में वे लोग शामिल थे जो टूटे हुए वाहन से ईंधन लीक करने के लिए इकट्ठा हुए थे। सियरे लियोन की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी की प्रमुख ब्रिमा ब्यूरेह सेसे ने स्थानीय मीडिया को बताया कि यह घटना एक बहुत भयानक आपदा है।
माना जाता है कि विस्फोट शहर के वेलिंगटन क्षेत्र में व्यस्त चोइथराम सुपरमार्केट के बाहर शुक्रवार को लगभग रात 10 बजे पर हुआ। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस धमाके में लोगों से भरी एक बस पूरी तरह से जल गई, जबकि सड़कों पर फ्यूल लीक होने से आस-पास की दुकानें और बाजार के स्टॉल आग की चपेट में आ गए।

विजेता मेंडोंका की विमान दुर्घटना में मौंत हुईं
ब्रासिलिया। ब्राजील अपने एक युवा और प्रतिभाशाली सितारे के निधन से सदमे में है। देश की सबसे लोकप्रिय गायिकाओं में से एक, लैटिन ग्रैमी विजेता मारिलिया मेंडोंका की शुक्रवार को एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई। “द क्वीन ऑफ सफरिंग” के नाम में जानी जाने वाली सिंगर केवल 26 वर्ष की थीं।
कंट्री म्यूजिक की लोकप्रिय युवा सितारों में से एक, मारिलिया मेंडोंका ब्राजील में ही अपने एक संगीत कार्यक्रम में हिस्सा लेने गई थीं। उनका विमान ब्राजील के गोइयानिया शहर से कैरेटिंगा जा रहा था। उसी दौरान उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में सिंगर मारिलिया मेंडोंका के अलावा चार लोगों के मौत की पुष्टि की गई है जिसमें से एक उनके अंकल भी हैं। उनके अलावा एक प्रोड्यूसर और दो क्रू मेंबर्स भी विमान में मौजूद थे। फिलहाल प्लेन क्रैश की वजह का पता लगाया जा रहा है।

40 देशों ने कोयले का इस्तेमाल खत्म किया
मोमिन मलिक      
ग्लासगो। 40 से अधिक देशों ने चरणबद्ध तरीके से कोयले का इस्तेमाल खत्म करने का संकल्प लिया है। जीवाश्म ईधनों में कोयला सबसे ज्यादा प्रदूषण उत्पन्न करता है।
ग्लासगो में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के दौरान इसको लेकर समझौते की घोषणा की गई। इससे उत्साहित सम्मेलन के प्रमुख आलोक शर्मा ने कहा कि कोयले का अंत अब निकट दिखाई दे रहा है।
हालांकि, चीन और भारत समेत कोयले (Coal) के सबसे बड़े उपभोक्ता कई देश इस समझौते से बाहर रहे। मोटे तौर पर चीन और भारत मिलकर दुनिया के दो तिहाई कोयले का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा आस्ट्रेलिया भी समझौते से बाहर रहा, जो दुनिया का 11 नंबर का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता और बड़ा निर्यातक है। अपनी बिजली के लगभग पांचवें हिस्से का उत्पादन कोयले  से करने वाले अमेरिका ने भी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया है।
नए समझौते में शामिल 23 देशों ने पहली बार किया ये वादा। नए समझौते में शामिल 23 देश ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार वादा किया है कि वे अपने यहां नए कोयला संयंत्र की अनुमति नहीं देंगे और चरणबद्ध तरीके से कोयले (Coal) का प्रयोग बंद कर देंगे। इनमें पांच देश-पोलैंड, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, वियतनाम और यूक्रेन दुनिया के 20 सबसे ज्यादा ऊर्जा उत्पादन करने वाले देशों में शुमार हैं। माना जाता है कि घरेलू राजनीति के चलते अमेरिका ने इस समझौते से अलग रहने का फैसला किया है।

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