मंगलवार, 12 अक्तूबर 2021

चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज किया

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुजरात काडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की शहर के पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने वकील सद्रे आलम की याचिका पर यह आदेश सुनाया।
याचिका में अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त करने के गृह मंत्रालय के 27 जुलाई के आदेश को रद्द करने और अंतर-काडर प्रतिनियुक्ति और सेवा विस्तार देने के आदेश को भी रद्द करने का अनुरोध किया गया था। याचिका में कहा गया था, (गृह मंत्रालय का) संबंधित आदेश प्रकाश सिंह मामले में भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है, क्योंकि प्रतिवादी संख्या दो (अस्थाना) के पास छह महीने का न्यूनतम कार्यकाल शेष नहीं था; दिल्ली पुलिस आयुक्त की नियुक्ति के लिए यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की कोई समिति नहीं बनायी गई थी और दो साल के न्यूनतम कार्यकाल के मानदंड को नजरअंदाज किया गया।
केंद्र ने अपने शपथपत्र में कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था से जुड़ी विविध चुनौतियों के मद्देनजर अस्थाना की नियुक्ति और उनके सेवा कार्यकाल में विस्तार का निर्णय जनहित में लिया गया है। केंद्र ने अपने हलफनामे में यह भी कहा था कि दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में अस्थाना की नियुक्ति में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है और उनकी नियुक्ति सभी नियम-कायदों को ध्यान में रखकर की गई है।

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