रविवार, 24 अक्तूबर 2021

धारा-60, 63, 72 के तहत मुकदमा पंजीकृत

धारा-60, 63, 72 के तहत मुकदमा पंजीकृत 

संदीप मिश्र        

बलिया। स्थानीय पुलिस एवं एसओजी की संयुक्त टीम ने अवैध शराब के विरुद्ध सफलता अर्जित करते हुए 150 पेटी देसी तथा अंग्रेजी शराब के साथ पिकअप, मोटरसाइकिल एवं मोबाइल यानि लगभग 10 लाख 24 हजार रुपये का सामना बरामद करते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर धारा 60/63/72 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर चालान न्यायालय कर दिया।

सीओ बैरिया अशोक मिश्र ने बताया कि प्रभारी निरीक्षक रामायण सिंह,एसआई अजय यादव मय हमराह क्षेत्र के तिलापुर,जमधरावां में वांछित पेंडिंग विवेचना,अवैध शराब निष्कर्षण व शांति व्यवस्था के मद्देनजर गश्त पर थे. इसी बीच एसओजी प्रभारी संजय सरोज,विजय राय, राकेश यादव, अनिल पटेल तथा सर्विलांस के विनोद रघुवंशी,रोहित यादव,धर्मेंद्र कुमार वहां पहुंचे तथा आगामी चुनाव के मद्देनजर अपराध एवं अपराधियों के बारे में चर्चा कर रहे थे। तभी मुखबीर ने सूचना दिया कि एक टाटा पिकअप गाड़ी में अंग्रेजी व देशी शराब लादकर कस्बा रेवती से दतहां टीएस बन्धे की तरफ जा रही है। उक्त शराब बिहार प्रांत के लिए जाएगी। सूचना मिलते ही पुलिस टीम बंधे के पास जैसे ही पहुंची तभी एक टाटा पिकअप आती हुई दिखाई दी। पुलिस टीम ने पिकअप के नजदीक आने पर एक बारगी दबिश देकर पकड़ लिया। इसके साथ ही पुलिस टीम ने पिकअप के आगे-आगे रेकी करने वाली मोटरसाइकिल सुपर स्प्लेंडर को भी मौके से पकड़ लिया। मौके से बाइक पर सवार गौरव एवं मुकेश यादव तथा पीकप चालक के बगल में बैठा बड़क गोंड़ अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए।

पुलिस टीम द्वारा पूछताछ में पिकअप चालक ने अपना नाम अखिलेश यादव उर्फ पिंटू पुत्र शिव कुमार यादव निवासी भोपालपुर थाना रेवती बताया। पुलिस ने पिकअप पर लदी 100 पेटी देशी बंटी बबली शराब जिसमें 180एमएल के 48 सौ सीसी तथा 50 पेटी 8 पीएम फ्रूटी 180 एमएल की 24 सौ सीसी के साथ ही पीकप, बाइक को बरामद कर लिया। पुलिस ने पिकअप चालक को सुसंगत धाराओं के तहत चालान न्यायालय कर दिया।

जेवरातों के अलावा 3 भैंस लूटकर ले गए बदमाश

गोपीचंद      

बागपत। दीवार फांदकर घर में घुसे नकाबपोश बदमाश घर के मुखिया को बंधक बनाने के बाद डकैती की वारदात को अंजाम देते हुए सोने चांदी के जेवरातों के अलावा तीन दुधारू भैंस लूट कर ले गए। घटना को अंजाम देने के बाद नकाबपोश बदमाश आराम के साथ मौके से फरार हो गए। बाद में एक भैंस पानी से लबालब खेत के भीतर मिल गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस ने दो संदिग्ध आरोपियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है।

जनपद बागपत के आजमपुर मूलसम गांव के रहने वाले धर्मपाल का घेर गांव से बाहर स्थित खेत से सटा हुआ है। शनिवार की रात धर्मपाल अपने घेर के भीतर अकेला ही सोया हुआ था। तकरीबन अर्धरात्रि के समय आधा दर्जन नकाबपोश बदमाश दीवार फांदकर उसके घेर के भीतर कूद गए। आहट होने पर धर्मपाल की आंख खुल गई। जैसे ही उसने चारपाई से उठकर बदमाशों को ललकारने का प्रयास किया तो उसी समय नकाबपोश बदमाशों ने पिस्टल के निशाने पर लेते हुए धर्मपाल को बंधक बना लिया और उसके हाथ पैर बांधकर कमरे के भीतर डाल दिया। इसके बाद बेखौफ हुए बदमाशों ने घर के भीतर रखें संदूक, अलमारी व अन्य स्थान पूरे इत्मीनान के साथ खंगाले और संदूक के भीतर रखी मिली 2 तोला सोने की चेन, एक अंगूठी तथा तकरीबन 15000 रूपये की नकदी निकाल ली। इसके बाद बदमाशों ने भैंस लूटने के लिये घेर की खेत से सटी दीवार को उखाड़ दिया और घर के भीतर बंधी तीन दुधारू भैंसों को लेकर खेतों के रास्ते फरार हो गए। खेत से सटी दीवार बदमाशों ने इसलिए उखाड़ी ताकि किसी को वारदात का पता नहीं चल सके। बदमाश तड़के तक ग्रामीण के घेर में रहे बदमाशों के जाने के बाद धर्मपाल ने शोर मचाया तो भाग दौड़कर मौके पर पहुंचे आस पड़ोस के लोगों ने उसे बंधन मुक्त किया। पीड़ित ने जब पुलिस को घटना की जानकारी दी तो महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने काफी देर तक बदमाशों की तलाश में गांव के रास्तों की खाक खंगाली, लेकिन बदमाशों का सुराग हाथ नहीं लग सका। इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों को एक भैंस पानी से भरे खेत के भीतर मिल गई। एसओ विजा राम ने बताया है कि धर्मपाल ने दो बदमाशों की पहचान बताई है। उसी के आधार पर दो संदिग्ध आरोपियों को पकड़ कर उनसे पूछताछ की जा रही है। 


फर्जी केस में पत्रकार को फंसाकर जेल भेजा   
केन्द्रीय पत्रकार हेल्प एसोसिएशन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अनीस अंसारी ने पीड़ित पत्रकारों को फर्जी केस में फंसा कर जेल भेजना, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उठाई आवाज
नजीबाबाद थाना अध्यक्ष द्वारा बिना जांच किए जानबूझकर निर्दोष पत्रकारो को भेजा गया था जेल।
बिजनोंर क्षेत्र नजीबाबाद जिले सहित प्रदेश के पत्रकारो में आक्रोश,विभिन्न संगठन करेगे पुलिस के विरुद्ध आंदोलन।  
बिजनौर। नजीबाबाद पुलिस ने बिना जांच किये ही दो पत्रकार को संगीन धाराओं में भेजा जेल। लेकिन पुलिस की इस बेतुकी कार्य सैली से जनपद सहित पूरे प्रदेश के पत्रकारों में आज आक्रोश देखने को मिल रहा है। पत्रकारो के जेल जाने के बाद सम्पूर्ण जिले व प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय स्तर के मीडिया  संगठन आगे की रणनीति तय करेंगे। 
केन्द्रीय पत्रकार हेल्प एसोसिएशन के द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार वायरल वीडियो के आधार पर केन्द्रीय पत्रकार हेल्प एसोसिएशन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अनीस अंसारी ने बताया कि नजीबाबाद में दबंग लोगो द्वारा सट्टे का खेल पुलिस की मिलीभगत से काफी समय से चल रहा था कई बार पत्रकारो ने पुलिस को इस मामले से अवगत भी कराया था परन्तु पुलिस के द्वारा कभी भी कोई एक्शन नही लिया गया था जिसके बाद 18 /10/2021,समय रात्रि 9 बजे के लगभग पत्रकार शाही अराफात सैफी अपने साथी के साथ सट्टा माफयाओ के गढ़ में ही पहुँच गए सट्टे माफिया रेलवे कॉलोनी के एक मकान में सट्टा खेल रहे थे। जब पत्रकार कैमरे द्वारा कवरेज करने लगे तो सट्टा माफयाओ ने पत्रकारों के साथ मारपीट कर उन्हें अंदर ही बंद कर लिया। मौका पाकर जैसे तैसे किसी तरह मीडिया बंधुओ ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई। लेकिन रसूखदार सट्टा माफियाओ ने जिनकी पुलिस के साथ पहले से ही मिलीभगत थी ऐसा झूठा खेल रचा की पुलिस वालों ने पत्रकारो के विरुद्ध एक फर्जी केस बनाकर उल्टा मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल भिजवा दिया। केन्द्रीय पत्रकार हेल्प एसोसिएशन को सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि स्थानीय पुलिस की मिलीभगत पर ही यह जुए सट्टे का खेल खेला जाता था। पत्रकारो के जेल जाने के बाद पत्रकारो पत्रकारों में रोष फैल गया उसके बाद पत्रकारों द्वारा बनाई गई सट्टे की वीडियो सोशल मीडिया पर डाली गई। जो तेजी से वायरल हो रही है। वीडियो में साफ साफ दिखाई दे रहा जिसमे वहां पर बैठे व्यक्तियों के हाथ मे तास के पत्ते और पैसे साफ-साफ दिखाई दे रहे है
हाथ मे पैसों का होना और दूसरे के हाथ मे तास के पत्तो की गड्डी इस बात का बहुत बड़ा सबूत है की यहां पर बहुत बड़ी संख्या में जुआ और सट्टा खेला जाता है ।उक्त वीडियो को देखकर शासन प्रशासन अंदाजा लगा सकता है की वहां कौन सा खेल खेला जा रहा था। 
जबकि नजीबाबाद  थाना प्रभारी कह रहे है वहा पर विदाई पार्टी चल रही थी। अगर वहां विदाई पार्टी चल रही थी तो वीडियो में तास और पैसे कहा से आये ? सबसे बड़ा सवाल है  विदाई पार्टी में खाना खाया जाता है या जुआ खेला जाता है। लेकिन वीडियो में सच्चाई साफ दिखाई दे रही है  इस बात से आप अंदाजा लगा सकते है की पुलिस की मिलीभगत यह सब काफी लंबे समय से चालू था सट्टा। जिसको छिपाने के लिए निर्दोष पत्रकारो को झूठा केस बनाकर जेल भेजा गया था ताकि दूसरा कोई भी पत्रकार डर की वजह से आगे से न्यूज़ न बना सके। उच्चस्तरीय शासन प्रशासन के द्वारा इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है लेकिन नजीबाबाद पुलिस ने निर्दोष पत्रकारों को झूठे केस में फंसा कर जेल भेज कर लोकतंत्र की हत्या की है। पत्रकारो से उनका मौलिक अधिकार छीना है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो जनपद में केवल माफयाओ का राज हो जायेगा। 
इसलिए केन्द्रीय पत्रकार हेल्प एसोसिएशन के माध्यम से राष्ट्रीय संगठन मंत्री अनीस अंसारी ने पुलिस के उच्च स्तर के अधिकारियों से मांग की है इस मामले की सही जांच करा कर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए केन्द्रीय पत्रकार हेल्प एसोसिएशन के माध्यम से राष्ट्रीय संगठन मंत्री अनीस अंसारी ने कहा कि
अगर पीड़ितों को न्याय नही मिला तो जिले भर के सम्पूर्ण पत्रकार अब धरना प्रदर्शन करेगे
जिसकी जिम्मेदार पुलिस होगी।

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