मंगलवार, 12 अक्तूबर 2021

अक्षरों के नामों पर 51 देवियों का मंदिर बनाया गया

तिरुवनंतपुरम। केरल में मलयालम वर्णमाला के 51 अक्षरों के नामों पर आधारित 51 देवियों का मंदिर बनाया गया है। जिसे नवरात्र में प्राणप्रतिष्ठा के उपरांत जनता के दर्शन के लिए खोला जाएगा। तिरुवनंतपुरम जिले के विझिन्जम के निकट पूर्णामिकावु मंदिर के लिए इन 51 देवियों की प्रतिमाएं तमिलनाडु के तंजावुर के निकट मइलाडी गांव में उकेरा गया है। जो मूर्तिकला के प्रसिद्ध दूसरा सबसे बड़ा स्थान है।
नवरात्र की पूर्व संध्या पर इन प्रतिमाओं को तिरुवनंतपुरम लाया गया। पूर्णामिकावु मंदिर केवल पूर्णिमा के दिन खुलता है। देवी प्रतिमाओं की स्थापना एवं प्राणप्रतिष्ठा की योजना प्रमुख मंदिरों के मुख्य पुरोहितों द्वारा निर्धारित की गयी है जिनमें श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के पुरोहित पुष्पांजलि स्वामीयार, मित्रन नंबूदरी, मल्लियूर शंकरन नंबूदरी एवं जाने माने संगीतज्ञ कैथाप्राम दामोदरन नंबूदरी शामिल हैं।
इसकी जानकारी देते हुए मंदिर के न्यासी एम. एस. भुवनचंद्रन ने भाषा कोई भी हो, वेदों के अनुसार अक्षरों में विशेष शक्ति होती है। अक्षरों की इन्हीं शक्तियों को अनुभव करके ऋग्वेद, शिव संहिता, देवी भागवत, हरिनाम कीर्तनम् एवं आदिशंकर की रचनाओं में प्रत्येक मलयालम अक्षर की देवियों की पहचान की गयी। देवियों की अंतिम पहचान निर्धारित करने से पहले दशक भर तक शोध एवं विचार मंथन किया गया।

ऐसे प्रमाण मौजूद हैं जिनमें बताया गया है कि प्राचीन काल में वैज्ञानिक एवं ऋषियों ने अक्षरों एवं शब्दों की शक्ति को पहचाना था और भावी पीढ़ी के कल्याण के लिए उसे दर्ज भी किया था। श्री भुवनचंद्रन के अनुसार पहली चुनौती यह थी कि इस पूरे ज्ञान को वैज्ञानिक रीति से कूटबद्ध किया जाये और प्रतिमाओं के स्वरूप का निर्धारण किया जाये। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों के आधुनिक शिक्षा केन्द्रों एवं सुविख्यात विश्वविद्यालयों में भी मंत्रों की शक्ति का अध्ययन एवं विश्लेषण किया गया है।

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