शुक्रवार, 6 अगस्त 2021

भारत सहित कई देशों ने चीन सागर में युद्धपोत भेजे

बीजिंग। दक्षिण चीन सागर में हलचल बढ़ गई है। अमेरिका के बाद अब चीन भी बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास करने जा रहा है। खबर है कि ऐसे समय में जब अमेरिका चीन को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास कर रहा है। ब्रिटेन, जर्मनी और भारत सहित कई देशों ने दक्षिण चीन सागर में युद्धपोत भेजे हैं या फिर भेजने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में अब चीन ने भी घोषणा की है कि वह शुक्रवार से सैन्य अभ्यास करेगा।
दक्षिण चीन सागर में मंगलवार तक एक विशाल नेविगेशन प्रतिबंध क्षेत्र की स्थापना की जा चुकी है। कुछ पर्यवेक्षकों ने कहा कि यह पिछले साल आयोजित एक ड्रिल जैसा दिखता है, जिसमें चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कथित तौर पर लाइव-फायर "एयरक्राफ्ट कैरियर किलर" एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल से अभ्यास किया था।विशेषज्ञों ने कहा कि आगामी ड्रिल को लेकर अटकलबाजी बना हुआ है। चीन शुक्रवार से मंगलवार तक दक्षिण चीन सागर में एक सैन्य प्रशिक्षण आयोजित करेगा। अन्य जहाजों को नेविगेशन प्रतिबंध क्षेत्र में प्रवेश करने की मनाही होगी। बुधवार को समुद्री सुरक्षा प्रशासन द्वारा जारी एक नोटिस में यह बात कही गई है। नोटिस में अभ्यास पर अधिक विवरण नहीं दिया गया था, लेकिन ताइपे स्थित एक समाचार एजेंसी ने बताया कि पीएलए ने पिछले साल इसी तरह के अभ्यास में दक्षिण चीन सागर में जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च किया था।
24 अगस्त से 29 अगस्त तक आयोजित पिछले साल के अभ्यास में लगभग उसी स्थान पर और समुद्री सुरक्षा प्रशासन द्वारा घोषित समान आकार के नेविगेशन प्रतिबंध क्षेत्र को भी दिखाया गया था।
अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स ने तब अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के हवाले से कहा कि चीन ने उस अभ्यास में दक्षिण चीन सागर में चार मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च कीं, जो हैनान द्वीप और ज़िशा द्वीप समूह के बीच के क्षेत्र में उतरी। इसे विदेशी मीडिया द्वारा व्यापक रूप से पीएलए परीक्षण एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइलों के रूप में व्याख्या किया गया था।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने 27 अगस्त, 2020 को एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि हाल में हुए चीनी सैन्य अभ्यास नियमित थे। इस दौरान किसी भी देश को निशाना नहीं बनाया गया।
चीन शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण संघ के एक वरिष्ठ सलाहकार जू गुआंग्यु ने गुरुवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया, ''सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह कहा जा सकता है कि दक्षिण चीन सागर में इस साल के पीएलए अभ्यास में जहाज-विरोधी अभ्यास की संभावना होगी।'' जू ने कहा कि डीएफ श्रृंखला में मिसाइलों सहित जहाज-आधारित और भूमि-आधारित एंटी-शिप मिसाइलों की एक लंबी दूरी है। यही कारण है कि अभ्यास के लिए इतने बड़े क्षेत्र की आवश्यकता है। जू ने कहा कि इस साल के अभ्यास को बढ़ाया जा सकता है।
चीनी सैन्य विशेषज्ञ और टीवी कमेंटेटर सोंग झोंगपिंग ने गुरुवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि पीएलए कई सैन्य सेवाओं की विशेषता वाले संयुक्त अभियानों की अवधारणा की वकालत कर रहा है। इसमें पीएलए रॉकेट फोर्स और एक अन्य लाइव-फायर एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल शामिल हो सकती है। यदि नहीं, तो अभ्यास में संयुक्त समुद्री और हवाई बलों की संभावना होगी। सोंग ने यह बात कही है।
चीनी सैन्य उड्डयन विशेषज्ञ फू कियानशाओ ने गुरुवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि एक और एयरक्राफ्ट कैरियर किलर का परीक्षण संभव है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ नेविगेशन प्रतिबंध नोटिस के आधार पर इसके बारे में बताना मुश्किल है।
अमेरिकी मीडिया आउटलेट ने विदेशी उपग्रह चित्रों का हवाला देते हुए बताया कि चीन का दूसरा विमानवाहक पोत, शेडोंग, पिछले सप्ताह अभ्यास के लिए दक्षिण चीन सागर में था।

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