मंगलवार, 10 अगस्त 2021

ओलंपिक के विजेता नीरज ने नतीजा हासिल किया

अकांशु उपाध्याय                     
नई दिल्ली। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने सोमवार को खुलासा किया कि टोक्यो खेलों में इतिहास रचने वाले प्रदर्शन के बाद उनका शरीर दुख रहा था। लेकिन उन्होंने जो एतिहासिक नतीजा हासिल किया। उसे देखते हुए यह दर्द सहन करने में कोई समस्या नहीं  थी।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर  द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में टोक्यो ओलंपिक खेलों के भारत के सात पदक जीतने वाले खिलाड़ियों और टीमों को स्वदेश पहुंचे पर आज शाम सम्मानित किया। इस मौके पर भाला फेंक का ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले चोपड़ा ने कहा कि उन्हें पता था कि फाइनल में दूसरे प्रयास में उन्होंने भाले को 87.48 मीटर की दूरी तक फेंककर कुछ विशेष किया है। चोपड़ा ने इस दूरी के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने कहा, ”मुझे पता था कि मैंने कुछ विशेष कर दिया है, असल में मैंने सोचा कि मैंने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। मेरी थ्रो काफी अच्छी गई थी।” चोपड़ा का निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88.07 मीटर है जो उन्होंने इसी साल हासिल किया था। उन्होंने कहा, ”अगले दिन मेरे शरीर ने महसूस किया कि वह प्रदर्शन इतना विशेष था, शरीर दुख रहा था लेकिन यह दर्द सहन करने में कोई समस्या नहीं थी।” चोपड़ा ने कहा, ”यह पदक पूरे देश के लिए है।” सेना के 23 साल के इस खिलाड़ी ने कहा कि देश के खिलाड़ियों के लिए उनका एकमात्र संदेश यह है कि कभी भी डरो नहीं।

उन्होंने कहा, ”मैं सिर्फ इतना कहना चाहता, विरोधी चाहे कोई भी हो, अपना सर्वश्रेष्ठ दो। आपको बस यही करने की जरूरत है और इस स्वर्ण पदक के यही मायने हैं। कभी विरोधी से मत डरो।” चोपड़ा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले 13 साल में पहले भारतीय खिलाड़ी के अलावा ट्रैक एवं फील्ड में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय भी बने। चोपड़ा ने खेलों से पहले अपने लंबे बाल कटवा दिए थे और जब इस बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”मुझे लंबे बाल पसंद हैं लेकिन मैं गर्मी से परेशान हो रहा था, लंबे बालों से काफी पसीना आता था। इसलिए मैंने बाल कटवा दिए।
चोपड़ा के स्वर्ण पदक के अलावा भारोत्तोलक मीराबाई चानू और पहलवान रवि कुमार दहिया ने रजत पदक जीते। पुरुष हॉकी टीम, मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु और पहलवान बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक अपने नाम किए।

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