गुरुवार, 29 जुलाई 2021

'गैर कानूनी' तरीके से बच्चा गोद लेने पर कार्रवाई

राणा ओबराय             
पानीपत। पानीपत उपायुक्त सुशील सारवान ने निर्देश देते हुए कहा कि गैर कानूनी तरीके से बच्चा गोद लेने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए कोई भी व्यक्ति अवैध तरीके से बच्चा गोद न ले। गैर काूनूनी तरीके से बच्चा गोद लेने पर किशोर न्याय अधिनियम के तहत तीन वर्ष की सजा अथवा एक लाख रूपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। बच्चा गोद लेने के लिए सैन्ट्रल एडॉपशन रिसोर्स एजैन्सी (कारा)में गोद लेने के लिए आवेदन करना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि कोविड 19 महामारी के दौरान कुछ बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है। ऐसे मामले भी हैं जिनमें बच्चों ने अपनी माता अथवा अपने पिता को खो दिया है। इस प्रकार एकल अभिभावकों से उनके बच्चें गोद लेने का प्रयास किया जाता है। कुछ गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठन (एन.जी.ओ.)तथा व्यक्ति निजी तौर पर बच्चों को गोद लेने-देने के संदर्भ में सूचनाएं देते हैं, जो कि उचित नहीं है। इस प्रकार की भ्रामक सूचनाओं से दूर रहने की जरूरत है। कोई भी गैर सरकारी संगठन तथा व्यक्ति अपने स्तर पर बच्चा गोद नहीं दिला सकता। जिला बाल संरक्षण अधिकारी निधि गुप्ता ने बच्चे को कानूनी रूप से मुक्त घोषित करने वाली प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि अनाथ, परित्यक्त (अबैंडंड)और अभित्यक्त (सरैंडर )बच्चों को बाल कल्याण समिति (सीडब्लयूसी)के समक्ष पेश किया जाएगा। सीडब्लयूसी बच्चों को तत्काल देखभाल के लिए बाल देखरेख संस्थानों या विशेष दत्तक ग्रहण एजैंसी में रखने के लिए आवश्यक आदेश जारी करेगी। जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा बच्चों को गोद लेने के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 
अंत में सीडब्लयूसी बच्चों को गोद लेने के लिए कानूनी रूप से मुक्त करेगी। गोद लेने की तारिक से दो वर्ष तक फालोअप कार्रवाई की जाएगी।

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