बुधवार, 21 जुलाई 2021

रक्षामंत्री ने लालजी की प्रतिमा का अनावरण किया

हरिओम उपाध्याय        

लखनऊ। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को लखनऊ में स्वर्गीय लालजी टण्डन की प्रतिमा का अनावरण किया। 
आषाढ़ शुक्ल द्वादशी तिथि पर हजरतगंज के मल्टीलेवल पार्किंग पर बने स्वर्गीय लालजी टण्डन की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एक पंक्ति में अगर टण्डन जी के बारें में कहा जाये तो धोती कुर्ता पहने एक जिंदादिल इंसान, जिसकी चेहरे पर बराबर हो मुस्कान, यही है हमारे टण्डन जी की पहचान। उन्होंने कहा कि जब वह सांसद थे और मैं सांसद था, तो अक्सर मुझे मिलने पर कहते थे लखनऊ आना तो हमारे यहां चाट खाने जरुर आना। लखनऊ के बारे में जितनी जानकारी उनके पास थी, उसे वह बताया करते थे। लखनऊ की संस्कृति व संस्कार के अनुसार अपनी जिंदगी जीने वाले दो लोग थे। इसमें पहले टण्डन जी थे और दूसरे योगेश प्रवीण जी थे। मैं जानता हूं कि उत्तर प्रदेश में सत्ता के गलियारे में भाजपा को स्थापित करने में टण्डन जी ने योगदान किया। 

उन्होंने कहा कि टण्डन जी की चार बातों की चर्चा करनी है। व्यक्ति का कद कितना भी बड़ा हो, व्यक्ति का पद कितना भी बड़ा हो, व्यक्ति को जमीन से नहीं कटना चाहिये। प्यार से बातचीत करते थे. दूसरी बात संबंधों का निर्वाह करते थे। हर दल से उनके संबंध अच्छे थे। राष्ट्रीय प्रादेशिक जानकारी वो देते थे। स्थानीय जानकारी भी वो देते थे। चौथी बात कि वह विकास पर बात करते थे। उन्होंने लोग विकास पुरुष कहकर आमंत्रित करते थे। अटल जी के साथ उनके जो रिश्ते थे, उसे राम व हनुमान कहते थे। मैं टण्डन जी को लखन के भूमिका देखता था। उन्होंने कहा कि टण्डन जी के चेहरे के मुस्कान को मैं आज तक नहीं भूल पाता हूं। टण्डन जी की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर नगर निगम को बधाई देता हूं। 

इससे पहले प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रद्धेय लालजी टण्डन जी के प्रथम पूण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये टण्डन जी की भव्य प्रतिमा के अनावरण यहां सम्पन्न हुआ है। इसके लिये नगर निगम बोर्ड, महापौर को धन्यवाद देता हूं। जब टण्डन जी की बात होती है तो पार्षद से लेकर दोनों सदनों में नेता व नेता प्रतिपक्ष के रुप दिया। सार्वजनिक जीवन में 60 वर्ष उन्होंने व्यतीत किये। हर तबके में उनके प्रसंसक थे। उन्होंने कहा कि नेपाल में जनकपुर में एक कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिला तो टण्डन जी को जब जानकारी हुई तो उन्होंने पटना राजभवन में रुकने के लिये कहा था। तभी मैं वहां रुका था और अनेक स्मृतियां उन्होंने कही। लखनऊ वाले सम्मान में टण्डन जी को बाबूजी कहते हैं। उनके पुत्र आशुतोष टण्डन बाबूजी के कार्यों को याद करते हुये इस क्रम को आगे बढ़ा रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धेय टंडन जी, एक पार्षद से लेकर नगर विकास मंत्री के रूप में दोनों सदनों में पार्टी के नेता व प्रतिपक्ष नेता और देश के दो बड़े राज्य बिहार व मध्यप्रदेश में राज्यपाल के रूप में उन्होंने अमूल्य सेवाएं देश को प्रदान की है। उनका सभी के साथ व्यवहार आत्मीयता वाला था।
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि बाबूजी के मूर्ति का अनावरण होगा, यह अविश्वसनीय सा है। बाबूजी के पास हर समस्या का समाधान मिलता था। अटल जी, दीनदयाल जी के साथ जिन्होंने काम किया था। चलती फिरती विरासत थे बाबूजी, हर धर्म के व्यक्ति में लोकप्रिय थे। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बाबूजी को लखनऊ का बनाकर ना रखे, वह पूरे प्रदेश के रहे। लखनऊ वाले उन्हें दिल से मानते है तो प्रदेश वाले भी उन्हें दिल से मानते है। कोई चलता पदचिन्हों पर, कोई पदचिन्ह बनाता है तो बाबूजी ने पदचिन्ह बनाये। बाबूजी को मेरी श्रद्धांजलि है। अनावरण कार्यक्रम का संचालन संजय चौधरी ने किया। इस अवसर पर नगर निगम के पार्षदों, प्रमुख व्यवसायी, अधिवक्ता, शिक्षक एवं भाजपा कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस मौके पर महापौर संयुक्ता भाटिया और मंत्रियों ने रक्षामंत्री को पुष्प गुच्छ देकर अभिनंदन किया। 

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