सोमवार, 21 जून 2021

उम्मीद की किरण से आत्मबल ही स्रोत बना: पीएम

अकांशु उपाध्याय         

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान योग दुनिया के लिए ”उम्मीद की किरण” और इस मुश्किल समय में आत्मबल का स्रोत बना रहा। मोदी ने सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर अपने संबोधन में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ मिलकर भारत ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब दुनिया को ‘एम-योग’ ऐप की शक्ति मिलने जा रही है। जिस पर सामान्य नियमों पर आधारित योग प्रशिक्षण के कई वीडियो दुनिया की अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे। इससे ‘एक विश्व, एक स्वास्थ्य’ का लक्ष्य पूरा होगा। उन्होंने इस संदर्भ में कहा, ”जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, तो उसके पीछे यही भावना थी कि यह योग विज्ञान पूरे विश्व के लिए सुलभ हो।

आज इस दिशा में भारत ने संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है।” मोदी ने कहा, ” आज जब पूरा विश्व कोविड-19 वैश्विक महामारी का मुकाबला कर रहा है, तो योग उम्मीद की एक किरण बना हुआ है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्ष से दुनिया भर के देशों में और डेढ़ साल में भारत में भले ही बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ हो। लेकिन योग दिवस के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ है। 

दुनिया के अधिकांश देशों के लिए योग दिवस कोई उनका सदियों पुराना सांस्कृतिक पर्व नहीं है। इस मुश्किल समय में, इतनी परेशानी में लोग इसे भूल सकते थे, इसकी उपेक्षा कर सकते थे। लेकिन इसके विपरीत, लोगों में योग के प्रति उत्साह बढ़ा है, योग से प्रेम बढ़ा है। उन्होंने कहा, ”जब कोरोना वायरस के अदृश्य वायरस ने दुनिया में दस्तक दी थी, तब कोई भी देश, साधनों से, सामर्थ्य से और मानसिक अवस्था से, इसके लिए तैयार नहीं था।


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